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Blog / 19 Jul 2020

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (10th July - 16th July 2020)

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(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (10th July - 16th July 2020)



इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  • इरान ने भारत को दिया झटका....चाबहार रेल परियोजना से हटाया, हो सकता है सामरिक और रणनीतिक तौर पर बड़ा नुक्सान...
  • संयुक्त राष्ट्र ने जारी की ‘विश्व में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति रिपोर्ट’ ....भारत में पिछले एक दशक में अल्पपोषित लोगों की संख्या छह करोड़ तक घटी....लेकिन देश के वयस्कों में बढ़ रहा है मोटापा...
  • भारत और यूरोपीय संघ ने असैन्य परमाणु करार को अंतिम रूप दिया, यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से है एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है.....2018 में यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा
  • नीति आयोग ने यूएन के मंच पर पेश की सतत विकास के लक्ष्यों की प्रगति रिपोर्ट....17वें सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति की करता है समीक्षा .
  • NABARD देगा बैंकों और वित्तीय संस्थानों को 5000 करोड़ रुपये का कर्ज...इसका उपयोग जल संग्रहण क्षेत्र परियोजनाओं के लाभार्थियों को कर्ज सहायता उपलब्ध करने में होगा..
  • ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार का कदम... डिजिटल शिक्षा पर दिशा-निर्देश 'प्रज्ञाता' किया लांच....शामिल किये गये है ऑनलाइन शिक्षा के 8 चरण.... करेंगे शिक्षा की योजना का मार्गदर्शन..
  • अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के चौथे चरण ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड...आकलन को मिला दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण’ होने का गौरव.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को समर्पित की 750 मेगावाटकी रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना ...बताया एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना...दिल्ली में मेट्रो रेल तक को होगा इससे लाभ..

खबरें विस्तार से:

1.

ईरान ने हाल ही में भारत को बड़ा झटका देते हुए चाबहार रेल परियोजना से बाहर कर दिया है… ईरान ने घोषणा किया है कि वह अब अकेले ही इस परियोजना को पूरा करेगा. भारत के लिए ईरान का यह फैसला सामरिक और रणनीतिक तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है….

गौरतलब है कि ईरान और चीन के बीच 400 बिलियन डॉलर की एक महाडील हुई...माना जा रहा है कि इस डील के चलते ही ईरान ने चाबहार परियोजना से भारत को बाहर कर दिया है....ये रेल परियोजना चाबहार पोर्ट से जहेदान के बीच बनाई जानी है...

क्या है कारण?

ईरान ने भारत द्वारा प्रोजेक्ट की फंडिंग में देरी किए जाने को इसकी वजह बताया है...ईरान ने आरोप लगाया है कि समझौते के चार साल बीत जाने के बाद भी भारत इस परियोजना के लिए फंड नहीं दे रहा है....ऐसे में अब वह खुद ही इस परियोजना को पूरा करेगा...चीन से समझौता होने के बाद ईरान के मूलभूत ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स बीजिंग ही पूरे करेगा....

भारत सरकार ने अफ़गानिस्तान तथा मध्य एशिया के साथ व्यापार करने हेतु एक वैकल्पिक मार्ग बनाने हेतु अफगानिस्तान तथा ईरान के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता किया था। चाबहार रेल परियोजना का निर्माण इसी त्रिपक्षीय समझौते के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं का एक हिस्सा था।

इस समझौते को वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेहरान यात्रा के दौरान अंतिम रूप दिया गया था.....भारतीय रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (Indian Railways Construction Ltd– IRCON) ने 6 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त रेलवे लाइन परियोजना में सहयोग करने का वादा किया था....इस परियोजना पर कार्य आरम्भ होने से पूर्व ही संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे...

हालांकि, इस विशिष्ट रेलवे लाइन परियोजना के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट प्राप्त थी, फिर भी, भारत के लिए उपकरण आपूर्तिकर्ताओं को तलाश करने में कठिनाई हो रही थी, क्योकि, अधिकाँश आपूर्तिकर्ताओं को अमेरिकी कार्यवाही का भय था...

भारत के लिए चिंत्ताएं

चाबहार रेल परियोजना के संबंध में ईरान द्वारा यह निर्णय ऐसे समय में लिए गया है, जब चीन, ईरान के साथ 25 वर्षीय आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहा है....ईरान और चीन के बीच इस समझौते के हो जाने पर, बैंकिंग, दूरसंचार, बंदरगाह, रेलवे तथा कई अन्य परियोजनाओं सहित ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में चीनी मौजूदगी का व्यापक रूप से विस्तार हो सकता है....

