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Blog / 02 Aug 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (24th July - 30th July 2020)

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इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  1. भारतीय वायुसेना की शक्ति में हुई बढ़ोतरी....भारतीय वायुसेना के हुए राफेल लड़ाकू विमान.. वाटर सैल्यूट के साथ किया गया...
  2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 को दी मंजूरी...उद्देश्य देश भर के स्कूलों में सभी स्तरों के छात्रों को सार्वभौमिक शिक्षा सुनिश्चित करना....साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया...
  3. डिजिटल शिक्षा पर जारी की गयी भारत रिपोर्ट-2020...दूरस्थ शिक्षा और सभी के लिए शिक्षा की सुविधा के लिए सरकार की ओर से की की गई विभिन्न पहलों की जानकारी है मौजूद...
  4. 29 जुलाई को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस... WWF के अनुसार दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में मौजूद....बाघों के संरक्षण को लेकर भारत अब दुनिया के दूसरे देशों की करेगा मदद...
  5. केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में बढ़ाया एक और कदम....पांच राज्यों में लागू किया जाएगा GREEN AG परियोजना....कृषि से होने वाले उत्सर्जन को कम करना है उद्देश्य....
  6. पूरे भारत में लगभग 60 हज़ार घरों का पूरा होगा निर्माण कार्य... SWAMIH निधि के अंतर्गत अब तक 81 परियोजनाओं को मिली मंजूरी.....
  7. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने जारी की वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट 2020.... पिछले एक दशक में वन क्षेत्रों में वृद्धि करने वाले शीर्ष 10 देशों में भारत को तीसरा स्थान मिला है....
  8. फ्रांस में बनाया जा रहा है International Thermo nuclear Fusion Experimental Reactor... भविष्य में वैश्विक ऊर्जा स्रोत के तौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन के इस्तेमाल पर मिलेगा जवाब..भारत की अहम भूमिका...इस प्रोजेक्ट से भारत की 200 कंपनियां और 107 वैज्ञानिक जुड़े हुए हैं...

खबरें विस्तार से:

1.

REPORT 1- 27 जुलाई, 2020 को राफेल जेट के पहले बैच ने फ्रांस से उड़ान भरी और भारतीय वायु सीमा में 29 जुलाई 2020 को पांच लड़ाकू राफेल विमान दाखिल गये....राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस में सुरक्षित लैंड किया....जहाँ विमानों का एयरबेस पर उतरने के बाद वाटर सैल्‍यूट देकर स्‍वागत किया गया. इस मौके पर वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद हैं. ...

पाकिस्‍तान और चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच इन फाइटर जेट का भारत के लिए रवाना होना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है...

इन विमानों को घातक हथियारों, राडार, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और आत्म सुरक्षा सूट से लैस किया जायेगा। इन विमानों को माइका हथियार प्रणाली से लैस किया जायेगा। उन्हें 13 भारत विशिष्ट संवर्द्धन प्रदान किए जाने हैं। इसमें इजरायली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार संवर्द्धन, उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों से कोल्ड स्टार्ट क्षमता, निम्न बैंड जैमर, अवरक्त खोज और ट्रैकिंग प्रणाली और उड़ान डेटा रिकॉर्डिंग शामिल हैं।

आपको बता दें 2016 में भारत सरकार ने फ्रेंच कंपनी दसॉल्ट एविएशन को 36 राफेल जेट का ऑर्डर दिया था। यह सौदा 59,000 करोड़ रुपये में हुआ था। पहले सेट के आने के साथ, बाकी 31 जेट्स को 2021 तक पहुंचाया जाना है।अनुबंध के एक भाग के रूप में, भारतीय पायलटों को दसॉल्ट द्वारा हथियार प्रणाली और विमान पर पूरा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 12 भारतीय पायलटों को प्रशिक्षित किया गया।

राफेल जेट के बारे में

जेट अधिकतम 2,222.6 किमी / घंटा की गति प्राप्त कर सकते हैं। यह 50,000 फीट तक चढ़ सकता है। यह मध्य हवा में ईंधन भर सकता है। राफेल 9,500 किलोग्राम वजन उठा सकते हैं। राफेल से जुड़ी तोप एक मिनट में 2,500 राउंड फायर कर सकती है। साथ ही, यह परमाणु हथियार, लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और लेजर गाइडेड बम ले जा सकता है।

बता दें कि, भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान की डील हुई है. इसमें से अभी सिर्फ पांच विमान की डिलीवरी भारत को दी जा रही है. अबतक वायुसेना के 12 लड़ाकू पायलटों ने फ्रांस में राफेल लड़ाकू जेट पर अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है....वायुसेना ने राफेल के रखरखाव और तैनाती के लिए दोनों स्टेशनों पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

2.

