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Blog / 28 Jun 2019

(राष्ट्रीय मुद्दे) राष्ट्रपति का अभिभाषण और सरकार का एजेंडा (President's Address and Agenda of New Government)

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(राष्ट्रीय मुद्दे) राष्ट्रपति का अभिभाषण और सरकार का एजेंडा (President's Address and Agenda of New Government)


एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)

अतिथि (Guest): प्रो सुब्रता मुखर्जी (जाने माने राजनीति शास्त्री), के. वी. प्रसाद (वरिष्ठ पत्रकार)

चर्चा में क्यों?

बीते 20 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र की संयुक्त बैठक को सम्बोधित किया। इस अभिभाषण में राष्ट्रपति ने अगले पांच सालों के लिए NDA सरकार का एजेंडा पेश किया। इसके अलावा राष्ट्रपति ने उन योजनाओं का भी जिक्र किया जिन पर सरकार पिछले कार्यकाल से काम कर रही है।

अभिभाषण के महत्वपूर्ण बिंदु

सैन्य कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा

  • ‘नेशनल डिफेंस फंड’ से वीर जवानों के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप की राशि बढ़ा दी गई है। इसमें पहली बार राज्य पुलिस के जवानों के बेटे-बेटियों को भी शामिल किया गया है।
  • निकट भविष्य में ही भारत को पहला ‘रफाएल’ लड़ाकू विमान और ‘अपाचे’ हेलीकॉप्टर भी मिलने जा रहा है।
  • सरकार द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बन रहे ‘डिफेंस कॉरिडोर’ इस मिशन को और मजबूती प्रदान करेंगे।

चुनाव

आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके। ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।

अर्थव्यवस्था

  • सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक, भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनॉमी बने।
  • इंडस्ट्री 4.0 को ध्यान में रखते हुए, जल्द ही नई औद्योगिक नीति की घोषणा की जाएगी।
  • ‘Ease of Doing Business’ की रैंकिंग में पिछले 5 वर्षों में 65 रैंक ऊपर आकर हम 77वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब विश्व के शीर्ष 50 देशों की सूची में आना सरकार का लक्ष्य है।
  • 5 लाख रुपए तक की आय को कर-मुक्त करने का फैसला टैक्स सरलीकरण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

बैंकिंग एवं वित्त व्यवस्था

  • ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ के माध्यम से देश के लगभग डेढ़ लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है।
  • ‘Insolvency and Bankruptcy Code’, देश के सबसे बड़े और सबसे प्रभावी आर्थिक सुधारों में से एक है। इस कोड के अमल में आने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटारा हुआ है।
  • ‘Direct Benefit Transfer’ के तहत आज 400 से अधिक योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जा रहा है। DBT की वजह से अब तक 1 लाख 41 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।
  • आधुनिक भारत में बायो-फ्यूल के निर्माण पर विशेष जोर है। इस साल लगभग 270 करोड़ लीटर इथेनॉल की ब्लेंडिंग निर्धारित है। इथेनॉल की ब्लेंडिंग बढ़ने से हमारे किसानों को लाभ होगा, पर्यावरण की सुरक्षा होगी और पेट्रोलियम पदार्थों का आयात घटने से विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।

भ्रष्टाचार और काला धन

सरकार, भ्रष्टाचार के विरुद्ध Zero Tolerance की अपनी कड़ी नीति को और व्यापक तथा प्रभावी बनाएगी।

  • पिछले 2 वर्ष में, 4 लाख 25 हज़ार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हज़ार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।
  • आर्थिक अपराध करके भाग जाने वालों पर नियंत्रण करने में ‘Fugitive and Economic Offenders Act’ उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अब हमें 146 देशों से जानकारी प्राप्त हो रही है जिसमें स्विटजरलैंड भी शामिल है।
  • रियल एस्टेट सेक्टर में काले धन के लेनदेन को रोकने और ग्राहकों के हित की रक्षा में ‘रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट’ यानि RERA का प्रभाव दिखाई दे रहा है।