ईरान, नई दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी रहा है। चीन- ईरान समझौता इस क्षेत्र में भारत की संभावनाओं को काफी क्षति पहुंचा सकता है। हाल ही में हुए चीन के साथ सीमा विवाद के पश्चात भारत के चीन के साथ संबंध और अधिक तनावपूर्ण हुए है।

चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी पर स्थित है तथा ईरान का एकमात्र समुद्री बंदरगाह है।

भारत के लिए चाबहार बंदरगाह का महत्व

चाबहार बंदरगाह के माध्यम से भारत, अफगानिस्तान तक माल परिवहन करने में पाकिस्तान को बाईपास कर सकता है...इसके माध्यम से भारत की ईरान तक पहुँच में वृद्धि होगी। ईरान, भारत के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (International North-South Transport Corridor) के लिए प्रवेश मार्ग प्रदान करेगा, जिससे भारत, रूस ईरान, यूरोप तथा मध्य एशिया से समुद्री, रेल और सड़क मार्गों से जुड़ सकेगा...इसके माध्यम से भारत को अरब सागर में चीनी मौजूदगी का मुकाबला करने में भी सहायता मिलेगी। चीन, पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के माध्यम से अरब सागर में अपनी स्थिति को मजबूत करने के प्रयास कर रहा है। ग्वादर बंदरगाह, चाबहार से सड़क मार्ग से 400 किमी तथा समुद्री मार्ग से 100 किमी से कम दूरी पर स्थित है...राजनयिक दृष्टिकोण से, चाबहार बंदरगाह को मानवीय कार्यों (humanitarian operations) के समन्वय करने हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है।

2.

13 जुलाई 2020 को संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी, ‘विश्व में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति रिपोर्ट’ में बताया गया कि बच्चों में बौनेपन की समस्या कम हो गई है लेकिन देश के वयस्कों में मोटापा बढ़ रहा है...

आपको बता दें की भूख एवं कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में होने वाली प्रगति पर नजर रखने वाली यह सबसे आधिकारिक वैश्विक अध्ययन माना जाता है...इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अल्पपोषित लोगों की संख्या 2004-06 के 24.94 करोड़ से घटकर 2017-19 में 18.92 करोड़ रह गई... दो उन उपक्षेत्रों में जिनमें अल्पपोषण में कमी दिखाई दी है उनमे पूर्वी एवं दक्षिण एशिया उपक्षेत्र अहम् हैं....

इन उपक्षेत्रों में भी एशिया महाद्वीप की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- चीन और भारत का वर्चस्व कायम है...” इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएएफडी), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से संयुक्त रूप से तैयार किया गया है....

इसमें यह भी कहा गया कि भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बौनेपन की समस्या भी 2012 में 47.8 प्रतिशत से घटकर 2019 में 34.7 प्रतिशत रह गई यानि 2012 में यह समस्या 6.2 करोड़ बच्चों में थी जो 2019 में घटकर 4.03 करोड़ रह गई....रिपोर्ट में कहा गया कि ज्यादातर भारतीय वयस्क 2012 से 2016 के बीच मोटापे के शिकार हुए...मोटापे से ग्रस्त होने वाले वयस्कों की संख्या 2012 के 2.52 करोड़ से बढ़कर 2016 में 3.43 करोड़ हो गई यानि 3.1 प्रतिशत से बढ़कर 3.9 प्रतिशत हो गई...

वहीं खून की कमी (अनीमिया) से प्रभावित प्रजनन आयु वर्ग (15-49 उनचास) की महिलाओं की संख्या 2012 में 16.56 करोड़ से बढ़कर 2016 में 17.56 करोड़ हो गई...0-5 माह के शिशु जो पूरी तरह स्तनपान करते हैं उनकी संख्या 2012 के 1.12 करोड़ से बढ़कर 2019 में 1.39 करोड़ हो गई। रिपोर्ट में कहा गया कि 2019 में दुनिया भर में करीब 69 उनहत्तर करोड़ लोग अल्पपोषित (या भूखे) थे। यह संख्या 2018 के मुकाबले एक करोड़ ज्यादा है। एशिया में भूखों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन यह अफ्रीका में भी तेजी से बढ़ रही है।

आंकड़ों पर गौर करें तो इस रिपोर्ट में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने भी इस रिपोर्ट के आंकड़ों पर व्यापक असर डाला है। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है की कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दुनिया भर में 2020 के आखिर तक 13 करोड़ और लोग भुखमरी की किल्लत से जूझते दिखाई देंगे ।

