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Blog / 06 Mar 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (28th February - 5th March 2020)

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(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (28th February - 5th March 2020)



इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  • IMAC बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की 32 परियोजनाओं को मंजूरी…योजना का उद्देश्य मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का विस्तार करना…
  • सरकार ने पीएम किसान योजना में किये बड़े बदलाव.....अब योग्य लाभार्थियों का पता लगाने के लिए होगा फिजिकल वैरिफिकेशन....
  • कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में सरकार की पहल....सुपोषित माँ अभियान का हुआ शुभारंभ....गर्भवती महिला और आने वाले बच्चे का रखा जाएगा ख़ासा ख्याल....
  • पूरे विश्व में मनाया गया ZERO DESCRIMINATION DAY 2020....उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता फैलाना....
  • उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया गया.... सामाजिक अधिकारिता शिविर.... वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग जनों को सहायता एवं सहायक उपकरण वितरित किए गये....
  • बजट 2020 के दुसरे चरण में पेश किया गया....विवाद से विशवास स्कीम बिल, टैक्सपेयर्स के झंझटों को खत्म करने में होगी सरलता...
  • इन्टरनेट users को सरकार की और से बड़ी सौगात....अब हवाई यात्रा के दौरान भी कर सकते है इन्टरनेट का प्रयोग...उड़ान के दौरान यात्रियों को मिलेगी wifi की सुविधा...

खबरें विस्तार से:

1.

हाल ही में Ministry of Food Processing Industries की अध्यक्षता में , ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया...ये कार्यक्रम अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति या Inter-Ministerial Approval Committee द्वारा किया गया.....जहाँ 32 परियोजनाओं कप मंजूरी डे डी गयी है....जो देश के 17 राज्यों में होंगी...ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की समस्या से निपटा जा सकता है..और काफी हद्द तक इसे कम किया जा सकता है...

केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठक हुई....जहाँ प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की मंजूरी दी गई है...ये 32 परियोजनायें देश के 17 राज्यों में होंगी....

परियोजना का फोकस

परियोजनाओं का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और लगभग 15000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करना है...इस योजना का उद्देश्य मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का आधुनिकीकरण या विस्तार, और मूल्य वर्धन करना है साथ ही उनकी संरक्षण क्षमताओं को बढ़ाकर कृषि उपज की बर्बादी को रोकना है...

आईये नज़र डालते है इससे संबंधित मुख्य तथ्य

  • केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. नई परियोजनाएं 406 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 17 राज्यों को कवर करेंगी.
  • इन परियोजनाओं के तहत लगभग पंद्रह हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
  • आधुनिक प्रसंस्करण तकनीकों से कृषि उपज को ज्यादा दिन सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय किसानों को उपभोक्ताओं से जोड़ने में खाद्य प्रसंस्करण की अहम भूमिका है.
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग अर्थव्यवस्था की दिशा में बेहतर योगदान हेतु किसानों, सरकार और बेरोजगार युवाओं के बीच कड़ी का काम कर सकता है.

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की शुरुआत अगस्‍त 2017 में की गई थी....यह योजना पूरी तरह से कृषि केंद्रित योजना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्‍य कृषि का आधुनिकीकरण करना और कृषि बर्बादी को कम करना है. इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 14वें वित्‍त आयोग चक्र की सह-समाप्ति के साथ वर्ष 2016-20 तक की अवधि हेतु 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन से एक नई केंद्रीय क्षेत्र स्‍कीम-प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना का अनुमोदन दिया है....

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का मुख्य उद्देश्‍य मार्डन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की सहायता से कृषि में विकास को लेकर सही मैनेजमेंट और बुनियादी ढ़ाचे का निर्माण करना है. इसके द्वारा कोई कृषि संबंधी चीज समय पर उत्‍पादक यानी की किसान के पास पहुंच जाएगी. किसानों को उनके उपज हेतु बेहतर मूल्य मिलेगा, इससे ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे….

2.

वहीँ PM किसान योजना को लेकर सरकार ने कुछ बदलाव भी किये है...ये बदलाव किसानो के लिए काफी फायेदेमंद है...क्यूंकि अब लाभार्थियों की पात्रता का पता लगाने के लिए PYSICAL VERIFICATION किया जाएगा...इसमें 5 फीसदी किसानों को शामिल किया गया है....प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का पैसा सही हाथों में जाए इसके लिए ये बदलाव होने जरुरी भी है....क्यूंकि ऐसी बड़ी योजनाओं में गड़बड़ी का होना कोई नई बात नही है...

