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Blog / 25 Aug 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (14th August - 20th August 2020)

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इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  1. सतलुज- यमुना लिंक पर हुई तकरार....सतलुज-यमुना लिंक कैनाल को लेकर हुई बैठक... पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी...कहा सतलुज यमुना लिंक नहर का हुआ निर्माण तो पंजाब में बिगड़ेंगे हालात खड़ी हो जाएगी राष्ट्रीय समस्या, ...
  2. सुप्रीमकोर्ट ने PM CARES फंड मामले में दिया बड़ा फैसला...एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को किया खारिज....
  3. जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई कई पहलों की घोषणा ...जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्वाकस्य्षण ’ और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्ट्री य जनजातीय फैलोशिप पोर्टल शामिल हैं.....
  4. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने जारी की “नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट”, 2020....रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कैंसर रोगियों की संख्या 2025 तक बढ़ कर 15.7 लाख हो जाएगी...वहीँ 2020 के अंत तक, देश में 13.9 लाख कैंसर रोगी होंगे...
  5. एशियाई विकास बैंक ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 1 बिलियन डॉलर की दी मंजूरी...उद्देश्य दिल्ली और मेरठ को जोड़ने वाले पारगमन विकल्पों की स्थापना करके क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करना...(ADB ने किया दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम निर्माण का समर्थन)
  6. जारी की गयी Atal Rankings of Institutions on Innovation Achievements , 2020...उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सार्वजनिक वित्त पोषित, निजी और आत्मनिर्भर श्रेणियों में शीर्ष दस संस्थानों की घोषणा की...IIT मद्रास राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के तहत सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में उभरा....(ARIIA रैंकिंग 2020 हुई जारी, उपराष्ट्रपति ने की रैंकिंग की घोषणा)
  7. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी को दी मंजूरी... गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए एजेंसी सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी...NRA) को पहली बार यूनियन बजट 2020 में सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया था...
  8. देश में आत्मनिर्भर भारत अभियान को और तेज करने के लिए एक और कदम....केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की "स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज" की शुरुआत..."आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम... ("स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज" की हुई शुरुआत)

खबरें विस्तार से:

1.

हाल ही में एक बैठक के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को सतलुज-यमुना लिंक (Sutlej-Yamuna Link– SYL) नहर मुद्दे पर चेतावनी दी है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि सतलुज-यमुना लिंक नहर का निर्माण पूरा होता है तो हरियाणा के साथ पानी साझा करने का विवाद राष्ट्रीय समस्या का रूप ले सकता है।

उच्चत्तम न्यायालय द्वारा 28 जुलाई को केंद्र सरकार के लिए दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता करने के लिए बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया था।

सतलज यमुना लिंक नहर का देश की सुरक्षा से संबंध

पाकिस्तान द्वारा लगातार रूप से उपद्रव भड़काने के प्रयास किये जा रहे है, तथा वह प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस आर्गेनाइजेशन’ के माध्यम से अलगाववादी आन्दोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। सतलज यमुना लिंक नहर के पानी का मुद्दा राज्य में अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है।

पंजाब की मांग

प्रस्तावित अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम के अंतर्गत एक नए न्यायाधिकरण की स्थापना में उपयुक्त संशोधन किए जाने चाहिए, ताकि पंजाब को ‘अपनी कुल आवश्यकताओं तथा आने वाली पीढ़ियों की आजीविका को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त और न्यायसंगत तरीके से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके’।

सतलज यमुना लिंक (SYL) नहर तथा संबंधित विवाद

गोरतलब हो की ...वर्ष 1966 छियासठ में पुराने (अविभाजित) पंजाब से हरियाणा को अलग किया गया, इसके साथ ही हरियाणा को नदियों के पानी का हिस्सा देने की समस्यायें उत्पन्न हुई....पंजाब द्वारा नदी या नाले या प्राकृतिक जल धारा के तट से संबंधित सिधान्तों का हवाला देते हुए रावी और ब्यास के पानी को हरियाणा के साथ साझा करने का विरोध किया गया। पंजाब का कहना है, कि इसके पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।

हालांकि, केंद्र द्वारा वर्ष 1976 छिहत्तर में, अविभाजित पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (MAF) में से 3.5 MAF पानी हरियाणा को आवंटित किये जाने संबंधी अधिसूचना जारी की गयी।

