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Blog / 18 Nov 2019

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (8th - 14th November 2019)

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(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (8th - 14th November 2019)



इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  • अयोध्या में विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला। साल 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को खरिज करते हुए विवादित ज़मीन पर केन्‍द्र द्वारा गठित किए जाने वाले एक ट्रस्‍ट के ज़रिए मंदिर निर्माण का दिया है सुप्रीम कोट ने आदेश।
  • RTI क़ानून के दायरे में होगा भारत के प्रधान न्‍यायाधीश का कार्यालय। दिल्ली हाई कोर्ट के 2010 के निर्णय और इसके खिलाफ दायर अपील को ख़ारिज करते हुए चीफ जस्टिस की अध्‍यक्षता वाली पांच न्‍यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनाया है ये फैसला
  • ब्राजील में हुए 11वें BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शिरकत। संयुक्त बयान में ब्रिक्स देशों ने कहा व्यापार में तनाव और नीतिगत अनिश्चतता के चलते प्रभावित हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था
  • दिल्ली-NCR में छाए स्मॉग को ख़त्म करने के लिए हो रहा है क्लाउड सीडिंग तकनीकि पर विचार। कृत्रिम वर्षा के लिए मौसम की दशाओं में बदलाव करने की एक तकनीक है क्लाउड सीडिंग
  • इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2019 के मुताबिक़ लोगों को न्याय दिलाने के मामले में महाराष्ट्र है सबसे आगे। भारतीय न्याय प्रणाली के संबंध में टाटा ट्रस्ट्स द्वारा जारी की गई है ये रिपोर्ट
  • अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद ने किया पहले भारतीय ब्रेन एटलस का निर्माण। अल्ज़ाइमर, डीमेंशिया और पार्किंसंस जैसी बीमारियों के शुरुआती इलाज में मदद करेगा ये मानव मस्तिष्क एटलस
  • विश्व स्मारक कोष WMF ने किया प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली सुरंगा बावड़ी को विश्व स्मारक निगरानी सूची-2020 में शामिल। कर्नाटक के विजयपुरा में है सदियों पुरानी सुरंगा बावड़ी भूमिगत जल प्रणाली

खबरें विस्तार से:

1.

बीते दिनों उच्चतम न्यायालय ने लम्बे अरसे से चले आ रहे अयोध्या भूमि विवाद मामले पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने सर्वसम्मत फैसले में कहा कि दो दशमलव सात-सात एकड़ की विवादित ज़मीन केंद्र सरकार के ही पास रहेगी और इसे मंदिर के निर्माण के लिए केन्‍द्र द्वारा तीन महीने के भीतर गठित किए जाने वाले एक ट्रस्‍ट को सौंपा जाएगा। ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला आरकियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इण्डिया ASI का हवाला देते हुए ये फैसला सुनाया है। इसके अलावा न्यायालय ने इस फैसले के लिए अनुच्छेद 142 इस्तेमाल किया है। दरअसल संविधान में सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 142 के रूप में खास शक्ति प्रदान की गई है। अनुच्छेद 142 के तहत न्यायालय अपने विवेक से किसी व्यक्ति को पूर्ण न्याय देने के लिए जरूरी निर्देश दे सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले में केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को अयोध्‍या शहर में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ की उपयुक्त वैकल्पिक ज़मीन दिए जाने का आदेश दिया है। इससे पहले पहले अयोध्या विवाद पर बड़ा फैसला 30 सितंबर 2010 को आया था। उस वक़्त इलाहाबाद हाईकोर्ट की तीन जजों की पीठ ने 2.77 एकड़ की विवादित ज़मीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था। इनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच यह जमीन बांटी गई थी। हालांकि पक्षकार इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे जिसके कारण इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

इस मामले में पक्षकार रहे लोगों ने फिलहाल किसी पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने की बात नहीं कही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी पक्षकार पुनर्विचार याचिका यानी रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का अधिकार रखते हैं। पुनर्विचार याचिका दाखिल होने के बाद न्यायालय चाहे तो वो अपने अधिकार के तहत याचिका को तुरंत सुनने, बंद कमरे में सुनने या खुली अदालत में सुनने का फैसला कर सकती है।

इसके आलावा पीठ इस याचिका को खारिज भी कर सकती है। साथ ही वो चाहे तो याचिका को बड़ी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भी भेज सकती है। पुनर्विचार याचिका के बारे में बताए तो इसका ज़िक्र संविधान के अनुच्छेद 137 में किया गया है। पुनर्विचार याचिका के तहत अदालत को उसके ही फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए अनुरोध किया जा सकता है। हालाँकि पुनर्विचार याचिका को फैसले या आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर दायर करना अनिवार्य होता है। इसके अलावा पुनर्विचार याचिका के भी ख़ारिज़ होने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन यानी उपचार याचिका के रूप में एक और विकल्प होता है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट से फैसले की दोबारा समीक्षा करने का अनुरोध किया जा सकता है। हालाँकि क्यूरेटिव पिटीशन की कोई समय सीमा नहीं है।

2.

