(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (6th - 12th March 2020)
इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...
न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):
- भारत में फ़ैल रहा कोरोना का कहर....कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत सरकार का बड़ा फैसला....15 अप्रैल तक रद्द किये गये...विदेश से आने वाले लोगों के वीज़ा....
- कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए.....सरकार ने लागू किया महामारी रोग अधिनियम, 1897 (सत्त्तान्वे).....भारत में बढ़ते कोरना का कहर चिंता का विषय.....
- पुरे देश में मनाया गया....जन औषधि सप्ताह.. उद्देश्य स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना ......हुआ विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन...
- उत्तराखंड सरकार की बड़ी घोषणा....उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होगी गैरसैंण....ओर तेज़ी से होंगे विकास कार्य....
- केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर सहित पूर्वोत्तर के चार राज्यों में परिसीमन की दी मंजूरी... लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण के लिए....हर दस साल में किया जाता है परिसीमन आयोग का गठन...
- ‘फ्रीडम हाउस’ की और से जारी की गयी रिपोर्ट, ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020’..... इकहत्तर अंक के साथ भारत को मिला तिरासी वां स्थान...पिछले वर्ष की तुलना में 4 अंक कम.....
- 9 मार्च को मनाया गया... अट्टुकल पोंगल महोत्सव....दक्षिण भारत के लोकप्रिय त्योहारों में से एक... इस त्यौहार पर की जाती है....अट्टुकल देवी की पूजा.....
खबरें विस्तार से:
1.
कोरोना वायरस का कहर खत्म हिओने का नाम ही नही ले रहा है...चीन से शुरू हुआ ये वायरस भारत में भी अपनी दस्तक दे चुका है....भारत में लगातार इसके मामले बढ़ते ही जा रहे है....आपको बता दें भारत में अब तक कोरोना वायरस के लगभग 70 से ज्यादा मामले सामने आयें है...और ये आंकड़े बढ़ भी सकते है....भारत में कोरोना के बढ़ते मामले किसी टेंशन से कम नहीं हैं.....वहीँ भारत सरकार अब इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुका है...जहाँ सरकार की और से बड़ा कदम उठाया गया है....भारत ने कोरोना वायरस के मद्देनजर विदेश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड कर दिया है......
पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा कोरोना वायरस अब एक महामारी हो चुका हैं....चीन से शुरू हुई इस बीमारी ने आधी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है....और इसीको को देखते हुए....हुए डब्लूएचओ ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है.....कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए भारत ने अबतक का बड़ा कदम उठाया है.....भारत सरकार ने दुनिया के सभी देशों के लिए जारी वीज़ा को रद्द कर दिया है.....ये वीज़ा अभी 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया गया है, यानी दुनिया का कोई भी नागरिक कोरोना वायरस की वजह से भारत में नहीं आ पाएगा.....हालांकि, अगर कोई भारतीय वापस आना चाहता है तो उसे स्क्रीनिंग करवानी होगी और 14 दिनों तक निगरानी में रहना होगा.....वहीँ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक एडवाइज़री जारी की गयी है....
- 13 मार्च तक जारी हुए सभी वीजा, ई- वीज़ा, को रद्द कर दिया गया है....आपको बता दें ये वीज़ा 15 अप्रैल तक रद्द रहेंगे, हालांकि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी, डिप्लोमेट, रोजगार, प्रोजेक्ट वीज़ा समेत अन्य सरकारी अधिकारियों को प्रवेश करने दिया जाएगा....
- जो भी विदेशी इस वक्त भारत में हैं, उनका वीज़ा जारी रहेगा....अगर उन्हें काउंसलर एक्सेस की जरूरत है या वीज़ा की तारीख बढ़वानी है, तो वो FRRO से संपर्क कर सकते हैं.
- OCI कार्ड होल्डर्स – जिन्हें वीज़ा फ्री ट्रैवल का फायदा मिलता था, उन्हें भी 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया गया है.
- वहीँ अगर कोई भी विदेशी नागरिक भारत आना चाहता है तो वह अपने देश में मौजूद भारतीय दूतावास में संपर्क कर सकते हैं.
- चीन-इटली-ईरान-कोरिया-स्पेन-जर्मनी समेत सभी देशों से यात्रा कर लौट रहे भारतीयों की स्क्रीनिंग की जाएगी...जिन्हें 14 दिनों तक निगरानी में भी रखा जाएगा.
- जमीनी बॉर्डर से इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद ही एंट्री मिल पाएगी.
- अगर कोई भारतीय नागरिक विदेश की यात्रा करना चाहता है, तो वह अपनी प्लानिंग इस हिसाब से करें कि उन्हें 14 दिन तक निगरानी में भी रखा जा सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के अबतक 60 केस सामने आए हैं. जबकि विदेश से आने वाले लगभग 10 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है....वहीँ विदेश से आने वाले लोगों की बात करें तो एक दिन में औसतन विदेश से 10 लाख से अधिक लोग आते हैं....अगर दुनियाभर की बात करें तो अबतक 107 से अधिक देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं...जबकि एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना से प्रभावित हैं, वहीँ पूरी दुनिया में अबतक 4600 से अधिक लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई है....
