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Blog / 06 Jun 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (29th May - 4th June 2020)

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(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (29th May - 4th June 2020)



इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  • अमेरिका ने स्थगित किया G-7 स्मम्मेलन....भारत को मिला बैठक में आने का न्योता.....हो सकता है G-10 या G- 11 में तब्दील....
  • पीएमओ ने आरटीआई अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन में मांगी गई सूचना को साझा करने से किया इनकार...कहा PM CARES FUND 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं...
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया चैंपियंस पोर्टल......इस पोर्टल के जरिए छोटे और मझोले उद्योगों की निपटेंगी सारी समस्याएं... करेगा एमएसएमई कारोबारियों को प्रोत्साहित...
  • प्रधानमन्त्री की आध्याक्ष्ता में हुई कबिनेट मीटिंग....पीएम स्वानिधि योजना को शुरू करने की हुई घोषणा...योजना का लाभ रेहड़ी पटरी वालों को मिलेगा....कामकाज में मदद के लिए दिया जाएगा 10,000 रुपये तक का कर्ज..
  • आईटी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के युवानों के लिए किया राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल और 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ' कार्यक्रम का शुभारंभ...कार्यक्रम का उद्देश्य, देश के युवा छात्रों को भविष्य के लिए डिजिटल रूप से तैयार करना..
  • कोविड-19 के खिलाफ जंग में DRDO की एक और उपलब्धि...तैयार किया एक कीटाणुशोधन इकाई....अब इलेक्ट्रॉनिक आइटम, कपड़े, पीपीई सूट को रखकर उन्‍हें वायरस मुक्‍त किया जा सकता है..
  • सरकार ने बढाया कदम...इलेक्ट्रानिक उत्पादों और उसके कलपुर्जे के उत्पादन को अब मिलेगी गति ...करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन नई योजनायें शुरू करने की घोषणा..

खबरें विस्तार से:

1.

जून में होने वाली जी-7 की बैठक को अमेरिका ने सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है... डोनाल्ड ट्रम्प ने इच्छा जताई है कि इस ‘‘पुराने पड़ गए संगठन’’ का विस्तार किया जाए और इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल किया जाए तथा इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाए...

जिसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगली जी-7 समूह की बैठक (G-7 Summit) में शामिल होने का न्योता दिया है.,..प्रधानमंत्री मोदी ने 02 जून 2020 को राष्ट्रपति ट्रंप से टेलीफोन पर बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों पर चिंता भी जताई....

डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 में भारत सहित अन्य महत्वपूर्ण देशों को शामिल करने के लिए.... इसका विस्तार करने की इच्छा जताई. जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने हाल ही में नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताई है...

भारत के G-7 में शामिल होने के फायदे

यदि भारत G-7 का सदस्य बन जाता है तो भारत के लिए इंटरनेशनल ट्रेड के कई रस्ते खुल जायेंगे.ब्रिटेन की अगुआई में एक और संगठन D-10 को बनाने की बात चल रही है. यह एक ऐसा संगठन है जो कि 5G टेक्नोलॉजी के विस्तार पर काम करेगा और इसमें चीन को शामिल नही किया जायेगा.

इसके अलावा इस ग्रुप में इस बात पर भी सहमति बनने की संभावना है कि दुनिया में ज्यादातर चिप, मोबाइल और फार्मास्यूटिकल सामान का निर्माण इन्हीं देशों तक सीमित रखा जाये जिससे चीन को आर्थिक नुकसान पहुँचाया जा सके.

वर्तमान में भारत के प्रधानमन्त्री के पास ऐसे कम ही मौके आते हैं जब वह अमेरिकी राष्ट्रपति सहित विश्व के अन्य नेताओं से मुलाकात कर पाते हैं. अगर G-7 का विस्तार हो जाता है तो भारत के अमेरिका से बहुत ही गहन सम्बन्ध बन जायेंगे जिससे चीन को भारत विरोधी काम करने के पहले एक बार सोचना जरूर पड़ेगा...इस प्रकार स्पष्ट है कि यदि भारत G-7 में शामिल होता है तो बहुत अधिक फायदा भारत को हो सकता है.