बीते 9 नवंबर को पाकिस्तान में मौजूद गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन लिए करतारपुर गलियारे को खोल दिया गया। अब सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु इस गलियारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के तौर-तरीकों पर 24 अक्टूबर 2019 को पाकिस्तान के साथ एक समझौते पर दस्तख़त किए थे। ग़ौरतलब है कि भारत इस गलियारे के लिए लम्बे वक़्त से पाकिस्तान से माँग करता आया है। लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव के चलते इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। हालाँकि पिछले साल जब नवंबर महीने में पाकिस्तान के सामने साल 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती मनाने का प्रस्ताव पारित रखा तो पाकिस्तान ने भारत की इस मांग को स्वीकार लिया।

कहा जा रहा है कि इस पहल से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्ते मज़बूत होंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच बीते कुछ सालों में पैदा हुए तनाव को कम करने और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में भी ये पहल अहम भूमिका निभा सकती है। हालाँकि इन उम्मीदों के अलावा कुछ चुनौतियाँ भी हैं। इस यात्रा के साथ सबसे पहली चुनौती सुरक्षा को लेकर है। क्यूंकि पाकिस्तान में आतंकी हमलों की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक़ इस रास्ते भारत विरोधी लोग भी देश में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा एक और चुनौती ये भी है कि पाकिस्तान ने इस यात्रा के लिये प्रति व्यक्ति 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क तय किया जोकि भारतीय श्रद्धालुओं के ऊपर आर्थिक बोझ को बढ़ाएगा।

गुरुद्वारा दरबार साहिब के बारे में बताएं तो ये सिख धर्म के अनुयायियों के गुरु नानक देव जी की स्मृति से जुड़ा है। गुरु नानक देव जी ने साल 1539 में अपनी मृत्यु से पहले के 18 साल यहीं बिताए थे। इसके भौगोलिक स्थिति की बात करें तो ये करतारपुर पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर मौजूद है। इसके अलावा गुरुद्वारा दरबार साहिब पाकिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा से क़रीब 3-4 किमी. ही दूर है। साथ ही गुरुद्वारा दरबार साहिब भारत के गुरदासपुर जिले में मौजूद डेरा बाबा नानक मंदिर से भी लगभग 4 किमी. दूर है।

3.

उच्‍चतम न्‍यायालय ने अपने एक हालिया फैसले में कहा है कि भारत के प्रधान न्‍यायाधीश का कार्यालय भी अब सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में इस बात का भी ज़िक्र किया है कि सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल निगरानी रखने के हथियार के रूप में नहीं किया जा सकता है। साथ ही किसी भी सूचना को लोकहित में उजागर करते समय न्‍यायिक स्‍वतंत्रता का भी ध्‍यान रखना होगा।

बता दें कि प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पांच न्‍यायाधीशों की संविधान पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2010 के निर्णय को सही बताते हुए और इसके खिलाफ दायर हाई कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और शीर्ष अदालत के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी की अपील को ख़ारिज करते हुए ये निर्णय दिया है।

दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब RTI कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया और न्यायाधीशों की संपत्तियों पर सूचना मांगी। इसके बाद इस मामले पर कई अन्य कार्रवाइयां हुई और आखिर में 12 जनवरी 2010 को दिल्ली हाई कोर्ट ने ये कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय RTI अधिनियम के दायरे में आता है। दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और शीर्ष अदालत के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी ने उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ अपील दायर की। इस अपील के बाद 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एक संविधान पीठ के पास भेजा। संविधान पीठ ने 04 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में फैसला सुरक्षित रखा कि क्या चीफ जस्टिस ऑफ़ इण्डिया का कार्यालय आरटीआई अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण है या नहीं। और आखिर में इसी मामले पर सुनवाई करते हुए 13 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 2010 में दिये गए उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें कहा गया था कि चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया का कार्यालय आरटीआई अधिनियम के दायरे में आता है।

आरटीआई एक्ट के बारे में आपको बताएं तो ये 2005 में बना भारत सरकार का एक क़ानून है। इसका मक़सद नागरिकों को सूचना का अधिकार उपलब्ध करना है। साथ ही ये कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, सूचना का अधिकार और केंद्रीय सूचना आयोग का नोडल विभाग भी है। इस क़ानून के तहत भारत का कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी अथॉरिटी से सूचना माँग सकता है। RTI क़ानून के तहत संबंधित अथॉरिटी को 30 दिनों के भीतर नागरिक को जानकारी उपलब्ध करानी होती है। इसके अलावा अगर मांगी गई सूचना जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ी है तो ऐसी सूचना को 48 घंटे के भीतर ही उपलब्ध करना होता है। बीते दिनों इस क़ानून के सेक्शन 13, 16 और 27 में बदलाव करने के लिए संसद ने सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक, 2019 पारित किया था। मौजूदा वक़्त में सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक, 2019 क़ानून का रूप ले चूका है और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूरे देश में ये क़ानून लागू है।

4.

बीते दिनों सबरीमाला मंदिर मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर चल रही सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी बेंच को सौंप दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की पीठ ने ये मामला अब 7 जजों की संवैधानिक पीठ को सुपूर्द कर दिया है। इससे पहले 28 सितंबर, 2018 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को समाप्त कर दिया था। पिछले साल के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने और बिना किसी भेदभाव के पुरुषों की तरह पूजा-अर्चना करने का संवैधानिक अधिकार है। इसके अलावा यदि कोई कानून न हो तो भी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के मामले में महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केरल में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध हुए और क़रीब 50 से अधिक पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं।

आपको बता दें कि सबरीमाला मंदिर केरल में मौजूद भगवान अयप्पा का प्रसिद्ध मंदिर है। सबरीमाला मंदिर हर साल नवंबर से जनवरी महीने के बीच ही खुलता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक़ भगवान अयप्पा भगवान शिव और माता मोहिनी के पुत्र माने जाते हैं। दरअसल इस मंदिर में 10 से 50 साल के बीच की महिलाओं का प्रवेश इसलिए प्रतिबंधित है क्यूंकि महिलाऐं इस दौरान मासिक धर्म से गुजरती है। मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक़ तो यहां 1500 साल से महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

5.