2.
वहीँ covid- 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए...सर्कार ने महामारी रोग अधिनियम, 1897(सत्त्तान्वे) को लागू कर दिया है....आपको बता दें आम तौर पर स्वाइन फ्लू डेंगू और कॉलरा जैसी बीमारियों के चलते लागू किया जाता है.....वर्तमान में भारत में COVID 19 के 70 से ज्यादा मामलों की पुष्टि की गयी है....अमेरिकन समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ पूरी दुनिया में 1 लाख 19 हज़ार लोगों से ज़्यादा लोग इस वायरस के चलते संक्रमित हैं जबकि 4000 से ज़्यादा लोगों की मौत इस वायरस के चलते हो चुकी है....
11 मार्च 2020 को एक कैबिनेट सचिव की मीटिंग में महामारी रोग अधिनियम की धारा 2 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू करने का फैसला लिया गया । इसके लागू होने के बाद स्वस्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देश इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर आसानी से लागू हो सकेंगे...
क्या था 1897(सत्त्तान्वे) का महामारी अधिनियम
अंग्रेज सरकार ने ये कानून 1890 के दौरान बॉम्बे प्रांत में फ़ैली प्लेग की महामारी से निपटने के लिए बनाया था कानून के द्वारा दी गयी शक्तियों से अँगरेज़ सरकार प्लेग से प्रभावित मामलों की घरों और यात्रियों के बीच से पहचान करती थी । इसके बाद प्लेग से प्रभावित रोगियों को आम जनता से दूर कर दिया जाता था और संक्रमित स्थानों को नष्ट या खाली करा लिया जाता था । हालांकि कई इतिहासकारों ने इस कानून की इसके दुरुपयोग के चलते कड़ी आलोचना की थी ।
साल 1897(सत्त्तान्वे) में जब इस कानून को लागू किया गया तो स्वत्नत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को 18 साल के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गयी । तिलक को ये सज़ा इसलिए दी गयी थी क्यूंकि उन्होंने अपने अखबारों केसरी और महरत्ता के ज़रिये अंग्रेज सरकार को प्लेग महामारी से इस तरह निपटने के लिए दोषी ठहराया था ।
क्या थे महामारी कानून 1897(सत्त्तान्वे) के प्रावधान :
कानून में 4 अनुच्छेद थे जिनका मकसद था भयानक महामारी से बेहतर बचाव कैसे किया जाये अनुच्छेद 2 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी फैलने के दौरान विशेष कदम उठाने और नायर नियम बनाने की शक्तियां देता है...
इसके मुताबिक़ ये कानून खतरनाक महामारी की दशा में विशेष प्रावधान लागू करने और नए नियम बनाने की अनुमति देगा जब
जब किसी समय राज्य सरकार को ये लगता है की राज्य या उसका कोई भाग किसी खतरनाक महामारी के चलते खतरे में है और सरकार को ये लगता है की साधारण नियमों का इस्तेमाल कर इनसे नहीं बचा जा सकता है तो सरकार इस कानून के मुताबिक़ कुछ विशेष प्रावधानों को लागू कर या किसी व्यक्ति विशेष को ये अधिकार प्रदात्त कर इनसे बच सकती है । इसके लिए सरकार को कोई भी खर्च करने या किसी को मुआवज़ा देने के लिए भी अधिकार प्रदत्त कर सकती है.
आम तौर पर बिना किसी भेदभाव के राज्य सरकार कोई भी कदम या नियम बना सकती है जिसमे निरीक्षण अधिकारी को ये अधिकार है की वे रेल से या अन्य वाहनों से यात्रा कर रहे यात्रियों जिनके इस बीमारी से संक्रमित होने की आशंका हो की जाँच , उन्हें आम जनता से दूर रखने और अस्पताल में या किसी अलग जगह रख सकता है.....अनुच्छेद 3 के मुताबिक़ कानून के तहत किये गए प्रावधानों या नियमों का उल्लंघन करने की दशा में दंड दिया जाएगा । ये दंड भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (अठासी) के तहत किसी भी सरकारी अधिकारी की आदेशों की अवहेलना करने की दशा में दिया जाएगा....
अनुच्छेद 4 कानून के तहत काम कर रहे अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान करता है
कानून को लागू कब कब किया गया
साल 2018 में गुजरात राज्य के वड़ोदरा में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने इस कानून के तहत एक अधिसूचना जारी की थी जिसमे वाघोदिया तालुके के खेडकरमसिया गाँव को हैज़ा या कॉलरा के 31 मामले पाए जाने के बाद हैज़ा प्रभावित घोषित कर दिया गया था साल 2015 में चंडीगढ़ में मलेरिया और डेंगू के मामलों से निपटने के लिए इस कानून को लागू कर दिया गया था और नियंत्रण अधिकारीयों को इसके मद्देनज़र सूचना जारी करने और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया था
3.
भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग की एक अच्छी पहल कही जाने वाली प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना....जहाँ जनता को किफायती दामों पर गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है....करा रही है... आपको बता दें...जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए....इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के लिए उनहत्तर हज़ार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है....साथ ही साथ, इस बात पर ख़ासा जोर दिया है के 2020 तक देश के हर क्षेत्र में जन औषधि केंद्र खुलें....और इस योजना को लेकर लोग जागरूक हों...इसके लिए मार्च के शुरुवाती हफ्ते में जन औषधि सप्ताह मनाया गया....जहाँ 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया गया....
जन औषधि दिवस (जेनेरिक मेडिसिन डे) जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 07 मार्च को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 07 मार्च, 2019 को की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जन औषधि दिवस समारोह में भाग ले रहे हैं.
जन औषधि दिवस के तहत, इस योजना के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए सभी भारतीय जनऔषधि योजना (PMBJP) केंद्रों पर कई कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए गए. इन कार्यक्रमों में डॉक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, गैर-सरकारी संगठनों और लाभार्थियों की भागीदारी शामिल थी.....भारत में 1-7 मार्च 2020 से जन औषधि सप्ताह मनाया जाता है। इस अवसर के दौरान, स्वास्थ्य जांच शिविर, जन औषधि परिचार, जन औषधि का साथ जैसी विभिन्न गतिविधियाँ की गयीं.....वहीँ इस सप्ताह के चौथे दिन ‘सुविधा से सम्मान’ विषय के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया....जिसका उद्देश्य देश की महिलाओं को सशक्त बनाना था....इस अवसर पर जन औषधि केंद्रों, बीपीपीआई पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों ने इन गतिविधियों में भाग लिया और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पैड के उपयोग के बारे में शिक्षित करने के लिए शिविरों की मेजबानी की। प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना के तहत आज लगभग 2000 स्थानों पर सुविधा सेनेटरी नैपकिन के नि: शुल्क वितरण के लिए शिविरों का आयोजन किया और महिलाओं को 50,000 से अधिक सुविधा सेनेटरी नैपकिन पैकेटों का मुफ्त वितरण किया गया…संशोधित दरों के साथ सुविधा सेनिटरी नैपकिन का शुभांरभ…..रसायन एवं उर्वरक मंत्री, श्री डी.वी.सदानंद गौड़ा एवं जहाजरानी (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्री मनसुख मंडाविया द्वारा किया गया था…..प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों ने 2.91 करोड़ से अधिक पैड बेचे हैं
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग की एक अच्छी पहल है जो अब जनता को किफायती मूल्य पर गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध करा रही है…वर्तमान में इन केंद्रों की संख्या बढ़कर 6200 से अधिक हो गई है और आज 700 जिले इस योजना में शामिल हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2019-20 (फरवरी 2020 तक) में कुल बिक्री 383 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जिससे आम नागरिकों की कुल बचत लगभग 2,200 करोड़ रुपये हो गई क्योंकि ये दवाएं औसत बाजार मूल्य के मुकाबले 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं। यह योजना स्थायी और नियमित आमदनी के साथ स्वरोजगार के अच्छे स्रोत उपलब्ध करा रही है….
जन औषधि योजना
प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि योजना भारत सरकार के फार्मास्यूटिकल्स विभाग (DoP) द्वारा शुरू किया गया....इसका उद्देश्य सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है.....आपको बतादें केंद्र की संख्या 6200 से अधिक हो गई है, और वर्तमान में 700 जिले इस योजना के तहत आते हैं....वित्त वर्ष 2019-20 में कुल बिक्री Rs.383 करोड़ से अधिक हो गई है, जिसके कारण आम नागरिकों की कुल लगभग 2200 करोड़ की बचत हुई क्योंकि ये दवाएं औसत बाजार मूल्य का 50 से 90% तक सस्ती हैं...
योजना के लाभ
- इस योजना के माध्यम से स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार के स्रोत भी बढ़ रहे हैं.
- ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक , प्रति स्टोर औसत बिक्री 1.50 लाख रुपये (ओटीसी और अन्य उत्पादों सहित) प्रति स्टोर हो गई है.
- सभी PMBJP केंद्रों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली, गुवाहाटी, बैंगलोर और चेन्नई में चार प्रमुख स्टोर खोले गए हैं.
- इन दुकानों में सस्ती गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है.
- जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में बहुत सस्ती होती हैं. कई दवाएं 90 प्रतिशत तक पैसा बचाती हैं. जेनेरिक दवाओं की औसत कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 40-60 प्रतिशत कम है.
4.