पीएम ने 2019 में भी की थी इस बैठक में शिरकत

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले भी साल 2019 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के आमंत्रण पर जी-7 समिट में शिरकत कर चुके हैं. ये समिट साल 2019 में फ्रांस में हुई थी जहां पीएम मोदी विशेष अतिथि के तौर पर इस बैठक में शरीक हुए थे. भारत जी-7 समूह का सदस्य देश नहीं है.

जी-7 सम्मेलन के बारे में

जी-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं. जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए इन देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है.... The group of seven को शोर्ट में G-7 कहा जाता है लेकिन इसकी स्थापना 1975 पचाह्त्र्र में सिर्फ 6 देशों; फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने की थी....

G-6 में 1976 छिहत्तर में कनाडा के शामिल होने के बाद यह G–7 बना और फिर 1998 अठानवे में रूस के शामिल होने पर G– 8 बन गया...लेकिन 2014 में क्रीमिया विवाद के बाद रूस को इससे बाहर कर दिया गया था...

2.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आरटीआई अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन में मांगी गई सूचना को साझा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 2 (एच) के तहत PM CARES FUND 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है...

आरटीआई आवेदन 1 अप्रैल को हर्षा कंदुकुरी द्वारा किया गया था, जो प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (PM CARES FUND) के संविधान के बारे में जानकारी मांग रही थीं..

बेंगलुरु में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में एलएलएम की छात्रा हर्षा ने PM CARES FUND के ट्रस्ट डीड, और इसके निर्माण और संचालन से संबंधित सभी सरकारी आदेशों, अधिसूचनाओं और परिपत्रों की प्रतियां मांगी थी...

RTI के तहत 'पब्लिक अथॉरिटी 'क्या है?

आरटीआई अधिनियम की धारा 2 (एच) के अनुसार, "पब्लिक अथॉरिटी" का मतलब है किसी भी प्राधिकरण या निकाय या स्व-सरकार की संस्था स्थापित या गठित, - (ए) संविधान द्वारा या उसके तहत; (ख) संसद द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून द्वारा; (ग) राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून द्वारा; (डी) उपयुक्त सरकार द्वारा जारी अधिसूचना या आदेश द्वारा...

'सार्वजनिक प्राधिकरण' की परिभाषा में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा स्वामित्व, नियंत्रित या पर्याप्त रूप से वित्तपोषित निकाय और उपयुक्त सरकार द्वारा प्रदान किए गए धन द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित शामिल हैं..

लाइव लॉ से बात करते हुए, हर्षा ने कहा कि वह पीएमओ के इस फैसले के खिलाफ वैधानिक अपील दायर करेंगी। "

PM CARES FUND पर जानकारी देने से इनकार करने का मामला

इससे पहले, 27 अप्रैल को, पीएमओ ने एक विक्रांत तोगड़ द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन में निधि के विवरण को साझा करने से इनकार कर दिया था..

आवेदक ने फंड के संबंध में पीएमओ से 12 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी...

सुप्रीम कोर्ट ने दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) को खारिज कर दिया जिसमें PM CARES के गठन की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि याचिकाएं "गलत" और "एक राजनीतिक रंग होने के रूप में" थीं।

PM CARES FUND

PM CARES फंड 28 मार्च 2020 को किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति जैसे COVID-19 महामारी से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ बनाया गया था...प्रधानमंत्री, PM CARES कोष के पदेन अध्यक्ष और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री, भारत सरकार निधि के पदेन न्यासी होते हैं...

पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरी, 1948 अड़तालीस में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी.....

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है...

इसके अलावा, हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है... यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। समग्र निधि का निवेश अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों तथा अन्य संस्थाओं में विभिन्न रूपों में किया जाता है....

कोष से धनराशि प्रधान मंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है। प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन संसद द्वारा नहीं किया गया है। इस कोष की निधि को आयकर अधिनियम के तहत एक ट्रस्ट के रूप में माना जाता है और इसका प्रबंधन प्रधान मंत्री अथवा विविध नामित अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है।

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को आयकर अधिनियम 1961 इकसठ की धारा 10 और 139 उनतालीस के तहत आयकर रिटर्न भरने से छूट प्राप्त है...प्रधान मंत्री, प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अध्यक्ष हैं और अधिकारी/कर्मचारी अवैतनिक आधार पर इसके संचालन में उनकी सहायता करते हैं...

