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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 29 May 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 29 May 2020



इंडिया-ऑस्ट्रेलिया पैक्ट

  • पूरे विश्व को जोड़ने वाला एकमात्र माध्यम जल क्षेत्र है ! इन्हीं जलीय क्षेत्रों को महासागर, सागर और जल संधि के रूप में वर्गीकृत किया जाता है !
  • जल संधि से तात्पर्य उस जलीय क्षेत्र से है जो दो स्थलीय भागों को अलग करती हो तथा दो जलीय क्षेत्रों को जोड़ती हो !
  • इंडोनेशिया के सुमात्रा प्रायद्वीप और मलेशिया प्रायद्वीप के बीच इसी प्रकार की एक महत्वपूर्ण जलसंधि मलक्का जलसंधि है !
  • प्रशांत और हिंद महासागर को जोड़ने वाली यह जलसंधि लगभग 805 किलोमीटर लंबी है !
  • हिंद- प्रशांत क्षेत्र में होने वाले प्रसार के दृष्टिकोण से यह जलसंधि व्यापार एवं सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है !
  • चीन,जापान, कोरिया, ताइवान एवं दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के व्यापार एवं ऊर्जा परिवहन का यहसबसे प्रमुख केंद्र है !
  • इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप औरजावा के बीच ऐसी ही एक जलसंधि सुंडा जल संधि है !
  • हिंद- प्रशांत कनेक्टिविटी के लिए यह जलसंधि भी बहुत महत्वपूर्ण है !
  • इस जल संधि में द्विपीय संरचना और अवसाद ज्यादा होने के कारण मलक्का जलसंधि का महत्व और बढ़ जाता है !
  • बाली और Lombok के बीच इसी प्रकार की एक जलसंधि लोंबोक जलसंधि है !
  • वर्तमान समय में चीन की नीतियों का जिस प्रकार विरोध Five Eyes देशों द्वारा किया जा रहा है और चीन की तरफ से जिस प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आ रही है उससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी तनाव बढ़ रहा है !
  • भारत के साथ सीमा विवाद और हिंद एवं दक्षिणी चीन सागर में आए-दिन चीन के आक्रामक नीतियों ने भारत कोहिंद एवं प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विवश किया है !
  • इसी के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक दूसरे का सहयोग करने एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी विषम परिस्थिति को उत्पन्न होने से रोकने के लिए Island Swap का विकल्प चुना है !
  • इसके तहत भारत अपना मिलिट्री बेस कोको आईलैंड (Cocos Island) पर विकसित करेगा और इसी प्रकार का बेस ऑस्ट्रेलिया द्वारा अण्डमान क्षेत्र में किया जाएगा !
  • आने वाले समय में Virtual Bilateral Summit के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री Scott Morrison और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच Indo-Australian Pact पर हस्ताक्षर हो सकता है !
  • Cocos Island पर भारत की उपस्थिति Sunda और Lombok जलसंधि तक भारत की पहुंच को सुनिश्चित करेगा वही अंडमान निकोबार पर ऑस्ट्रेलिया बेस की उपस्थिति मलक्का जलसंधि पर ऑस्ट्रेलिया के निगरानी प्रणाली को मजबूत करेगा !
  • इस तरह दक्षिणी चीन सागर औरइन जलसंधियों तक चीन की आक्रमकता को सीमित करने का प्रयास दोनों देशों के द्वारा एक दूसरे के सहयोग से किया जा सकता है !
  • जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का आधार आयातित तेल से पूरा होता है इस कारण इनकी ऊर्जा सुरक्षा भी इस पैक्ट से मजबूत होगी !
  • QUAD (India, Japan, USA, Australia) का एक प्रमुख उद्देश्य चीन की आक्रामकता को इंडो- पैसिफिक क्षेत्र में रोकने की थी वह भी पूरी हो सकेगी !
  • चीन जिस तरह से आस्ट्रेलिया को वित्तीय रूप से कमजोर करने का प्रयास कर रहा है ऐसे में ऑस्ट्रेलिया इस पैक्ट से हिंद क्षेत्र में अपने व्यापारिक पहुंच को बढ़ा सकेगा !
  • श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान एवं अन्य द्वीपीय देशों में जिस तरह से भारत को चीनघेरने का प्रयास कर रहा है उससे भी भारत और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे का सहयोग कर निपट सकते हैं !