बीते 13-14 नवंबर के बीच ब्राजील के ब्रासिलिया शहर में BRICS के 11वें सम्मेलन का आयोजन हुआ। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्रासिलिया पहुंचे। इस मौके पर ब्रिक्स बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को सामाजिक सुरक्षा समझौते पर विचार- विमर्श करने की जरूरत है। इसके अलावा इस सम्मलेन के दौरान उन्होंने रूस, चीन और ब्राज़ील के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय मुलाक़ातें भी की।

सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त घोषणा पत्र में ब्रिक्स देशों ने कहा कि व्यापार में तनाव और नीतिगत अनिश्चतता के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था नकारात्मक तरीके से प्रभावित हुआ है। इसे विश्वास, व्यापार, निवेश और वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव के रूप में देखा जा सकता है।

आपको बता दें कि BRICS दुनिया की पाँच सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं - ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका - द्वारा मिलकर बनाया गया एक समूह है। साल 2006 में अपने गठन के 13 साल बाद अब BRICS की अहमियत काफी बढ़ चुकी है। मौजूदा वक़्त में, BRICS में शामिल पाँच देशों की अर्थव्यवस्थाओं की दुनिया की कुल जनसंख्या में 42 फीसदी, वैश्विक जीडीपी में 23 फीसदी और वैश्विक व्यापार में करीब 17 फीसदी की हिस्सेदारी है। मौजूदा वक़्त में ब्रिक्स को एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक इंजन के रूप में देखा जा रहा है। ग़ौरतलब है कि साल 2021 का BRICS सम्मलेन भारत में ही होना है ऐसे में ये 11वां सम्मलेन भारत के लिए अपनी जमीनी तैयारी को मजबूत करने का एक बेहतरीन मौका था। इसके अलावा आप इस विषय पर एक विस्तृत चर्चा हमारे ग्लोबल मुद्द्दे कार्यक्रम में भी देख सकते हैं।

6.

खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों की अंतर्राष्ट्रीय संधि के गवर्निंग बॉडी का आठवाँ सत्र इस बार इटली के रोम में आयोजित हुआ। 11 से 16 नवंबर के बीच चले इस सत्र में भारत की ओर से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शिरकत की। इस सत्र के दौरान भारत ने वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण और भारतीय कानून संरक्षण की विविधता के अलावा किसानों के अधिकार अधिनियम से लोगों को रूबरू कराया। इस मौके पर इस बात का भी ऐलान किया गया कि भारत 2021 में खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवंशिक संसाधनों की अंतर्राष्ट्रीय संधि के गवर्निंग बॉडी के 9 वें सत्र की मेजबानी भी करेगा।

बता दें कि खाद्य और कृषि के लिये वनस्पति आनुवांशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि को 3 नवंबर 2001 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन FAO के 31वें सम्मेलन में अपनाया गया था। भारत भी अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों की सूची में शामिल है। इस अंतर्राष्ट्रीय बीज संधि के कुछ मक़सद हैं। इन मक़सदों में फसलों की विविधता से किसानों को परिचित करने में योगदान, पहुँच और लाभ साझा करना और संधारणीयता यानी सस्टेनेबिलिटी जैसे लक्ष्य शामिल हैं।

7.

दिल्ली की दशा को सुधारने के लिए पिछले दिनों कई प्रयास किए गए। इसी कड़ी में दिल्ली-NCR में छाए स्मॉग को ख़त्म करने के लिए अब मेघ बीजन तकनीक यानी क्लाउड सीडिंग के प्रयोग पर चर्चा की जा रही है। दरअसल मेघ बीजन कृत्रिम वर्षा के लिए मौसम की दशाओं में बदलाव करने की एक तकनीक है। इसका इस्तेमाल सूखे के हालात में, ओलावृष्टि की तीव्रता को कम करने और कोहरे को ख़त्म करने के लिए लिया जाता है। हालाँकि ये तकनीक केवल तभी काम करती है जब वायुमंडल में पहले से पर्याप्त मात्रा में बादल और नमी मौजूद हो।

कृत्रिम वर्षा कराने में इन परीक्षणों की सफलता दर 60-70% आकी गई है। इसके अलावा ये स्थानीय वायुमंडलीय हालातों जैसे वायु में नमी की मात्रा और बादलों पर भी निर्भर करती है। आपको बता दें कि वातावरण में मौजूद जलवाष्प के संघनित होने के कारण ही वर्षा होती है। क्लाउड सीडिंग तकनीक में भी बादलों में कृत्रिम संघनन के केंद्रकों की संख्या को बढ़ाकर बारिश कराए जाने का प्रयास होता है। क्लाउड सीडिंग तकनीक में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड, ठोस कार्बन डाइऑक्साइड और तरल प्रोपेन जैसे रसायनों का छिड़काव वायुयान के ज़रिए एक निश्चित ऊंचाई पर किया जाता हैं। इसके आलावा वातावरण में मौजूद धूल कण, स्मॉग और दूसरे प्रदूषणकारी पदार्थ बारिश की बूँदों के साथ ज़मीन पर आ जाते है और इससे वातावरण में प्रदूषण कम हो जाता है।

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान IITM के मुताबिक़ पिछले कई सालों से क्लाउड सीडिंग तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। ये परीक्षण हैदराबाद, नागपुर, सोलापुर, अहमदाबाद, जोधपुर और बीते दिनों वाराणसी से सटे इलाकों में किये गए हैं। इसके अलावा मेघ बीजन तकनीक का इस्तेमाल महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी सूखे के हालात से निपटने के लिए किया गया है। साथ ही दुनिया के भी कई देशों में इस तकनीकी का इस्तेमाल होता है, जिनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, फ्राँस और रूस जैसे देश शुमार हैं।

8.