उच्चत्तम न्यायालय के न्यायाधीश वी. बालकृष्ण इराडी की अध्यक्षता में वर्ष 1986 छियासी में जल विवाद के समाधान के लिये इराडी प्राधिकरण का गठन किया गया। प्राधिकरण ने वर्ष 1987 सत्तासी में पंजाब और हरियाणा को मिलने वाले पानी के हिस्से में क्रमशः 5 मिलियन एकड़ फीट और 3.83 मिलियन एकड़ फीट की बढ़ोतरी की सिफारिश की।

सतलज यमुना लिंक नहर

हरियाणा को सतलुज और उसकी सहायक ब्यास नदी के जल के अपने हिस्से का उपयोग करने में सक्षम बनाने हेतु यमुना तथा सतलुज को जोड़ने वाली एक नहर की योजना बनाई गई थी....इस संबंध में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मध्य एक त्रिपक्षीय समझौते पर वार्ता भी हुई थी...सतलुज यमुना लिंक नहर, सतलुज और यमुना नदियों को जोड़ने के लिए 214 किलोमीटर लंबी एक प्रस्तावित नहर है। हालांकि, इस परियोजना में कई बाधाएं आईं तथा यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

हरियाणा की मांग

हरियाणा अपने हिस्से के 3.5 मिलियन एकड़ फीट पानी के लिए सतलज यमुना लिंक नहर को पूरा करने की मांग कर रहा है। इसका कहना है, कि पंजाब को इस संबंध में 2002 और 2004 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना चाहिए। वर्तमान में हरियाणा को रावी-ब्यास नदी का 1.62 मिलियन एकड़ फुट का पानी प्राप्त हो रहा है।

2.

18 अगस्त, 2020 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने PM-CARES के धन पर अपना निर्णय सुनाया। फैसले के अनुसार, शीर्ष अदालत ने केंद्र को पीएम केयर फंड के पैसे को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।

COVID-19 के कारण लगाए गए आपातकाल से निपटने के उद्देश्य से, पीएम केयर्स फंड्स को केंद्र सरकार ने एक सार्वजनिक चैरिटी ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) में PM CARES फंड्स को स्थानांतरित करने के लिए एक NGO द्वारा एक जनहित याचिका (PIL) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।

एनडीआरएफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 46 के तहत बनाया गया था।

निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि संगठन NDRF में योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं और ऐसे योगदानों के लिए कोई निषेध नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि चूंकि पीएम-केयर्स फंड को पब्लिक चैरिटेबल फण्ड के रूप में स्थापित किया गया था, इसलिए एनडीआरएफ को फंड ट्रांसफर करने के लिए अदालत द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है।

मामला क्या है?

भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत COVID -19 महामारी को रखा था। COVID -19 को “अधिसूचित आपदा” घोषित किया गया था। यह मुख्य रूप से राज्य सरकारों को अपने फंड के प्रबंधन में मदद करने और उन्हें COVID-19 के लिए उपायों में मार्गदर्शन करने के लिए था।

जनहित याचिका के अनुसार, आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिनियम के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा किसी आपदा के लिए दिए गए अनुदान को अनिवार्य रूप से एनडीआरएफ को दिया जाना चाहिए।

COVID-19 को अधिसूचित आपदा क्यों घोषित किया गया?

यह एनडीआरएफ (राष्ट्रिय आपदा राहत कोष) के तहत राज्यों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। एनडीआरएफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया था। इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार एनडीआरएफ आवंटन में 75% का योगदान करेगी। हालाँकि, धन का उपयोग राज्यों द्वारा केवल आपदाओं के लिए किया जा सकता है। इस प्रकार, COVID-19 को एक आपदा के रूप में घोषित किया गया था।

3.

हाल ही में जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा कई पहलों की घोषणा की हैं जिनमें जनजातीय स्वास्थ्य एवं पोषण पोर्टल ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ और स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्‍ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्‍ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल शामिल हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय जनजा‍तीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता, कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय), श्री वी.पी. जॉय और जनजातीय कार्य मंत्रालय में सचिव श्री दीपक खांडेकर उपस्थित थे।

स्वास्थ्य ई पोर्टल:

श्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण पर ‘स्वास्‍थ्‍य’ नामक ई- पोर्टल का उद्घाटन किया ये अपने किस्‍म का पहला ऐसा ई-पोर्टल है जो एक ही मंच पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्‍थ्‍य और पोषण संबंधी जानकारी मुहैया कराता है। ‘स्‍वास्‍थ्‍य’ साक्षों, विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों से एकत्र की गई

नवाचारी प्रक्रियाओं, शोध रिपोर्टों, मामला अध्‍ययनों, श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को साझा ....यह केन्‍द्र लगातार मंत्रालय से जुड़ा रहेगा और भारत की जनजातीय आबादी के स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण से संबंधित साक्ष्‍य आधारित नीति और निर्णय लेने के लिए इनपुट उपलब्‍ध कराएगा....