उत्तराखंड की जंगलों में आग

  • उत्तराखंड वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर एक राज्य बना जो उत्तर भारत का एक प्रमुख Forest Cover State है जहां इसका प्रतिशत 71.05% है !
  • यह राज्य वनों, पर्यटक स्थलों और अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है !
  • फूलों की घाटी, मसूरी, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि प्रमुख आकर्षक के केंद्र हैं !
  • उत्तराखंड में देश की आधी पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं !
  • उत्तराखंड वर्तमान समय में अपने वनों में लगी आग के कारण चर्चा में है !
  • दरअसल चर्चा इसलिए ज्यादा है क्योंकि वनों में आग लगने की समस्या यहां प्रत्येक वर्ष की नियति बन गई है !
  • यहां वर्ष 2016 में लगी आग इतनी भयानक थी कि इससे 4538.21 हेक्टेयर जंगल जलकर साफ हो गया था !
  • इस समय यहां कई दिनों से आग लगी है और कुछ ही दिनों में आग लगने की सैकड़ों घटनाएं यहां हो चुकी है !
  • उत्तराखंड को गढ़वाल और कुमाऊं दो डिवीजन में विभाजित किया गया और दोनों ही डिविजनो के दक्षिणी भाग में आग लगने की घटनाएं सामान्य हो चुकी हैं !
  • अभी लगी यहां आग 2000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को नष्ट कर चुका है !
  • हर साल जब उत्तर भारत में गर्मी बढ़ती है तो इस प्रकार की घटनाएं प्रारंभ हो जाती हैं और यह तभी रूकती है जब वर्षा प्रारंभ होती है !
  • जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तर भारत में गर्मी बढ़ती जा रही है जिसके कारण बर्फ पिघलने की दर में वृद्धि हुई है और शुष्कता में भी वृद्धि हुई है !
  • शुष्कता बढ़ने के कारण वर्षा की मात्रा में भी कमी आई है !
  • निर्माण गतिविधियों के कारण प्राकृतिक जंगल कंक्रीट के जंगल में बदलते जा रहे हैं फलस्वरुप Heat Island भी अधिक बन रहे हैं !
  • इसके साथ-साथ जंगलों और उसके समीप रहने वाले लोगों के द्वारा अनेक प्रकार के कार्यों के द्वारा यह आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं !
  • उत्तराखंड के 16% भाग पर चीड़ के वनों का विस्तार पाया जाता है ! यह वन आज के दृष्टिकोण से बहुत संवेदनशील माने जाते हैं !
  • मार्च से जून के बीच कई टन पत्तियां गिरती हैं यह पत्तियां जल्दी सूख जाती हैं और इनमें एक प्रकार का तैलीय पदार्थ पाया जाता है जो थोड़ी सी गर्मी में जलने लगता है !
  • इसमें गोंद की तरह Rosin मिलता है जो बहुत जल्द आग पकड़ लेता है ! Rosin का प्रयोग कई प्रकार के उद्योगों में भी किया जाता है !
  • अन्य वनों को काटने के कारण इनका विस्तार बहुत ज्यादा हो गया है !
  • लोगों के जंगलों पर अधिकार सीमित करने के कारण लोगों के सहयोग में कमी आई है ! यही कारण है कि यहां लोगों द्वारा आग से संबंधित सूचना देने का प्रतिशत 1/4 ही है !
  • सरकार स्थानीय लोगों पर यह आरोप लगाती है कि वह खुद आग लगा देते हैं जिससे घास क्षेत्र विकसित हो सके !
  • वहीं लोगों का कहना है कि शासन वन लगाने की अपनी क्षमता की कमी को छुपाने के लिए ऐसा करती है !
  • टिंबर (Timber) माफिया द्वारा भी आग लगाने की घटनाएं सामने आती रहती हैं !
  • वर्ष 2016 के बाद बनाया गया Chief Conservator Of Forest भी इसे रोकने में सफल सिद्ध नहीं हुआ है !
  • इस पद पर रह चुके एक अधिकारी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मेरे पास न वित्तीय अधिकार थे न मैं सर्वे और रिसर्च करवा सकता था !
  • वन संरक्षण के लिए केवल 5 ड्रोन उपलब्ध कराए गए !
  • जो बहुत कम है ! जिनका प्रयोग खनन एवं शिकार के लिए ही किया जाता है !
  • इन वनों में आग लगने के कारण न सिर्फ जैव विविधता में कमी आ रही है बल्कि ऑक्सीजन प्रदान करने की क्षमता भी कम हो रही है !
  • यह आग बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदा का भी कारण बनते हैं !
  • धुआं और राख बर्फ पर चिपक कर तापमान को बढ़ा देते हैं !
  • वनों का घटता प्रतिशत अधिक तापमान का कारण बनता जा रहा है !
  • पर्यटन और उससे जुड़ी सुविधाओं का विकास करने, खनन करने, सड़क निर्माण के कारण घटता वन प्रतिशत चिंताजनक स्थिति को चिन्हित करता है !