हाल ही में CSIR - राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान NEERI ने इंड एयर नाम की एक वेबसाइट शुरू की है। इस वेबसाइट पर वायु प्रदूषण के लगभग एक सदी से भी ज़्यादा पुराने आंकड़ों को डिजिटल रूप में सहेजा गया है। 50 लाख से ज्यादा के बजट और अमेरिकन संस्था एन्वायरमेंट डिफेंस फंड EDF के सहयोग से बनी इस वेबसाइट का मक़सद वायु गुणवत्ता अनुसंधान की जानकारी को सभी के लिये उपलब्ध कराना है। इसके अलावा इंडएयर भारत में वायु प्रदूषण के क्षेत्र में अविष्कारमूलक अनुसंधान और विश्लेषण के अलावा इसके नुक्सान और दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएगा।
बता दें कि इस वेबसाइट पर 1905 से 2019 तक के वायु प्रदूषण के आंकड़े मौजूद हैं। इंडएयर ने वायु प्रदुषण से जुड़े अब तक के अनुसंधानों और क़ानूनी प्रक्रियाओं के इतिहास को आम लोगों तक पहुँचाने के लिये ये वेबसाइट शुरू की है। इसके पहले चरण के तहत लगभग 1,215 शोध-पत्र, 170 रिपोर्ट और 100 से अधिक केस स्टडी के मामले वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही इंडएयर के तहत क़रीब 2000 कानूनों और इंटरनेट से पहले की लगभग 700 रिपोर्टों को स्कैन करके इस वेबसाइट पर रखा गया है।

इंडएयर को और आसान भाषा में समझें तो ये एक ऐसी वेबसाइट हैं जहां वायु प्रदुषण से सम्बंधित आंकड़ें को अलग - अलग संस्थानों से जुटा कर डिजिटल रूप में रखा गया है। राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान NEERI द्वारा शुरू की गई इस पहल की शुरुआत CSIR - राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और राष्ट्रीय अभिलेखागार के सहयोग से किया गया है।

9.

बीते दिनों भारतीय न्याय प्रणाली के संबंध में टाटा ट्रस्ट्स ने इंडिया जस्टिस शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी की है। ध्यान देने वाली बात ये है कि ये पहली ऐसी रिपोर्ट है जिसमें भारतीय न्याय प्रणाली के लगभग सभी मुख्य पहलुओं को शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट में अलग - अलग सरकारी आँकड़ों का इस्तेमाल करते हुए भारतीय न्याय प्रणाली के 4 प्रमुख स्तंभों पुलिस, न्यायतंत्र, कारागार और कानूनी सहायता का आकलन किया गया है।

आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में राज्यों को 2 भागों में बाँटा गया है जिनमें छोटे और बड़े राज्य शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक़, लोगों को न्याय दिलाने के मामले में महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है।

इसके अलावा इस रिपोर्ट के तहत पुलिस क्षमता के मामले में तमिलनाडु और उत्तराखंड को क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रखा गया है। जबकि इस मामले में राजस्थान और उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे खराब आँकी गई है। इस क्षेत्र में छोटे राज्यों को देखें तो इसमें सिक्किम को जहां पहला स्थान मिला है तो वहीं मिज़ोरम पुलिस क्षमता के मामले में सबसे आख़िरी पायदान पर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में प्रति 1 लाख व्यक्ति पर महज़ 151 पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं।

इसके अलावा न्यायपालिका की क्षमता के मामले में तमिलनाडु को पहला स्थान मिला है। साथ ही पंजाब इस मामले में दूसरे स्थान पर है। इस मामले में छोटे राज्यों की स्थति के बार में आपको बताएं तो सिक्किम को न्यायपालिका की क्षमता के लिए पहला और अरुणाचल प्रदेश को अंतिम स्थान मिला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में न्यायाधीशों के क़रीब 23 प्रतिशत पद खाली हैं।

कारागार के मामले में सबसे बढ़िया प्रदर्शन केरल और महाराष्ट्र का रहा है। इन दोनों ही राज्यों ने पिछले कुछ सालों के दौरान कारागार से जुड़े कई संकेतकों पर सुधार किया है । इसके अलावा कारागार के मामले में छोटे राज्यों की बात करें तो इनमें जहां गोवा को पहला स्थान मिला है तो वहीं सिक्किम इस मामले में आख़िरी पायदान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षमता से अधिक कैदियों की समस्या भारतीय कारागारों में सबसे प्रमुख है। इसके अलावा रिपोर्ट में ज़िक्र है भारत में प्रत्येक एक दोषी कैदी पर 2 विचारधीन कैदी जेलों में बंद हैं।

इस रिपोर्ट में शामिल आख़िरी पहलू यानी कानूनी सहायता की बात करें तो इसमें आम नागरिकों को क़ानूनी सहायता मुहैया कराने में केरल और हरियाणा का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा । जबकि इस मामले में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य फिसड्डी साबित हुए हैं। छोटे राज्यों में कानूनी सहायता के मामले में गोवा पहले और अरुणाचल प्रदेश अंतिम स्थान पर रहा है। रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है कि साल 2017-18 में देश में कानूनी सहायता पर प्रति व्यक्ति खर्च महज 0.75 रुपए प्रतिवर्ष था। इसके अलावा देश के किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने भारतीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत आवंटित बजट का पूरा इस्तेमाल नहीं किया है।

10.

