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Blog / 14 Jan 2020

(Global मुद्दे) एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट (SDG India Index Report)

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(Global मुद्दे) एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट (SDG India Index Report)


एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)

अतिथि (Guest): डॉ. नरेश चंद्र सक्सेना (पूर्व सचिव योजना आयोग), प्रो. सी. के. वार्ष्णेय (पर्यावरण मामलों के जानकार)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, NITI Aayog ने एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट का दूसरा संस्करण जारी किया। इस रिपोर्ट में एसडीजी उद्देश्यों को पूरा करने के मामले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति को विस्तार से दिखाया गया है। इस बार भारत का कम्पोज़िट स्‍कोर साल 2018 के मुकाबले 57 से 60 पर पहुंच गया है जो इस दिशा में एक बेहतर प्रदर्शन को बता रहा है। रैंकिंग के मुताबिक, केरल शीर्ष स्थान पर बना हुआ है जबकि बिहार सबसे निचले पायदान पर है। हालांकि बिहार ने साल 2018 के अपने स्कोर 48 के मुकाबले 50 अंक तक का सुधार किया है।

क्या है एसडीजी?

सतत् विकास लक्ष्यों यानी एसडीजी का प्रमुख मक़सद दुनिया से गरीबी को खत्म करना है। साथ ही, समाज में सामाजिक न्याय और पूर्ण समानता बहाल करना भी इसके लक्ष्यों में शुमार है। दरअसल साल 2015 में मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (MDGs) की समय सीमा खत्म हो गई थी। इसलिए 2015 में ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में ‘सतत् विकास हेतु एजेंडा 2030’ को स्वीकार करने पर सहमति बनी। इसके तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य यानी एसडीजी और 169 प्रयोजन स्वीकार किए गए, जो इस प्रकार हैं-

  • लक्ष्य -1 : गरीबी को पूरी तरह से ख़त्म करना
  • लक्ष्य -2 : भुखमरी को खत्म करना
  • लक्ष्य -3 : अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर
  • लक्ष्य -4 : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
  • लक्ष्य -5 : लैंगिक समानता
  • लक्ष्य -6 : साफ पानी और स्वच्छता
  • लक्ष्य -7 : सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा
  • लक्ष्य -8 : अच्छा काम और आर्थिक विकास
  • लक्ष्य -9 : उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढाँचा का विकास
  • लक्ष्य -10 : असमानता में कमी
  • लक्ष्य -11 : टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास
  • लक्ष्य -12 : ज़िम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन
  • लक्ष्य -13 : जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से निपटना
  • लक्ष्य -14 : जल संसाधनों का संरक्षण और बेहतर उपयोग
  • लक्ष्य -15 : स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों का संरक्षण और सतत उपयोग
  • लक्ष्य -16 : शांति और न्याय के लिए संस्थान
  • लक्ष्य -17 : लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी

एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स

इस सूचकांक को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय, संयुक्‍त राष्‍ट्र (भारत) और ग्‍लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्‍टीट्यूट के सहयोग से विकसित किया गया है। दरअसल NITI Aayog के दो प्रमुख काम है- पहला, देश में SDG के कार्यान्वयन की देखरेख करना और दूसरा, राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।

यह इंडेक्‍स सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के राष्‍ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) से प्राप्‍त 100 संकेतकों के मामले में सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों द्वारा की जा रही प्रगति को विस्तार से दिखाता है। इसके स्‍कोर के आधार पर वर्गीकरण पैमाना इस प्रकार है:

  • आकांक्षी : 0-49
  • परफॉर्मर : 50-64
  • फ्रंट रनर : 65-99
  • अचीवर : 100

16 SDGs के समग्र प्रदर्शन के आधार पर प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 0-100 की श्रेणी में एक कम्पोज़िट स्‍कोर तैयार किया जाता है। इस स्कोर के ज़रिए इन प्रदेशों के औसत प्रदर्शन को दर्शाया जाता है। यदि कोई राज्य/केंद्रशासित प्रदेश 100 का स्कोर प्राप्त कर लेता है, तो इसका मतलब उसने एसडीजी से जुड़े राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल कर लिया है। इसी तरह, जिस राज्य या फिर केंद्रशासित प्रदेश का स्कोर जितना ज्यादा होगा, वह लक्ष्यों को प्राप्त करने के उतना ही करीब होगा।

इस बार के एसडीजी इंडिया इंडेक्स में क्या नया है?