6 PM Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 29 May 2020


हांगकांग-राष्ट्रीय सुरक्षा कानून

  • चीन से लगा हुआ एक छोटा-सा क्षेत्र हांगकांग है !
  • यह वन कंट्री टू सिस्टम की व्यवस्था के तहत शासित होता है !
  • यह एक वैश्विक महानगर, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था वाला क्षेत्र है !
  • हांगकांग का अपना कानून, अपना झंडा, मुद्रा, पासपोर्ट, वीजा सिस्टम होता है लेकिन विदेश एवं रक्षा विभाग चीन के पास है !
  • चीन एवंजक्यूटिव अधिकारी यहां का मुख्य होता है, जिसे चुनने में चीन की मुख्य भूमिका होती है !
  • चीन एवं ब्रिटेन के मध्य हुए प्रथम अफीम युद्ध के बाद 1842 में चीन ने हांगकांग को ब्रिटेन को सौंपा !
  • 1898 में संधि के माध्यम से हांगकांग ब्रिटेन को 99 साल की लीज पर मिला !
  • 1941 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हांगकांग पर जापान का कब्जा हो गया !
  • 1946 में हांगकांग ब्रिटेन के हस्तक्षेप से नागरिक सरकार की स्थापना हुई !
  • 1970 तक हांगकांग एशिया का इकोनामिक पावर हाउस बन गया !
  • 1997 में ब्रिटेन के हुकूमत में रहने के बाद चीन को वापस सौंपा गया !
  • हांगकांग को एक देश दो व्यवस्था की मान्यता मिली ! इसका अर्थ- हांगकांग की इकोनामिक एवं पॉलीटिकल सिस्टम मैनलैंड से अलग होगी !
  • चीन की संसद ने गुरुवार ( 28 मई 2020) को हांगकांग से संबंधित एक सुरक्षा कानून को अनुमति दे दी !
  • यह कानून सितंबर माह से लागू हो सकता है !
  • इस कानून के तहत हांगकांग को मिला हुआ स्वायत्तता खत्म हो गया है और अब यह पूर्ण रूप से चीन के नियंत्रण में आ गया है ! हांगकांग संविधान लगभग कमजोर पड़ चुका है !
  • इस सुरक्षा कानून के तहत हांगकांग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और चीन का विरोध रोकने का प्रावधान है ! अब चीन के झंडे का अपमान बड़ी सजा होगी , उसका विरोध राष्ट्रीय एकता को तोड़ने वाला माना जाएगा !
  • दरअसल इस कानून का हांगकांग में लंबे समय से विरोध हो रहा था और लाखों लोग सड़कों पर आ गए थे !
  • इन लोगों ने हांगकांग की स्वतंत्रता की बात मुखर की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन प्राप्त किया था !
  • इस कानून के आने के बाद चीन का दखल और अत्याचार बढ़ सकता है, ऐसा लोकतंत्र समर्थकों का मानना है !
  • समीक्षकों का मानना है कि शी-जिनपिंग माओ ( माओ जे़डोंग) के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं !
  • यहां पर यह भी समझना आवश्यक है कि USA और पश्चिमी समुदाय चीन के हांगकांग में हस्तक्षेप को रोकने का प्रयास कर रहा था लेकिन चीन ने हर अपील और धमकी को खारिज करते हुए ऐसा किया है !
  • कुछ समय पहले USA द्वारा लाया गया हांगकांग डेमोक्रेसी एक्ट इसी प्रकार की रणनीति थी जिससे चीन और USA के बीच विवाद बढ़ा था !