बीते दिनों अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद ने भारत का पहला मानव मस्तिष्क एटलस तैयार किया है। कॉकेशियाई मस्तिष्क के नमूने पर आधारित इस मानव मस्तिष्क एटलस को IBA100 नाम दिया गया है। इस एटलस को 21 से 30 साल की उम्र के लोगों और 50 भारतीय महिला व पुरुषों के मस्तिष्क का MRI स्कैन करके बनाया गया है। इस एटलस के मुताबिक़ भारतीयों के दिमाग की औसत लंबाई 160 मिलीमीटर, चौढ़ाई 130 मिलीमीटर और ऊंचाई 88 मिलीमीटर है। जबकि चीन के लोगों का मष्तिष्क इस मामले में भारतीयों से आगे हैं। इसके अलावा इस शोध में ज़िक्र है कि पश्चिमी देशों की तुलना में भी भारतीय लोगों का मष्तिष्क छोटा है।

बता दें कि जन्म के बाद से ही मस्तिष्क बढ़ता रहता है। जानकारों के मुताबिक़ 20 -30 की उम्र के युवाओं के मस्तिष्क को पूरी तरह से विकसित, या परिपक्व कहा जाता है। इसीलिए इस शोध के लिए 20 -30 की उम्र के लोगों को शामिल किया गया है। कॉकेशियाई मस्तिष्क के नमूने पर आधारित भारतीय मस्तिष्कों पर मौजूदा निष्कर्षों से ये भी पता चला है कि MRI स्कैन में अंतर तुलनात्मक रूप से उभर सकता है क्योंकि भारतीय मूल के लोगों का मष्तिक कॉकेशियन मष्तिष्क से छोटा है।

11.

ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया DCI के 2017 के आकलन के मुताबिक़ प्रदूषण और अतिक्रमणों के चलते डल झील 22 वर्ग किलोमीटर के अपने मूल क्षेत्र से सिकुड़ कर क़रीब 10 वर्ग किलोमीटर हो गई है। DCI की रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है दुनिया भर में मशहूर डल झील की क्षमता क़रीब 40 प्रतिशत तक सिकुड़ गई है और इसकी जल गुणवत्ता भी बिगड़ गई है। दरअसल डल झील के आस - पास के इलाकों में ख़राब सीवेज सिस्टम, झील में बहने वाले ठोस कचरे और अधिक अतिक्रमण के कारण प्रदुषण काफी बढ़ गया है। इस सभी समस्याओं ने झील में परिसंचरण और प्रवाह को कम कर दिया है, जिससे डल झील में जलकुंभी की भी संख्या काफी बढ़ गई है। इसके अलावा डल झील में मौजूद गाद के कारण भी कई जगहों पर झील की गहराई कम हो गई है। साथ ही यहां चलने वाली क़रीब 800 - 900 हाउसबोट्स भी प्रदुषण के लिए ज़िम्मेदार हैं।

12.

हाल ही में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और चिनार वन्यजीव अभयारण्य के इलाके में तितली सर्वेक्षण किया है। केरल सरकार द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में तितलियों की 191 प्रजातियाँ पाई गई हैं, जिनमें से 12 इस क्षेत्र की स्थानिक प्रजातियां हैं। इस सर्वेक्षण में कुछ तितलियों की दुर्लभ प्रजातियां भी देखी गईं हैं। इनमें सिल्वर फॉरगेट मी नॉट, कॉमन थ्री रिंग, और ब्राउन ओनीक्स जैसी प्रजातियाँ देखी गईं है। इस क्षेत्र में तितलियों की काफी कम विविधता के पीछे यहां पाए जाने वाले सेना स्पेक्ट्बिल्स जैसे आक्रामक विदेशी पौधे को ज़िम्मेदार बताया गया है।

इस सर्वेक्षण का मक़सद पश्चिमी घाट के वन क्षेत्रों में तितली की विविधता के बारे में पता लगाना था जो जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। दरअसल तितली एक इंडिकेटर स्पीसीज है। इस लिहाज़ से इस तरह का सर्वेक्षण पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन के असर को जानने में मददगार साबित हो सकता है।

बता दें कि वायनाड वन्यजीव अभयारण्य में दुनिया की एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है। इसके अलावा चिनार वन्यजीव अभयारण्य केरल राज्य के 13 अभयारण्यों में शामिल है। चिनार वन्यजीव अभयारण्य केरल के इड्डकी ज़िले में अन्नामलाई पहाड़ी के पास मौजूद है।