इस हिसाब से, अफ्रीका सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है जहां के 19.1 प्रतिशत लोग अल्पपोषित हैं। मौजूदा चलन के लिहाज से देखें तो 2030 तक, अफ्रीका में आधे से ज्यादा लोग विश्व के लंबे समय से भूखे रहने वाले लोग हो जाएंगे। कोविड-19 वैश्विक खाद्य प्रणालियों की अपर्याप्तता और संवेदनशीलता को बढ़ा रहा है क्योंकि सभी गतिविधियां एवं प्रक्रियाएं खाद्य उत्पादन, वितरण एवं उपभोग को प्रभावित कर रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया, “अभी लॉकडाउन एवं अन्य रोकथाम उपायों के पूर्ण प्रभाव को आंकना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन रिपोर्ट का अनुमान है कि 2020 में कम से कम और 8.3 करोड़ लोग और संभवत: 13.2 करोड़ लोग कोविड-19 के कारण आई आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप भूख का शिकार हो सकते हैं।” साथ ही यह भी कहा गया कि इस झटके ने सतत विकास लक्ष्य दो की कामयाबी पर भी सवालिया निशाँ लगा दिए हैं। सतत विकास लक्ष्य दो भुखमरी को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए है । हालिया अनुमान हैं कि करीब तीन अरब लोग या उससे अधिक स्वस्थ आहार ले पाने में असमर्थ हैं। उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिणी एशिया में यह उसकी 57 सत्तावन प्रतिशत आबादी के साथ है हालांकि उत्तरी अमेरिका और यूरोप समेत कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है।

3.

भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने 15 जुलाई 2020 को होने वाले डिजिटल शिखर सम्मेलन से पहले असैन्य परमाणु क्षेत्र में सहयोग के लिए एक मसौदा समझौते को अंतिम रूप दिया है. भारत और यूरोपीय संघ ने 13 साल से हो रही बातचीत के बाद इसे अंतिम रूप दिया है. यह जानकारी 27-सदस्यों वाले संगठन के अधिकारियों ने दी….

दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि शिखर सम्मेलन में दोनों पक्ष संबंधों को व्यापक बनाने, समुद्री सुरक्षा पर अलग से बातचीत शुरू करने और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अतिरिक्त सीबीआई और यूरोपोल के बीच प्रभावी सहयोग के लिए एक प्रक्रिया की शुरुआत की खातिर पांच साल का रोडमैप जारी करेंगे.

यूरोपीय संघ भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र

यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यूरोपीय संघ 2018 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. वित्त वर्ष 2018-19 में यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 115.6 अरब अमेरिकी डॉलर था जिसमें निर्यात 57 सत्तावन .67 अरब अमेरिकी डॉलर का था जबकि आयात 58 अट्ठावन .42 अरब अमेरिकी डॉलर का था.

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत- यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन से पहले कहा कि इस वार्ता से यूरोप के साथ देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक संबंधों को बढ़ावा देना है.

भारतयूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता

लंबे समय से लंबित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बारे में अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच के मौजूदा व्यापारिक संबंध इसकी क्षमता से कम हैं और संगठन की अपेक्षा से काफी कम है. लंबित समझौते को यूरोपीय संघ-भारत स्थित व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) के रूप में जाना जाता है.

प्रस्तावित समझौते के लिए साल 2007 में शुरू हुयी बातचीत में कई बाधाएं आयीं क्योंकि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए. ईयू ऑटोमोबाइल में महत्वपूर्ण शुल्क कटौती के अतिरिक्त शराब, स्पिरिट, डेयरी उत्पादों पर करों में कटौती और मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था चाहता है. दूसरी ओर, भारत चाहता है कि यूरोपीय संघ उसे डेटा सुरक्षित राष्ट्र का दर्जा दे. भारत उन देशों में से है जिन्हें यूरोपीय संघ सुरक्षित डेटा वाला देश नहीं मानता है.

4.

हाल ही में, नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (United Nations High-level Political Forum- HLPF) पर सतत विकास, 2020 पर भारत की दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (Voluntary National Review- VNR) प्रस्तुत की है..

भारत VNR 2020 रिपोर्ट का टॉपिक है- ‘कार्रवाई का एक दशक: SDG को वैश्विक से स्थानीय स्तर पर ले जाना’

नीति आयोग को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को अपनाने और उस पर निगरानी रखने का शासनादेश मिला हुआ है...यह रिपोर्ट भारत में 2030 एजेंडा को अपनाने और उसे लागू करने का एक व्यापक ब्यौरा है...17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर प्रगति की समीक्षा प्रस्तुत करने के अलावा, रिपोर्ट में नीति और उसके अनुरूप पर्यावरण को सक्षम बनाने, एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए भारत के दृष्टिकोण और इनके कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई है...

संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) के बारे में

उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (High-level Political Forum on Sustainable Development- HLPF) की स्थापना वर्ष 2012 में सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (रियो + 20) के अंतर्गत की गयी थी....संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (Economic and Social Council– ECOSOC) के तत्वावधान में HLPF की जुलाई में आठ दिनों के लिए सालाना बैठक होती है....HLPF ने वर्ष 1993 तिरानवे से कार्यरत ‘सतत विकास आयोग’ (Commission on Sustainable Development) को प्रतिस्थापित किया है..

HLPF के कार्य

HLPF, 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है...वैश्विक स्तर पर सतत विकास हेतु एजेंडा 2030 तथा इसके कार्यान्वयन की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है।

स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) क्या है?