महिला एवं बाल विकास

‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान से भ्रूण हत्या में कमी आई है और देश के अनेक जिलों में सेक्स-रेशियो में सुधार हुआ है।

  • ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
  • ‘दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
  • ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है।

शिक्षा

सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए रोज़गार और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

  • बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए ‘प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम’ की शुरुआत की जाएगी।
  • स्कूली स्तर पर ही बच्चों में टेक्नॉलॉजी के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए ‘अटल इनोवेशन मिशन’ के माध्यम से देशभर के लगभग 9 हज़ार स्कूलों में ‘अटल टिंकरिंग लैब’ की स्थापना का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इसी प्रकार, 102 विश्वविद्यालयों तथा अन्य संस्थानों में ‘अटल इंक्यूबेशन सेंटर’ बनाए जा रहे हैं।
  • उच्च शिक्षण संस्थानों में रिसर्च को प्रोत्साहन देने के लिए ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन’ स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह फाउंडेशन, केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों, विज्ञान प्रयोगशालाओं, उच्च शिक्षण संस्थानों और औद्योगिक संस्थानों के बीच सेतु का काम करेगा।
  • सरकार, देश के Higher Education System में सीटों की संख्या को वर्ष 2024 तक, डेढ़ गुना करने के लिए प्रयासरत है। इस पहल से युवाओं के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में 2 करोड़ अतिरिक्त सीटें उपलब्ध होंगी। उच्च-शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप की राशि में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
  • वन्य क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को ‘पढ़ाई से लेकर कमाई तक’ की सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य प्रगति पर हैं। साथ ही ‘एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल’ भी बनाए जा रहे हैं।

कौशल विकास एवं रोजगार सृजन

‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, स्वरोजगार के लिए लगभग 19 करोड़ ऋण दिए गए हैं। इस योजना का विस्तार करते हुए अब 30 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी।

  • MSME सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को ऋण लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज का दायरा एक लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर काम किया जा रहा है।
  • आज भारत दुनिया के सबसे अधिक स्टार्ट-अप वाले देशों में शामिल हो गया है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक देश में 50 हज़ार स्टार्ट-अप स्थापित हों।
  • कैबिनेट की पहली बैठक में ही छोटे दुकानदारों और रीटेल ट्रेडर्स के लिए एक अलग ‘पेंशन योजना’ को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का लाभ देश के लगभग 3 करोड़ छोटे दुकानदारों को मिलेगा।
  • जल्द ही ‘राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा और खुदरा कारोबार में बढ़ोत्तरी के लिए ‘राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति’ भी बनाई जाएगी।
  • GST के तहत रजिस्टर्ड, सभी व्यापारियों को, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी उपलब्ध कराया जाएगा।

स्वास्थ्य

50 करोड़ गरीबों को ‘स्वास्थ्य-सुरक्षा-कवच’ प्रदान करने वाली हेल्थ केयर स्कीम ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत, अब तक लगभग 26 लाख गरीब मरीजों को अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जा चुकी है। सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए 5,300 ‘जन औषधि केंद्र’ भी खोले जा चुके हैं।

कृषि एवं मत्स्य पालन

किसानों की सम्मान-राशि बढ़ाते हुए, अब ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ को, देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