13.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रफाल विमान सौदे मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत के मुताबिक़ इस मामले में जांच की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला पिछले साल 14 दिसंबर को दिए अपने उस फैसले पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है, जिसमें फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के रफाल सौदे को क्लीन चिट दी गई थी। बता दें कि भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस सरकार के साथ 58 हजार करोड़ रुपए में 36 नए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था। जानकारों के मुताबिक़ राफेल के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद वायुसेना की ताकत और बढे़गी। इसके आलावा परमाणु हथियारों से लैस राफेल हवा से हवा में क़रीब 150 किमी तक मिसाइल दाग सकता है। साथ ही इसमें लगी स्कैल्प मिसाइल हवा से जमीन तक 300 किमी तक अचूक मार कर सकती है। राफेल विमानों को जो नया बेडा भारत पहुंचेगा वो फ्रांस, मिस्त्र और अन्य देशों के पास मौजूद राफेल लड़ाकू विमानों के मुक़ाबले भारत को दिए जाने वाले राफेल विमान अधिक उन्नत तकनीक से लैस होंगे। इसके अलावा राफेल मौजूदा वक़्त में भारतीय वायु सेना के पास मौजूद सबसे घातक SU - 30 MKI लड़ाकू विमान की तुलना में अधिक ताकतवर है।

14.

बीते दिनों विश्व स्मारक कोष WMF ने प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली सुरंगा बावड़ी को विश्व स्मारक निगरानी सूची-2020 में शामिल किए जाने का ऐलान किया है। विश्व स्मारक कोष WMF ने इस प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली को दक्कन के पठार की प्राचीन जल प्रणाली की श्रेणी के तहत विश्व स्मारक निगरानी सूची में शामिल किया है। इस सूची में शामिल होने के बाद अब WMF प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली सुरंगा बावड़ी की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा। ग़ौरतलब है कि विश्व स्मारक कोष 1965 में स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन है। न्यूयार्क में मौजूद इस संगठन का मक़सद सांस्कृतिक विरासत स्थलों की पहचान करना और उनके संरक्षण के लिये वित्तीय और तकनीकी सहायता मुहैया कराना है।

आपको बता दें कि सुरंगा बावड़ी कर्नाटक के विजयपुरा में मौजूद है। दरअसल सुरंगा बावड़ी प्राचीन कारेज़ प्रणाली पर आधारित है। सुरंगा बावड़ी का इस्तेमाल शहर में जलापूर्ति के लिए किया जाता था। बताया जाता है कि सुरंगा बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में आदिल शाह प्रथम ने करवाया था। इसके अलावा कारेज़ प्रणाली के बारे में बताएं तो इस प्रणाली में ज़मीन के भीतर नहरों का एक जाल होता था और इन नहरों के ज़रिए शहर तक पानी पहुँचाया जाता था।

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. अब वाराणसी रेलवे स्टेशन पर आपको सुनाई देगी चार दक्षिण भारतीय भाषाओं में सूचना। दक्षिण भारतीय यात्रियों के लिए तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में सूचना से संबंधित घोषणाएं करवाएगा उत्तर रेलवे वाराणसी स्टेशन

2. हिमाचल प्रदेश में हुआ राइजिंग हिमाचल वैश्विक निवेशक सम्‍मेलन 2019। हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कृषि, विनिर्माण, फार्मास्युटिकल्स, पर्यटन, होटल, नागर विमानन, पनबिजली और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के मक़सद से आयोजित हुआ था ये सम्मलेन

3. इटली ने स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल की जलवायु की परिवर्तन शिक्षा। जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दे को पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल करने वाला दुनिया का पहला देश है इटली

4. 2020 में भारत में आयोजित होगा नो मनी फॉर टेरर सम्मलेन। बीते दिनों गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मेलबर्न में चल रहे दूसरे नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन 2019 के दौरान की है ये घोषणा।

5. इस साल भारत में संविधान स्वीकारे जाने के पूरे हो रहे हैं 70 साल। इस मौके पर केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा का बुलाया संयुक्त सत्र।

6. भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच हुआ समुद्री युद्धाभ्यास समुद्र शक्ति। इसमें भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्धक कॉरवेट - आईएनएस कामोरता और इंडोनेशियाई युद्धक जहाज केआरआई उस्मान हारून ले रहे हैं भाग ।

7. पुष्कर मेले के दौरान बना घूमर नृत्य का वर्ल्ड रिकॉर्ड। पुष्कर मेले में 2 हजार महिलाओं ने एक साथ घूमर की दी प्रस्तुति। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है ये रिकॉर्ड

8. दिल्ली में 1 नवम्बर से शुरू हुआ शिल्‍पोत्‍सव 15 नवम्‍बर तक रहेगा जारी । शिल्‍पोत्‍सव 2019 देश भर के समाज के कमजोर वर्गों के शिल्पियों का वार्षिक मेला है। ये महोत्सव सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगमों यानि राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्‍त और विकास निगम, राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त और विकास निगम, राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त और विकास निगम, राष्‍ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्‍त और विकास निगम और नेशनल ट्रस्‍ट सहयोग से आयोजित होता है।

9. केंद्र सरकार ने लिया गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने का बड़ा फैसला। ये पहली बार है जब केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटा रही है। इसकी जगह अब गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लास (Z+) कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है।

दरअसल स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप SPG देश का एक अतिविशिष्ट सुरक्षा बल है। एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, उनके परिवार, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति को मिलती है। हालाँकि पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद छोड़ने के बाद एक वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है। इसे देश की सबसे प्रोफेशल और आधुनिक वीआईपी सुरक्षा मानी जाती है।

10. लेखक आतिश तासीर के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड के आवेदन को किया गया रद्द्द। उन पर आरोप है उन्होंने गृह मंत्रालय से छिपाया कि उनके पिता पाकिस्तानी मूल के रहे हैं।