REPORT 2- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है जिसका उद्देश्य देश भर के स्कूलों में सभी स्तरों के छात्रों को सार्वभौमिक शिक्षा सुनिश्चित करना है... इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है...

एक नज़र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मुख्य विशेषताओं पर

यह सभी स्तरों पर स्कूली शिक्षा, सार्वभौमिक सहायता, नवीन शिक्षा केंद्रों को मुख्यधारा में वापस लाने, छात्रों की ट्रैकिंग और उनके सीखने के स्तर आदि के लिए सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी...

नई शिक्षा नीति में 10+2 के प्रारूप को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है....10 + 2 स्कूल पाठ्यक्रम को क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के अनुसार 5 + 3 + 3 + 4 पाठयक्रम संरचना द्वारा रखा जाएगा... यह स्कूल के पाठ्यक्रम के दायरे में 3-6 वर्ष के आयु वर्ग को लाने जा रहा है...

बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा NCERT द्वारा 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। इस ढांचे को प्रशिक्षित शिक्षकों और श्रमिकों के साथ आंगनवाड़ियों और प्री-स्कूलों के माध्यम से वितरित किया जाएगा

नेशनल मिशन ऑन फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी की स्थापना मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की जाएगी और राज्य 2025 तक ग्रेड 3 से सभी शिक्षार्थियों के लिए सभी प्राथमिक स्कूलों में सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्राप्त करने के लिए एक कार्यान्वयन योजना तैयार करेंगे...एक राष्ट्रीय पुस्तक संवर्धन नीति भी बनाई जाएगी....

स्कूली पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र नए युग के कौशल से लैस करके शिक्षार्थियों के समग्र विकास का लक्ष्य रखेगा...व्यावसायिक शिक्षा 6वीं कक्षा से शुरू होगी और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी।

स्कूल शिक्षा 2020-21 के लिए एक नया और विस्तृत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा भी NCERT द्वारा विकसित किया जाएगा...राष्ट्रीय शिक्षा नीति कम से कम ग्रेड 5 तक मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा के वितरण पर केंद्रित है...

मूल्यांकन मानदंड को योगात्मक मूल्यांकन से नियमित और औपचारिक मूल्यांकन में बदलना होगा जो योग्यता पर आधारित होगा...मूल्यांकन के उद्देश्य के लिए एक नया राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, PARAKH (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण के लिए ज्ञान) निर्धारित किया जाएगा।

समान और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में जेंडर इंक्लूजन फंड और विशेष शिक्षा क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे...हर राज्य / जिले में कला-संबंधी, करियर-संबंधी और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए बाल भवन को स्थापित किया जाएगा

शिक्षकों के लिए एक राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक 2022 तक NCERT द्वारा विकसित किया जाएगा ताकि शिक्षक भर्ती उसके आधार पर की जा सके और शिक्षकों के लिए भी मजबूत कैरियर मार्ग का प्रबंध किया जा सके।

डिजीटल रूप से विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों से अर्जित अकादमिक क्रेडिट को संग्रहीत करने के लिए एक एकेडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना की जाएगी ताकि इन्हें अंतिम डिग्री की ओर स्थानांतरित और गिना जा सके।

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा के लिए अनुसंधान क्षमता के निर्माण के लिए एक सर्वोच्च निकाय के रूप में बनाया जाएगा।

भारत का उच्चतर शिक्षा आयोग चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर पूरे उच्च शिक्षा के लिए एक एकल निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा....विद्यालयों में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग का विस्तार किया जाएगा जबकि देश में ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशों का एक व्यापक सेट प्रदान किया गया है।

शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए एक स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम बनाया जाएगा।

3.

REPORT 3- केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने डिजिटल शिक्षा पर भारत रिपोर्ट-2020 जारी की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों द्वारा घर पर बच्चों के लिए सुलभ और समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने और उनके सीखने के क्रम में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अपनाए गए अभिनव तरीकों की विस्तृत व्याख्या करती है।

रिपोर्ट को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों के परामर्श से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के डिजिटल शिक्षा प्रभाग द्वारा तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने शिक्षा को एक व्यापक कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है जिसका लक्ष्य प्री-नर्सरी से लेकर उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं तक स्कूलों के व्यापक स्पेक्ट्रम में डिजिटल शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है।