उत्तराखंड राज्य में स्थायी राजधानी को लेकर पिछले 20 सालों से विवाद रहे...यूँ तो देहरादून इस राज्य की राजधानी है लेकिन अस्थायी राजधानी के रूप में...गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग नई नहीं है.....राज्य आंदोलन के दौरान भी गैरसैंण को ही राजधानी बनाने की मांग थी....ऐसे में इसको लेकर कई प्रदर्शन हुए...और अब साल 2020 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश किया....जिसमे चमोली जिले के गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने का ऐलान कर दिया गया......और ये कहा कि यह राज्य आंदोलन के शहीदों, मातृशक्ति, नौजवानों और आंदोलनकारियों को सर्मिपत है..... जहाँ प्राकृतिक रूप से खूबसूरत गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के ऐलान पर यहां के लोगों में खुशी है....वहीँ गैर्सैंड पर्वतीय क्षेत्र की विकास योजनाओं को गति मिलेगी...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 04 मार्च 2020 को उत्तराखंड के बजट सत्र के दौरान एक बड़ी घोषणा की. ....मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया....वहीँ इस बता की भी सूजना दी की जल्द ही इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा.....ऐसे में लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच मुख्यामंत्री ने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया....गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से विकास कार्यों को और भी गति मिलेगी....
भाजपा ने साल 2017 में अपने घोषणापत्र में गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का वादा किया था...भाजपा सरकार प्रदेश में तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. सरकार ने इससे पहले ही यह एतिहासिक फैसला लिया है.... पहली बार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग साठ के दशक में उठी थी.....इस मांग को उठाने वाले पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे....राज्य आंदोलनकारियों और उत्तराखंड क्रांति दल ने समय-समय पर इसकी मांग के लिए आंदोलन तेज किया....उनका अलग राज्य गठन का ये संघर्ष 09 नवंबर 2000 को खत्म हुआ और उत्तराखंड को राज्य का दर्जा मिला....अलग राज्य बनने के बाद गैरसैंण की धरती पर भी राजधानी के लिए कई आंदोलन शुरू हुए और समय के साथ इसकी मांग भी तेज होने लगी थी...जहाँ उत्तराखंड क्रांति दल ने साल 1992(बयानवे) में गैरसैंण को उत्तराखंड की औपचारिक राजधानी तक घोषित कर दिया था.,,बताते चले की राज्य सरकार ने 2015-16 में गैरसैंण को नगर पंचायत का दर्जा दिया ...
5.
संविधान के अनुच्छेद बयासी के मुताबिक़ सरकार लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण के लिए हर दस साल में परिसीमन आयोग का गठन करती है....आपको बता दें....परिसीमन आयोग को भारतीय सीमा आयोग भी कहा जाता है.....परिसीमन से जुड़ा ताज़ा मामला जम्मू कश्मीर से जुड़ा हुआ है....पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को खत्म कर, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था....अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख में नए सिरे से सीटों का बंटवारा होगा यानी परिसीमन किया जाएगा....इसी के साथ केन्द्र सरकार ने पूर्वोत्तर के चार राज्यों में भी परिसीमन की मंज़ूरी दे दी है...आईये इस रिपोर्ट के जरिये समझने की कोशिश करते है...परिसीमन आयोग और इससे जुडी बातों को....
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की लोकसभा और विधान सभा सीटों का परिसीमन किया जायेगा । इसके साथ ही पूर्वोत्तर स्थित 4 राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश मणिपुर और नागालैंड के लोकसभा और विधानसभा का भी परिसीमन किया जायेगा....इन राज्यों में परिसीमन के मद्देनज़र परिसीमन आयोग का गठन कर दिया गया है । सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को परिसीमन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है । रंजना देसाई 1 साल के लिए या अगले आदेश तक अध्यक्ष नियुक्त किया जायेगा । इसमें से जो भी पहले हो उसी से उनका कार्यकाल निर्धारित होगा । कानून मंत्रालय की और से जारी अधिसूचना के मुताबिक़ चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और जम्मू कश्मीर और चार पूर्वोत्तर राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों को परिसीमन आयोग का पड़ें सदस्य बनाया गया है....परिसीमन अधिनियम 2002 की धरा 3 के तहत निहित शक्तियों के तहत ही केंद्र सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन किया है । परिसीमन आयोग जम्मू कश्मीर पुनर्गठन आयोग 2019 के प्रावधानों के तहत जम्मू कश्मीर में लोक सभा और विधान सभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा । पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को ख़तम कर राज्य को २ केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बाँट दिया था । इसके बाद 31 अक्टूबर 2019 से जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए थे....जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून की धरा 60 के तहत जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में विधान सभा सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 115 की जाएगी । इससे पहले जम्मू कश्मीर राज्य की विधान सभा में 111 सीटें थीं इनमे से 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर में पड़ती हैं बाकी बची 87 (सत्तासी) सीटों में से 46 (छियालीस)सीटें कश्मीर घाटी 37 (सैंतीस) सीटें जम्मू और 4 सीटें लद्दाख में पड़ती थीं....लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मौजूदा जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में फिलहाल 83(तिरासी) विधान सभा सीटें ऐसी बचेंगी जिन पर चुनाव होते है ।परिसीमन के बाद पाक अधिकृत कश्मीर की 24 सीटें छोड़कर अब 90 सीटें बचेंगी । जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया 1 साल में पूरी होने की उम्मीद है....राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू कश्मीर में लोक सभा की 5 सीटें हैं और लद्दाख में 1 सीट है । जम्मू कश्मीर में आखिरी बार परिसीमन 1995(पिचानवे) में हुआ था....