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का पैसा किसानों तक पहुंचे इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस योजना में बड़े बदलाव किए हैं...अब लाभार्थियों की पात्रता का पता लगाने के लिए अब 5 फीसदी किसानों का भौतिक सत्यापन यानि फिजिकल वेरीफिकेशन किया जाएगा....कृषि मंत्रालय की और से ये कहा गया है कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में वेरीफिकेशन की प्रक्रिया होगी.....इसके लिए जिला स्तर पर एक सिस्टम बनाया जाएगा....मंत्रालय चाहता है कि राज्यों में इस स्कीम के नोडल अधिकारी नियमित रूप से वेरीफिकेशन की प्रक्रिया की निगरानी करें.....अगर जरुरत समझी जाए तो एजेंसी भी इस काम में शामिल हो सकती है....केवल उन्हीं लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा जिन्होंने लाभ प्राप्त किया है....

कौन इस योजना के लिए पात्र है और कौन नहीं...?

1.25 लाख लोगों से वापस लिए गए 6000 रुपये - सूत्रों का कहना है कि अगर कोई अपात्र व्यक्ति लाभ ले लेता है तो उससे सरकार पैसा वापस लेगी....सूत्रों की मानें तो अब तक करीब सवा लाख लोगों के खाते में जमा कराई गई रकम सरकार ने वापस ले ली है.....

अब जानते है की वैरिफिकेशन कैसे होगा- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में संसद को बताया कि लाभार्थियों के डेटा के आधार वेरिफिकेशन को भी जरुरी कर दिया गया है....अगर संबंधित एजेंसी को प्राप्त डिटेल्स में आधार से समानता नहीं मिलती है, तो संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को उन लाभार्थियों की जानकारी में सुधार या बदलाव करना होगा....तोमर ने बताया कि इस तरह मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित करता है कि स्कीम के तहत फायदा लाभार्थियों को राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से प्रमाणित होने के बाद ही मिले.

किसान होने पर भी किसे नहीं मिलेगा इस स्कीम का फायदा

मोदी सरकार ने सभी किसानों के लिए पीएम-किसान स्कीम लागू कर भले ही कर दी है लेकिन कुछ लोगों के लिए तो शर्तें लगाई ही गईं हैं.... जिन लोगों के लिए कंडीशन लागू है वो अगर गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं तो आधार वेरीफिकेशन में पता चल जाएगा....

आपको बता दें सभी 14.5 करोड़ किसान परिवार इसके लिए पात्र हैं....जहाँ पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को एक इकाई माना जाएगा.,,वहीँ जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वो ही इसके हकदार होंगे......एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों....अगर इन्होंने आवेदन किया है तो पैसा नहीं आएगा.....मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को लाभ नहीं मिलेगा....पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा.....इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से वंचित रखने का प्रावधान है...अगर किसी आयकर देने वाले ने स्कीम की दो किश्त ले भी ली है तो वो तीसरी बार में पकड़ा जाएगा...

सही मायने में कहा जाए तो PM सम्मान निधि स्कीम में किये ये बदलाव ज़रूरत मंद किसानो के हीत में....

3.

हमारा देश आज एक ऐसी चुनोती से लड़ रहा है...जिसका सीधा सीधा असर आने वाले भविष्य पर पड़ेगा....हम बात कर रहे है...कुपोषण की....आज जरुरत है की सरकार इस विषय पर गंभीरता से सोचे ताकि देश को कुपोषण से मुक्ति के लक्ष्य को पाने में मदद मिल सके.....और इसी कड़ी में सरकार कदम बढ़ा भी चुकी है....सुपोषित माँ अभियान की शुरुवात करके...आखिर माँ के स्वस्थ्य पर ही आने वाले बच्चे का स्वस्थ्य जीवन निर्भर करता है....आपको बता दें कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में इस अभियान की शुरुवात कोटा, राजस्थान से की गई...चलिए जानते है इस अभियान के बारे में....

देश में कुपोषण के बढ़ते दर को रोकने और इससे लड़ने के लिए...सरकार अपनी और से कई अभियान चलाती है....और इसी कड़ी में कुपोषण मुक्त भारत बनाने कि दिशा में 1 मार्च 2020 को एक अभियानकी शुरुवात की गयी....राजस्थान के कोटा, बूंदी संसदीय क्षेत्र मे....आपको बता दें इस अभियान की शुरुवात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास विभाग की केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी द्वारा भामाशाह मंडी परिसर में की गई...इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान रखना है... इस अभियान को कोटा में लौंच किया गया है..लेकिन ये पुरे भारत को कवर करेगा...

क्या है सुपोषित माँ अभियान

  • सुपोषित माँ अभियान हमारी आनेवाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक अभियान है....इस अभियान की शुरुआत करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि “ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य 130 करोड़ भारतीयों के सपनों को पूरा करने के लिए एक जन आंदोलन बनाया जाना है”
  • इस योजना के तहत, एक साल के लिए, 1000 महिलाओं को 1 महीने के लिए भोजन दिया जाएगा...साथ ही बच्चे की स्वास्थ्य, चिकित्सा जांच, रक्त, दवा, प्रसव सहित अन्य बातों का ध्यान भी रखा जाएगा
  • यह गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण संबंधी सहायता है....अभियान न केवल गर्भवती महिलाओं की देखभाल करेगा, बल्कि नवजात शिशु भी इस योजना का हिस्सा होगा
  • सुपोषित माँ अभियान में एक परिवार की एक गर्भवती महिला शामिल होगी..जहाँ9 महीने तक, हर महीने उन्हें पोषण किट दी जाएगी....ये पोषण किट 17 किलो की होगी, जिसमे गेहूं, चना, मक्का और बाजरा का आटा, गुड़, दलिया, दाल, बड़ी सोयाबीन, घी, मूंगफली, भुने हुए चने, खजूर और चावल शामिल होंगे...

