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Blog / 17 Feb 2020

(Global मुद्दे) भारत-श्रीलंका संबंध (India-Sri Lanka Relation)

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(Global मुद्दे) भारत-श्रीलंका संबंध (India-Sri Lanka Relation)


एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)

अतिथि (Guest): प्रो. एस. डी. मुनि (पूर्व राजदूत), स्मिता शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार)


  • हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने भारत की यात्रा की। महिंद्रा राजपक्षे का भारत आना भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जहां भारत ने अपनी नेवरहुड फर्स्ट नीति के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की एवं श्रीलंका से तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे ने भारत के द्वारा 40 अरब डालर की क्रेडिट लाइन के इस्तेमाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विचार विमर्श किया। आपको बता दें पिछले वर्ष श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की भारत यात्रा के दौरान श्रीलंका को भारत की तरफ से 40 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन मिली थी। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के द्वारा भारतीय मछुआरों के नावों को जल्द से रिहा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी।
  • हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा दोहरे कराधान से बचाव संधि तथा आय पर करों के संबंध में वित्‍तीय चोरी की रोकथाम के लिए भारत और श्रीलंका के मध्य संधि पर संशोधन वाले प्रोटोकॉल पर अपनी सहमति प्रदान की है।

भारत और श्रीलंका संबंध एक नजर में

  • भारत और श्रीलंका के मध्य 2000 सालों से सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक संबंध विद्यमान है। दोनों देशों के मध्य घनिष्ठ रूप से ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत विद्यमान है। वर्तमान परिवेश में दोनों देशों के मध्य संबंधों को निम्न दृष्टिकोण से समझा जा सकता है।

उच्च स्तर के राजनीतिक संबंध:

  • हाल ही में प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे की भारत की यात्रा
  • पिछले वर्ष राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की भारत यात्रा जिसमें भारत के द्वारा 40 अरब डॉलर क्रेडिट लाइन प्रदान करना
  • 2018 में प्रधानमंत्री श्री रानिल विक्रमसिंघे की यात्रा की आधिकारिक यात्रा
  • 2018 में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर की श्रीलंका यात्रा। इस यात्रा के दौरान श्रीलंका भारत के नेशनल नॉलेज नेटवर्क पर हस्ताक्षर करने वाला प्रथम देश बन गया।
  • 05 मई 2017 को, दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण में सार्क देशों के अन्य सदस्यों के साथ श्रीलंका का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से समारोह में जुड़ना। भारत के द्वारा दक्षिण एशियाई देशों को ‘सार्क सेटेलाइट’ उपहार में दिया गया है।
  • 2015-16 में श्रीलंका राष्ट्रपति सिरिसेना की भारत यात्रा
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 में श्रीलंका की यात्रा

आर्थिक-संबंध:

  • भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक संबंध भी व्यापक रूप से घनिष्ठ हैं। श्रीलंका सार्क देशों में भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। 2000 में श्रीलंका भारत मुक्त व्यापार संधि के उपरांत व्यापार में काफी तेजी आई है। श्रीलंकाई सीमा शुल्क के अनुसार, 2018 में द्विपक्षीय व्यापार 4.93 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2018 में भारत से श्रीलंका में निर्यात 4.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि श्रीलंका से भारत में निर्यात 767 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
  • भारत श्रीलंका में सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है। भारत ने श्रीलंका में लगभग 1.239 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश कर रखा है। निवेश के प्रमुख क्षेत्र में रिटेल पेट्रोलियम, आईटी, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट, दूरसंचार, आतिथ्य और पर्यटन, बैंकिंग और खाद्य प्रसंस्करण, तांबा और अन्य धातु उद्योग, टायर, सीमेंट, ग्लास निर्माण, और बुनियादी ढांचा विकास (रेलवे, बिजली, पानी की आपूर्ति) इत्यादि शामिल है।
  • इसके अलावा भारत और श्रीलंका कई क्षेत्रीय और बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य राष्ट्र हैं जैसे कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन , दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ और बिम्सटेक।

विकासात्मक सहयोग :

