(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) चक्रवात बुलबुल (Cyclone Bulbul)
महत्वपूर्ण बिंदु
हाल ही में बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुए चक्रवात बुलबुल ने पश्चिम बंगाल,उड़ीसा व आंध्रप्रदेश के उत्तरी तटीय भागों में भारी तबाही मचाई। इस चक्रवात की वजह से तकरीबन 1 लाख 20 हजार लोगों को तटीय क्षेत्रों से विस्थापित कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
हमारे आज के DNS में हम चक्रवात बुलबुल के उत्पन्न होने के कारण इसका प्रभाव व अन्य जानकारियों पर चर्चा करेंगे।-
- बुलबुल एक ऊष्णकटिबन्धीय क्षेत्र में उत्पन्न हुआ चक्रवात है जिसकी तीव्रता दूसरी कैटेगरी के Cyclone की है।
- इस चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल व उड़ीसा तटीय क्षेत्रों में तूफान व बारिश देखी गई।
- मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बुलबुल-चक्रवात नंवबर में दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में आये मतमों चक्रवात के अवशेषों से उत्पन्न हुआ धीरे-धीरे यह चक्रवात मजबूत हो गया और उत्तरी बंगाल की खाड़ी की तरफ मुड़ गया।
- इस चक्रवात का स्थलावतरण यानि Landfall सुन्दरवन डेल्टा के सागर द्वीप पर हुआ। और इसने लगभग 100 किलोमीटर प्रति घण्टे की गति पार कर लिया।
- इसी Speed के कारण इसे Cyclone Category-2 में रखा गया ।
- दरअसल इस कैटेगरी में उन चक्रवातों को रखा जाता है जिनकी गाति 125 किलोमीटर प्रतिघन्टे से 164 किलोमीटर प्रति घन्टे के बीच की होती है।
- गौरतलब है कि भारत में 25 प्रतिशत चक्रवात अरब सागर से व 75 प्रतिशत चक्रवात अरब सागर से व 75 प्रतिशत चक्रवात बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की तरफ से आते है। और भारी तबाही मचाते है।
- भारत चक्रवात की दृष्टि से दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है।
- भारत में चक्रवात मानसून सीजन के पहले व मानसून के जाने के बाद आते है। बुलबुल मानसून सीजन के बाद वाला चक्रवात था।
- वैज्ञानिक की माने तो ग्लोबल वार्मिग और Climate Change की वजह से ये चक्रवात अधिक जल्दी जल्दी आने लगे है।
- 2019 में अरब सागर मे आये वायु, हिक्का व बंगाल की खाड़ी में आये फानी ने 2018 में आये पेथाई,गाजा व तितली ने व 2017 में आये ओखी ने तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी।
- विशेष बात यह है कि हर चक्रवात के एक अनोखे नाम से पुकारा जाता है। दरअसल चक्रवातों को नाम देने की यह परम्परा World Metlogical Organisation की है।
- लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर चक्रवातों को अलग-अलग नाम उस क्षेत्र के देशों द्वारा दिये जाते है।
- भारत जिस Group का हिस्सा है उसमें बाग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान, पाकिस्तान श्रीलंका व थाइलैंड शामिल है। इन सभी देशों ने RSMC यानि Regional Specialized Metrological Centre को अपने नामों की एक उपलब्ध कराई है।
- बारी बारी से इस सूची के नामों के आधार पर चक्रवातों के नाम दिये जाते है।
- भारत की सूची के नाम अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर व वायु आदि है वहीं पाकिस्तान की सूची में फानूस, नर्गिस, लैला, नीलम,नीलोफर, वरदा, तितली व बुलबुल आदि है।
- यानि स्पष्ट है कि इस चक्रवात का नाम बुलबुल पाकिस्तान की स्पेज से लिया गया है।
- वही साल आया फानी व 2017 में आयाय ओखी नाम बांग्लादेश का सुझाव हुआ था।
- चक्रवात बुलबुल को भारतीय मौसम विभाग के Doppler Weather Radars के द्वारा Track किया गया और इसके Landfall की जानकारी जुटाई गई।