VNR एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से देश वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रगति का आकलन करते हैं तथा किसी को पीछे नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं....यह समीक्षा स्वैच्छिक और सदस्य देशों द्वारा खुद की जाती है...इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं, चुनौतियों और सबक सहित प्राप्त अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है...किसी देश के VNR की तैयारी की प्रक्रिया विभिन्न प्रासंगिक हितधारकों की भागीदारी के माध्यम से साझेदारी के लिए एक मंच प्रदान करती है...

5.

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 13 जुलाई 2020 को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को 5000 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की. इस पैसे का उपायोग वे जल संग्रहण क्षेत्र परियोजनाओं के लाभार्थियों को कर्ज सहायता उपलब्ध करेंगे...

NABARD वाटरशेड विकास परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण एवं मृदा संरक्षण हेतु वर्षा के जल के बहाव की गति को कम कर, जल में मृदा अवसाद को कम किया जाये तथा वर्षा की बूँदों को भूमि की सतह पर रोककर मिट्टी के कटाव के साथ जल को संरक्षित किया जाना है...

नाबार्ड ने जल समस्या के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख संघ शासित प्रदेशों के लिए एक-एक स्प्रिंग शेड आधारित वाटरशेड परियोजना की -मंजूरी दी है. नाबार्ड के अनुसार, लेह में तीन कृत्रिम ग्लेशियर बनाने की परियोजना से भविष्य में अप्रैल-मई के दौरान स्थानीय लोगों को सिंचाई हेतु आने वाली मुश्किलों से निजात मिलेगी और इससे 1643 ग्रामीणों को लाभ पहुंचेगा.

वाटरशेड विकास परियोजना

इस योजना से 2,150 वाटरशेड विकास परियोजनाओं के लाभार्थियों की मदद होगी. नाबार्ड ने प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियों (पीसीएस) को बहु सेवा केंद्रों में बदलने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के अतरिक्त वित्तपोषण का भी निर्णय लिया है...

पहला 'डिजिटल चौपाल' आयोजित

नाबार्ड ने 13 जुलाई 2020 को अपने 39 उनतालीस वें स्थापना दिवस के मौके पर पहला 'डिजिटल चौपाल' आयोजित किया. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस पहल के कारण दूसरे प्रेदशों से गांव वापस आए मजदूरों के इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह रियायती दर वाली सहायता वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 तक तीन वर्षों के लिए उपलब्ध होगी...

वाटरशेड कार्यक्रम के बारे में

वाटरशेड कार्यक्रम का शुभारम्भ 1994 चौरानवे -95 पंचानवे में हुआ था. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण एवं मृदा संरक्षण हेतु वर्षा के जल के बहाव की गति को कम कर, जल में मृदा अवसाद को कम किया जाये तथा वर्षा की बूँदों को भूमि की सतह पर रोककर मिट्टी के कटाव के साथ जल को संरक्षित किया जाना है.

इससे भूजल स्तर बढ़ने के साथ-साथ बाद में इसका उपयोग सिंचाई एवं अन्य कार्यों में किया जाये. सूखा प्रभावित और मरुस्थलीय क्षेत्रों में वाटरशेड प्रबन्धन कार्यक्रम द्वारा फसल एवं पशुधन पर सूखे के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

जल संरक्षण द्वारा पारिस्थितिक सन्तुलन बनाकर मरुस्थलीयकरण की प्रक्रिया को रोकने में सहायता मिलेगी. वाटरशेड प्रबन्धन योजना में जल संरक्षण की परम्परागत तकनीकी के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी के प्रयोग पर बल दिया गया है. इसके तहत सिंचाई में जल की होने वाली बर्बादी पर प्रभावी रोकथाम लगाने हेतु आधुनिक तकनीकी पर बल दिया जा रहा है.

6.

कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति के बीच स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस जारी हैं। लेकिन इसे लेकर कोई पुख्ता गाइडलाइन नहीं होने के कारण कई अभिभावक इसे लेकर काफी परेशान हैं। दरअसल छोटे बच्चों को घंटों ऑनलाइन पढ़ाई करना पड़ रही है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरित असर हो रहा है। ऐसे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने डिजिटल शिक्षा पर दिशा-निर्देश 'प्रज्ञाता' (PRAGYATA) जारी किया। HRD मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को ऑनलाइन माध्यम से ही इसे लांच किया....

बता दें कि 'प्रज्ञाता" दिशा-निर्देशों के तहत ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा के 8 चरण शामिल किए गए हैं। इनमें योजना (PLAN), समीक्षा (REVIEW), व्यवस्था (ARRANGE), मार्गदर्शन (GUIDE), याक (TALK), असाइन (ASSIGN), ट्रैक (TRACK) और सराहना (APPRECIATE) शामिल हैं। मंत्रायल के मुताबिक ये सभी 8 चरण चरणबद्ध तरीके से डिजिटल शिक्षा की योजना और क्रियान्वयन का मार्गदर्शन करते हैं। खास बात ये है कि इनके साथ उदाहरण भी दिए गए हैं...