क्यों पडी 4 पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन की ज़रुरत
आखिरी बार परिसीमन अधिनियम 2002 के तहत एक परिसीमन आयोग बनाया गया था । इसका मकसद 2001 की जनगणना के आधार पर लोक सभा और राज्य विधानसभा सीटों का परिसीमन किया जाना था लेकिन असम मणिपुर नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में उस वक़्त परिसीमन नहीं हो पाया था । इस साल केंद्र ने 28 फरवरी को सुरक्षा सम्बन्दी मामलों के मद्देनज़र असम नागालैंड मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में परिसीमन की स्थापना की पहली की अधिसूचना को रद्द कर दिया था । अधिसूचना के रद्द होने के बाद इन राज्यों में परिसीमन का रास्ता साफ़ हुआ...
6.
हाल ही में एक अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की और से ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020’ नामक एक रिपोर्ट जारी की गई....जिसमे भारत की स्थिति कुछ ख़ास अच्छी नही है....क्या है वो कारण जिनकी वजह से भारत को इस सूचि में तिरासी वां स्थान मिला है...आईये जानते है....
हाल ही में एक अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ की और से ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020’ नामक एक रिपोर्ट जारी की गई....जहाँ इस रिपोर्ट के तहत 195 देशों में वर्ष 2019 के दौरान स्वतंत्रता की स्थिति का मूल्यांकन किया गया....वहीँ इस रिपोर्ट में भारत की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई है.....आपको बता दें रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है जिनमें राजनीतिक अधिकार (0–40 अंक) और नागरिक स्वतंत्रता (0–60 अंक) शामिल हैं.....जहाँ इस रिपोर्ट में फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन को 100 में से 100 अंक मिले हैं वहीँ भारत को 83वां स्थान दिया गया है....
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 में भारत की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार द्वारा कश्मीर में लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है....जिसके पीछे कई सारे फैसले है...
फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020 रिपोर्ट में भारत
- इस रिपोर्ट में भारत में सरकार द्वारा कश्मीर में लगाये गये विभिन्न प्रतिबंधों का हवाला दिया गया है.
- इस रिपोर्ट में भारत को तिमोर-लेस्ते और सेनेगल के साथ 83वें (तिरासी) स्थान पर रखा गया है.
- ‘स्वतंत्र’ वर्ग के रूप में वर्गीकृत देशों में केवल ट्यूनीशिया को भारत से कम स्कोर प्राप्त हुआ है।
- भारत का स्थान इस वर्ष विश्व के 25 सबसे बड़े लोकतंत्रों के स्कोर में सबसे कम है. इस वर्ष भारत का स्कोर चार अंक गिरकर 71(इकहतर)हो गया है.
- भारत ने राजनीतिक अधिकार श्रेणी में 40 में से 34 (चौंतीस) अंक हासिल किये हैं, लेकिन नागरिक स्वतंत्रता श्रेणी में इसे 60 में से केवल 37 (सैंतीस) अंक ही मिले हैं.
- आपको बता दें इस रिपोर्ट के पिछले संस्करण में भारत को 75 (पचहत्तर)अंक प्राप्त हुए थे.
क्यूँ भारत की स्थिति रही कमज़ोर ?
इस रिपोर्ट में कश्मीर में हो रहे राजनीतिक उठा-पटक, NPR और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के साथ-साथ विरोध प्रदर्शनों की कार्रवाई आदि को तूल दी गई है और भारत के स्थान को नीचे खिसका दिया गया...
रिपोर्ट में यहाँ तक कह दिया गया कि भारत की राजनीतिक प्रणाली भेदभावपूर्ण है और धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है.
फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020 के अनुसार ने यह भी अनुमान लगाया कि
अगर वर्तमान सरकार इसी तरह से जनता के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार रखेगा तो भारत में
लोकतंत्र लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता है.
इस रिपोर्ट में भारत की तुलना सीधे चीन से कर दी गई....इस रिपोर्ट में कहा गया कि
जिस तरह चीन ने हाल के वर्षों में में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उइगर और अन्य मुस्लिम
समूहों के विरुद्ध दमनात्मक कदम उठाये हैं.....ठीक उसी तरह वर्तमान मोदी सरकार अपनी
हिंदू राष्ट्रवादी नीतियों की आलोचना सह नहीं पाती और इन आरोपों को गलत ठहरा देती
है...
कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन को एक लोकतांत्रिक देश द्वारा लगाया गया सबसे लंबा शटडाउन बताया गया.
इस रिपोर्ट के मुताबिक , भारत में पत्रकारों, शिक्षाविदों आदि को रोजाना जीवन में उत्पीड़न और धमकियों का सामना करना पड़ता है...साथ ही ये भी कहा गया की भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की स्थिति दयनीय है...