  • श्रीलंका भारत सरकार के द्वारा विकास सहायता प्राप्त करने वाले देशों में अग्रणी है। भारत श्रीलंका में विकास गतिविधियों के कई क्षेत्रों में सक्रिय है। भारत द्वारा दिए गए कुल विकास ऋण का लगभग छठा हिस्सा श्रीलंका को उपलब्ध कराया जाता है। अब तक भारत विकासात्मक सहयोग की दिशा में श्रीलंका में लगभग 3 बिलियन डॉलर प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुका है। इसमें से लगभग 560 मिलियन अमेरिकी डॉलर विशुद्ध रूप से अनुदान स्वरूप हैं।
  • हाल के दिनों में, श्रीलंका में ऋण की तीन लाइन ऑफ़ क्रेडिट को बढ़ाया गया था: पूंजीगत वस्तुओं, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, परामर्श सेवाओं और खाद्य पदार्थों के लिए US $ 100 मिलियन, 300,000 मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति के लिए US $ 31 मिलियन और पेट्रोलियम उत्पाद के लिए US $ 150 मिलियन की राशि प्रदान की गई । 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ़ क्रेडिट कोलंबो-मटारा रेलवे के पुनर्विकास के लिए उपलब्ध कराई जा रही है।
  • श्रीलंका में लघु विकास परियोजनाओं में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। श्रीलंका के मछुआरों को मछली पकड़ने के उपकरण और 25 ग्रामीण स्कूलों में सौर ऊर्जा सहायता प्राप्त कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने की परियोजनाएँ विचाराधीन हैं।
  • भारत ने हंबनटोटा और प्वाइंट पेड्रो में अस्पतालों को चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति की है। इसके साथ ही मध्य प्रांत में 4 अत्याधुनिक एंबुलेंस की आपूर्ति एवं मोतियाबिंद नेत्र शल्य चिकित्सा कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। इसके अलावा डिकोया अस्पताल में ओटी के नवीकरण के साथ-साथ उपकरणों की आपूर्ति की गई।
  • विचाराधीन परियोजनाओ में डिकॉय में 150-बेड के अस्पताल का निर्माण, ट्रिनकोमाली में अस्पताल का उन्नयन और कोलंबो में एक कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान शामिल हैं। भारत सीलोन वर्कर्स एजुकेशन ट्रस्ट में भी योगदान देता है जिसके अंतर्गत एस्टेट वर्कर्स के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता है।
  • 565 श्रीलंकाई पुलिस अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिसम्बर 2004 में शुरू किया गया है। अन्य 400 श्रीलंकाई पुलिस कर्मियों को रखरखाव के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  • साल 2018 में श्रीलंका में भारत के सहयोग से आकस्मिक एंबुलेंस सेवा शुरू की गई।
  • श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में आतंरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए 48,000 से ज्यादा घरों के निर्माण का इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरा किया जा चुका है।
  • नवंबर 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के लिए 40 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

सांस्कृतिक सहयोगः

  • भारत और श्रीलंका सांस्कृतिक रूप से काफी समानता रखते हैं, परंतु पड़ोसी देश होने के नाते संबंधों में यदा-कदा खटास आ जाती है। भारत और श्रीलंका के बीच 1977 ई- में सांस्कृतिक सहयोग पर हस्ताक्षर हुए थे। तब से अभी तक भारत श्रीलंका में संगीत, नृत्य हिंदी और योग की कक्षाएं संचालित करता है।
  • वर्ष 2015 में श्रीलंका के 66वें गणतंत्र दिवस पर कोलंबो में भारतीय सितार वादक श्री नीलामी कुमार द्वारा प्रस्तुति दी गई थी। भारत और श्रीलंका ने भगवान बुद्ध का 2600वां स्मरणोत्सव वर्ष भी मनाया। इसके अलावा श्रीलंका में वर्ष 2013 अंतर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट संग्रहालय को भारतीय गैलरी में भारत और श्रीलंका की सांझी विरासत को दर्शाया गया।
  • 21 जून 2015 को योग का पहला अंतरराष्ट्रीय दिवस प्रतिष्ठित महासागर के किनारे पर स्थित गाले फेस ग्रीन में मनाया गया था। इस कार्यक्रम में दो हजार योग प्रेमियों ने भाग लिया था।
  • 29 अप्रैल से 2 मई 2018 तक आयोजित वेसाक प्रदर्शनी के दौरान सारनाथ से पवित्र अवशेषों को श्रीलंका लाया गया। श्रीलंका में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष में कई समारोह आयोजित किए गए।
  • दोनों देशों के लोगों के मध्य संबंधों को बढ़ाने के लिए श्रीलंका के सशस्त्र बल और उनके परिवारों को बोधगया की तीर्थ यात्रा 2018 में करवाई गई। इसके लिए भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान परिवहन के लिए कोलंबो भेजा गया। 2018 में महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्यों के द्वारा श्रीलंका की यात्रा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान वैसाक संबोधन में वाराणसी और कोलंबो के मध्य सीधी विमान सेवा की शुरुआत करने की घोषणा की गई।
  • चेन्नई और जाफ़ना के बीच हाल ही में सीधी फ्लाइट की शुरुआत की गयी है
  • पर्यटन को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 2015 में श्रीलंका के पर्यटकों के लिए टूरिस्ट वीजा की शुरुआत की इसके साथ ही वीजा शुल्क में भी काफी कटौती की गई। आपको बता दें दोनों देशों के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण स्रोत है एवं दोनों देशों के पर्यटक एक दूसरे देशों के शीर्ष स्रोतों में शामिल है।