मूल्यांकन की आवश्यकता

ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा की योजना बनाते समय कक्षा के अनुसार सत्र की अवधि,स्क्रीन समय, समावेशिता, संतुलित ऑनलाइन और ऑफ़लाइन गतिविधियां आदि...हस्तक्षेप के तौर-तरीके जिनमें संसाधनों का, कक्षा के स्तर में अनुसार वितरण आदि सम्मिलित हैं....डिजिटल शिक्षा के दौरान शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती

साइबर सुरक्षा तथा नैतिकता को बनाए रखने के लिए सावधानियां तथा सुरक्षा उपाय विभिन्न पहलों के साथ समन्वय तथा सहयोग...

ऑनलाइन शिक्षा पर दिशा-निर्देशों की आवश्यकता:

ऑनलाइन शिक्षा ने महामारी के दौरान बच्चों की पढ़ाई को लेकर उत्पन्न कमियों को काफी हद तक दूर किया है लेकिन छात्रों को शिक्षित करने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते समय अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होगी....

महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सिखाने के तरीके को बदलकर फिर से शिक्षा प्रदान करने के नए मॉडल तैयार करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही घर पर स्कूली शिक्षा तथा विद्यालय में शिक्षा के एक स्वस्थ मिश्रण के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की एक उपयुक्त विधि भी पेश करनी होगी।

7.

पिछले साल वैश्विक बाघ दिवस के मौके पर घोषित, अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के चौथे चरण के परिणामों ने दुनिया के ‘सबसे बड़े कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण’ होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है….कैमरा ट्रैप मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए एक तरह के बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण होते हैं, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं. इन कैमरा ट्रैप को जंगल के 149उनचास अलग अलग साइटों के 26,838 अड़तीस जगहों पर रखा गया था.....इसके ज़रिये तकरीबन 1,21,337सैंतीस वर्ग किलोमीटर के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया....

भारत में वाघों की स्थिति:

ताज़ातरीन गिनती के मुताबिक़ , देश में बाधों की अनुमानित तादाद 2,967सडसठ हैं....इस आंकड़े पर गौर करें तो , भारत के जंगलों में दुनिया के बाघों के तकरीबन 75 पचहतर फीसदी बाघ मौजूद हैं...गौर तलब है की भारत ने साल 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की संख्या दोगुनी करने का एलान किया था हालांकि भारत ने संकल्प इस निर्धारित लक्ष्य को साल 2022 से बहुत पहले ही पा लिया है ।

आइये अब नज़र डालते हैं देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद बाघों की संख्या पर

देश में बाघों की सबसे ज़्यादा तादाद, मध्य प्रदेश में है यहाँ कुल 526 बाघ मौजूद हैं.... इसके बाद कर्नाटक राज्य दुसरे पायदान पर है जहाँ कुल बाघों की संख्या 524 है . उत्तराखंड इस बाघ गणना में तीसरे स्थान पर है जहां 44 2 बाघ यहां के जंगलों में हैं...बीते पांच सालों में , संरक्षित क्षेत्रों की संख्या 692बानबे से बढ़कर 860 से अधिक, और सामुदायिक संरक्षित क्षेत्रों की तादाद 43तैंतालीस से बढ़कर 100 हो गई है...

साल 2006 की बाघ गणना पर गौर करें तो , देश में बाघों की संख्या 1,411 थी, जो साल 2010 में बढ़कर 1706 और साल 2014 में बढ़कर 2,226 हो गयी थी. इससे ये पता चलता है की बीते एक दशक में बाघों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है.....मध्य प्रदेश के पेंच बाघ अभ्यारणय में बाघों की सर्वाधिक संख्या दर्ज की गयी तथा, तमिलनाडु के सत्यामंगलम बाघ अभ्यारणय में वर्ष 2014 के पश्चात ‘अधिकतम सुधार’ दर्ज किया गया...

छत्तीसगढ़ और मिजोरम में बाघों की संख्या में कमी पायी गई जबकि ओडिशा में बाघों की संख्या स्थिर रही....अन्य सभी राज्यों में सकारात्मक वृद्धि पायी गयी....

अखिल भारतीय बाघ आंकलन:

अखिल भारतीय बाघ आकलन को प्रति चार वर्ष में ‘राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ (NTCA) द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) के तकनीकी समर्थन से आयोजित किया जाता है तथा राज्य वन विभागों और अन्य भागीदारों द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाता है...