माँ और आने वाले बच्चे के स्वस्थ्य जीवन के लिए ये पहल बेहद लाभकारी है...और इस अभियान का सुचारू रूप से चलने बेहद जरुरी...ऐसे में हम कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को जल्द ही प्राप्त कर सकते है....

4.

आज समाज जाति, धर्म, लिंग, अमीरी-गरीबी, रंग, भाषा आदि के रूप में अलग अलग वर्गों में बंट गया है....ऐसे में ZERO DESCRIMINATION DAY जिसे शून्य भेदभाव दिवस भी कहा जाता है...या ऐसे दुसरे दिवस जो सबको जोड़ने का काम करते हैं.....जो उस धागे की तरह है जो बिखरे हुए मोतियों को एक धागे में पिरोने का काम करते हैं....मनाना जरुरी है ....महिलाओं और लड़कियों के साथ भेदभाव दुनिया भर में किसी न किसी रूप में किया जा रहा है......इसमें कुछ ऐसे कानून भी शामिल जो महिलाओं के यौन और प्रजनन अधिकारों को सीमित करते हैं, लोगों को उनके लिंग पहचान के लिए अपराधीकरण करते हैं...ऐसे में इनसे भी लड़ने की ज़रूरत है....न सिर्फ कानून बल्कि हम और आप भी मिलकर इन भेद-भावों को रोक सकते है...

ZERO DESCRIMINATION DAY या शून्य भेदभाव दिवस ये दिवस हर साल 1 मार्च को पूरी दुनिया में (UNAIDS) द्वारा मनाया जाता है... UNAIDS जो एक गैर-सरकारी संगठन है....आपको बता दें इसकी स्थापना 26 जुलाई 1994 (चौरानवे)में हुई थी...ZERO DESCRIMINATION DAY या शून्य भेदभाव दिवस...,जिसका मुख्य उद्देश्य उन जगहों पर ध्यान केंद्रित करना है.....जहाँ महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे भेदभाव को रोकने की ज़रूरत है...ख़ास टूर पर .हर कोई उम्र, लिंग, जातीयता, त्वचा का रंग, ऊंचाई, वजन इत्यादि की परवाह किए बिना गरिमा के साथ जीवन जी सके....यही इस दिवस का उद्देश्य है...आपको बता दें ZERO DESCRIMINATION DAY YA शून्य भेदभाव दिवस का प्रतीक तितली है....इस बार 2020 ZERO DISCRIMINATION DAY भी 1 मार्च को पदुनिया के हर कोने में मनाया गया.....आपको बता दें ZERO DISCRIMINATION DAY या शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत 1 मार्च 2014 को UNAIDS यानि United Nations and Joint United Nations Programme on HIV & AIDS के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई थी.....हालांकि, औपचारिक रूप से इसके मनाया जाने की शुरुआत UNAIDS द्वारा दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर अपने कार्यक्रम के बाद की गई थी.....UNAIDS के मुताबिक इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सजग करने और उन्हें भेदभाव से बचाने के लिए जागरुक करना है....कुछ देशों ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में तारीफ के काबिल विकास किया है........हालांकि, बहुत से देशों में आय, जातिवाद, विकलांगता, लिंग पहचान और नस्ल सहित कारकों के आधार पर महिलाओं और लड़कियों के साथ भेदभाव अभी भी मौजूद है.

शून्य भेदभाव दिवस के दिन का उद्देश्य कानून के सामने सभी को पूरी तरह खुशहाल जीवन जीने का अधिकार देना है....यह दिन शांतिपूर्ण, समावेशी और दयालु समाज के निर्माण की सिफारिश करता है..... UNAIDS के अनुसार, दुनिया भर में हर तीन में से एक महिला को अपने जीवन में किसी न किसी प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ा है.... कुछ देशों में, पिछले 12 महीनों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने अपने खिलाफ हिंसा की घटनाओं की सूचना दी है....इस दिन महिलाओं के अधिकारों, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता फैलाने का काम किया जाता है....

5.

SENIOR CITIZENS की देखभाल करना जितना समाज का दायित्व है उतना ही सरकार का.....और इस बात को समझते हुए....सरकार समय समय पर ऐसी योजनायें लेकर आती है......जो वरिष्ट नागरिकों के लिए लाभकारी है.....इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहर प्रयागराज में अब तक के सबसे बड़े सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया .....इस कार्यक्रम में लाभार्थियों को 56,905 (छप्पन हज़ार) सहायता एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए....साथ ही दिव्यांग जनों को ADIP और वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत यह लाभ दिया गया....

वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांग जनों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिए उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहर प्रयागराज में अब तक के सबसे बड़े सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया…प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।… इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले, रतन लाल कटारिया, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, यूपी सरकार के अन्य मंत्रीगण एवं स्थानीय सांसद व विधायक शामिल रहे....इसके अलावा दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग की सचिव शकुंतला डी. गामलिन, केंद्रीय मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य अधिकारी मौजूद रहे.....इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान 26,874(चौहत्तर) लाभार्थियों को 56,905 (छप्पन हज़ार) सहायता एवं सहायक उपकरण वितरित किए गए.... दिव्यांग जनों को ADIP और वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत यह लाभ दिया गया…इन उपकरणों को पाने वालों में 10,416 दिव्यांग जन और 16,458(अट्ठावन) वरिष्ठ नागरिक थे...प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नए भारत के विकास के लिए यह जरूरी है कि इसमें दिव्यांग युवाओं एवं बच्चों की बराबर की भागीदारी हो। सरकार उन्हें हर क्षेत्र में प्रोत्साहित कर रही है, चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो या सेवा क्षेत्र हो या खेल का मैदान।’.......

सरकार ने दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम को लागू किया

  • दिव्यांग जनों की श्रेणी को 7 से बढ़ाकर 21 किया
  • उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांगजनों का कोटा 3% से बढ़ाकर 5% किया’
  • पिछले पांच साल के दौरान देश में कई इमारतों, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों को दिव्यांग जनों के अनुकूल बनाया गया
  • सुगम्य भारत अभियान से जोड़कर दिव्यांग जनों के अनुकूल बनाया जाएगा...

क्या है राष्ट्रीय वयोश्री योजना

भारत सरकार ने राष्ट्रीय वयोश्री योजना गरीबी रेखा के नीचे आने वाले वृद्धों को यहीं सहारा पहुंचाने के मकसद से शुरू की है....इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले उन वृद्धों को जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं, उन्हें सरकार की तरफ से व्हीलचेयर तथा अन्य सहायक उपकरण दिए जाते है....राष्ट्रीय वयोश्री योजना को वर्ष 2017 में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था...इसकी घोषणा तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015 – 16 के आम बजट के दौरान की थी....."राष्ट्रीय वयोश्री योजना" की शुरुआत आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर में 1 अप्रैल 2017 को की गयी... राष्ट्रीय वयोश्री योजना का मकसद उन गरीब वरिष्ठ नागरिकों की मदद करना है जो किसी न किसी तरह की शारीरिक अक्षमता का शिकार हैं और जिन्हें गुज़र बसर करने के लिए चिकित्सा उपकरणों की जरूरत होती है....लेकिन माली हालत ठीक न होने की वजह से वे इन उपकरणों को बाजार से नहीं खरीद पाते हैं ... सरकार ने ऐसे लोगों की मदद करने के लिए इस योजना की शुरुआत की.....केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिक को मिल सकेगा....राष्ट्रीय वयोश्री योजना का लाभ केवल गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे लोगों को मिलेगा....इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण कराते समय आवेदक के पास बीपीएल कार्ड होना ज़रूरी है......इस योजना का फायदा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग ही ले सकते हैं....इसके लिए पंजीकरण कराने वाले को अपने पैदा होने से संबधित कागजात दिखाने होंगे। जिसमे यह साफ होना चाहिए की अभ्यर्थी की उम्र 60 साल से अधिक है.... इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण जैसे वाकिंग स्टिक ,एल्बो क्रचेस , ट्राइपॉड, क्वाड पॉड, सुनने की मशीन ,व्हील चेयर , आर्टिफिशियल डेन्चर्स और चश्मे मुफ्त में बांटे जाते हैं....इस योजना को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम या ALIMCO के द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा । लाभार्थियों की पहचान चुने गए ज़िलों में वहां की राज्य सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से आंकलन शिविरों के माध्यम से की जाएगी ।इन चुने हुए ज़िलों में इन सहायता उपकरणों को वितरण शिविर के माध्यम से बांटा जाएगा....बता ते चले...80 साल से ऊपर के बुज़ुर्गों के लिए ये उपकरण उनके घर पर उपलब्ध कराये जाएंगे ।

6.

बीते हफ्ते सरकार ने बजट 2020 के दुसरे चरण की शुरुआत की जहाँ सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़े विवादित मामलों के निपटारे के लिए ....एक बिल को पेश किया गया......हम बात कर रहे है डायरेक्ट टैक्स 'विवाद से विश्वास' स्कीम बिल की जिसे लोकसभा में पेश किया गया....आईये आज अपनी रिपोर्ट में हम जानते है विवाद से विश्वास स्कीम बिल के बारे में....