एनआईएफ के साथ बेहतर सामंजस्‍य और तमाम लक्ष्‍यों एवं संकेतकों की व्‍यापक कवरेज की बदौलत मौजूदा एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स 2019 अपने पहले संस्‍करण के मुकाबले कहीं ज्‍यादा व्यापक और महत्त्वपूर्ण है।

  • इस बार रिपोर्ट तैयार करते समय इसमें संयुक्त राष्ट्र की एसडीजी के 17 क्षेत्रों में से 16 को शामिल किया गया है। जबकि साल 2018 की रिपोर्ट तैयार करते वक्त इसमें सिर्फ 13 लक्ष्यों को शामिल किया गया था।
  • इसके अलावा, इस साल, एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट में सभी 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रोफाइल पर एक नया सेक्सन है, जो सभी लक्ष्यों पर उनके प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए काफी उपयोगी साबित होगा।

इस सूचकांक की अहमियत

एसडीजी लक्ष्यों के तय होने के बाद अब यह पांचवा साल शुरू हो चुका है। दरअसल भारत का राष्‍ट्रीय विकास एजेंडा इस एसडीजी में ज़ाहिर होता है। चूँकि विश्‍व की कुल आबादी का लगभग छठा हिस्‍सा भारत में ही रहता है, इसलिए वैश्विक लक्ष्‍यों की प्राप्ति की दिशा में भारत द्वारा की जा रही प्रगति पूरी दुनिया के लिए काफी अहमियत रखती है।

  • एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स 2019 एक ऑनलाइन डैशबोर्ड पर उपलब्ध‍ है जिसकी नीतिगत क्षेत्र, सिविल सोसायटी, कारोबारी जगत और शैक्षणिक क्षेत्र में व्‍यापक प्रासंगिकता है।
  • इस सूचकांक को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें वैश्विक मानकों के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की नीतियों का निर्माण हो और उसका क्रियान्वयन किया जा सके।
  • NITI Aayog द्वारा तथ्य आधारित नीति निर्माण के लिए लगातार किए जाने वाले प्रयासों में भी यह सूचकांक काफी सहायक साबित होगा। इसके ज़रिए राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेश अपनी प्राथमिकताओं को तय करने, प्रगति को मापने और अपने उत्तम प्रयासों को एक दूसरे के साथ साझा करने में सक्षम होंगे।
  • एसडीजी की निगरानी से जुड़े महत्वपूर्ण अंतराल और राष्ट्रीय/राज्य अथवा केंद्रशासित प्रदेशों के स्तर पर सांख्यिकीय प्रणालियों में सुधार की जरूरत के लिहाज से एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2019 मददगार साबित होगा।
  • इसके अलावा यह इंडेक्स, डेटा संग्रह, रिपोर्टिंग और कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत को भी स्पष्ट करता है।

रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य

भारत का कम्पोज़िट स्‍कोर साल 2018 के 57 से बेहतर होकर साल 2019 में 60 के स्‍तर पर पहुंच गया है जो इस दिशा में उल्‍लेखनीय प्रगति को दर्शाता है।

  • सर्वाधिक प्रगति लक्ष्‍य 6 (स्‍वच्‍छ जल एवं साफ-सफाई), लक्ष्‍य 9 (उद्योग, नवाचार एवं अवसंरचना) और लक्ष्‍य 7 (किफायती एवं स्‍वच्‍छ ऊर्जा) की प्राप्ति की दिशा में हुई है।
  • वे तीनों ही राज्‍य यानी उत्तर प्रदेश, बिहार एवं असम, जो ‘आकांक्षी’ श्रेणी (0-49 की रेंज में स्‍कोर) में थे वे अब ‘परफॉर्मर’ श्रेणी (50-64 की रेंज में स्‍कोर) में चले गए हैं।
  • इसी तरह पांच राज्‍य यथा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा और सिक्किम ‘परफॉर्मर’ श्रेणी से आगे बढ़कर ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में चले गए हैं।
  • केरल ने 70 के स्‍कोर के साथ संयोजित एसडीजी इंडेक्‍स में प्रथम रैंक प्राप्‍त किया है। इसके बाद 69 के स्‍कोर के साथ हिमाचल प्रदेश दूसरे स्‍थान पर है। इसी तरह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु 67 के स्‍कोर के साथ तीसरे पायदान पर हैं।
  • वर्ष 2018 से लेकर अब तक जिसने सर्वाधिक सुधार दर्शाया है उनमें उत्तर प्रदेश (जो 29वें पायदान से ऊपर चढ़कर 23वें पायदान पर पहुंच गया है), ओडिशा (23वें पायदान से 15वें पायदान पर पहुंचा) और सिक्किम (15वें स्‍थान से 7वें स्‍थान पर पहुंचा) शामिल हैं।
  • वैसे तो बिहार का स्‍कोर वर्ष 2018 के 48 से बेहतर होकर वर्ष 2019 में 50 हो गया है, लेकिन इस प्रगति को बहुत संतोषजनक नहीं बताया जा सकता।

निष्कर्ष

इंडेक्स के मुताबिक एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में भारत ने कुछ प्रगति जरूर की है लेकिन अभी भी आंकड़े यह बता रहे हैं कि राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तर पर अब भी काफी लंबा सफर तय करना होगा। साथ ही, राज्यों के बीच प्रगति को लेकर भारी अंतराल देखने को मिल रहा है और आंकड़ों की सटीक निगरानी को लेकर भी कुछ ख़ामी नजर आती है। इस नज़रिये से, नीति आयोग को डेटा के विश्लेषण और सटीक निगरानी और वृद्धिशील प्रगति को मापने के लिए क्षमता विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए आयोग अन्य संस्थाओं के साथ सहयोग की संभावनाओं की तलाश कर रहा है।