3.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को चैंपियंस पोर्टल लांच किया....यह पोर्टल “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया है....ऐसा माना जा रहा है...की इस पोर्टल के जरिए छोटे और मझोले उद्योगों की सारी समस्याएं निपटेंगी...यह पोर्टल एमएसएमई कारोबारियों को प्रोत्साहित करेगा.... चैंपियंस पोर्टल को ऑडियो, वीडियो जैसे आईसीटी टूल्स की मदद से बनाया गया है...

क्या है चैंपियंस पोर्टल

दरअसल चैंपियंस का मतलब है- 'Creation and Harmonious Applications of Modern Processes for Increasing the Output and National Strength 'क्रिएशन एंड हार्मोनियस एप्लीकेशन ऑफ मार्डन प्रोसेसेज फॉर इंक्रीजिंग द आउटपुट एंड नेशनल स्ट्रेंथ'...

यह पोर्टल अपने नाम की ही तरह है...छोटे और मझौले उद्योगों (एमएसएमई) की छोटी-छोटी इकाइयों की हर तरह से मदद कर उन्हें चैंपियन बनाएगा...

चैंम्पियन्स पोर्टल को एमएसएमई की इन छोटी इकाइयों के लिए एक तरह का वन स्टॉप साल्यूशन माना जा रहा है..एमएसएमई द्वारा पंजीकृत सभी शिकायतें चाहें वह सरकार के केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) या MSME मंत्रालय के किसी अन्य पोर्टल दर्ज कराई गईं हो, ये सभी शिकायतों इसी चैंपियंस पोर्टल के जरिये हल की जाएंगी. दरअसल, अब MSME मंत्रालय के किसी अन्य पोर्टल में दर्ज में कराई गईं शिकायतें आटोमैटिक चैंपियंस पोर्टल में आ जाएंगी...

देश का पहला पोर्टल

चैंपियंस देश का पहला ऐसा पोर्टल है जिसे भारत सरकार की मुख्य केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली यानी सीपी ग्राम्स से जोड़ा गया है....मतलब अगर देश का कोई भी नागरिक सीपीग्राम्स पर शिकायत करता है तो ये सीधे चैंपियन्स पोर्टल पर आ जाएगी.. पहले ये शिकायत मंत्रालयों को भेजी जाती थी जिसे मंत्रालय के सिस्टम पर कापी किया जाता था..लेकिन इसके लॉन्च होने से शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा सकेगा.. इन शिकायतों को मंत्रालय राज्य और जिले के हिसाब से भेजेगा...मंत्रालय के अधीन आने वाली शाखाओं / ब्यूरो / कार्यालय प्रमुखों के पास ये शिकायतें आएंगी और ये अधिकारी उद्यमियों की समस्याओं को तीन दिन के भीतर देखेंगे. इतना ही नहीं सात दिन में इसका समाधान भी करना अनिवार्य किया गया है...

इस वक़्त फाइनेंस, कच्चे माल और लेबर समेत अन्य तरह की समस्याएं पैदा हो रही है....पोर्टल चैंपियंस की मदद से इन समस्याओं का समाधान होगा....इसके अलावा इस पोर्टल का उद्देश्य पीपीई, मास्क जैसे चिकित्सा उपकरणों और सहायक उपकरण का निर्माण कर उनकी नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट्स में आपूर्ति करना शामिल है....

देशभर में बनाए गए चैंपियंस कंट्रोल रूम

उद्यमियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मंत्रालय ने देश भर के एमएसएमई डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स में ''चैंपियंस कंट्रोल रूम'' स्थापित किए हैं. ये छोटे व्यवसायों की मदद करेंगे. फिलहाल देशभर में 66 राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम काम कर रहे हैं.

4.

covid 19 महामारी के कारण देशव्यापी lockdown की स्थिति है...जिसकी वजह से देश की अर्थवयवस्था बुरी तरह प्रभावित हुआ है.... इस लड़खड़ाई अर्थवयवस्था से सबसे ज्यादा असर रेहड़ी- पटरी पर काम करने वालों पर हुआ है.....