केंद्र सरकार की प्रमुख डिजिटल पहलें

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षकों, विद्वानों और छात्रों को सीखने की उनकी ललक में मदद करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि “दीक्षा मंच”, “स्वयं प्रभा टीवी चैनल”, ऑनलाइन एमओओसी पाठ्यक्रम, ऑन एयर– “शिक्षा वाणी”, दिव्यांगों के लिए एनआईओएस द्वारा विकसित “डेजी, ई-पाठशाला”, “ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (एनआरओईआर) की राष्ट्रीय रिपोजिटरी”, टीवी चैनल, ई-लर्निंग पोर्टल, वेबिनार, चैट समूह और पुस्तकों के वितरण सहित राज्य/केन्द्र शासित सरकारों के साथ अन्य डिजिटल पहल।

शिक्षा के लिए प्रमुख सोशल मीडिया मंच :

छात्रों से जुड़ने के लिए कुछ प्रमुख माध्यमों के रूप में सोशल मीडिया टूल जैसे व्हाट्सएप ग्रुप, यू ट्यूब चैनल, आनलाइन कक्षाएं, गूगल मीट, स्काइप के साथ ई-लर्निंग पोर्टल, टीवी (दूरदर्शन और क्षेत्रीय चैनल), रेडियो और दीक्षा का उपयोग किया गया जिसमें दीक्षा का उपयोग सभी हितधारकों की सबसे प्रमुख पसंद थी....राज्य भी शिक्षा के एक माध्यम के रूप में व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं और शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

4.

REPORT 4. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस प्रतिवर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित टाइगर समिट से हुई थी। इसका उद्देश्य बाघ के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित करना व बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाना है।

WWF के अनुसार 2016 में विश्व भर में बाघ की जनसँख्या लगभग 3900 है। भारत ने बाघ संरक्षण के लिए काफी सराहनीय कार्य किया है, वर्ष 2006 में केवल 1411 बाघ थे जो 2014 में बढ़कर 2226 हो गये। भारत में प्रत्येक चार वर्ष बाद बाघ की गणना की जाती है।

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फण्ड फॉर नेचर (WWF)

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फण्ड फॉर नेचर एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, यह संगठन वन्य जीवों के संरक्षण के लिए कार्य करता है। इसकी स्थापना 29 अप्रैल, 1961 इकसठ को की गयी थी। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के रुए मौवेर्नी में स्थित है। इस संगठन का उद्देश्य वन्यजीवों का संरक्षण तथा पर्यावरण पर मानव के प्रभाव को कम करना है। WWF वर्ष1998 अट्ठानवे से प्रत्येक दो वर्ष बाद लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट प्रकाशित करता है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हर साल 29 जुलाई को मनाए जाने वाले वैश्विक बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय बाघ अनुमान सर्वेक्षण 2018 की रिपोर्ट जारी की है।

देश में कुल 50 टाइगर रिजर्व हैं, हालांकि उनमें से तीन – डम्पा रिजर्व (मिजोरम), बक्सा रिजर्व (पश्चिम बंगाल) और पलामू रिजर्व (झारखंड) में कोई बाघ नहीं बचा है।

उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में देश में सबसे अधिक 231 बाघ हैं, इसके बाद क्रमशः कर्नाटक में नागरहोल और बांदीपोरा रिजर्व में 127 और 126 बाघ हैं...

सिमलिपाल (ओडिशा), अमराबाद और कवाल (तेलंगाना), नागार्जुनसागर श्री सेलम (आंध्र प्रदेश), संजय-डुबरी (मध्य प्रदेश), नमेरी और मानस (असम), आदि जैसे बाघ अपनी समग्र क्षमता से नीचे बाघ हैं और उन्हें संसाधनों की आवश्यकता है।

मध्य प्रदेश में देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या 526 है और कर्नाटक में बाघों की संख्या 524 और उत्तराखंड में 442 बयालीस बाघ हैँ।

दुनिया में 13 बाघ श्रेणी के देश हैं – भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम।

5.

REPORT 5 – हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा कृषि से होने वाले उत्सर्जन को कम करने तथा संवहनीय कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने हेतु मिजोरम राज्य में ग्रीन-एजी परियोजना (Green-Ag Project) की शुरुआत की गयी है।

‘ग्रीन-एजी परियोजना’ को पांच राज्यों लागू किया जायेगा...मिजोरम के अतिरिक्त अन्य राज्य, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तराखंड हैं...

क्या है यह परियोजना :

ग्रीन-एजी परियोजना को वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility– GEF) द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है तथा, ‘कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग’ (Department of Agriculture, Cooperation, and Farmers’ Welfare- DAC & FW) इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी है..

इस परियोजना को खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agricultre Organization– FAO) तथा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF & CC) के सहयोग से लागू किया जायेगा...

इस परियोजना का उद्देश्य, भारतीय कृषि में जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और स्थायी भूमि प्रबंधन उद्देश्यों तथा पद्धतियों को एकीकृत करना है...