वैश्विक तथा राष्ट्रीय स्तर पर जारी बाघ संरक्षण के प्रयास:

  1. भारत में वर्ष 1973तिहात्र में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की शुरुआत की गयी, जो वर्तमान में 50 से अधिक संरक्षित क्षेत्रों में, देश के भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 2.2% के बराबर क्षेत्रफल, में सफलतापूर्वक जारी है...
  2. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) द्वारा वन- रक्षकों के लिए एक मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम, M-STRIPES – मॉनिटरिंग सिस्‍टम फॉर टाइगर्स इंटेंसिव प्रोटेक्‍शन एंड इकोलॉजिकल स्‍टेट्स (Monitoring system for Tigers’ Intensive Protection and Ecological Status) लॉन्च किया गया है।
  3. वर्ष 2010 में आयोजित पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में, वैश्विक स्तर पर 13 बाघ रेंज वाले देशों के नेताओं ने ‘T X 2’ नारा के साथ बाघों की संख्या को दोगुना करने हेतु अधिक प्रयास करने का संकल्प लिया...
  4. विश्व बैंक ने अपने ‘ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव’ (GTI) कार्यक्रम, के माध्यम से, अपनी उपस्थिति और संगठन क्षमता का उपयोग करते हुए, बाघ एजेंडे को मजबूत करने हेतु वैश्विक साझेदारों को एक मंच पर एकत्रित किया है...
  5. इन वर्षों में, ‘ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव’ (GTI) पहल, ‘ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव काउंसिल (GTIC) के संस्थागत रूप में स्थापित हो गयी है, तथा अब यह, – ग्लोबल टाइगर फोरम (Global Tiger Forum) तथा ग्लोबल स्नो लेपर्ड इकोसिस्टम प्रोटेक्शन प्रोग्राम (Global Snow Leopard Ecosystem Protection Program)- के माध्यम से बाघ संरक्षण संबंधी कार्यक्रम चला रही है....

8.

जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट की सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की है.....जहाँ इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई अन्य मंत्रियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया है...

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है...यह अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र मध्य प्रदेश के लोगों को, उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा....

रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुरु तहसील में स्थित है...जो 1,590 एकड़ भूमि में फैली हुआ है....आपको बता दें इसकी कुल सौर क्षमता 750 मेगावाट है....

इस पावर प्रोजेक्ट के सफल कार्यान्वयन के लिए, सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) और मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना की गई थी....बता टेन चलें की संयुक्त उद्यम कंपनी का नाम रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (RUMSL) है...

परियोजना की कुल लागत लगभग 4000 करोड़ रुपये है....जहाँ विश्व बैंक ने जनवरी 2018 में परियोजना के आंतरिक बुनियादी ढांचे के लिए 30 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी. प्लांट के अंदर सौर उर्जा से बिजली उत्पादन के लिए 3 यूनिट हैं. तीनों इकाइयों से 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगी....

रिपोर्टों के अनुसार, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट द्वारा उत्पादित बिजली का लगभग 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो रेल सेवाओं में जाएगा. इस परियोजना के शुरू हो जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रीवा का नाम स्थापित होगा. यह प्रोजेक्ट हर साल करीब 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.

चुकी एशिया में यह सबसे बड़ा सोलर प्लांट है....ऐसे में इस परियोजना से मध्य प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी.... इससे बिजली वितरण कंपनियों/पावर मैनेजमेंट कंपनी को परियोजना अवधि में 4,700 करोड़ रुपये की बचत होगी. बिजली प्लांट से 76 छिहत्त्र फीसदी बिजली मध्य प्रदेश को और 24 फीसदी दिल्ली मेट्रो को दी जाएगी...

कम है बिजली की दर

साल 2017 की शुरूआत में उस समय की मौजूदा सौर परियोजना की लगभग 4.50 रुपये प्रति यूनिट की दर की तुलना में रीवा परियोजना ने 15 वर्षों तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि के साथ पहले साल 2.97 सत्तानवे रुपये प्रति यूनिट और 25 साल की अवधि के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की स्तरीय दर के साथ ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त किए...

इस सौर पार्क को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने विकसित किया है जो मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की ईकाई सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की संयुक्त उद्यम कंपनी है...बता ते चलें की इस सौर पार्क के विकास के लिए आर यू एम एस एल को 138 अड़तीस करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय मदद प्रदान की गई है...

पार्क के विकसित हो जाने के बाद आर यू एम एस एल ने पार्क के अंदर 250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयों का निर्माण करने के लिए रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से महिंद्रा रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, एसीएमई जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड और आरिन्सन क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया था...

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. भारत ने लॉन्च की विश्व की सबसे किफायती COVID-19 किट “COROSURE”

15 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दुनिया की सबसे सस्ती COVID-19 किट लॉन्च की। इस किट को आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। “COROSURE” नामक टेस्ट को दुनिया की सबसे सस्ती RT-PCR आधारित COVID-19 नैदानिक किट के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस किट का आधार मूल्य 399 निन्यबे रुपये है। किट बनाने के लिए करीब 10 कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। किट तैयार करने की तकनीक आईआईटी दिल्ली द्वारा कंपनियों को हस्तांतरित की जाएगी।

2. गूगल भारत में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने हाल ही में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ‘इंडिया डिजिटलाइजेशन फण्ड’ की शुरुआत की घोषणा की है। यह ‘गूगल फॉर इंडिया’ वर्चुअल लाइव-स्ट्रीम इवेंट में घोषित किया गया था, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देने पर केंद्रित था। इस पहल के माध्यम से, गूगल अगले 5 से 7 वर्षों में भारत में लगभग 75000 पचहतर हज़ार करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

