(Global मुद्दे) यमन: अमन के आसार (Yemen : Moving Towards Peace)
एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)
अतिथि (Guest): विवेक काटजू (पूर्व विदेश सचिव , भारत सरकार), क़मर आग़ा (पश्चिमी एशियाई राजनीती के जानकार)
सन्दर्भ:
हूती विद्रोहियों और यमन के बीच चल रहा ये संघर्ष लगभग एक दशक पुराना है। हूती विद्रोही यमन के उत्तरी हिस्से के शिया अल्पसंख्यक हैं जिन्हे अमेरिका, इज़राइल और सऊदी अरब से यमन के मामलों में दखलंदाजी करने से परेशानी है। हूती विद्रोहियों का मानना है कि वो अपने प्रांत की स्वायत्तता और बराबरी के हक के लिए लड़ रहे हैं जबकि सऊदी अरब के समर्थन वाली यमन सरकार उन्हें रोकना चाहती है।
दरअसल यमन मध्य एशिया के सबसे गरीब देशों में से है जो दो समुदायों की लड़ाई में फंसा हुआ है, इन दो समुदायों में एक ओर जहां सुन्नी गुट का नेतृत्व सऊदी अरब कर रहा है तो वहीं शिया समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाले हूती विद्रोहियों को ईरान से समर्थन मिल रहा है। यमन का सामरिक महत्त्व होने के कारण सऊदी अरब और ईरान दोनों ही यहां अपना दबदबा कायम करना चाहते हैं। सऊदी अरब पश्चिम एशिया में ईरान के बढ़ते प्रभाव को भी लेकर चिंतित है, जिससे सऊदी राजशाही को सीधे तौर पर ख़तरा है।
इसके अलावा सीरिया, लेबनान और इराक़ जैसे देशों में ईरान की स्थिति पहले से ही मज़बूत हैं। अब यदि ईरान अपनी जड़ें यमन में अपनी जमा लेता है, तो आने वाले वक्त में सऊदी अरब की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इस संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान यमन के नागरिकों को ही हुआ है। यहां अब तक कुल 8600 लोगों को बमबारी के चलते जानें गंवानी पड़ी है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र ने इसी साल युद्ध समाप्त न होने कि स्थिति में भयंकर अकाल कि चेतावनी दी है, जिससे आने वाले वक़्त में यमन के हालत और भी बदतर हो सकते हैं।
यमन में जारी विद्रोह के कारण अक्सर ही खाड़ी देशों में तेल का उत्पादन प्रभावित होता है, जिसका असर दुनियाभर के बाज़ारों पर पड़ता है। डॉलर पर दबाव बढ़ने से अमेरिकी बाज़ार सहित एशियाई और यूरोपीय बाज़ार भी प्रभावित होते हैं और भारतीय शेयर बाज़ार भी अपने काफी निचले स्तर तक पहुंच जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद यमन और हूती विद्रोहियों में हुई शांति वार्ताओं से यमन के हुदैदा बंदरगाह से दोनों पक्षों की ओर से सेना हटाने से काफी उम्मीद बंधी है। इसके अलावा ताइज़ शहर से हिंसा कम करने, बड़े पैमाने पर कैदियों की अदला - बदली और राजधानी सना समर्थित एयरपोर्ट को सभी अंतराष्ट्रीय उड़ानों के लिए खोलने पर सहमति बनी है। यमन के गृहयुद्ध का असर न सिर्फ यमन कि ग़रीब जनता पर पड़ा है बल्कि विश्व के अन्य देश भी इससे प्रभावित हुए हैं। यमन में ज़्यादातर बच्चे कुपोषण के शिकार हुए हैं, जिसके कारण पूरे यमन में शिक्षा और रोजगार जैसी गंभीर समस्या पैदा हो गई है।
उक्त वीडियो पर आधारित प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न
Q1. समाचार पत्रों में प्रायः चर्चा में रहने वाला जगह 'अल-हुदैदा बंदरगाह' स्थित है -
(a) सऊदी अरब
(b) क़तर
(c) यमन
(d) ईरान
Q2. यमन संघर्ष के सबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
1. यमन संघर्ष के हल के लिए स्वीडन के रिम्बो में में शांति वार्ता आयोजित की गई।
2. हूथी विद्रोही यमन के दक्षिणी हिस्से के शिया अल्पसंख्यक हैं जिन्हे अमेरिका,
इज़राइल और सऊदी अरब से यमन के मामलों में हस्तक्षेप करने से परेशानी है।
उक्त में कौन-सा/से कथन सत्य है /हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
उत्तर और व्याख्या
Q1. उत्तर : (c) यमन
व्याख्या: अल-हुदायदा यमन में चौथा सबसे बड़ा शहर है और इसका मुख्य
बंदरगाह - अल-हुदायदा बंदरगाह - लाल सागर में स्थित है।
Q2. उत्तर : (a) केवल 1
व्याख्या: हूथी विद्रोही यमन के उत्तरी हिस्से के शिया अल्पसंख्यक हैं
जिन्हे अमेरिका, इज़राइल और सऊदी अरब से यमन के मामलों में हस्तक्षेप करने से
परेशानी है।
उक्त वीडियो पर आधारित मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
Q. यमन में लगभग चार साल से चल रहे युद्ध के बाद अब अमन की उम्मीद जगी है। इसके लिए स्वीडन के रिम्बो में में शांति वार्ता चल रही है। यमन में चल रहा पूरा प्रकरण क्या है? संक्षेप में वर्णन कीजिये।