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 फरवरी, 2020 को लोकसभा में 'विवाद से विश्वास' स्कीम बिल पेश किया था....वहीँ 2 मार्च से शुरू हुए बजट सेशन के दूसरे चरण में इसको पेश किया गया.....आपको बता दें इस योजना का एलान 1 फरवरी को किया जा शुका था.....वहीँ बजट सत्र के दुसरे चरण में इस बिल को पेश किया गया.... कई सालों से पेंडिंग पड़े टैक्स के मामलों या tax disputes को खत्म करने और टैक्सपेयर्स के झंझटों को खत्म करने के लिए सरकार ने 'विवाद से विश्वास' योजना शुरू की है....'विवाद से विश्वास' योजना में मामलों को निपटाने में टैक्सपेयर्स को केवल मूल टैक्स ही देना होगा.....उस टैक्स पर लगने वाले ब्याज और जुर्माने को अदा नहीं करना होगा....केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि ‘विवाद से विश्वास’ योजना लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों को निपटाने के लिये एक बेहतर अवसर पेश करती है....उन्होंने लोगों से आगे आकर इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया..... वर्तमान में आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के स्तर पर कुल मिलाकर 4.83 लाख कर विवाद लंबित हैं....

‘विवाद से विश्वास’ स्कीम में ये मामले होंगे शामिल

  • विवादित टैक्स बकाये से जुड़ी रकम का मामला.
  • विवादित ब्याज की रकम से जुड़े बकाये का केस.
  • विवादित पेनाल्टी की रकम से जुड़े बकाये का वाद.
  • री-असेसमेंट से जुड़े विवादित मामले का भी निपटारा.
  • टीडीएस, TCS से जुड़े मामले का भी स्कीम में निपटारा.
  • नोटबंदी की वजह से आए मामलों का भी निपटारा होगा.
  • कमिश्नर अपील, ITAT, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मामले.
  • 31 जनवरी 2020 तक के लंबित मामलों का निपटारा

इन मामलों का निपटारा नहीं

  • अघोषित विदेशी संपत्ति, आय के मामले
  • विदेशों से मिली जानकारी पर दर्ज टैक्स केस
  • बेनामी संपत्ति का केस जिसमें केस दर्ज
  • इनकम टैक्स का मामला जिसमें केस दर्ज
  • PMLA से जुड़ा मामला जिसमें केस दर्ज

ऐसे काम करेगी यह स्कीम

  • इनकम टैक्स डिपार्टमेंट निपटारे पर एक अथॉरिटी बनाएगा.
  • अथॉरिटी के पास टैक्सपेयर को केस का डिक्लेरेशन देना होगा.
  • अथॉरिटी ये बताएगा कि कितनी टैक्स, पेनाल्टी, ब्याज देनदारी.
  • अथॉरिटी के बताए टैक्स, पेनाल्टी, ब्याज की रकम को चैलेंज नहीं.

7.

इंटरनेट आज के दौर में हमारे लिए हवा और पानी से कम अहमियत नहीं रखताहै....इंटरनेट के बगैर आज एक मिनट भी रहना किसी सज़ा से कम नहीं....इसके अलावा बगैर इंटरनेट दुनिया करीब करीब थम सी जाती है कारण कई उद्योग धंदे और सरकारी मशीनरी इंटरनेट पर ही चलते हैं......ऐसे में हवाई यात्रा के दौरान इंटरनेट सेवा आज की जरुरत ज़र्रोरत सी बन गयी है.....और इसी कड़ी में हवाई यात्रा के दौरान इंटरनेट की बढ़ती मांगों को देखते हुए भारत सरकार ने भारत में विमान सेवा कंपनियों को उड़ान के दौरान यात्रियों को वाई फाई सेवा उपलब्ध कराने की मंज़ूरी दे दी है.....तो चलिए जानते है की ये वाई फाई सेवा कैसे काम करती है.....

एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक़ पायलट यात्रियों को उड़ान के दौरान वाई फाई सेवा के इस्तेमाल की इज़ाज़त दे सकता है बशर्ते लैपटॉप, स्मार्टफोन ,टेबलेट, स्मार्ट वाच इ रीडर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस फ्लाइट मोड या एयरप्लेन मोड पर हों....आपको बतादें साल 2018 में दूरसंचार आयोग ने हवाई यात्रा के दौरान वायु यान सेवा प्रदातों को सफर के दौरान वाई फाई के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी थी...