3. अशोक लवासा को एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया

भारत के मौजूदा चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank-ADB) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। अशोक लवासा एशियाई विकास बैंक (ADB) के मौजूदा उपाध्यक्ष दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे, जो कि 31 अगस्त को सेवानिवृत हो रहे हैं। उन्हें कुल 3 वर्षों के लिये ADB के उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है। अशोक लवासा 1980 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी हैं और वे 31 अक्तूबर, 2017 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्त होने के पश्चात् अशोक लवासा ने 23 जनवरी, 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला था,

4. शुद्ध’ UV सैनिटाइज़र

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के शोधकर्त्ताओं ने कमरे को कीटाणुरहित करने के लिये ‘शुद्ध’ (SHUDH) अल्ट्रा वायलेट (UV) सैनिटाइज़िंग उपकरण विकसित किया है। इसका पूर्ण नाम ‘स्मार्टफोन ऑपरेटेड हैंडी अल्ट्रा वायलेट डिसइंफेक्शन हेल्पर’ (Smartphone operated Handy Ultraviolet Disinfection Helper-SHUDH) है। IIT-कानपुर के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित यह डिवाइस मात्र 15 मिनट में 10×10 वर्ग फुट के कमरे को कीटाणुरहित करने में सक्षम है। एक एंड्रॉइड एप के माध्यम से अपने स्मार्टफोन के ज़रिये इस उपकरण को चालू अथवा बंद किया जा सकता है और इसकी गति और स्थान को दूर से ही नियंत्रित किया जा सकता है। शुद्ध में 15 वाट की छह UV लाइट्स लगी हुई हैं, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से दूर से ही नियंत्रित किया जा सकता है।

5. भारत की पहली ई-लोक अदालत

हाल ही में COVID -19 प्रकोप के कारण प्रतिबंधित न्यायिक कार्य के बीच छत्तीसगढ़ में भारत की पहली राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत की शुरुआत की गई। इसका उद्घाटन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी. आर. रामचंद्र मेनन द्वारा किया गया। इस दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगभग 195 पंचानवे खंडपीठों का गठन किया गया और एक दिन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुल 2270 मामलों का निपटारा किया गया। आँकड़ों के अनुसार, रायपुर में कुल मामलों में से सबसे अधिक 515 मामले सुलझाए गए। ध्यातव्य है कि ई-लोक अदालत की यह नवीन अवधारणा, न्यायिक प्रणाली के लिये खासतौर पर मौजूदा COVID-19 के समय में काफी मददगार साबित हो सकती है।

6. रोको-टोको अभियान

कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण को सीमित करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने रोको-टोको अभियान (Roko -Toko Campaign) की शुरुआत की है, यह अभियान मुख्य रूप से उन लोगों के लिये संचालित किया जा रहा है, जो घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करना अनिवार्य है। अब इस अभियान के तहत राज्य के चयनित स्वैच्छिक संगठन उन लोगों को मास्क प्रदान करेंगे जो सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनते हैं और उन लोगों से इस संबंध में प्रति मास्क 20 रुपए का शुल्क भी वसूला जाएगा।

7. सोरायसिस की दवा- इटोलिज़ुमैब'

हाल ही में बायोकॉन लिमिटेड कंपनी की दवा, इटोलि ज़ु मैब ( Itolizumab) जो त्वचा संबंधित सोरायसिस बीमारी के इलाज में प्रयुक्त होती है COVID-19 महामारी से मध्यम/कम रूप से बीमार और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के सफलतापूर्वक इलाज़ को लेकर सुर्खियों में है।इटोलि ज़ु मैब दवा का कुछ COVID-19 मरीज़ों पर परीक्षण किया गया, विशेषज्ञों के अनुसार यह परीक्षण पूर्ण रूप से सफल रहा है... ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (Drug Controller General of India-DCGI ) द्वारा COVID-19 महामारी के इलाज के लिये इटोलि ज़ुमैब इंजेक्शन के सीमित आपातकालीन उपयोग को मंज़ूरी दे दी गई है। इसका इस्तेमाल उन मरीज़ों के इलाज के लिये किया जाएगा, जिन्हें COVID-19 संक्रमण के दौरान श्वास लेने से संबंधी समस्या है।

8. अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी

अमेरिकी एविएशन कंपनी ‘बोइंग’ (Boeing) द्वारा भारतीय वायु सेना (Indian Air Force-IAF) को पाँच AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Apache Attack Helicopters) की अंतिम डिलीवरी कर दी गई है। गौरतलब है कि भारत ने ‘बोइंग’ कंपनी के साथ कुल 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था, जिसमें से 17 अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति वायुसेना को पहले ही की जा चुकी है। भारत सरकार ने सितंबर, 2015 में 22 अपाचे हेलिकॉप्टर्स (Apache Helicopters) तथा 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters) के प्रोडक्शन तथा ट्रेनिंग के लिये अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग के साथ 3 बिलियन डॉलर का सौदा किया था।