ई-न्‍यूज लेटर आलेख

श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने एक ई-न्‍यूज लेटर आलेख जारी किया। यह पोर्टल अपनी तरह का पहला है। इस ई-न्यूज़लेटर को तिमाही आधार पर जारी किया जायेगा। यह आदिवासी लोगों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों के कार्यों का प्रदर्शन करेगा। इससे एक-दूसरे की सफलताओं से और असफलताओं से भी सीखने में मदद मिलेगी।

GOAL का पूर्ण स्वरुप ‘Going Online as Leaders’ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के 5000 आदिवासी युवाओं को मेंटरिंग देना और उन्हें अपने समुदायों में युवा नेता बनने में सक्षम बनाना है...जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा फेसबुक और नीति आयोग के साथ इस पहल को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसे अक्टूबर 2019 में लॉन्च किया गया था।

इस परियोजना का लक्ष्य लैंगिक अंतर को भी समाप्त करना है। और इसलिए यह अधिक महिलाओं को भर्ती करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह आदिवासी महिलाओं में नेतृत्व के गुण लाने में भी काम करेगा...भारत में जनगणना 2011 के अनुसार जनजातीय आबादी 104 मिलियन है...अधिकांश आदिवासी छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, महाराष्ट्र और उत्तर पूर्वी राज्यों में रह रहे है.....

4.

18 अगस्त, 2020 को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने “नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट”, 2020 जारी किया। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कैंसर रोगियों की संख्या 2025 तक बढ़ कर 15.7 लाख हो जाएगी।

रिपोर्ट यह भी कहती है कि 2020 के अंत तक, देश में 13.9 लाख कैंसर रोगी होंगे। 2012 और 2016 के बीच 58 अस्पताल-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों और 28 जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट का अनुमान लगाया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य अंश

2020 में तम्बाकू से संबंधित कैंसर भारत के कुल कैंसर बोझ का 27.1% है। इसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का 19.7% और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का 5.4% शामिल है।

भारत में कैंसर होने की सबसे अधिक घटनाएँ उत्तर पूर्व क्षेत्र में देखी गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में 0 से 74 साल के बीच के चार व्यक्तियों में से एक को कैंसर होने की संभावना है।

कैंसर का इलाज

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सर्जरी, कीमोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा के संयोजन प्रमुख उपचार हैं। गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का आमतौर पर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है। फेफड़े और पेट के कैंसर का उपचार प्रणालीगत चिकित्सा से किया जाता है।

राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम

इस कार्यक्रम को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में फैले कैंसर रोगियों का अवलोकन करना है। साथ ही, इसका उद्देश्य देश में कैंसर की घटनाओं के अनुमानों की गणना करना है।

इस कार्यक्रम को “भारत में कैंसर के एटलस का विकास” भी कहा जाता है। भारत में कैंसर के प्रसार के बारे में इस तरह के एक एटलस या रिपोर्ट को पहली बार 2001-2002 में प्रकाशित की गयी थी।

5.

18 अगस्त, 2020 को, एशियाई विकास बैंक ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के निर्माण का समर्थन करने के लिए 1 बिलियन अमरीकी डालर ऋण को मंजूरी दी। यह सिस्टम अपनी तरह का पहला सिस्टम है।

मुख्य बिंदु

इस प्रणाली का उद्देश्य दिल्ली और मेरठ को जोड़ने वाले पारगमन विकल्पों की स्थापना करके क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करना है। यह प्रणाली एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2020-21 के एकीकृत परिवहन नेटवर्क में तीन प्राथमिकता वाले रेल गलियारों में से पहली है। यह परियोजना स्टेशन भवनों, रेलवे पटरियों, रखरखाव सुविधाओं, बिजली आपूर्ति और कर्षण के निर्माण के लिए है। इसके अलावा, यह उन्नत और उच्च प्रौद्योगिकी सिग्नलिंग सिस्टम का उपयोग करेगा जिसमें मल्टीमॉडल हब होंगे जो परिवहन मोड के साथ सुगम इंटरचेंज सुनिश्चित करेंगे।

परियोजना के लिए अन्य फंड

एडीबी के अलावा, भारत सरकार 1.89 बिलियन अमरीकी डालर प्रदान करेगी। गरीबी उन्मूलन के लिए एडीबी का जापान फंड भी विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करेगा।