दरअसल ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड OCI विदेश में रहने वाले भारतीय जिसे PIO भी कहते हैं, भारतीय मूल के विदेशी लोगों को भारत आने की इजाजत देता है। इसके तहत भारत में उन्हें काम करने का अधिकार भी मिलता है। लेकिन वह वोट डालने का अधिकार नहीं पा पाते हैं।

11. रेलवे के परिचालन प्रौद्योगिकी को सशक्‍त करने हेतु भारतीय रेल ने जारी किए तीन नए ऑनलाइन एप। सीआरएस सेंक्‍शन मैनेजमेंड सिस्‍टम, रेल-रोड क्रॉसिंग जीएडी अनुमोदन प्रणाली और टीएमएस फॉर कन्‍सट्रक्‍शन है एप का नाम।

इन तीन नए ऑनलाइन एप्स के ज़रिए रेल परियेाजनाओं की सही निगरानी सुनिश्चित होगी और डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को बढ़ावा मिलेगा।

12. पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में पिछले कुछ महीनों से ग़ायब पोलियो वायरस टाइप 2 के सात मामले आए हैं सामने । पाकिस्तान में पोलियो वायरस टाइप 2 संक्रमण के ये मामले हैरान करने वाले हैं क्योंकि इस संक्रमण के निदान के चलते इसका टीकाकरण 2014 में बंद कर दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान में अभी भी टाइप 1 और टाइप 3 पोलियो टीके दिए जा रहे हैं।

13. 2023 पुरुष हॉकी विश्व कप की मेज़बानी करेगा भारत। इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन ने किया है ऐलान। आपको बता दें कि भारत का राष्ट्रीय खेल भी हॉकी है। भारत लगातार दूसरी बार विश्व कप की मेजबानी करेगा। भारत ने साल 1975 में हॉकी विश्व कप का खिताब जीता था।

14. गुजरात के भावनगर में बनने जा रहा है विश्व का पहला सीएनजी पोर्ट टर्मिनल। गुजरात सरकार से मिल चुकी है इस प्रोजेक्ट को मंजूरी।

इस प्रोजेक्ट पर 19 सौ करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिसमें पांच सौ करोड़ रुपए विदेशी पूंजी का निवेश होगा। वाइब्रेंट समिट 2019 में इसको लेकर ब्रिटेन लंदन के फोर साइट ग्रुप और गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के बीच एमओयू हुआ था।

15. केंद्र सरकार ने दी चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने को मंजूरी। किफायती कीमतों पर वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट उपलब्ध कराने और मेक इन इंडिया को बढ़ाना देने के मक़सद से तैयार किए जायेंगे ये मेडिकल डिवाइस पार्क यह सभी पार्क अलग-अलग राज्यों में बनाए जाएंगे। इन पार्कों का निर्माण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में इन पार्कों का निर्माण किया जाएगा । इन मेडिकल डिवाइस पार्कों में वह सभी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाएगा जहां कंपनियां आसानी से आकर अपना कारोबार शुरू कर सकें।

16. चुनाव सुधारक और सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाने वाले पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का निधन । शेषन के कार्यकाल से ही हुआ था चुनावों में मतदाता पहचान पत्र का इस्तेमाल ।

17. 13-21 नवंबर के बीच भारत और अमेरिका के बीच पहला त्रि-सेवा युद्ध अभ्यास टाइगर ट्रायम्फका का होगा आयोजन। मानवीय सहायता एवं आपदा राहत ऑपरेशन पर होगा इस युद्धाभ्यास का फोकस

यह युद्ध अभ्यास आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और काकीनाडा तटों पर आयोजित किया जाएगा। इस युद्ध अभ्यास में भारत की ओर से लगभग 1200 तथा अमेरिका की ओर से 500 सैनिक हिस्सा लेंगे। इसके अलावा इसका आयोजन इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (Integrated Defence Staff- IDS) के तहत किया जाएगा। यह ऐसा दूसरा अवसर होगा जब भारत थलसेना, नौसेना तथा वायुसेना सहित किसी दूसरे देश के साथ त्रि-सेवा युद्ध अभ्यास करेगा। इससे पहले भारत ने रूस के साथ त्रि-सेवा युद्ध अभ्यास ‘इंद्र’ में हिस्सा लिया था।

18. भारत और थाईलैंड के बीच नए समुद्री मार्ग को बढ़ावा देने के लिये पोर्ट अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड रानोंग पोर्ट को कर रहा है लॉजिस्टिक गेटवे के रूप में विकसित । रानोंग बंदरगाह के विकसित होने के बाद भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री यात्रा का समय 10-15 दिन से घटकर 7 दिन में हो जायेगा।

मौजूदा वक़्त में मालवाहक जहाज़, मलेशिया के रास्ते होते हुए कृष्णापट्टनम बंदरगाह से चोन बुरी में चबांग बंदरगाह और बैंकॉक के बैंकॉक बंदरगाह तक की यात्रा करते हैं। लेकिन इसके विकसित होने के बाद थाईलैंड के पश्चिमी तट पर मौजूद रानोंग बंदरगाह और भारत के पूर्वी तट के बंदरगाहों, जैसे- चेन्नई, विशाखापत्तनम और कोलकाता के बीच सीधी कनेक्टिविटी से दोनों देशों के मध्य आर्थिक साझेदारी मज़बूत होगी। इसके अलावा मौजूदा समय में भारत की एक्ट ईस्ट ’नीति (Act East Policy) की थाईलैंड की’ लुक वेस्ट ’नीति (Look West Policy) द्वारा सराहना की जाती रही है जिससे दोनों देशों के बीच गहरा, मज़बूत और बहुमुखी रिश्ता बन गया है।