9. स्वाभिमान अंचल में पहली यात्री बस का संचालन

ओडिशा के माओवादी गढ़ के रूप में प्रसिद्ध मलकानगिरी ज़िले में कट-ऑफ क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले स्वाभिमान अंचल (Swabhiman Anchal) में स्वतंत्रता के पश्चात् पहली बार यात्री बस का सफल संचालन किया गया। ओडिशा में चित्रकोंडा (Chitrakonda) के विधायक ने ओडिशा राज्य सड़क परिवहन निगम की एक बस को चित्रकोंडा से मलकानगिरी ज़िले के जोडाम्बो (Jodambo) के लिये रवाना किया, जहाँ हाल ही में एक नए पुलिस स्टेशन ने कार्य करना शुरू किया है। गौरतलब है कि पहले स्वाभिमान अंचल में आवागमन के लिये कोई भी सड़क मार्ग नहीं था।

10. दिव्यांगजन, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति कोटे की भांति समान लाभों के हकदार

उच्चत्तम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है, कि विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति भी सामाजिक रूप से पिछड़े होते हैं तथा सार्वजनिक रोजगार और शिक्षा में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के समान छूट एवं लाभों के हकदार हैं। न्यायालय ने अनमोल भंडारी (नाबालिग), (पिता / अभिभावक के माध्यम से) बनाम दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्ष 2012 के निर्णय को बरकरार रखा है। एक दिव्यांगजन, आर्यन राज द्वारा गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स, चंडीगढ़ के ख़िलाफ़ याचिका दायर की गई थी....कॉलेज ने पेंटिंग और एप्लाइड आर्ट पाठ्यक्रम में न्यूनतम अहर्ता अंकों में आर्यन राज को छूट देने से इंकार कर दिया...कॉलेज का कहना है, कि अभियोग्यता परीक्षा में विकलांग व्यक्तियों को भी 40% के सामान्य अहर्ता मानक को पूरा करना आवश्यक है। हालांकि, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को सामान्य अहर्ता मानकों में 35% की छूट दी गई थी....

11. उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020

उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्रिमंडल ने नए व्यापारिक विचारों को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2020 को मंज़ूरी दे दी है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान में राज्य में कोई विशिष्ट स्टार्टअप नीति नहीं थी और एक स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने तथा मज़बूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिये एक स्वतंत्र और व्यापक नीति की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश की इस नीति का उद्देश्य राज्य को स्टार्टअप के विषय में भारत के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करना है, इस नीति के तहत राज्य में कुल 100 इनक्यूबेटर स्थापित किये जाएंगे। साथ ही इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

12. भारतीय रेलवे ने वर्ष 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया

भारतीय रेलवे ने वर्ष 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हरित रेलवे बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, इसने प्रयासों को गति दी है। इसकी कुछ पहलों में लाइनों का विद्युतीकरण, ट्रेनों की ऊर्जा दक्षता में सुधार, स्टेशनों के लिए हरित प्रमाणन, कोचों में जैव शौचालयों की फिटिंग और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल करना शामिल है।

13. आंध्र प्रदेश में फसलों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हुआ

राज्य में रयुतु भरोसा केन्द्र (RBK) के तहत फसलों के मानचित्रण के लिए एक व्यापक अभ्यास 13 जुलाई, 2020 से आंध्र प्रदेश में शुरू हो गया है। आंध्र प्रदेश सरकार के राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को राज्य में प्रत्येक किसान द्वारा बोई गई फसलों के विवरण को संयुक्त रूप से ऑनलाइन दर्ज करने का काम सौंपा गया है। इलेक्ट्रॉनिक फसल पंजीकरण से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे या आपूर्ति की जाएगी। साथ ही, ऑनलाइन पंजीकरण के इस डेटा से राज्य सरकार को योजनाओं और पहलों में मदद मिलेगी जैसे ब्याज-मुक्त ऋण, फसल बीमा, रयुतु भरोसा, एमएसपी- न्यूनतम समर्थन मूल्य, आदि।

14. रिलायंस बनी 12 लाख करोड़ रुपये के मूल्य वाली पहली भारतीय कंपनी

मुंबई स्थित भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) 12 लाख करोड़ रुपये के मूल्य को छूने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गयी है। रिलायंस यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली बार भारतीय कंपनी बन गयी है।

15. अमेरिका 2019-20 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार बना हुआ है। यह लगातार दूसरा वित्तीय वर्ष है जब संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार बन गया है (वित्तीय वर्ष 2018-19 में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के शीर्ष व्यापारिक भागीदार बनने के लिए पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से आगे निकल गया था), जो दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ रहे आर्थिक संबंधों का संकेत देता है।

तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।