इस परियोजना में महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और सुरक्षित गतिशीलता पर अलग तरीके से ध्यान दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट व्यवस्थित भूमि उपयोग योजना, कम वायु प्रदूषण और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के माध्यम से बेहतर शहरी वातावरण प्रदान करेगा।

पृष्ठभूमि

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की आबादी का 37% है। इस प्रकार, यह परियोजना शहर में भीड़-भाड़ को कम करने में मदद करेगी। यह सुरक्षित और विश्वसनीय निर्बाध यात्रा भी प्रदान करेगी।

अशोक लवासा

18 अगस्त, 2020 को, अशोक लवासा ने चुनाव आयुक्त के रूप में इस्तीफा दे दिया। वे सितंबर 2020 से एशियाई विकास बैंक के उपाध्यक्ष के रूप में काम करेंगे। वह 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

एशियाई विकास बैंक

इस बैंक की स्थापना 1966 में हुई थी। इसका मुख्यालय फिलीपींस के मनीला में स्थित है। इस बैंक को विश्व बैंक के साथ जोड़ा गया था। दिसंबर 2019 तक, भारत को बैंक से कुल 47.96 बिलियन ऋण प्राप्त हुआ है। यह मुख्य रूप से परिवहन, शिक्षा, ऊर्जा, वित्त, सार्वजनिक क्षेत्र प्रबंधन, कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और आईसीटी जैसी परियोजनाओं के लिए प्राप्त किया गया है।

6.

उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक वित्त पोषित, निजी और आत्मनिर्भर श्रेणियों में शीर्ष दस संस्थानों की घोषणा की। IIT मद्रास राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के तहत सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में उभरा।....

रैंकिंग

नों को निम्नानुसार रैंक किया गया है :

  • रैंक I-IIT मद्रास
  • रैंक II-IIT बॉम्बे
  • रैंक III-IIT दिल्ली
  • रैंक IV-IISc बेंगलुरु
  • रैंक V-आईआईटी खड़गपुर
  • रैंक VI-IIT कानपुर
  • रैंक VII-IIT मंडी
  • रैंक VIII-एनआईटी कालीकट
  • रैंक IX-IIT रुड़की
  • रैंक X-यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद

सेल्फ फाइनेंस श्रेणी में एस.आर. इंजीनियरिंग कॉलेज, तेलंगाना ने ARIIA रैंकिंग 2020 में शीर्ष स्थान हासिल किया। निजी संस्थानों की श्रेणी में ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) शीर्ष पर रहा।

महिलाओं (केवल उच्च शिक्षण संस्थानों) के तहत Avinashilingam Institue for Home Science and Higher Education for Women शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा। स्टेट फंडेड ऑटोनोमस इंस्टीट्यूशंस की श्रेणी में, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे, महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा।

इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, महाराष्ट्र राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शीर्ष परफॉर्मर था।

श्रेणियाँ

ARIIA ने इस वर्ष महिला उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए विशेष पुरस्कार पेश किया है। रैंकिंग की अन्य श्रेणियों में शामिल हैं :

  • केंद्रीय रूप से वित्त पोषित संस्थान
  • राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय
  • राज्य वित्त पोषित स्वायत्त विश्वविद्यालय
  • निजी संस्थान (स्व-वित्त पोषित)
  • निजी या डीम्ड विश्वविद्यालय

रैंकिंग के संकेतक

रैंकिंग के प्रमुख संकेतक संस्थान के प्रशासन में नवाचार, नवीन शिक्षण विधियां और पाठ्यक्रम, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण, बौद्धिक संपदा निर्माण, उद्यमशीलता विकास को बढ़ावा देना और समर्थन करना है।

पृष्ठभूमि

ARIIA, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। यह ध्यान दिया जाना है कि मानव संसाधन और विकास मंत्रालय का नाम बदलकर मंत्रालय शिक्षा रखा गया है। यह कदम तब उठाया गया जब भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का अनावरण किया।

ARIIA को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा लागू किया जाता है। 2019 में, IIT मद्रास शीर्ष नवीन संस्थान के रूप में उभरा था।

7.