मोटे तौर पर हवाई सेवा के दौरान आम तौर पर वाई फाई सेवा देने में 2 तरह की तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाता है । पहली तरह की तकनीकी में हवाई जहाज़ पर मौजूद ऐन्टेना ज़मीन पर सबसे करीबी टावर से सिग्नल प्राप्त करता है ।ये सिग्नल एक निश्चित ऊँचाई तक बने रहते हैं जब तक की वायुयान किसी बड़े क्षेत्र (जैसे समुद्र इत्यादि से ) से नहीं गुज़रता जहाँ पर टावर की मौजूदगी नहीं होती....नही तो सॅटॅलाइट टीवी की तरह ही ज़मीन पर मौजूद स्टेशनों के ज़रिये उपग्रहों के इस्तेमाल से विमानों में वाई फाई की सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है । डाटा को एक निजी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के ज़रिये विमान पर मौजूद राऊटर में ट्रांसमिट किया जाता है जो इसे जहाज़ पर स्थित एंटीना से जोड़ देता है । इस एंटीना से इन सिग्नलों को उपग्रहों के माध्यम से भूमि पर स्थित स्टेशनों पर प्रसारित किया जाता है ।इसके बाद इसे इंटरसेप्टिंग सर्वर और वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से प्रसारित किया जाता है.....एक बार फ्लाइट मोड सक्रीय हो जाने के बाद विमान में मौजूद ऐन्टेना दूरसंचार सेवा प्रदत्तों के द्वारा स्थलीय इंटरनेट सेवाओं से जुड़ जाता है ।विमान के उड़ान भरने के तकरीबन 4-5 मिनट के बाद जब हवाई जहाज़ 3000 मीटर की ऊंचाई पर होता है तो ये ऐन्टेना उपग्रह आधारित सेवा से जुड़ जाता है । इस तरह यात्रियों को दी जा रही इंटरनेट सेवा में कोई बढ़ा नहीं आती है....हवाई सेवाओं को विमान में एंटेना लगाने के लिए शुरुआती लागत खुद ही वहन करनी होगी । कुछ हवाई सेवाओं ने कहा है की विमान में उपकरण को लगाना ज़्यादा आसान रहेगा । वाई फाई सुविधा को मुहैय्या कराने के लिए आने वाले अतिरिक्त खर्चे को यात्रियों के टिकट के ज़रिये वसूला जायेगा । उपकरण के खर्चे के अलावा ईंधन में आने वाले अतिरिक्त खर्च को भी विमान कंपनियों द्वारा वहां किया जायेगा ।ईंधन में आने वाले ज़्यादा लागत की वजह एंटेना की वजह से विमान पर पड़ने वाला अतिरिक्त बोझ है...दुनिया भर में विमान सेवा देने वाली कंपनियां यात्रियों को विमान में केवल थोड़े वक़्त के लिए मुफ्त इंटरनेट देती है ।कुछ वक़्त के बाद यात्रियों को इंटरनेट की सेवा लेने के लिए शुल्क देना पड़ता है । ज़्यादातर यह सुविधा विमान के बिज़नेस क्लास या प्रथम श्रेणी के विमान यात्रियों के लिए उपलब्ध रहती है । किसी भी सूरत में हवाई यात्रा में मिलने वाली इंटरनेट की सुविधा सस्ती तो नहीं होगी....नई तकनीकी के आने के बावजूद आम तौर पर विमान में वाई फाई के ज़रिये मिलने वाला इंटरनेट धीमा ही होता है ।हालांकि कुछ सालों पहले आयी दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ तकरीबन ३० विमान सेवाएं यात्रा के दौरान वाई फाई की सुविधा दे रही हैं ।

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. ब्रिटेन के साथ भारतीय वायुसेना का शुरू हुआ ‘इन्द्रधनुष युद्धाभ्यास’....

भारतीय वायुसेना और इंग्लैंड की वायुसेना ‘रॉयल एयरफोर्स’ के मध्य ‘इन्द्रधनुष’ नाम से संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है....आपको बता दें भारत की ओर से इसमें सुखोई-30 और ग्लोबमास्टर जैसे विमानों को शामिल किया गया है.....दूसरी ओर, रॉयल एयर फ़ोर्स द्वारा यूरोफाइटर टायफून को शामिल किया गया है...इस दौरान दोनों देशों की वायुसेनाएं युद्ध की स्थिति से निपटने के साथ-साथ क्षमता विकास और आपसी तालमेल पर भी काम करेंगी....

2. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दी ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ की स्थापना को मंज़ूरी......

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ की स्थापना का प्रस्ताव सर्वप्रथम अपने बजट भाषण के दौरान रखा था....राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन को चार साल की अवधि (2020-21 से 2023-24 तक) में कार्यान्वित किया जाएगा....आपको बता दें इसकी अनुमानित लागत 1,480 करोड़ रुपये है....इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को तकनीकी वस्त्र के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करना है....बताते चले की तकनीकी वस्त्रों का उपयोग कृषि, वैज्ञानिक शोध, चिकित्सा, सैन्य क्षेत्र, उद्योग तथा खेलकूद के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर होता है.

3. प्रधानमंत्री मोदी और म्यांमार के राष्ट्रपति मिंत के बीच हुए सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर समझौते...