फ्रीडम हाउस
फ्रीडम हाउस विश्व-भर में लोकतंत्र के समर्थन और संरक्षण हेतु समर्पित सबसे प्राचीन अमेरिकी संगठन है.
द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतराल अमेरिकी भागीदारी और फासीवाद के विरुद्ध लड़ाई को प्रोत्साहन देने के लिए इसे 1941(इकतालीस) में न्यूयॉर्क में औपचारिक रूप से इसकी स्थापना हुई थी.
यह हाउस राजनीतिक अधिकारों एवं नागरिक स्वतंत्रता पर विश्लेषण करने के साथ-साथ मानव अधिकारों की रक्षा और लोकतांत्रिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए यथासंभव कार्य करती है.
यह अमेरिकी संस्था विश्लेषण, वकालत और कार्रवाई के संयोजन के जरिये स्वतंत्रता हेतु उत्प्रेरक के रूप में काम करती है.
7.
हमारा देश अनेकताओं में एकता का देश है....और इसकी एकता यहाँ के त्योहारों में देखने को मिलती है.....भारत देश को अगर पर्व और त्योहारों का देश कहा जाये तो कुछ कुछ गलत नही होगा....आज हम बात कर रहे है.... अट्टुकल पोंगल महोत्सव की...केरल में मनाये जाने वाले इस त्यौहार की अपनी एक अलग ही छठा है.... अत्तुकल पोंगल पर लोग अट्टुकल देवी की पूजा करते है.....और इस साल ये त्यौहार 9 मार्च से 10 मार्च तक आयोजित किया गया.....आईये जानते है..इस खुबसूरत त्यौहार और इसके इतिहास के बारे में....
साल में एक बार होने वाला अट्टुकल पोंगल महोत्सव जिसे बड़ा महिलाओं का धार्मिक समागम माना जाता है....दरसल में ये पोंगल महोत्सव अट्टुकल भगवती मंदिर में 10 दिनों तक चलने वाला आयोजन है .....ये त्यौहार देवी की कथा की संगीतमयी प्रस्तुति के साथ शुरू होता है जिसे कण्णकी चरितं के नाम से जाना जाता है.....देवी की कथा में कोडुन्ङल्लूर भगवती और पाण्ड्य राजा के वध की कथा का ज़िक्र है...यह त्यौहार पाण्ड्य राजा के वध के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है .....देवी द्वारा पाण्ड्य राजा के वध की घटना को मंदिर में नगान्डों की आवाज़ और भक्तों द्वारा वैकुरावा की आवाज़ के साथ देवी पर चढ़ाई जाने वाले प्रसाद के बनाये जाने के साथ शुरू होता है .....पोंगल का मतलब होता है उबालना...पोंगल के दौरान महिलाएं पायसम बनाती हैं....पायसम एक तरह की खीर होती है जिसे चावल , गुड़ , नारियल को मिलकर बनाया जाता है.....इस पायसम को देवी भगवती को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है ।पोंगल को आमतौर पर मिट्टी के बर्तनों में तैयार किया जाता है....
आट्टुकुल भगवती मंदिर
यह मंदिर देवी भगवती को सम्पर्पित है । इसे महिलाओं के सबरीमाला के तौर पर भी जाना जाता है...इस मंदिर में हर साल अट्टुकल पोंगल महोत्सव के मौके पर बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं का ताँता लगता है .... अट्टुकल देवी मंदिर और इसके ख़ास त्यौहार आट्टुकुल पोंगल का नाम साल में सबसे बड़े महिलाओं के जमावड़े के कारण गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज़ है...23 फरवरी 1997(सत्तानवे) को तकरीबन 15 लाख महिलाओं ने यहाँ पोंगल चढ़ाया था जबकि 10 मार्च 2009 को यह संख्या 25 लाख पहुँच गयी थी ...मंदिर के निर्माण में केरल और तमिल वास्तुकलाओं का प्रयोग किया गया है ....मंदिर के मुख्य भवन में देवी काली , देवी पार्वती भगवान् शिव देवी राजराजेश्वरी और अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं ...
केरल वास्तुकला
केरल की वास्तुकला से निर्मित भवनों में दक्षिण भारत के पूर्वी तट पर स्थित वास्तुकला से तनिक भिन्नता है । यह भिन्नता खासकर मंदिर संरचना और इसकी ऊँचाई को लेकर है ।ये भिन्नताएं यहाँ की जलवायु स्थितियों और यहाँ की मान्यताओं और संस्कृति के कारण मंदिर में प्रयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री को लेकर है ...केरल के मंदिरों की सबसे ख़ास बात यहाँ पर निर्माण में इस्तेमाल किये गए लकड़ी पत्थर और धातुओं के प्रयोग के कारण है....केरल में पाए जाने वाले जंगलों की वजह से यहाँ के मंदिरों में लकड़ी का इस्तेमाल व्यापक तौर पर किया गया है । मंदिरों की नीव आम तौर पर ग्रेनाइट और लेटराइट का इस्तेमाल कर बनाई गयी है ...मांडेयरों को आम तौर पर एक मंजिला दो मंजिला या तीन मंजिला बनाया जाता है । मंदिर के शिखर की संरचना इस बात पर निर्भर करती है की इसका गर्भगृह किस तरह का बनाया गया है...शिखर की नुकीली संरचना को लकड़ी से बनाया जाता है और इसे ताम्बे की प्लाटों से ढक दिया जाता है ताकि अंदर के भाग को मूसलाधार बारिश से बचाया जा सके....
तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...
फटाफट न्यूज़ (India Roundup):
1. खनिज कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 संसद में हुआ पारित
संसद ने 12 मार्च 2020 को खनिज कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने 12 मार्च 2020 को इस विधेयक को पारित किया, जबकि लोकसभा 06 मार्च 2020 को इसे पारित कर चुकी है। इससे कोयला और खनन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।इससे अब देश-विदेश की सभी कंपनियों को भारत में कोयले के खनन के साथ अंतिम उपयोग की शर्त के बिना कोयले की नीलामी में भाग लेने का हक मिल गया है।
2. दिल्ली सरकार ने घोषित किया कोरोना वायरस को महामारी
दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस (Corona virus) को देखते हुए 31 मार्च तक दिल्ली के सभी स्कूल, कॉलेज और सिनेमा हॉल बंद कर दिए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिन स्कूल और कॉलेजों में परीक्षाएं नहीं चल रही हैं, उन्हें 31 मार्च तक के लिए बंद किया जा रहा है…दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को रोकने के लिए इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने हेतु दिल्ली सरकार पूरी तैयारी कर रही है।
3. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020: लेह में आयोजित होगा
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम इस बार 21 जून को लद्दाख की राजधानी लेह में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसकी जानकारी आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने दी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त कई अन्य गणमान्य लोग भी शामिल होंगे..यह कार्यक्रम अद्वितीय और अलग होगा क्योंकि योग के लिए इतनी बड़ी संख्या में पहली बार लेह जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर इसका आयोजन होगा। इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।योग दिवस प्रत्येक साल 21 जून को देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है। पिछले साल, योग दिवस कार्यक्रम रांची में आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में भाग लिया था। विश्वभर में 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था।
4. Yes Bank के ग्राहकों को झटका, अब खाते से नहीं निकाल पाएंगे 50 हजार रुपये से ज्यादा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 05 मार्च 2020 को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अतिरिक्त बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है..आरबीआई ने इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी हैं। बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गयी है।यस बैंक ने जो कर्ज बांटा था उसमें अधिकांश डूब गए हैं, बैंक इसी समस्या से जूझ रहा है। बैंक चाहता है कि नई पूंजी जुटाई जाए लेकिन इस काम में उसे समस्या आ रही है।
5. विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कोरोनोवायरस के प्रभाव से निपटने हेतु लांच किया COVID एक्शन प्लेटफॉर्म
विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कोरोनोवायरस के प्रभाव से निपटने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से ‘COVID एक्शन प्लेटफॉर्म’ लॉन्च किया है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य निजी क्षेत्र की सहायता से कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिये कार्य करना है। इस प्लेटफॉर्म का प्रमुख कार्य आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत बनाना है ताकि आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण और दवाएँ समय पर उपलब्ध हो सकें। इस प्लेटफॉर्म का निर्माण विश्व भर के 200 कॉर्पोरेट लीडर्स के साथ विचार-विमर्श करके किया गया है। विश्व आर्थिक मंच एक गैर-लाभकारी एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में है।
6. ‘विज्ञान ज्योति’ पहल
8 मार्च, 2020 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान व मूल्यांकन परिषद (TIFAC) ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘विज्ञान ज्योति’ पहल को लॉन्च किया है। ‘विज्ञान ज्योति’ पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को विज्ञान को अपने भविष्य के रूप में चुनने के लिये प्रोत्साहित करना और STEM शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस पहल के तहत चयनित महिलाओं को देश के NITs, IITs और अन्य प्रमुख संस्थानों में आयोजित होने वाले विज्ञान शिविरों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा। STEM का पूर्ण स्वरूप विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (Science, Technology, Engineering, Mathematics) है।