पायलट परियोजना क्या है

यह पायलट परियोजना सभी राज्यों में 31 मार्च, 2026 तक जारी रहेगी..इस परियोजना के अंतर्गत, राज्य के 35 गांवों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा इसमें दो संरक्षित क्षेत्रों – डंपा बाघ अभयारण्य (Dampa Tiger Reserve) तथा थोरंगटलांग वन्यजीव अभयारण्य (Thorangtlang Wildlife Sanctuary) को भी सम्मिलित किया गया है।

ग्रीन-एजी परियोजना के लक्ष्य

पांचो भू-प्रदेशों की कम से कम 8 मिलियन हेक्टेयर (हेक्टेयर) भूमि में मिश्रित भूमि-उपयोग पद्धतियों से विभिन्न वैश्विक पर्यावरणीय लाभों को प्राप्त करना...कम से कम 104,070 हेक्टेयर कृषि-भूमि को सतत भूमि और जल प्रबंधन के अंतर्गत लाना...

संवहनीय भूमि उपयोग तथा कृषि पद्धतियों के उपयोग से 49 मिलियन कार्बन डाइऑक्साइड का पृथकीकरण (CO2eq) सुनिश्चित करन...

6.

REPORT 6 - किफायती एवं मध्‍यम आय आवास के लिए स्‍पेशल विंडो (Special Window for Affordable and Mid Income Housing– SWAMIH) एक विशेष उपाय है ....इसके जरिये रीयल एस्टेट क्षेत्र को असाधारण मदद की गयी है....इससे मौजूदा आर्थिक संकट के समय में रीयल एस्टेट क्षेत्र बदलाव की दहलीज पर है... इस निधि के अंतर्गत अब तक 81 इक्यासी परियोजनाओं को मंजूरी मिल गयी है....

SWAMIH निवेश फंड के अंतर्गत परियोजनाओ को मंजूरी दिए जाने से पूरे भारत में लगभग 60,000 घरों का निर्माण कार्य पूरा करना संभव हो जाएगा....

SWAMIH के बारे में

नवंबर 2019 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किफायती एवं मध्‍यम आय आवास के लिए स्‍पेशल विंडो (SWAMIH) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी थी...

SWAMIH निवेश कोष का गठन ‘पंजीकृत किफायती एवं मध्यम आय वर्ग की आवासीय परियोजनाओं’ को पूरा करने के लिए किया गया था, यह परियोजना धन के अभाव में रुकी हुई थी..

इस फंड को SEBI के अंतर्गत पंजीकृत कटेगरी- II AIF (वैकल्पिक निवेश कोष- Alternate Investment Fund) ऋण कोष के रूप में स्थापित किया गया था..

इस फंड का निवेश प्रबंधक SBICAP वेंचर्स है, जो एसबीआई कैपिटल मार्केट्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है..

भारत सरकार की ओर से इस कोष के प्रायोजक वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव होते हैं।

फंड का निवेशक मंडल

विशेष विंडो के अंतर्गत गठित किये गये/कोष उपलब्‍ध कराये गये वैकल्पिक निवेश कोष(AIF) सरकार और अन्‍य निजी निवेशकों से निवेश आकर्षित करेंगे। इनमें वित्‍तीय संस्‍थाएं, सोवेरन वेल्‍थ फंड, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के बैंक, घरेलू पेंशन और भविष्‍य निधि, वैश्विक पेंशन कोष और अन्‍य संस्‍थागत निवेशक सम्मिलित होंगे।

7.

REPORT 7- हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization– FAO) द्वारा वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन (Global Forest Resources Assessment– FRA) रिपोर्ट 2020 जारी की गई ।

वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन (FRA) के बारे में

FAO, वर्ष 1990 के बाद से प्रत्येक पाँच वर्ष में यह व्यापक आकलन करता है....इस रिपोर्ट में सभी सदस्य देशों के वनों का स्तर, उनकी स्थितियों एवं प्रबंधन का आकलन किया जाता है...

FRA 2020 के अनुसार, 2010-2020 के दौरान वन क्षेत्रों से सर्वाधिक औसत वार्षिक शुद्ध लाभ (Average Annual Net Gains) दर्ज करने वाले शीर्ष 10 देश है....चीन, ऑस्ट्रेलिया, भारत, चिली, वियतनाम, तुर्की, संयुक्त राज्य, अमेरिका, फ्रांस, इटली और रोमानिया....

FRA 2020 के मुख्य निष्कर्ष

वर्ष 2010-2020 की अवधि में एशियाई महाद्वीप ने वन क्षेत्र में सर्वाधिक शुद्ध वृद्धि दर्ज की है। एशियाई महाद्वीप में पिछले एक दशक के दौरान वनों में प्रति वर्ष 1.17 मिलियन हेक्टेयर की शुद्ध वृद्धि दर्ज की गई है...