19 अगस्त, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दी। यह एजेंसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सरकारी नौकरियों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी।

मुख्य बिंदु

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार में गैर-राजपत्रित पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) आयोजित की जाएगी। सीईटी का स्कोर तीन साल के लिए वैध है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार उच्च स्तर की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

महत्व

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना का कदम एक क्रांतिकारी सुधार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एजेंसी भर्ती में आसानी और चयन में आसानी लाएगी। यह बदले में उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में चयनित होने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करने में आसानी होगी।

पृष्ठभूमि

वर्तमान में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और अन्य एजेंसियों के लिए परीक्षा आईबीपीएस, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से आयोजित की जाती है।

वर्तमान में, केंद्र सरकार में 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के बारे में (National Recruitment Agency)

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी को पहली बार केंद्रीय बजट 2020 में प्रस्तावित किया गया था। यह एजेंसी आर्थिक रूप से वंचित और दूर दराज के क्षेत्रों के युवाओं के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगी। यह एजेंसी को कई भाषाओं में परीक्षा आयोजित करेगी।

आवंटित राशि

केंद्रीय बजट 2020-21 में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1,517 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसे तीन साल की अवधि के लिए उपयोग किया जायेगा। यह फंड्स आकांक्षात्मक जिलों में स्थापित किए जाने वाले परीक्षा के बुनियादी ढांचे का हिस्सा नहीं हैं।

8.

18 अगस्त, 2020 को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने “स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज” की शुरुआत की। यह चुनौती आत्मनिर्भरता या आत्म निर्भर भारत अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शुरू की जा रही है।

चैलेंज के बारे में

इस चैलेंज का उद्देश्य उन माइक्रोप्रोसेसरों को डिजाइन करना है जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की क्षमता रखते हैं। इन चुनौतियों में मुख्य रूप से तकनीकी गड़बड़ियां और सुरक्षा शामिल हैं। इस चुनौती की पुरस्कार राशि 4.3 करोड़ रुपये है। छात्र और स्टार्ट अप कंपनियां इस चुनौती में भाग ले सकती हैं।

SHAKTI और VEGA

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (CDAC) और IIT मद्रास ने SHAKTI और VEGA नामक दो माइक्रो-प्रोसेसर विकसित किए हैं। SHAKTI एक 32-बिट प्रोसेसर है और VEGA 64-बिट प्रोसेसर है। प्रोसेसर एक ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का उपयोग करके विकसित किए गए थे।

SHAKTI एक खुले स्रोत RISC अनुदेश सेट आर्किटेक्चर के आधार पर विकसित किया गया था। RISC का पूर्ण स्वरुप Reduced Instruction Set Computer है। इसमें निर्देशों का अत्यधिक अनुकूलित सेट है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

यह योजना मुख्य रूप से “वोकल फॉर लोकल” अवधारणा पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य देश के भीतर एक अभिनव तरीके से विनिर्माण को बढ़ाना है। इस योजना का उद्देश्य देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है। इसलिए, संबंधित मिशनों को पूरा करने के लिए निम्न को आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत चुना गया है :

  • मेडिकल साइंस के लिए एम्स
  • रक्षा अनुसंधान के लिए DRDO
  • विमानन के लिए एचएएल
  • अंतरिक्ष के लिए इसरो
  • ऊर्जा के लिए गेल और एनटीपीसी
  • आत्म निर्भर भारत अभियान के प्रभाव

कृषि क्षेत्र, विशेष रूप से वन नेशन वन मार्केट में घोषित उपायों से भारत को दुनिया का खाद्य कारखाना बनने में मदद मिलेगी। 40,000 करोड़ रुपये के MGNREGA निवेश से प्रवासियों में गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। MSMEs को 3 लाख करोड़ रुपए के जमानत मुक्त ऋण ने आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों को शुरू करने में मदद की। रक्षा क्षेत्र में 49उनचास % से 74चौहतर% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने से आयुध कारखानों को उच्च बढ़ावा मिला है।

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. प्रधानमंत्री ने दी प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं

19 अगस्त, 2020 को भारतीय प्रधानमंत्री ने पवित्र ग्रंथ ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ (Guru Granth Sahib) के प्रकाश पर्व पर देशवासियों को शुभकामनाएँ दी। वर्ष 1604 में, प्रथम प्रकाश पर्व उत्सव हरमंदिर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना के रूप में मनाया गया था जिसे स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब को शाश्वत गुरु का दर्जा दिया गया है इसी कारण इसे ‘आदि ग्रंथ’ के रूप में भी जाना जाता है। यह सिख धर्म का प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है...