प्रधानमंत्री मोदी और म्यांमार के राष्ट्रपति मिंत ने हैदराबाद हाउस में वार्ता की जिसके साथ ही दोनों देशों के बीच 10 करार किये गये.....अधिकतर समझौतों में म्यांमार में खासकर संघर्ष प्रभावित रखाइन प्रांत में भारत की सहायता के तहत चल रही विकास परियोजनाओं पर ध्यान दिया गया है....साथ ही इन समझौतों में ‘मानव तस्करी की रोकथाम हेतु सहयोग पर भी बात हुई....तस्करी पीड़ितों को बचाने, खोजने, वापसी और पुन: मुख्यधारा में शामिल करने’ पर एक एमओयू भी शामिल है....

4. आंध्र प्रदेश सरकार की गरीब छात्रों के लिए सौगात ....‘जगन्ना वसाठी दीवेना’ योजना को किया शुरू ....

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी द्वारा कॉलेज और डिग्री स्तर पर पढ़ रहे गरीब छात्रों के लिए जगन्ना वसाठी दीवेना’ योजना शुरू की गयी हिया....इसके तहत छात्रों को न केवल पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी बल्कि उनकी कैंटीन और हॉस्टल के खर्च का भी भार सरकार ही उठाये गी...इस योजना में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और डिग्री स्तर पर पढ़ने वाले छात्र शामिल होंगे....

5. जावेद अशरफ होंगे फ्रांस में भारत का अगला राजदूत...दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को देखते हुए यह लिया गया ये फैसला...

जावेद अशरफ, को फ्रांस में भारत के अगले राजदूत नियुक्त किया गया....जावेद 1991(इक्यानवे) बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं....इस उत्तरदायित्व से पूर्व जावेद सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त थे....आपको बता दें जावेद अशरफ विनय मोहन क्वात्रा की जगह लें रहे है....सरकार द्वारा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. ..वहीँ विनय मोहन क्वात्रा को नेपाल में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया है.

6. मनाई गयी पूर्व प्रधानमन्त्री मोरारजी देसाई की जयंती.....प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डी श्रधांजलि....

29 फ़रवरी 1896(छियानवे) को जन्मे मोरारजी देसाई ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लिया था इस दौरान वे तीन बार जेल गये थे....1931(इकत्तीस) में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बने और 1937(सैंतीस) तक गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रहे.....उन्होंने 24 मार्च 1977(सतहत्तर) को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी...बताते चले मोरारजी देसाई का 10 अप्रैल 1995(पचानवे) को निधन हुआ था...

7. 01 मार्च को मनाया गया सिविल एकाउंट्स डे...समारोह में 15वें वित्त आयोग के सदस्यों ने लिया भाग...

भारत में हर साल 01 मार्च को नागरिक लेखा दिवस या सिविल एकाउंट्स डे मनाया जाता है....इस साल 2020 में 44वां( चौवालिस वां) नागरिक लेखा दिवस मनाया गया.....इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रमुख लेखा कार्यालयों और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पीएओ/जेडएओ (सीबीडीटी) इकाई को सिविल लेखा सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए....इस समारोह में 15वें वित्त आयोग के सदस्यी डॉ. अशोक लाहिड़ी और सेवानिवृत्त नियंत्रक महालेखाकारों और भारतीय सिविल सेवा लेखा अधिकारियों ने भाग लिया....

8. भारत सरकार ने राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया…

2 मार्च 2020 को राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को इको-सेंसिटिव ज़ोन घोषित कर दिया गया.....यह अभ्यारण्य या santury, प्राकृतिक रूप से रहने वाले घड़ियालों का आवास है...75% घड़ियाल इस अभ्यारण्य में रहते हैं....इस अभ्यारण्य में प्रवासी पक्षियों की 180 प्रजातियाँ और ताजे पानी की गंगा डॉल्फिन भी पायी जाती हैं....इको सेंसिटिव ज़ोन घोषित होने के कारण रिसॉर्ट्स, होटल या अन्य आवासीय और औद्योगिक गतिविधियों के निर्माण पर रोक होती है….इको-सेंसिटिव जोन एक संरक्षित क्षेत्र हैं जो “शॉक एब्जॉर्बर” के रूप में कार्य करते हैं... वे ट्रांजीशन ज़ोन के रूप में भी कार्य करते हैं...इन पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का नियंत्रण होता है। ज़ोन को विनियमित करने के लिए कोई अधिनियम नहीं हैं। हालांकि, इन क्षेत्रों को मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार विनियमित किया जाता है....

9. दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए “EKAM Fest” का आयोजन किया गया

2 मार्च से शुरू किया गया....जिसमे 80 से अधिक दिव्यांग उद्यमियों और कारीगरों ने भाग लिया...यह इवेंट दिव्यांग समुदाय के ज्ञान और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित है।....यह आयोजन NHFDC (नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) द्वारा आयोजित किया गया....NHFDC ने दिव्यांगों के लिए NHFDC स्वावलंबन केंद्र (NSK) की पहल भी शुरू की है.. इसकी स्थापना 1997 (सत्तानवे) में की गयी थी। यह दिव्यांगों और विकलांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है.... NHFDC सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत कार्य करता है। वर्तमान में यह विशेष माइक्रोफाइनेंस योजना को लागू कर रहा है...बता ते चले EKAM Fest 8 मार्च 2020 तक किया जाएगा....