मानव संसाधन विकास:

  • भारत श्रीलंका के छात्रों को प्रतिवर्ष 710 से भी ज्यादा छात्रवृत्ति प्रदान करता है। भारत श्रीलंका के नागरिकों को तकनीकी और व्यवसायिक विषयों में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में अतिरिक्त अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही 2017-18 से श्रीलंका के छात्र एमबीबीएस और बीडीएस की प्रवेश परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं। IIT JEE (एडवांस्ड) प्रवेश परीक्षाएं 2017 से ही श्रीलंका में शुरू हो गई हैं।

भारतीय समुदायः

  • श्रीलंका भी भारत की तरह ही ब्रिटिश उपनिवेश रहा है इस देश में बहुत सारे मजदूर जिन्हें अंग्रेज भारत से श्रीलंका ले गए थे। ये विभिन्न धर्म और समुदाय के थे। इसी कारण यहां पर सिंधी, गुजराती, मेमोन, पारसी, मलयाली और तमिल भाषी व्यक्ति भी रहते हैं। ये लोग श्रीलंका में विभिन्न व्यवसायों में संलग्न हैं।
  • वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार श्रीलंका में तमिल समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 1.6 मिलियन है जो कि सरकार से अपनी मांगों की पूर्ति ना होने के कारण असंतुष्ट है। भारत समय-समय पर श्रीलंका में तमिल लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिये सहायता देता रहता है। इसका एक कारण यह भी है कि ये लोग भारतीय मूल के हैं, दूसरा वहाँ पर भड़की तमिल हिंसा का प्रभाव भारत पर भी पड़ता है।

रक्षा क्षेत्र में सहयोगः

  • भारत और श्रीलंका के मध्य वृहद सैन्य सहयोग भी स्थापित किये गए हैं। भारत समय-समय पर श्रीलंका की सैन्य क्षमता को विस्तारित करने के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता रहता है। उदाहरण के रूप में ‘सिलिनेक्स’, ‘मित्र शक्ति’ है जिनकी शुरूआत क्रमशः 2005 और 2013 में की गई थी। यह द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास सैनिक प्रशिक्षण कार्यशाला है।
  • इसके अलावा तटरक्षक बल का संयुक्त अभ्यास ‘दोस्ती’ का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत-श्रीलंका एवं मालदीव भागीदार हैं। बीते वर्ष भारत ने श्रीलंका को आफशोर पेट्रोल वेसेल प्रदान किया है। श्रीलंका ने वर्ष 2014 में भारत से दो आधुनिक आफशोर पेट्रोल वेसेल की मांग की थी जिसको भारत ने श्रीलंका के सुपुर्द कर दिया।
  • राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने श्रीलंका की खुफिया एजेंसियों को आतंकी हमले के संबंध में अलर्ट भेजा था। पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका में "ईस्टर डे" पर दर्दनाक और बर्बर आतंकी हमले हुए थे। दोनों देशों के द्वारा आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपना सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति व्यक्त की गयी है। भारत के प्रमुख ट्रेनिंग संस्थानों में आतंकवाद विरोधी कोर्सेज में श्रीलंका के पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लेना शुरू किया है। दोनों देशों की एजेंसीज के बीच संपर्क और सहयोग को और अधिक मजबूत किया गया हैं।