दक्षिण-एशियाई उप-क्षेत्र में वर्ष 1990-2020 के दौरान शुद्ध वन हानि दर्ज की गई है।

भारत से संबंधित निष्कर्ष

वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन के एक दशक के दौरान भारत ने औसतन प्रत्येक वर्ष 0.38 प्रतिशत वन लाभ अथवा 2,66 चिअसथ ,000 हेक्टेयर क्षेत्र की वन वृद्धि दर्ज की है..रिपोर्ट में एशियाई महाद्वीप के अंर्तगत सामुदायिक प्रबंधित वन क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये सरकारों के संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम को श्रेय दिया है।

भारत में स्थानीय, आदिवासी एवं देशज़ समुदायों द्वारा प्रबंधित वन क्षेत्र वर्ष 1990 में शून्य से बढ़कर वर्ष 2015 में लगभग 25 मिलियन हेक्टेयर हो गया है...हालाँकि आकलन के अनुसार, प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित वन दर (Naturally Regenerating Forest Rate) निराशाजनक है। 2010-20 के दौरान, प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित वन में वृद्धि की दर केवल 0.38 प्रतिशत थी....

भारत द्वारा विश्व में वानिकी क्षेत्र में अधिकतम रोज़गार उत्पन्न किये गए हैं। विश्व स्तर पर, 12.5 मिलियन लोग वानिकी क्षेत्र में कार्यरत थे। इसमें से 6.23 मिलियन अर्थात् लगभग 50% सिर्फ भारत में कार्यरत हैं।

8.

REPORT 8 –फ्रांस में International Thermo nuclear Fusion Experimental Reactor (ITER) Tokamak बनाया जा रहा है जिसका लक्ष्य यह पता लगाना है कि भविष्य में वैश्विक ऊर्जा स्रोत के तौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं। अब इस रिएक्टर की असेंबली बीते मंगलवार को फ्रांस में शुरू हो गई है। इस मौके पर भारत समेत ITER के कई सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे....

यह रिएक्टर एक एक्सपेरिमेंट है जिससे आम लोगों तक ऊर्जा नहीं पहुंचाई जाएगी लेकिन यह ऐसा मॉडल है जिसके सफल होने पर यह पता लगाया जा सकेगा कि कैसे कमर्शल ऊर्जा उपलब्ध करने के लिए ऐसे ही रिएक्टर्स को सटीकता से बनाया जा सकता है। ITER का लैटिन में मतलब भी है 'रास्ता' और इस एक्सपेरिमेंट से बेहतर ऊर्जा के लिए नया रास्ता तैयार किया जा रहा है।Tokamak एक ऐसी डिवाइस है जो मैग्नेटिक फील्ड की मदद से न्यूक्लियर फ्यूजन जनरेट करती है। पारंपरिक तरीकों की जगह फ्यूजन रिएक्शन को ऊर्जा उत्पादन के लिए इस्तेमाल किए जा सकता है या नहीं, इसे लेकर ही ITER यह एक्सपेरिमेंट कर रहा है। खास बात यह है कि यही न्यक्लियर रिएक्शन सितारों में होता है तो एक तरह से ITER धरती पर ही सितारा बना रहा है।

न्यूक्लियर फ्यजून रिएक्शन से 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा होता है। इसकी वजह से ऐसा प्लाज्मा पैदा होता है जिसमें हाइड्रोजन के आइसोटोप्स (ड्यूटीरियम और ट्राइटियम) आपस में फ्यूज होकर हीलियम और न्यूट्रॉन बनाते हैं। शुरुआत में रिएक्शन से गर्मी पैदा हो, इसके लिए ऊर्जा की खपत होती है लेकिन एक बार रिएक्शन शुरू हो जाता है तो फिर रिएक्शन की वजह से ऊर्जा पैदा भी होने लगती है। ITER पहला ऐसा रिएक्टर है जिसका उद्देश्य है कि न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन के शुरू होने में जितनी ऊर्जा इस्तेमाल हो, उससे ज्यादा ऊर्जा रिएक्शन की वजह से बाद में उत्पाद के तौर पर निकले।

क्यों अहम है ITER?