10. केरल में लांच की गई भारत की पहली कमर्शियल LNG बस

भारत की पहली कमर्शियल लिक्विफाइड कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (LNG) बस, जिसे पेट्रोनेट द्वारा विकसित किया गया था, हाल ही में केरल के कोच्चि शहर में लॉन्च की गई....यह बस एक ही फिलिंग में 900 किमी तक का सफर तय करने की क्षमता रखती है...पेट्रोनेट ने देश में 28 एलएनजी वितरण केंद्र खोलने तथा केरल में चार एनएनजी स्टेशन खोलने की योजना बनाई है....एलएनजी , डीजल की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल और लागत कुशल है...

इस बस में 180 किलोग्राम का क्रायोजेनिक टैंक है....बता ते चले सीएनजी की कीमत 57(सत्तावन) रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि LNG की कीमत 40-45 रुपये प्रति किलोग्राम है...

11. महाराष्ट्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्शा देने के लिए पर्स्ताव किया पारित...

गौरतलब हो की भारत में छह भाषाओं अर्थात् तमिल, तेलुगु, संस्कृत, कन्नड़, मलयालम और ओडिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है...वहीँ हाल ही में, महाराष्ट्र की विधानपालिका के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र से मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा देने के लिए अनुरोध किया गया है...आपको बतादें शास्त्रीय घोषित की गई भाषाओं के अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित किये जाते हैं और उनके विद्वानों के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाते हैं..आपको बतादें मराठी भाषा का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या लगभग 83(तिरासी) मिलियन है.....यह दुनिया की 10वीं सबसे अधिक बोली जाने वाले भाषा है....यह महाराष्ट्र, गोवा, दादरा व नगर हवेली और दमन व दिउ की आधिकारिक भाषा है...

12. ओडिशा को स्टील हब बनाने के लिए भारत और जापान आये साथ

28 फरवरी, 2020 को केंद्रीय इस्पात मंत्री ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की और से आयोजित एक कार्यशाला में घोषणा की “ कि भारत सरकार ओडिशा को स्टील हब के रूप में विकसित करेगी।...और इस काम के लिए जापान की सरकार से मदद ली जायेगी।....आपको बतादें ओडिशा को स्टील हब बनाने का कारण उसकी रणनीतिक स्थान, कच्चे माल की उपलब्धता और मजबूत कनेक्टिविटी है....वहीँ कलिंग नगर को मिशन पूर्वोदय के केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा।,,,,इस मिशन के कार्यान्वयन के साथ 75% से अधिक स्टील पूर्वी भारत में उत्पादित किया जाएगा, इसमें केवल ओडिशा का वार्षिक योगदान 100 मीट्रिक टन से अधिक होगा....बता दें की मिशन पूर्वोदय को जनवरी, 2020 में लांच किया गया था..जिसका उद्देश्य पूर्वी भारत को एक एकीकृत स्टील हब के रूप में विकसित करना है....इस मिशन का उद्देश्य रोजगार के अवसर पैदा करना तथा स्टील सेक्टर के विकास को भी बढ़ावा देना है...राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत 2030 तक 300 मीट्रिक टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है...

13. पुरे विश्व में मनाया गया विश्व वन्यजीव दिवस....उद्देश्य दुनिया के वन्य जीवों, वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना....

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 03 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था.... जहाँ तीन मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था...वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था...आपको बता दें प्रत्येक साल 3 मार्च को पूरे विश्व के सभी देशों के साथ इस दिन भारत में भी वन्य जीवों हेतु जागरूकता फैलाई जाती है और प्रकृति और मानव के संबंधों को दर्शाया जाता है...

14. 1 मार्च, 2020 को महाराष्ट्र के पुणे में विस्फोटक डिटेक्शन (National Workshop on Explosive Detection-2020) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया…इस कार्यशाला का आयोजन पुणे के हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL) की ओर से किया गया... पुणे HEMRL, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रमुख प्रयोगशाला है.....इस कार्यशाला में "RaIDer-X" नामक एक नए विस्फोटक का पता लगाने वाले उपकरण का भी अनावरण किया गया....इस कार्यशाला में विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, सेना, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, राज्य पुलिस, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग जगत तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया.....आपको बता दें राल्डर-एक्स में विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता है....यह कुछ ही दूरी पर विस्फोटक का पता लगाने में भी सक्षम है। यह डिवाइस नशीले पदार्थों और दुसरे तत्वों का पता लगाने में सक्षम है जो गैर-विस्फोटक प्रकृति के हैं...बतातेन चलें विस्फोटक डिटेक्शन का निरीक्षण करना बहुत जरुरी होता है...विशेष रूप से बंदरगाहों, हवाई अड्डों और सीमाओं पर....विस्फोटक पहचान की दो मुख्य श्रेणियां हैं – बल्क डिटेक्शन और ट्रेस डिटेक्शन....

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।