आदि ग्रंथ (पहला प्रतिपादन) को सिख धर्म के पाँचवें गुरु ‘गुरु अर्जुन देव’ द्वारा संकलित किया गया था। इस आदि ग्रंथ में सिख धर्म के दसवें गुरु ‘गुरु गोविंद सिंह’ ने अपना कोई भजन नहीं जोड़ा। हालाँकि उन्होंने नौवें सिख गुरु ‘गुरु तेग बहादुर’ के सभी 115 भजनों को जोड़ा और उनके उत्तराधिकारी के रूप में पाठ की पुष्टि की।

2.ट्राइब्स इंडिया ऑन व्हील्सका हुआ उद्घाटन

19. अगस्त, 2020 को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से देश के 31 शहरों में ‘ट्राइब्‍स इंडिया ऑन व्‍हील्‍स’ (Tribes India On Wheels) मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया।इन मोबाइल वैनों को अहमदाबाद, प्रयागराज, बंगलुरु, भोपाल, चेन्‍नई, कोयंबटूर, दिल्‍ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जगदलपुर, खूंटी, मुंबई एवं राँची जैसे कुछ शहरों में भेजा गया है।COVID-19 के मद्देनज़र ट्राइफेड (TRIFED) की यह नई पहल सुनिश्चित करती है कि किसी भी व्‍यक्ति को जैविक, प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले ज़रूरी उत्‍पादों को खरीदने के साथ एक सतत् एवं गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली को अपनाने के लिये घर से बाहर निकलने की ज़रूरत न पड़े।मोबाइल वैन के द्वारा ट्राइफेड जनजातीय लोगों द्वारा तैयार किये गए उत्पादों को देश के विभिन्‍न इलाकों में ग्राहकों तक सीधे पहुँचा रहा है और साथ ही इन उत्पादों पर छूट देने की पेशकश भी की जा रही है।

3.स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के परिणाम घोषित

20 अगस्त, 2020 को स्वच्छ सर्वेक्षण, 2020 के परिणाम घोषित किए गए। लगातार चौथी बार मध्य प्रदेश का इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना। इसके बाद गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के नवी मुंबई का स्थान रहा। सर्वेक्षण में वाराणसी को सर्वश्रेष्ठ “गंगा टाउन” का खिताब मिला है। मैसूरु ने भारत में सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता। यह सर्वेक्षण आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।

स्वच्छ सर्वेक्षण पहली बार 2016 में किया गया था। इसमें 73 तिहत्तर प्रमुख शहरों का मूल्यांकन किया गया था। दूसरा सर्वेक्षण 2017 में आयोजित किया गया था जिसमें 434 चौंतीस शहर शामिल थे। तीसरा सर्वेक्षण जो 2018 में आयोजित किया गया था इसमें 4,203 शहर शामिल थे, और चौथा सर्वेक्षण 2019 में आयोजित किया गया था। 2019 का सर्वेक्षण डिजिटल रूप से आयोजित किया गया था।

4. नौकरियों में आरक्षण की शुरुआत

मध्य प्रदेश स्थानीय लोगों के लिए राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण की शुरुआत करेगा

एक ऐतिहासिक फैसले में, मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों के लिए सभी राज्य सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने के अपने इरादे की घोषणा की। यदि ऐसा होता है, तो मध्य प्रदेश अधिवासी जनसँख्या के लिए सभी सरकारी नौकरियों के लिए सीटें आरक्षित करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 धर्म, जाति, लिंग, जाति के वंश, और जन्म स्थान या निवास के आधार पर रोजगार में किसी भी प्रकार के भेदभाव से नागरिकों की सुरक्षा करता है। लेकिन इसमें कुछ अपवाद हैं। उनमें से एक यह है कि “निवासियों” के लिए रोजगार संरक्षित किया जा सकता है। झारखंड राज्य ने स्थायी निवासियों के लिए 75 पचहतर % निजी क्षेत्र की नौकरियों के आरक्षण की घोषणा की। हरियाणा राज्य ने झारखंड के समान 75 पचहतर % आरक्षण कोटा के साथ अध्यादेश को मंजूरी दी है...

5.COVID-19 के कारण 41 लाख युवाओं ने नौकरी खोई

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और एशियाई विकास बैंक ने “Tackling COVID-19 Youth employment crisis in Asia and Pacific” पर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट कहती है कि COVID-19 संकट के कारण लगभग 41 इकतालीस लाख भारतीय युवाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट कहती है कि नौकरी के नुकसान का बड़ा प्रतिशत खेत और निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को झेलना पड़ सकता है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 13 देशों में, लगभग 1-1.5 करोड़ युवा अपनी नौकरी खो सकते हैं। एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पाकिस्तान में सबसे ज्यादा नौकरियां जायेंगी, इसके बाद भारत का स्थान है। भारत में बेरोजगारी की दर बढ़कर 32 बत्तीस .5% हो गई है। हालांकि, इस क्षेत्र के सभी देशों में, श्रीलंका को 37 सैंतीस .8% की दर से अधिकतम बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है 15 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं को वयस्कों की तुलना में अधिक अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।भारत में, तीन-चौथाई इंटर्नशिप और दो-तिहाई फर्म-स्तरीय प्रशिक्षुता पूरी तरह से बाधित हो गई।