ITER पहली ऐसी डिवाइस होगी जो लंबे वक्त तक फ्यूजन रिएक्शन जारी रख सकेगी। ITER में इंटिग्रेटेड टेक्नॉलजी और मटीरियल को टेस्ट किया जाएगा जिसका इस्तेमाल फ्यूजन पर आधारित बिजली के कमर्शल उत्पादन के लिए किया जाएगा। बड़े स्तर पर अगर कार्बन-फ्री स्रोत के तौर पर यह एक्सपेरिमेंट सफल हुआ तो भविष्य में क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को अभूतपूर्व फायदा हो सकता है। पहली बार 1985 पचासी में इसका एक्सपेरिमेंट का पहला आइडिया लॉन्च किया गया था....ITER की डिजाइन बनाने में इसके सदस्य देशों चीन, यूरोपियन यूनियन, भारत, जापान, कोरिया, रूस और द यूनाइटेड्स के हजारों इंजिनियरों और वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है....

बतातें चलें की भारत इस एक्सपेरिमेंट से 2005 में जुड़ा था। लार्सन ऐंड टूब्रो हेवी इंजिनियरिंग ने 4 हजार टन की स्टेनलेस स्टीन से बनी क्रायोस्टैट की लिड तैयार की है। इसके अलावा भारत अपर-लोअर सिलिंडर, शील्डिंग, कूलिंग सिस्टम, क्रायोजेनिक सिस्टम, हीटिंग सिस्टम्स बना रहा है। क्रायोस्टैट 30 मीटर ऊंचा और 30 मीटर डायमीटर का सिलिंडर है जो विशाल फ्रिज की तरह काम करेगा और फ्यूजन रिएक्टर को ठंडा करने का काम करेगा। यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे विशाल वेसल है। L&T के अलावा भारत की 200 कंपनियां और 107 वैज्ञानिक इस प्रॉजेक्ट से जुड़े हुए हैं...

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. 26 जुलाई को मनाया गया ऑपरेशन विजय

26 जुलाई को देश में प्रत्येक वर्ष कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की याद में मनाया जाता है। 26 जुलाई, 1999 को भारत ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों के कब्ज़े से अपने क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया था।

फरवरी, 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में शान्ति के लिए लाहौर समझौता हुआ था। इसी दौरान कुछ पाकिस्तानी घुसपैठिये भारतीय सीमा में प्रवेश कर गये, घुसपैठ के कार्य को ‘ऑपरेशन बद्र’ नाम दिया गया था। पाकिस्तानी घुसपैठ का उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच के संपर्क को काटना था, जिससे भारतीय सेना को सियाचीन ग्लेशियर से वापस हटना पड़े।

इस गंभीर सकंट से निपटने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन विजय’ लांच किया और इस कार्य के लिए 2,00,000 सैनिकों को भेजा गया। 60 तक चले इस ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र पर पुनः नियंत्रण स्थापित कर लिया। यह ऑपरेशन 26 जुलाई, 1999 को पूरा हुआ। इस दौरान भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए। इस युद्ध में लगभग 450 पाकिस्तानी घुसपैठियों की मृत्यु हुई थी।

2. भारत की उत्तर कोरिया को 1 मिलियन डालर की सहायता

भारत सरकार ने हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुरोध पर 1 मिलियन अमरीकी डालर की चिकित्सा सहायता उत्तर कोरिया को दी। डब्ल्यूएचओ के एंटी-ट्यूबरकुलोसिस प्रोग्राम के हिस्से के रूप में यह चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी है।उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों के अधीन है। हालाँकि, भारत की चिकित्सा सहायता डब्ल्यूएचओ के एंटी-ट्यूबरकुलोसिस प्रोग्राम के तत्वावधान में है और इसलिए इसे प्रतिबंधों से छूट दी गई है।

3. 28 जुलाई को मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हेपेटाइटिस की बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिन पर हेपेटाइटिस के निदान, रोकथाम व उपचार के बारे में लोगों को जागरूक करने के कार्य किया जाता है।इस साल हेपेटाइटिस दिवस की थीम थी हेपेटाइटिस-मुक्त भविष्य. यह दिवस 2010 से हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित 8 वैश्विक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। वायरल हेपेटाइटिस दिवस मनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई 2010 में प्रस्ताव पारित किया गया था। यह दिवस 28 जुलाई को प्रोफेसर बरूच ब्लूमबर्ग के जन्म दिवस के कारण मनाया जाता है। प्रोफेसर बरुच ने हेपेटाइटिस बी के वायरस की खोज की थी। इसके लिए प्रोफेसर ब्लूमबर्ग को 1976 छीहत्त्र में औषधि श्रेणी मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