इसी के तहत केंद्र सरकार ने रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों के लिए खास योजना को मंजूरी दी है. सरकार ने 01 जून 2020 को कैबिनेट की मीटिंग के बाद पीएम स्वानिधि योजना शुरू करने का घोषणा किया है. लॉकडाउन के कारण रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

पीएम स्वानिधि योजना का लाभ रेहड़ी पटरी वालों और छोटी मोटी दुकान लगाकर आजीविका चलाने वालों को मिलेगा. इस योजना के तहत सरकार इन लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए मदद करेगी. इन्हें इसके तहत कामकाज में मदद के लिए 10,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा.

योजना का उद्देश्य

पीएम स्वानिधि योजना का मकसद रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है. यह कारोबार को शुरू करने में मदद करेगा. यह लोन बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाएगा. इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी.

इस योजना से शहरी इलाकों के ऐसे 50 लाख से अधिक कारोबारियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है जो इस साल 24 मार्च से पहले यही कार्य करते थे. इस योजना की अवधि मार्च-2022 तक की है. पहली बार अर्द्धशहरी या ग्रामीण इलाकों के स्‍ट्रीट वेंडर्स को शहरी आजीविका कार्यक्रम के तहत लाया गया है..

इस तरह के कारोबारी दस हजार रूपये तक का कार्यशील पूंजी-ऋण ले सकते हैं जिसे एक साल के भीतर किस्‍तों में चुकता करना होगा. कर्ज का समय पर या उससे पहले भुगतान करने पर सात फीसदी वार्षिक की दर से ब्‍याज सब्सिडी दी जाएगी जिसे प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण योजना के तहत छमाही आधार पर कर्ज लेने वाले के बैंक खाते में जमा करा दिया जाएगा

मंत्रालय ने कहा कि यदि कर्जदार, किस्‍तों का भुगतान समय पर या समय से पहले करता है तो मंत्रालय उनका विश्‍वसनीयता सूचकांक तैयार करेगा जिसके आधार पर वह 20 हजार रूपये या उससे अधिक का सावधि ऋण हासिल करने के लिए पात्र होगा.

इस योजना को लागू करने में शहरी स्‍थानीय निकायों की महत्‍वपूर्ण भूमिका होगी. इस तरह के ऋण अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्‍तीय बैंकों, सहकारी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों, सूक्ष्‍म वित्‍त संस्‍थाओं और स्‍वयं-सहायता समूह बैंकों द्वारा प्रदान किये जाएंगे.

योजना को पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए वेबपोर्टल से युक्‍त डिजिटल प्‍लेटफार्म बनाया गया है जिस पर नियंत्रण के लिए एक मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है. सूचना टेक्‍नोलॉजी पर आधारित इस प्‍लेटफार्म से रेहडी-पटरी और फेरी लगाने वाले कारोबारियों को औपचारिक वित्‍तीय प्रणाली से जोडा जा सकेगा.

5.

हाल ही में श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल और 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ' कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

क्या होता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-AI?

साधारण शब्दों में AI का मतलब है इंसान की सोचने, समझने एवं भावनाओं को मशीनों के अंदर डाल देना। दूसरे शब्दों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक है जिसके तहत मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, निर्णय लेने, समस्या समाधान और सीखने की क्षमता का विकास करना है।

क्या है राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल?

इस पोर्टल को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeitY) और आईटी उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। MeitYका राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन और आईटी उद्योग का नैसकॉम संयुक्त रूप से मिलकर इस पोर्टल को चलाएगा। यह पोर्टल भारत में एआई से संबंधित विकास के लिए एक स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। भारत में एआई से संबंधित लेखों, स्टार्ट-अप, एआई में निवेश फंडों, संसाधनों, कंपनियों और शैक्षिक संस्थानों जैसे संसाधनों को साझा करेगा। इसके द्वारा पोर्टल पर दस्तावेजों, केस स्टडी, अनुसंधान रिपोर्ट आदि को भी साझा किया जाएगा। इसमें एआई से संबंधित शिक्षा और नई नौकरी की भूमिकाओं के बारे में एक संभाग भी होगा।

क्या है 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ'?