7. हॉकी इंडिया सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को तीसरे हॉकी इंडिया वार्षिक पुरस्कार में वर्ष 2019 के लिये सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जबकि तीन बार के ओलंपियन हरविंदर सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान प्रदान किया गया। मनप्रीत सिंह और रानी रामपाल को इन पुरस्कारों के तहत 25-25 लाख रुपए की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई। हॉकी इंडिया ने रानी रामपाल को वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर 2019 बनने के लिये दस लाख रुपए की राशि भी प्रदान की। जबकि हरविंदर सिंह को 30 लाख रुपए प्रदान किये गए। ध्यातव्य है कि प्रसिद्ध खिलाड़ी हरविंदर सिंह ने अपने कॅरियर में एक ओलंपिक स्वर्ण और दो ओलंपिक कांस्य पदक के अलावा एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक भी जीता है।
8. नारी शक्ति पुरस्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में वर्ष 2019 के लिये नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किये। ये पुरस्कार 15 प्रतिष्ठित महिलाओं को विशेष रूप से असहाय और वंचित महिलाओं के उत्थान की दिशा में किये गए उत्कृष्ट प्रयासों हेतु प्रदान किये गए। नारी शक्ति पुरस्कार 2019 से सम्मानित की जानी वाली कुछ प्रमुख हस्तियाँ इस प्रकार हैं: रश्मि उर्ध्वदेशे (60), ताशी मलिक और नुंग्शी मलिक (28), पडाला भूदेवी (40), कलावती देवी (58), कौशिकी चक्रवर्ती (38), अवनी चतुर्वेदी (26), भवान् कंठ (27), मोहना सिंह जीतवाल (28), भगीरथी अम्मा (105), कारथायिनी अम्मा (98), चामी मुर्मू (47), निलजा वांगमो (40), बीना देवी (43), मान कौर (103), आरिफा जान (33)। नारी शक्ति पुरस्कार महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक पहल है जो व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा समाज में महत्त्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव की दिशा में किये गए असाधारण योगदान को स्वीकारोक्ति देने के रूप में मनाया जाता है।
9. राम वन गमन पथ
मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में ‘’राम वन गमन पथ’’ निर्माण के लिये ट्रस्ट गठित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में ‘राम वन गमन पथ’ निर्माण के लिये ट्रस्ट के गठन को मंज़ूरी मिल गई है। यह मार्ग चित्रकूट से अमरकंटक तक बनेगा जहाँ भगवान राम ने 14 वर्ष के वनवास काल में पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ वन गमन किया था। आधिकारिक सूचना के अनुसार, ट्रस्ट के पदेन सचिव प्रदेश के मुख्य सचिव होंगे। ट्रस्ट में अन्य सदस्य भी शामिल किये जाएंगे किंतु अभी उनकी संख्या तय नहीं की गई है।
10. जम्मू कश्मीर सरकार ने शुरू की स्टूडेंट हेल्थ कार्ड योजना
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 5 मार्च को जम्मू में ‘स्टूडेंट हेल्थ कार्ड’ योजना की शुरुआत की है। इसका उद्घाटन उपराज्यपाल जी।सी। मुरमू ने एक कार्यक्रम में किया। इसका आयोजन शिक्षक दिवस पर जम्मू के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग के मध्याह्न भोजन निदेशालय द्वारा किया गया था। इस योजना के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों की नियमित जाँच सुनिश्चित की जाएगी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य नियमित जाँच के माध्यम से स्कूल के बच्चों और उनके माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार करना है। इससे पहले सरकार ने ज़रूरतमंद स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये कुपोषण को रोकने के उद्देश्य से मिड-डे मील योजना लॉन्च की थी।
11. ‘समावेशी इंटरनेट सूचकांक 2020’ में भारत 46वें स्थान पर रहा
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने हाल ही में ‘समावेशी इंटरनेट सूचकांक 2020’ (Inclusive Internet Index 2020) को अपडेट किया है, इसमें दुनिया के 100 देश शामिल हैं..इस सूचकांक में स्वीडन प्रथम स्थान पर है, इसके बाद न्यूजीलैंड और अमेरिका का स्थान है। इस वर्ष सूची में भारत की रैंक 46 है, पिछले वर्ष भारत का रैंक 47वां था। तत्परता स्तंभ में भारत 12वें स्थान पर है। ‘इंटरनेट तक महिला की पहुंच सुनिश्चित करना’ के स्तंभ में भारत का प्रदर्शन खराब है। भारत, दक्षिण एशियाई देशों में शीर्ष स्थान पर है।
12. संसद ने पारित किया दिवाला और दिवालियापन (संशोधन) बिल
12 मार्च, 2020 को दिवाला और दिवालियापन (संशोधन) बिल, 2020 (Insolvency and Bankruptcy Amendment) संसद में पारित किया गया। पहले इस बिल को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था और अब राज्यसभा द्वारा पारित किया गया है.इन संशोधनों को पहले अध्यादेश के रूप में प्रस्तुत किया गया था। संसद सत्र शुरू होने के बाद अध्यादेश को विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया गया था। और अब इस विधेयक को संसद द्वारा पारित किया जा चुका है।
13. गूगल ने ‘DigiPivot’ कार्यक्रम लांच किया
हाल ही में गूगल इंडिया ने ‘DigiPivot’ को लांच किया, यह महिलाओं के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम उन महिलाओं के लिए है जो एक ब्रेक के बाद अपने कॉर्पोरेट करियर में वापस जाना चाहती हैं। यह कार्यक्रम कैरियर पोर्टल सेवा अवतार और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के सहयोग से तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 200 महिला पेशेवरों को पुनः कौशल प्रदान करने के लिए अवसर प्रदान करना है।
तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।