6. उत्तर प्रदेश सरकार ने शुरू की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति

19 अगस्त, 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति शुरू की। इसका लक्ष्य पांच साल में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश लाना है। इस नीति का उद्देश्य बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों का विकास करना है। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाना है। इसके अलावा, यहनीति COVID-19 संकट के बाद अपने निवेशकों को भारत में स्थानांतरित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करेगी। उत्तर प्रदेश विनिर्माण नीति, 2017 एक बड़ी सफलता थी और इसने निवेश और रोजगार सृजन के उच्च लक्ष्य को प्राप्त किया। उदाहरण के लिए, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को दुनिया में उभरते हुए मोबाइल विनिर्माण हब के रूप में स्थापित किया गया। यह अब देश में भारी विदेशी निवेश आकर्षित कर रहा है। इस नीति का उद्देश्य पीएम मोदी के इलेक्ट्रॉनिक सामानों के शून्य आयात के दृष्टिकोण को प्राप्त करना है।

7. CAMPA फंड का उपयोग

वृक्षारोपण पहल और वनीकरण के लिए किया जायेगा CAMPA फंड का उपयोग

18 अगस्त, 2020 को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 24 राज्य के वन मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान, मंत्री ने घोषणा की कि CAMPA फंड का उपयोग केवल वृक्षारोपण पहल और वनीकरण के लिए किया जाएगा। साथ ही, वन-आधारित विचलन निधि को 7% से बढ़ाकर 10% किया जायेगा CAMPA का पूर्ण स्वरुप Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority है। मंत्री ने वनीकरण और वृक्षारोपण पहल की ओर 80% CAMPA फंड का निर्देश दिया है। इस निधि का उपयोग वन अधिकारियों और बुनियादी ढांचे के अधिग्रहण के लिए वेतन का भुगतान करने के लिए किया गया था। CAMPA फंड्स की स्थापना का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में दिया था। 2006 में, CAMPA की स्थापना Compensatory Afforestation Fund के प्रबंधन के लिए की गई थी।

8. विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पहली बार विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा

इंटरनेशनल सोलर अलायंस 8 सितंबर, 2020 को पहली बार विश्व सौर प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा को सस्ती बनाने के लिए चुनौतियों का समाधान करने के लिए दुनिया के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को एक साथ लाना है।

अभी हाल ही में डेढ़ साल पहले शुरू किए गए गठबंधन के साथ, यह पहले से ही 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की परियोजनाओं को लागू कर रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि शिखर सम्मेलन के दौरान आईएसए असेंबली में विश्व सौर बैंक प्रस्तुत किया जायेगा। अगले पाँच वर्षों में बैंक 15 बिलियन अमरीकी डालर के आकार का होगा। यह शिखर सम्मेलन अगली पीढ़ी की सौर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करेगा। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, जुलाई 2020 तक भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन 35 GW था। भारत ने 2022 तक 100 GW सौर ऊर्जा प्राप्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

9.मणिपुर में बनाया जा रहा है विश्व सबसे लंबा पियर ब्रिज

भारतीय रेलवे मणिपुर राज्य में दुनिया का सबसे लंबा पियर ब्रिज का निर्माण कर रहा है। यह पुल 141 इकतालीस मीटर ऊंचा है। इसने मोंटेनेग्रो, यूरोप में 139 उनतालीस मीटर लंबे माला-रिजेका पुल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। यह पुल 111 किमी लंबी जिरीबाम-तुपुल-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना का एक हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट में 45 पैंतालिस सुरंगें हैं। इस परियोजना में 12वीं सुरंग उत्तर पूर्व में सबसे लंबी सुरंग होगी। इस पुल की कुल लंबाई 703 मीटर है। पुल को धारण करने वाले पियर्स का निर्माण हाइड्रोलिक बरमा के साथ किया जायेगा। पुल के निर्माण के लिए “स्लिप फॉर्म तकनीक” का उपयोग किया गया है।17 अगस्त, 2020 को केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मणिपुर में 13 राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। यह परियोजनाएं 3,000 करोड़ रुपये की थीं।

