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Blog / 10 Jan 2019

(Global मुद्दे) बांग्लादेश चुनाव (Bangladesh Election and India)

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(Global मुद्दे) बांग्लादेश चुनाव (Bangladesh Election and India)


एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)

अतिथि (Guest): वीणा सीकरी (पूर्व राजदूत, बांग्लादेश), प्रो. एस. डी. मुनि (पूर्व राजनयिक, दक्षिण एशियाई मामलों के जानकार)

सन्दर्भ:

बांग्लादेश के आम चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच शेख़ हसीना की अवामी लीग ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। 2014 के आम चुनावों का बहिष्कार करने वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने भी इस बार चुनाओं में हिस्सा लिया। और उसे सिर्फ 7 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

मौजूदा वक़्त में BNP प्रमुख ख़ालिदा ज़िया भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में हैं। जिसके कारण वो चुनाव नहीं लड़ पाईं। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने आवामी लीग को मिली जीत को क्रूर मजाक बताया और दोबारा से चुनाव कराने की मांग की । बांग्लादेश में हुए आम चुनाव के दौरान कुछ हिंसक घटनाएं भी सामने आईं। जिसमें एक सुरक्षाकर्मी सहित 17 अन्य लोगों के भी मारे जाने की ख़बर है। इसके अलावा बांग्लादेश चुनाव आयोग के मुताबिक़ भी देशभर में हिंसा की क़रीब 100 से अधिक शिकायतें मिली हैं।

मगर बांग्लादेश चुनाव में अवामी लीग को दोबारा से चुने जाने के बाद आम लोगों में काफी उत्साह है। पिछले कुछ सालों में अवामी लीग ने कानून व्यवस्था, सोशल सर्विस और इकॉनमी के मामले में अच्छा काम किया है। जिसके कारण शेख़ हसीना की सरकार ने पिछले 10 सालों में बांग्लादेश में क़रीब 6 % की रफ़्तार से आर्थिक विकास किया है। आर्थिक विकास के मामले में बांग्लादेश का विकासशील देशों की श्रेणी में आना और मध्यम आय वाले देश में शामिल होना भी शेख़ हसीना की अवामी लीग के कारण ही संभव हो सका है।

बांग्लादेश में अवामी लीग को जीत मिलना भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं। शेख़ हसीना की अवामी लीग भारत को ज़्यादा तवज्ज़ो देती है। साथ ही भारत के साथ साझा कामों पर भी आवामी लीग की सहमति रहती है। पिछले 3 सालों में आवामी लीग की सरकार के दौरान भारत और बांग्लादेश के द्विपक्षीय कारोबार में क़रीब 30 % की बढ़ोत्तरी हुई है। बांग्लादेश की 4000 किलोमीटर की सीमा के दायरे में अक्सर ही जातीय संघर्ष होते रहते हैं। जिसे इस पार्टी की सरकार के दौरान आसानी से सुलझाया जा सकता है। बांग्लादेश भारत की एक्ट ईस्ट एशिया पालिसी का भी ज़रूरी पार्ट है। इसके अलावा बांग्लादेश और भारत कई सारे महत्वपूर्ण ग्रुपों के मेंबर भी हैं जिनमें - SAARC, BIMSTEC और कॉमन वेल्थ नेशंस जैसे कई और भी ग्रुप शामिल हैं।

भारत बांग्लादेश के बीच सीमा विवादों को सुलझाने, अवैध घुसपैठ और तस्करी रोकने की दिशा में कई महत्वपूर्ण काम हुए हैं। उच्च स्तर पर नियमित यात्राओं और लेन - देन के ज़रिये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सम्बन्ध काफी बेहतर हुए हैं। सीमा पर शांति और अमन के लिए दोनों देशों के बीच "कोऑर्डिनेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट प्लान" CBMP योजना शुरू की गई। जिसका मक़सद गैर क़ानूनी गतिविधियों को रोकना और अपराधों पर लगाम लगाना है।

इसके अलावा भारत बांग्लादेश के बीच लागू भूमि सीमा करार पर भी काम शुरू हो गया है। साथ ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में संयुक्त परामर्श आयोग J. C. C की शुरूआत हुई है। जोकि दोनों देशों के बीच नए कामों को लागू कराने और उनकी निगरानी करने का काम करता है। भारत बांग्लादेश सीमा पर क़रीब 20 से अधिक लैंड कस्टम स्टेशंस भी हैं। जिनके जरिये सड़क मार्ग से सामानों की आवाजाही होती है।

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