इस कार्यक्रम का उद्देश्य, देश के युवा छात्रों को एक मंच प्रदान करना और उन्हें नए युग के तकनीकी मांइड-सेट, प्रासंगिक एआई कौशल-सेट और आवश्यक एआई टूल-सेट तक पहुंच प्रदान करने के साथ-साथ सशक्त बनाना है जिससे उन्हें भविष्य के लिए डिजिटल रूप से तैयार किया जा सके। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन,MeitYद्वारा इंटेल इंडिया के सहयोग से, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएंडएल), मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समर्थन से शुरू किया गया है। डीओएसईएंडएल राज्य शिक्षा विभागों को पात्रता मानदंडों के अनुसार शिक्षकों को मनोनीत करने में मदद करेगा। 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ', युवाओं को एआई के लिए तैयार होने और उनके कौशल-गैप को कम करने में मदद करके युवाओं को सशक्त बनाएगा, जबकि युवाओं को सार्थक रूप से प्रभावी सामाजिक समाधान बनने के लिए सक्षम बनाएगा। यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के छात्रों को पूरे देश तक पहुंच बनाने और उन्हें समावेशी रूप से कुशल कार्यबल का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने के लिए बनाया गया है....

6.

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने अल्ट्रा स्वच्छ नामक एक कीटाणुशोधन इकाई विकसित की। इस इकाई का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक आइटम, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, कपड़े, पीपीई सूट, रखकर उन्‍हें वायरस मुक्‍त किया जा सकता है. इन यूनिट का इस्‍तेमाल कई सरकारी कार्यालयों में भी हो रहा है.

यह यूनिट आइटमों को कीटाणुरहित करने के लिए ओजोनेटेड स्पेस टेक्नोलॉजी नामक एक उन्नत ऑक्सीडेटिव प्रक्रिया का उपयोग करती है। इस डिवाइस में ओजोन सीलेंट टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया गया है...

अल्ट्रा स्वच्छ यूनिट में एक उत्प्रेरक कनवर्टर होता है जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। इसमें कई सुरक्षा विशेषताएं भी हैं जैसे कि डोर इंटरलॉक, आपातकालीन शट डाउन, विलंब चक्र, दोहरे दरवाजे, रिसाव मॉनिटर आदि...

यह प्रणाली औद्योगिक, व्यक्तिगत, व्यवसायों और पर्यावरण सुरक्षा के अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करती है..

निस्संक्रामक (DISINFECTANT) के रूप में ओजोन

ओजोन एक ऑक्सीकरण यौगिक है जो तेजी से कार्बनिक पदार्थों, मैंगनीज, लोहा आदि का ऑक्सीकरण या OXIDATION करता है। ओजोन अत्यधिक अस्थिर है और 15 से 20 सेकंड के भीतर ऑक्सीजन बनाने के लिए ऑक्सीकरण करती है। ओजोन की इस संपत्ति का उपयोग कीटाणुशोधन में किया जाता है..

डीआरडीओ इससे पहले भी कई ऐसे उत्‍पाद बना चुका है, जिनके इस्‍तेमाल से कोरोना वायरस को वस्‍तुओं पर खत्‍म करके उन्‍हें डिसइंफेक्‍ट किया जा सकता है. डीआरडीओ ने इससे पहले यूवी ब्‍लास्‍टर नाम से एक टावर बनाया था. उसे कमरे में रखकर उसके अंदर से वायरस को खत्‍म किया जा सकता है..

7.

सरकार ने मोबाइल फोन उत्पादन में दुनिया का शीर्ष देश बनाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक उत्पादों एवं उसके कलपुर्जे के उत्पादन को गति देने के उद्देश्य से आज करीब 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीन नई योजनायें शुरू करने की घोषणा की है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए तीन नई योजनाओं की शुरुआत की....यह योजनायें हैं : उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना, क्लस्टर स्कीम (EMC 2.0) और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (SPECS)...मार्च 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इन योजनाओं को मंजूरी दी गई थी...

इस योजनाओं से निवेश आकर्षित करने की उम्मीद है..इससे 2025 तक मोबाइल फोन और उनके पुर्जों के विनिर्माण को लगभग 10 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने की उम्मीद है...साथ ही, यह योजनायें 5 लाख प्रत्यक्ष और 15 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करने में मदद करेगी...

उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना

यह योजना भारत में निर्मित माल को 4% से 6% की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी।

SPECS

Scheme for Promotion of Manufacturing of Electronic Components and Semiconductors (SPECS) पूंजीगत व्यय पर 25% की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। यह कुछ विशिष्ट सूचियों जैसे कि सेमीकंडक्टर उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों, प्रदर्शन निर्माण इकाइयों आदि तक विस्तारित की गयी है।

ईएमसी 2.0

संशोधित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC 2.0) विश्व स्तर के बुनियादी ढांचे को बनाने में सहायता करेगा। यह योजना वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं और उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को आकर्षित करने में मदद करेगी।

वर्तमान परिदृश्य

भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है। आज देश में 200 से अधिक मोबाइल विनिर्माण इकाइयाँ हैं। 2014 में, देश का विनिर्माण मूल्य 1,90,366 करोड़ रुपये था,...आज यह बढ़कर 4,58,000 अट्ठावन करोड़ रुपये हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक हिस्सेदारी 2012 में 1.3% से बढ़कर 2018 में 3% हो गई है।

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. सार्वजनिक खरीद आदेश

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने हाल ही में मेक इन इंडिया पहल को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए सार्वजनिक खरीद आदेश को संशोधित किया... DPIIT ने वर्ष 2020-21 के लिए स्थानीय सामग्री की न्यूनतम 60% खरीद, वर्ष 2021-23 के लिए 70% और वर्ष 2023-25 के लिए 80% निर्धारित की है। यह रसायन और पेट्रोकेमिकल पर लागू होता है। DPIIT ने 55 रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स की पहचान की है जो 5 लाख रुपये से अधिक की खरीद के लिए बोली लगाने के योग्य हैं.. गोरतलब हो की आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत, भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया....आवंटित किए गए फंड का उपयोग एमएसएमई, कृषि, मनरेगा, मत्स्य पालन, स्ट्रीट वेंडर, डेयरी क्षेत्र आदि में किया जा रहा है। यह फंड देश की जीडीपी का 10% है। 10% योगदान संयुक्त राष्ट्र में कई देशों और सदस्यों की बैठक द्वारा तय किया गया था..

2. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन

3 जून, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन किए हैं। संशोधन के तहत, किसानों के लिए नियामक वातावरण को उदार बनाया गया है.. यह अध्यादेश किसानों को एग्रीगेटर, प्रोसेसर, निर्यातक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ जुड़ने की अनुमति देगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन के तहत, कृषि उत्पादों जैसे दाल, अनाज, प्याज, आयलसीड और आलू को डीरेगुलेट कर दिया गया है.. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषणा की थी कि एक केंद्रीय कानून बनाया जाएगा जो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाध्य नहीं करेगा। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि कानून किसानों को केवल कृषि उपज मंडी समिति की मंडियों में लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों को अपनी उपज बेचने के लिए बाध्य नहीं करेगा...

3. "रियल-टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट (RTM)

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर "रियल-टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट (RTM)" को लॉन्च किया गया है, जो 01 जून 2020 से प्रभावी होगा...केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) ने हाल ही में लॉन्च किए गए रियल-टाइम मार्केट पावर से मार्केट को गतिशील बनाने की परिकल्पना की है.. आरटीएम बिजली के बाजार को आधे घंटे की नीलामी के माध्यम से व्यापार को सक्षम करके गतिशील बनाएगा, जिसमे प्रति दिन 48 नीलामी सत्र आयोजित किए जाएंगे.. यह विचलन ढांचे पर निर्भरता कम करने और भारी जुर्माने से बचाने के लिए बिजली उपयोगिताओं की सुविधा प्रदान करेगा....यह ग्रिड ऑपरेटरों को ग्रिड की समग्र बचाव और सुरक्षा में सुधार करने में सहायता करेगा....यह उपयोगिताओं और सिस्टम ऑपरेटरों को एक प्रभावी तरीके से हरित ऊर्जा का पूर्वानुमान और शिड्यूल करने में मदद करेगा...यह बिजली जनरेटर को अपनी निर्विवाद क्षमता को बेचने में सक्षम बनाएगा, जिससे पीढ़ी क्षमता का कुशल उपयोग सुनिश्चित होगा.