4. नागरिकों के लिए खुली सियाचिन घाटी

27 जुलाई, 2020 को, भारतीय सेना ने घोषणा की कि सियाचिन घाटी को नागरिकों के लिए खोलदिया भारतीय सेना ने अक्टूबर, 2019 में दुनिया का सबसे बड़ा गैर-ध्रुवीय ग्लेशियर सियाचिन को खोला था। जब यह आदेश पारित किया गया था, सर्दियों की शुरुआत हो गई थी और तब पर्यटन का मौसम लगभग खत्म हो गया था। सर्दियों के बाद, भारत और चीन के बीच LAC के साथ-साथ सीमाओं पर तनाव शुरू हो गया।आर्मी एडवेंचर सेल सियाचिन क्षेत्र के लिए परमिट जारी करेगी। सियाचिन गालवान घाटी में है। घाटी उन स्थानों में से एक है जहाँ भारतीय और चीनी सेनाएँ आमने-सामने थीं।

5. लॉन्च हुआ “मौसम एप्लिकेशन”

27 जुलाई, 2020 को केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया जो शहर के मौसम का पूर्वानुमान और चेतावनी प्रदान करेगा। एप्लिकेशन को “मौसम” नाम दिया गया है।

इस एप्लिकेशन को अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT), भारतीय मौसम विभाग (IMD), और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान (IITM) के लिए डिज़ाइन और विकसित किया गया था। इस में लगभग 200 शहरों के लिए आर्द्रता, तापमान, हवा की गति, दिशा जैसी जानकारी प्रदान की जाएगी। इस एप्लीकेशन में जानकारी दिन में 8 बार अपडेट की जाएगी।

यह एप्लीकेशन स्थानीय मौसम की घटनाओं के बारे में तीन घंटे की चेतावनी प्रदान करेगा। यह देश के लगभग 450 शहरों के लिए अगले सात दिनों के लिए पूर्वानुमान भी प्रदान करेगा।

“मौसम एप्लिकेशन” खतरनाक मौसम से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए पांच दिनों तक दिन में दो बार रंग कोडित अलर्ट जारी करेगा। रंग कोडित अलर्ट में लाल, नारंगी और पीला शामिल हैं।

6. DRDO नेलॉन्च किया “डेयर टू ड्रीम” चैलेंज

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन ने एक अभिनव प्रतियोगिता “डेयर टू ड्रीम” शुरू की। प्रतियोगिता का शुभारंभ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर किया गया।

डेयर टू ड्रीम एक ओपन चैलेंज है जो देश में इनोवेटर्स और स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देती है। इसे उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है। यह चुनौती व्यक्तियों और स्टार्टअप्स को एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में नवाचार के लिए बढ़ावा देती है।विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 10 लाख रुपये तक है। प्रतियोगिता का शुभारंभ रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह ने किया।

तमिलनाडु राज्य सरकार ने डॉ. कलाम की जयंती को “युवा पुनर्जागरण दिवस” के रूप में चिह्नित किया है। ओडिशा में राष्ट्रीय मिसाइल परीक्षण स्थल व्हीलर द्वीप का नाम बदलकर सितंबर 2015 में अब्दुल कलाम द्वीप रखा गया था।

7. भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्रियों में हुआ संवाद

27 जुलाई, 2020 को भारत और इंडोनेशिया के बीच नई दिल्ली में रक्षा मंत्री संवाद आयोजित किया गया। भारत और इंडोनेशिया का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित रक्षा मंत्रियों श्री राजनाथ सिंह और प्रबवो सुबियांतो ने किया।

दोनों नेताओं ने दोनों समुद्री पड़ोसियों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को एक नई गति प्रदान करेंगे। वार्ता में भारत द्वारा इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात शामिल था।

भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्टैंड ऑफ के साथ, समुद्री क्षेत्र में इसी तरह की मुठभेड़ों की संभावनाएं हैं। इसकी पूर्वानुमान करते हुए, भारत अपने समुद्री सहयोग को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। भारत इंडोनेशिया के साथ मजबूत संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में। भारत और इंडोनेशिया के बीच आयोजित द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ है।

8. ISIS को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि केरल और कर्नाटक में आईएसआईएस आतंकवादियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रिपोर्ट का शीर्षक था “Report of the Analytical Support and Sanctions Monitoring Team concerning ISIS”।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा, जिसमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार से 150-200 आतंकवादी हैं, भारतीय उपमहाद्वीप पर हमला करने की योजना बना रहा है। भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा तालिबान के तहत काम करता है। यह मुख्य रूप से अफगानिस्तान के निमरुज, कंधार और हेलमंद प्रांतों में निहित है।भारत ने भारतीय उप-महाद्वीप में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कई उपाय किए हैं, विशेष रूप से धारा 370 को निरस्त करने के बाद। केरल में ऑपरेशन पिजन शुरू किया गया था। ऑपरेशन ने 350 युवाओं को ISIS से बचाया। राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) प्रस्तावित किया गया है और साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है।