भारत और श्रीलंका के संबंधों के मध्य गतिरोध के बिंदु

  • श्रीलंका की 75 प्रतिशत जनसंख्या बुद्ध एवं सिंहल है। लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू और तमिल है। कई बार श्रीलंका में तमिलों के उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आते हैं जिस पर भारत ने अपना विरोध जताया है।भारत-श्रीलंका के मध्य 1987 में हुए समझौते के तहत श्रीलंका द्वारा 1987 में 13वें संविधान संशोधन को लाया गया। इस संशोधन के द्वारा तमिल लोगों को स्वायत्तता प्रदान करनी थी लेकिन अभी भी इस संशोधन का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। 2006 में संशोधन के द्वारा श्रीलंका के राष्ट्रपति की शक्तियों में वृद्धि कर दी गई जो 13 वें संविधान संशोधन के प्रतिकूल थी। इसी क्रम में पिछले वर्ष चुनाव में गोतबाया राजपक्षे की वापसी तमिल लोगों के उत्पीड़न इस आशंका को बढ़ा देती है क्योंकि राजपक्षे की छवि तमिल विरोधी है।
  • दूसरा प्रमुख मुद्दा दोनों देशों के बीच कच्चातीवू द्वीप है। यह लगभग 295 एकड़ क्षेत्र को कवर करता है। ब्रिटिश काल में इसका उपयोग समुद्री सैन्य अभ्यास के लिये किया जाता था। इस द्वीप पर एक सेंट एंथोनी का चर्च है, जहां पर तीर्थ यात्री आते-जाते रहते हैं। हालांकि इस द्वीप का महत्व भारत के लिये रणनीतिक रूप से कम नहीं है, परंतु भारतीय मछुआरों के लिये यह आजीविका का साधन है। भारत मद्रास के जमींदार रामानंद द्वारा प्रदत्त अधिकारों के कारण उस पर दावा करता था। श्रीलंका भी विभिन्न आधारों के हवाले इस द्वीप पर दावा करता था। वर्ष 1974 में एक समझौते के तहत भारत ने इस पर श्रीलंका की संप्रभुता मान ली, परंतु इस समझौते में भारतीय तीर्थयात्रियों एवं मछुआरों के लिये कुछ प्रावधान हैं जिसके तहत भारतीय मछुआरों को वहाँ मछली पकड़ने व आराम करने तथा भारतीय तीर्थ यात्रियों को आने-जाने का अधिकार है जिसको श्रीलंका सरकार नहीं मानती है।
  • कुछ समय पहले भारत और श्रीलंका के मध्य एक भूमि पुल का प्रस्ताव रखा गया था। यह प्रस्ताव रामेश्वरम और तलाईमन्नार के बीच था। इस प्रस्ताव पर तमिलनाडु सरकार ने विरोध किया था। यह प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है।
  • दोनों ही देशों की सेतु समुद्रम परियोजना भी अभी पूरी नहीं हुई है, कुछ समय पहले पर्यावरण और धार्मिक कार्यकर्ताओं द्वारा इसका व्यापक विरोध किया गया था।
  • भारत और श्रीलंका के बीच मुक्त व्यापार समझौता पहले ही हो गया था। दोनों देशों के मध्य बहुत सारे उपभोक्ता सामानों की अवैध तस्करी हो रही है। पाक जलडमरू मध्य के रास्ते भारत में मादक पदार्थों की तस्करी की जाती है, जो दोनों देशों के लिये समुद्री सहयोग में चिंता का विषय बना हुआ है।

चीन श्रीलंका गठजोड़:

  • श्रीलंका के चीन के साथ बढ़ते संबंध भी एक प्रमुख मुद्दा है। चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा शस्त्र आपूर्तिकर्ता देश है।2014 में श्रीलंका ने दो चीनी लड़ाकू पनडुब्बियों को कोलंबो बंदरगाह में रुकने की अनुमति प्रदान की।
  • भारत को घेरने की नीति के क्रम में (स्ट्रिंग ऑफ पल्स) के नीति के अनुरूप चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत श्रीलंका में दो बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है (कोलंबो और हंबनटोटा)। इसके साथ ही चीन श्रीलंका के सबसे बड़े निवेशक के रूप में देखा जाता है। 2019 के चुनाव में चीन समर्थित राजपक्षे का सत्ता में वापस आना पुनः श्रीलंका के चीन के प्रति झुकाव को और बढ़ा देगा।

भारत के लिए श्रीलंका से अच्छे संबंधों के क्या मायने हैं ?