4. सड़कों के सुधार के लिए ऋण

हाल ही में 'एशियाई विकास बैंक' और भारत ने महाराष्ट्र में सड़कों के सुधार के लिये 177 सतहत्तर मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किये.. एशियाई विकास बैंक द्वारा प्रदत इस ऋण की मदद से महाराष्ट्र के 2 प्रमुख ज़िलों की सड़कों, 450 किलोमीटर के 11 राज्यमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, अंतर्राष्ट्रीय सड़कों, बंदरगाह, हवाई अड्डे, ज़िला मुख्यालय, औद्योगिक क्षेत्र और कृषि क्षेत्र की सड़कों में सुधार किया जाएगा....राज्य के प्रमुख शहरों और कस्बों तक बेहतर आवागमन का विस्तार करना जिससे विकास और आजीविका के अवसर में वृद्धि हो सके. उल्लेखनीय है कि ऐसे उपाय लोगों की आय में असमानता को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं.

5. खेलो इंडिया सामुदायिक कोच विकास कार्यक्रम

केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने देश भर के 15,000 शारीरिक शिक्षा अध्यापकों और प्रशिक्षकों के लिये 01 जून 2020 को 25 दिवसीय खेलो इंडिया सामुदायिक प्रशिक्षक विकास कार्यक्रम का उदघाटन किया. .. यह कार्यक्रम पूरे देश में सामुदायिक प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के लिए 25 दिनों का कार्यक्रम है। स्कूलों में शारीरिक शिक्षा को अधिक महत्व देने के लिए कार्यक्रम शुरू किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय दोनों इस कार्यक्रम को हर स्कूल तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे... इस कार्यक्रम में 21 खेलों को शामिल किया गया हैं. इनमें ऐथलेटिक्स, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, साइकिलिंग, तलवारबाजी, फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हॉकी, जूडो, कयाकिंग एवं कैनोइंग, कबड्डी, पैरा खेल, रोइंग, निशानेबाजी, ताइक्वांडो, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती और वुशु शामिल हैं...

6. C-TAP COVID-19 टेक्नोलॉजी एक्सेस पूल

कोस्टा रिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने C-TAP को लॉन्च किया है..C-TAP COVID-19 टेक्नोलॉजी एक्सेस पूल है... C-TAP वैश्विक समुदाय के लिए सूचना, वैज्ञानिक ज्ञान और बौद्धिक संपदा के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा। लगभग 30 देशों, संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों ने C-TAP का समर्थन करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। यह एक पहल है जिसका उद्देश्य टीकों, परीक्षणों, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों और उपचारों को बनाना है.. यह पहल कोस्टा रिका के राष्ट्रपति कार्लोस अल्वाराडो द्वारा प्रस्तावित की गयी थी। यह पहल दवाओं, टीकों और अन्य तकनीकों की खोज में तेजी लाने में मदद करेगी जो COVID-19 का उपचार करने में मदद करेगी...इस पूल के पांच मुख्य तत्वों में शामिल हैं : जीन अनुक्रमों और डाटा का सार्वजनिक प्रकटीकरण सरकारें और अन्य फंडर जो दवा कंपनियों के साथ समझौते करने के लिए प्रोत्साहित की जाती हैं संभावित टीके की लाइसेंसिंग नैदानिक उपचार और अन्य स्वास्थ्य प्रौद्योगिकिया अभिनव मॉडल को बढ़ावा देना

7. तेलंगाना पहली गांठ

तेलंगाना में 2 जून को स्थापना दिवस की पहली वर्षगांठ उत्साह के साथ मनाया गया... देश के 29वें उनतीस राज्य के रूप में दो जून 2014 को तेलंगाना का गठन हुआ था..इससे पहले तेलंगाना के 10 जिले आंध्र प्रदेश का हिस्सा थे... 29 नवंबर 2009 को चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में टीआरएस ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करते हुए तेलंगाना के गठन की मांग की. केंद्र सरकार पर बढ़ते दबाव के चलते 3 फरवरी 2010 को पूर्व न्यायाधीश श्रीकृष्ण के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया. समिति ने 30 दिसंबर 2010 को अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी. आखिरकार तेलंगाना में भारी विरोध और चुनावी दबाव के चलते 3 अक्टूबर 2013 को यूपीए सरकार ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी दे दी. 2 जून, 2014 को तेलंगाना देश का 29वां उनत्तीस राज्य बना और चंद्रशेखर राव ने इसके पहले मुख्यठमंत्री के तौर पर शपथ ली.....