10- गूगल का केंद्रीय जल आयोग के साथ करार

गूगल का बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने के लिए केंद्रीय जल आयोग के साथ करार

गूगल ने बाढ़ की भविष्यवाणी करने के लिए केंद्रीय जल आयोग के साथ एक करार किया है। हालाँकि इस पहल को गूगल पिछले कई महीने से चला रहा है। इसके तहत उसने देशभर में बाढ़ को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को सार्वजनिक सूचनाएं भेजीं। यह सूचनाएं (अलर्ट) लोगों को समय से, नवीनतम और अहम जानकारियां देती हैं। इससे लोगों को अपनी, परिवार और मित्रों की सुरक्षा को लेकर सही फैसला लेने में मदद मिलती है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में एंड्राइड फोन का इस्तेमाल करने वाले हर नागरिक को यह सूचनाएं मिलीं। इसके ज़रिये सही जानकारी पाने के लिए उनके फोन पर लोकेशन ऑन होना चाहिए। देश में बिहार और असम जैसे राज्य बाढ़ की चपेट में हैं।अब, इस पहल के साथ, एंड्रॉइड फोन के साथ कोई भी उपयोगकर्ता अलर्ट प्राप्त कर सकता है। गूगल फिलहाल ये अलर्ट हिंदी, अंग्रेजी और बंगाली में जारी कर रहा है। गूगल चेतावनी जारी करने के लिए कलर-कोडेड नक्शे पेश कर रहा है। ये नक़्शे बाढ़ वाले इलाकों को दिखाते हैं । मानचित्र को बड़ा करने पर इन इलाकों में लोगों को मौजूदा जल स्तर के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी। इस पहल का लाभ उठाने के लिए, उपयोगकर्ता को गूगल मैप्स पर प्रभावित क्षेत्र के नाम के बाद “बाढ़” की खोज करनी होगी।

11. चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में एक वर्ष पूरा किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 20 अगस्त को कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान -2 ने चंद्रमा की कक्षा में एक वर्ष पूरा कर लिया है। इसरो के अनुसार, वर्तमान में चंद्रयान -2 के सभी उपकरण अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसरो ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि चंद्रयान -2 को सात और वर्षों तक चालू रखने के लिए ईंधन पर्याप्त है। ऑर्बिटर ने चंद्रमा के चारों ओर 4,400 से अधिक परिक्रमाएं पूरी कीं। हालांकि, पिछले वर्ष सॉफ्ट-लैंडिंग का प्रयास सफल नहीं हुआ था, लेकिन ऑर्बिटर को सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में रखा गया था। चंद्रयान -2 को चन्द्रमा की सतह की रासायनिक संरचना, स्थलाकृति, तापीय-भौतिक विशेषताओं, खनिज विज्ञान और वातावरण के विस्तृत अध्ययन के माध्यम से चंद्रमा के बारे में जानकारी बढ़ाने के लिए लॉन्च किया गया था।

12. 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत बायो इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य

सरकार ने 'इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम' के तहत वर्ष 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत बायो इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा

इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम' को ‘राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति’- 2018 के अनुरूप लॉन्च किया गया था. इथेनॉल एक जल रहित एथिल अल्कोहल है, जिसका रासायनिक सूत्र C2H5OH होता है. भारत आयातित कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है. यह अनुमान है कि 5 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1.8 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात कम हो जाएगा. इथेनॉल सामग्री के रूप में चीनी उद्योग के उप-उत्पाद का प्रयोग किया जाता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन में शुद्ध कमी होने की उम्मीद है.

13 भरूच में भादभूत परियोजना के लिये अनुबंध प्रदान किया

गुजरात ने भरूच में भादभूत परियोजना (Bhadbhut Project) के लिये अनुबंध प्रदान किया है

गुजरात सरकार ने भरूच में भादभूत परियोजना के लिये अनुबंध प्रदान किया है. उल्लेखनीय है कि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterway Authority) ने इस परियोजना को मंज़ूरी दे दी है. इस परियोजना को स्थानीय मछुआरों के विरोध का सामना करना पड़ा है क्योंकि इसके निर्माण से मछली पकड़ने के पैटर्न, मुख्य रूप से हिल्सा को पकड़ने के पैटर्न के प्रभावित होने की संभावना है. यह नर्मदा नदी के पार, भादभूत गाँव से 5 किमी. और नदी के मुहाने से 25 किमी. दूर स्थित है, जहाँ नर्मदा नदी खंभात की खाड़ी में गिरती है.

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।