9. भूजल के व्यावसायिक उपयोग के लिय सख्त नियम

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश में भूजल के व्यावसायिक उपयोग के लिए दिशानिर्देशों को और अधिक कठोर बना दिया है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने ईआईए (पर्यावरणीय प्रभाव आकलन) के बिना व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भूजल निकलने की सामान्य अनुमति पर रोक लगा दी है। दिया गया परमिट निर्धारित पानी की मात्रा के लिए होना चाहिए। एनजीटी ने सभी महत्वपूर्ण, शोषित और अर्ध-महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए जल प्रबंधन योजना बनाने के लिए तीन महीने की समय अवधि प्रदान की है।

भारत में लगभग 89% नवासी भूजल किसानों द्वारा और 5% उद्योगों द्वारा निकाला जाता है। शेष भूमिगत जल का उपयोग घरेलू उद्देश्यों के लिए किया जाता है

10. यमुना में अमोनिया का उच्च स्तर

हाल ही में, यमुना नदी के जल में अमोनिया के उच्च स्तर (3 ppm) का पता चला है। इस कारण से दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को जल उत्पादन क्षमता में 25 प्रतिशत की कमी करनी पड़ी है।

भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, पीने के पानी में अमोनिया की अधिकतम स्वीकार्य सीमा 0.5 ppm है।

अमोनिया एक रंगहीन गैस है और इसका उपयोग उर्वरक, प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर, रंजक और अन्य उत्पादों के उत्पादन में औद्योगिक रसायन के रूप में किया जाता है।यमुना नदी में अमोनिया की अधिक मात्रा के लिए, हरियाणा के पानीपत और सोनीपत जिलों में डाई यूनिट, डिस्टिलरी से निकले अपशिष्ट व संदूषित पदार्थों तथा नदी के इस भाग में कुछ बिना सीवर वाली कालोनियों द्वारा अशोधित गंदे पानी का प्रवाह को मुख्य कारण माना जाता है।

11. ट्राइफेड ने यूबीए के लिए की साझेदारी

आदिवासियों के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रमुख संस्थानों में से एक के रूप में, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला ट्राइफेड, आदिवासी लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाता रहा है। पहले से चली आ रही अपनी पहलों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के अलावा, ट्राइफेड द्वारा अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम, उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ साझेदारी की गई है।

उन्नतभारत अभियान (यूबीए), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार का एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो समावेशी भारत की वास्तुकला के निर्माण में सहायता प्रदान करने के लिए ज्ञानी संस्थानों का लाभ उठाकर, ग्रामीण विकास की प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने की कल्पना करता है ।

12. ‘प्रिज्म’ कार्यक्रम के तहत मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण

स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी सैमसंग ने इंजीनियरिंग छात्रों को कृत्रिम मेधा (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और 5जी जैसी प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने के लिए ‘प्रिज्म’ कार्यक्रम की शुरूआत की है।‘प्रिज्म’ कार्यक्रम एक तरह का औद्योगिकी-अकादमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम का मकसद भारतीय छात्रों में नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना और उन्हें उद्योग की जरूरत के हिसाब से तैार करना है।‘प्रिज्म’ कार्यक्रम में इंजीनियरिंग छात्रों को कृत्रिम मेधा (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और 5जी जैसी प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जायेगा।इसका संचालन उसका बेंगलुरू स्थित सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट (एसआरआई-बी) करेगा। यह कोरिया के बाहर सैमसंग का सबसे बड़ा शोध-विकास (आरएंडडी) केंद्र है।

इस कार्यक्रम में ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेजों को शामिल किया जाएगा जो भारत सरकार के राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान रैकिंग प्रणाली (एनएआरएफ) में शीर्ष पर हैं। एसआरआई-बी ने अब तक 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ एमओयू साइन किए हैं। यह अगले कुछ महीनों में और भी कॉलेजों को अपने साथ जोड़ेगा।

13. उत्तराखंड सरकार ने शुरू की वेस्ट टू एनर्जी' पहल

भारत- चीन तनाव के बीच राफेल विमान की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची । भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमान को फ्रांसीसी मिसाइल हैमर ( HAMMER Missile) से लैस करने की तैयारी में है। इससे लड़ाकू विमान की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। यह मिसाइल लगभग 60-70 किलोमीटर की सीमा पर किसी भी प्रकार के लक्ष्य को साधने की क्षमता रखती है।हैमर Highly Agile Modular Munition Extended Range) एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू- ग्राउंड मिसाइल है। इसे शुरुआत में फ्रांसीसी वायुसेना और नौसेना के लिए डिजाइन किया गया था। यह भारत को पहाड़ी क्षेत्रों सहित किसी भी इलाके में किसी भी बंकर या ठिकानों पर हमले की क्षमता को बढ़ाएगा।

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।