8. हिंदी पत्रकारिता दिवस

30 मई को मनाया गया हिंदी पत्रकारिता दिवस हिंदी पत्रकारिता दिवस प्रतिवर्ष 30 मई को मनाया जाता है. इसी तिथि को पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 1826 ई. में प्रथम हिन्दी समाचार पत्र 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन आरम्भ किया था. भारत में पत्रकारिता की शुरुआत पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने ही की थी. हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत बंगाल से हुई थी, जिसका श्रेय राजा राममोहन राय को दिया जाता है...

9. जल जीवन मिशन

केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए छत्तीसगढ़ के लिए जल जीवन मिशन के तहत 445 करोड़ रुपये मंजूर किए केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए छत्तीसगढ़ के लिए जल जीवन मिशन के तहत 445 पैंतालिस करोड़ रुपये मंजूर किए. साल 2023-24 तक छत्तीसगढ़ राज्य के सभी घरों में नल का जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए इस फण्ड का उपयोग किया जाएगा. सरकार के अनुसार राज्य में 45 पैंतालिस लाख घर हैं. इनमें से 20 लाख परिवारों को इस मिशन के तहत नल का जल कनेक्शन प्रदान किया गया है.

10. फफूंद पाउडर (Fungal Powder)

हाल ही में असम के ‘बोडोलैंड विश्वविद्यालय’ के शोधकर्त्ताओं द्वारा एक फफूंद पाउडर (Fungal Powder) तैयार किया है जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है... इस पाउडर को एक दुर्लभ परजीवी कवक जिसे ‘सुपर मशरूम’ के नाम से जाना जाता है से प्राप्त किया गया. इस ‘सुपर मशरूम’ को ‘कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस’ (Cordyceps militaris) के नाम से जाना जाता है. ‘सुपर मशरूम’ को -800C तापमान पर हिमशुष्कन प्रक्रिया द्वारा इस फफूंद पाउडर को प्राप्त किया गया.

11. विश्व दुग्ध दिवस

1 जून को मनाया जाता है विश्व दुग्ध दिवस हर साल 1 जून को विश्व दूग्ध दिवस (World Milk Day) मनाया जाता है. बहुत सारे देशों के सहभागिता से पूरे विश्व में 2001 में पहली बार विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था. विश्व दुग्ध दिवस का उद्देश्य मानव जीवन में दूध और दुग्ध उत्पादों के महत्व के बारे में लोगों में जागरुक करना है. दूध से आपकी सेहत को मिलने वाले फायदों के बारे में आम जनता की जागरुकता बढ़ाने के लिये विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है.

12. किसान क्रेडिट कार्ड अभियान

2 जून, 2020 को भारत सरकार ने डेयरी किसानों की मदद के लिए किसान क्रेडिट कार्ड अभियान लांच किया गया....जिसमे लगभग डेढ़ करोड़ डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जायेंगे.. इस योजना के तहत, भारत सरकार उन किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करेगी जो दूध उत्पादक कंपनियों से जुड़े हैं। पशुपालन विभाग ने संबंधित परिपत्रों को आगे बढ़ा दिया है। भारत में दुग्ध संघ से जुड़े करीब 1.7 करोड़ किसान हैं। वे डेयरी सहकारी आंदोलन के तहत पंजीकृत थे... इस अभियान के पहले चरण में, वे किसान जो डेयरी सहकारी समितियों के सदस्य हैं और जो दुग्ध संघों से जुड़े हैं, उन्हें कवर किया जायेगा। जिन किसानों के पास भूमि स्वामित्व के आधार पर पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड हैं, उनकी ऋण सीमा को बढ़ाया जायेगा... किसान क्रेडिट कार्ड अभियान डेढ़ करोड़ डेयरी किसानों को केसीसी कार्ड प्रदान करेगा, यह आत्म निर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है। यह योजना उन किसानों को भी 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता प्रदान करेगी जो COVID-19 आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं...

13. निसर्ग चक्रवात

हाल ही में निसर्ग चक्रवाती तूफान के वजह से महाराष्ट्र एवं गुजरात में अलर्ट जारी किया गया मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई...मुंबई और गुजरात के ज्यादातर इलाकों में रेड अलर्ट जारी..निसर्ग तूफान मुंबई में अलीबाग के तट से टकराया.. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टकराया....मौसम विभाग के मुताबिक, बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराया.इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र में ही कमज़ोर पड़ गया था.

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।