19. ध्रुपद उस्ताद और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत गुंदेचा का निधन। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की एक प्राचीन श्रेणी ध्रुपद

20. आंध्र प्रदेश के कुन्नूर ज़िले में मौजूद बिलासुर्गम गुफा की मरम्मत की बनाई जा रही है योजना। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक़ ये गुफाएँ क़रीब 5,000 वर्ष से अधिक हैं पुरानी

21. जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन माँ के ज़रिए से इस साल लगभग 50 युवक, आतंकी संगठनों को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में हुए हैं शामिल। जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के चिनार कोर द्वारा चलाया गया था ऑपरेशन माँ।

ऑपरेशन माँ एक प्रकार का मानवीय ऑपरेशन है। इसके तहत घरों से ग़ायब हुए युवाओं का पता लगाकर और उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें वापस घर लाना था।

22. दुनिया के 153 देशों के लगभग 11,000 से अधिक वैज्ञानिकों ने की वैश्विक जलवायु आपातकाल की घोषणा । जलवायु आपातकाल ऐलान 40 वर्षों से अधिक समय तक किये गए वैज्ञानिक विश्लेषण के डेटा पर है आधारित।

वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये निम्नलिखित सुझाव दिये हैं-

  • जीवाश्म ईंधन की जगह अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल

  • मीथेन गैस जैसे प्रदूषकों का उत्सर्जन रोकना

  • कार्बन मुक्त अर्थव्यवस्था का विकास

  • जनसंख्या को कम करना

  • पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा

  • वनस्पति जन्य भोजन का इस्तेमाल और मांसाहार भोजन न करना

23. 12 नवंबर को देश भर में मनाई गई गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को प्रकाश पर्व के रुप में मनाया गया है।

24. जानकारों के मुताबिक़ संभव है पेडोफिलिया का इलाज। WHO का कहना है कि पेडोफिलिया एक ऐसा मनोरोग है जिसमें रोगी, बच्चों के प्रति यौन इच्छाओं से होता है ग्रसित ।

ग़ौरतलब है कि इस मनोरोग का उपचार पूरी तरह से तो नहीं किय जा सकता है। लेकिन दवा और परामर्श के ज़रिए से व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित किया जा सकता है। बर्लिन की एक यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों के अनुसार पुरुष आबादी का कम से कम 1% पीडोफिलिया से ग्रसित है जिसके लक्षण किशोरावस्था के बाद से प्रकट होते हैं।

25. 14 नवंबर को दुनिया भर में मनाया गया विश्व मधुमेह दिवस। इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने की है निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मधुमेह पीड़ितों की इंसुलिन तक आसान पहुँच स्थापित करने सम्बन्धी एक नए कार्यक्रम की घोषणा।

WHO द्वारा पहली बार इंसुलिन प्रीक्वालिफिकेशन कार्यक्रम को पायलट कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया है। who का मानना है कि इस कार्यक्रम से दुनिया भर में लगभग 420 मिलियन लोगों को लाभ मिलेगा। इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन डायबिटीज़ एटलस के मुताबिक साल 2017 में चीन में मधुमेह से प्रभावित रोगियों की संख्या सबसे ज़्यादा यानी 11.43 करोड़ थी। इसके अलावा इस मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में भी 7.29 करोड़ लोग मधुमेह से प्रभावित हैं।

26. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय जल नीति का मसौदा तैयार करने के लिये एक समिति का किया गठन। मिहिर शाह की अध्यक्षता में हुआ है इस समिति का गठन । नई राष्ट्रीय जल नीति के ज़रिए से जल शासन संरचना और उसके नियामक ढाँचे में कई बदलाव होंगे।

27. केरल राज्य सरकार ने दी फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क परियोजना को मंज़ूरी। 1,548 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली ये परियोजना दिसंबर 2020 तक हो जाएगी पूरी

यह परियोजना केरल राज्य बिजली बोर्ड और केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक पहल है। इस परियोजना के ज़रिए राज्य में लगभग 2 मिलियन गरीब BPL कार्ड धारकों को मुफ्त हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा दी जाएगी।

28. 11 से 17 नवंबर, 2019 तक चलाया जा रहा है स्‍वच्‍छ- निर्मल तट अभियान। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू हुआ है ये अभियान

इस अभियान का मक़सद 50 समुद्र तटों को सूचीबद्ध करके समुद्र तटों में तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है।

29. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्रालय ने अबू धाबी अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोलियम प्रदर्शनी और सम्मेलन में किया इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन । अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम, डाउनस्ट्रीम और इंजीनियरिंग अनुभागों की 9 भारतीय तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा की गई है इंडिया पैवेलियन’ की स्थापना

इंडिया पैवेलियन का मक़सद सरकार के परिशोधन, पाइपलाइनों और गैस टर्मिनलों में साल 2024 तक 100 अरब डॉलर निवेश के लक्ष्य को हासिल करना है।

इसके अलावा गैस आधारित बुनियादी ढाँचागत सुविधाओं में निवेश करना भी इसके मकसदों में शुमार है।

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।