  • किसान 60 वर्ष की आयु के बाद भी सम्मानजनक जीवन बिता सकें इसके लिए किसानों से जुड़ी ‘पेंशन योजना’ को भी स्वीकृति दी जा चुकी है।
  • कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए, आने वाले वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए का और निवेश किया जाएगा।
  • वर्ष 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए पिछले 5 वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं। MSP में बढ़ोतरी का फैसला हो, या फूड प्रोसेसिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी; ‘फसल बीमा योजना’ का विस्तार; ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग; सरकार ने किसानों की ऐसी छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को समझते हुए, अनेक फैसले लिए हैं।
  • अब ‘ग्रामीण भंडारण योजना’ के माध्यम से किसानों के अपने गांव के पास ही भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • कृषि के अन्य क्षेत्रों में किसानों को लाभान्वित करने के लिए, 10 हज़ार नए ‘किसान उत्पादक संघ’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • सरकार, ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ यानि ‘नीली क्रांति’ के लिए प्रतिबद्ध है। मछली पालन के समग्र विकास के लिए एक अलग विभाग गठित किया गया है। इसी प्रकार, मत्स्य उद्योग से जुड़े इन्‍फ्रास्‍ट्रक्चर को विकसित करने के लिए, एक विशेष फंड बनाया गया है।

पर्यावरण और बढ़ता हुआ जल-संकट

21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है- बढ़ता हुआ जल-संकट। नए ‘जलशक्ति मंत्रालय’ का गठन, जल संकट से निपटने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

  • वायु प्रदूषण से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए, देश के 102 शहरों में ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ शुरू किया गया है।
  • हाल के वर्षों में वन और वृक्ष आवरण विस्तार में 1 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

शहरी एवं ग्रामीण विकास

देश के 112 ‘आकांक्षी जिलों’ यानि ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स’ के विकास के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है। इन जिलों में देश के सबसे पिछड़े 1 लाख 15 हज़ार गांव हैं।

  • ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत वर्ष 2022 तक लगभग 35 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण या अपग्रेडेशन किया जाना है। साथ ही, ‘सागरमाला परियोजना’ के द्वारा देश के तटीय क्षेत्रों में और बंदरगाहों के आसपास, बेहतर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत अगले तीन वर्षों के दौरान गांवों में लगभग 2 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।

अंतरिक्ष खोज

हमारे वैज्ञानिक, ‘चंद्रयान-2’ के लॉन्च की तैयारी में लगे हुए हैं। चंद्रमा पर पहुंचने वाला यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा। वर्ष 2022 तक, भारत के अपने ‘गगन-यान’ में पहले भारतीय को स्पेस में भेजने के लक्ष्य की तरफ भी तेज़ी से काम चल रहा है।

  • ‘मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है।

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

यह प्रसन्नता की बात है कि वर्ष 2022 में भारत G-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।

सरकार की “Neighbourhood First” की नीति दक्षिण एशिया एवं निकटवर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की सोच का प्रमाण है। इस पूरे क्षेत्र में व्यापार, कनेक्टिविटी और पीपुल-टू-पीपुल कॉनटेक्ट को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अभिभाषण से जुड़े संवैधानिक पहलू

संविधान के अनुच्छेद 87 में ऐसी दो स्थितियों का उल्लेख किया गया है जब राष्ट्रपति द्वारा विशेष रूप से संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया जाता है।

  • पहला - प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र की शुरुआत होने पर, जब निचले सदन की पहली बार बैठक होगी, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा और लोकसभा, दोनों को संबोधित किया जाता है।
  • दूसरा - प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में भी राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों को संबोधित किया जाता है।

राष्ट्रपति का अभिभाषण अहम् क्यों होता है?

संसद के लिए राष्ट्रपति का अभिभाषण केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा तैयार किया जाता है। प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र की शुरुआत होने पर, जब राष्ट्रपति अपना अभिभाषण देते हैं तो इसमें सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं और आने वाले पांच साल की योजनाओं का अनिवार्य रूप से उल्लेख होता है। अभिभाषण सरकार के एजेंडा और दिशा का व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करता है।

धन्यवाद प्रस्ताव

संविधान के अनुच्छेद 82 के क्लॉज 2 के तहत संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करके धन्यवाद प्रस्ताव को पास करने की परंपरा रही है। लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव का पारित होना सरकार की नीतियों के प्रति सहमति माना जाता है। अगर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पारित नहीं हो पाता है तो सरकार गिर जाती है।