  • श्रीलंका रणनीतिक रूप से हिंद महासागर के ‘सी लाइन कम्युनिकेशन’ पर स्थित है। यह दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री गलियारों में से एक है।
  • भारत को घेरने की योजना के क्रम में चीन ‘स्ट्रिंग ऑफ पल्स’ नीति पर काम कर रहा है। वही इसके साथ-साथ चीन भारत को रणनीतिक रूप से हिंद महासागर में दो तरफ से( जिबूती और मलक्का जलडमरूमध्य) के बीच घेरने की भी तैयारी कर रहा है। इस दिशा में श्रीलंका एक बफर स्टेट एवं अवरोधक के रूप में कार्य कर सकता है।
  • श्रीलंका भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर नीति के केंद्र बिंदु में स्थित है।
  • श्रीलंका में तमिल लोगों का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दक्षिण भारत की राजनीति को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।
  • हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए दोनों देशों के बीच सुरक्षा और सहयोग आवश्यक है।
  • विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में आगे बढ़ने के लिए श्रीलंका के साथ अच्छे संबंध आवश्यक हैं। उदाहरण के लिए SAARC, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन - IORA, बिम्सटेक इत्यादि

भारत एवं श्रीलंका के मध्य नवीनतम घटनाक्रम

  • परंपरा के विपरीत जहां नवीन सरकार के आने पर श्रीलंका का प्रधानमंत्री/ राष्ट्रपति भारत की यात्रा करता था वही 2019 में सत्ता के परिवर्तन उपरांत विदेश मंत्री जयशंकर ने तुरंत श्रीलंका की यात्रा की। यह भारत के बिग ब्रदर की छवि को सुधारने में शायद लिया गया कदम हो।
  • नवंबर 2019 में गोतबाया राजपक्षे की भारत यात्रा के दौरान भारत सरकार के द्वारा श्रीलंका को 40 अरब डालर की लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करने की घोषणा की गई। इसके साथ ही 716 करोड़ रुपए का कर्ज सोलर परियोजना के लिए भी देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। राष्ट्रपति राजपक्षे ने भारतीय मछुआरों की नौकाओं को जल्दी छोड़ने और इस मुद्दे के बेहतर समन्वय को अपनाए जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारतीय आवास योजना के तहत श्रीलंका में घरों के निर्माण के कार्य को जारी रखने की बात की गई वही श्रीलंका को आतंकवाद से लड़ने के लिए 358 करोड़ रुपये की मदद करने की भी घोषणा की गई।
  • श्रीलंका के द्वारा चीन के हंबनटोटा परियोजना की पुनः समीक्षा करने की बात की गई है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा दोहरे कराधान से बचाव संधि तथा आय पर करों के संबंध में वित्‍तीय चोरी की रोकथाम के लिए भारत और श्रीलंका के मध्य संधि पर संशोधन वाले प्रोटोकॉल पर अपनी सहमति प्रदान की है।

आगे की राह:

भारत को श्रीलंका से संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन लाना होगा। भारत द्वारा श्रीलंका को सैन्य सामानों की आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ श्रीलंका में अवसंरचना विकास में सक्रिय रूप से मदद करना होगा। भारत और जापान के द्वारा कोलंबो बंदरगाह के विकास की संयुक्त कार्यक्रम योजना की तरह ही अन्य देशों के साथ श्रीलंका में विकास के सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है। ईस्टर में आतंकवादी हमले के उपरांत श्रीलंका में राष्ट्रवाद का पुनः दूसरी बार उत्थान हुआ है एवं चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की घोषणा के साथ गोतबाया राजपक्षे सत्ता में आए हैं। हालांकि भारत के लिए राहत की खबर है कि एक नवीनतम सर्वे के अनुसार मात्र 4% श्रीलंका के लोग भारत को शंका की निगाह से देखते हैं। भारत एवं श्रीलंका के मध्य कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर संयुक्त रूप से आगे बढ़ा जा सकता है उदाहरण के लिए पर्यावरण, समुद्र क्षेत्र के संसाधनों का दोहन, संरचनात्मक विकास, आपदा-प्रबंधन, सैन्य-सहयोग, सांस्कृतिक सहयोग, मानव विकास (स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल)। भारत को इस दिशा में और सक्रिय रुप से सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे श्रीलंका भारत के बिग ब्रदर सिंड्रोम को भूलकर सक्रिय रुप से एक सशक्त पड़ोसी की तरह भारत का साथ दें।