  • अब चीन ने जब इस प्रकार का परिवर्तन कर दिया है तो इसके बाद कई प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आ रही है !
  • USA के Secretary Pompeo ने लिखा है कि हांगकांग अब स्वायत्त नहीं रहा लेकिन USA हांगकांग की जनता के साथ खड़ी है !
  • चीन के इस बदलाव से USA और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है क्योंकि ट्रंप अपने आप को एक मजबूत राष्ट्रपति सिद्ध करने के लिए चीन पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा सकते हैं !
  • ट्रेड वॉर एक नया रूप धारण कर सकता है, टैरिफ की दर बढ़ाई जा सकती है ! चीन के साथ व्यापार पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है !
  • USA ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में भी चीन के खिलाफ हांगकांग के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन चीन और रूस द्वारा इसे ब्लॉक कर दिया गया अर्थात अब इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो सकती है !
  • चीन के अंबेसडर ने इसे USA का Baseless request कहा और इसे चीन का आंतरिक मामला बताया है !

G-7 की बैठक और उसके निहितार्थ

  • G-7 एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1975 में की गई थी !
  • इस समय इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, USA, जापान और कनाडा शामिल है !
  • 1997 में रूस के इस समूह में शामिल होने के बाद कई वर्षों तक G-7 को G-8 के रूप में जाना जाता था !
  • वर्ष 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन का सैन्य अधिग्रहण किए जाने के बाद रूस को बाहर कर दिया गया और फिर से यह G-7 में परिवर्तित हो गया !
  • सामान्यतः यह प्रत्येक वर्ष अपनी शिखर बैठक करता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार, वैश्विक आर्थिक शासन एवं ऐसे सामान्य हित वाले मुद्दों पर चर्चा की जाती है जो पूरे विश्व के लिए कॉमन हो !
  • सदस्य देशों द्वारा समय-समय पर इसकी मेजबानी की जाती है !
  • मेजबान देश ही अध्यक्षता करता है और एजेंडे भी तय करता है !
  • विभिन्न देशों के साथ इस शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ, WB, IMF, UN जैसे प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाता है !
  • वर्ष 2020 की G-7 की बैठक 10-12 जून 2020 को USA के CAMP DAVID में आयोजित होने वाली थी लेकिन कोरोनावायरस के कारण अब यह बैठक कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए USA द्वारा आयोजित की जाएगी ! यह G-7 का 46 वां सम्मेलन होगा !
  • 45 में G-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी फ्रांस द्वारा अगस्त 2019 में नोवेल्ले -एक्विटेन के बियारिट्ज़ (Biarritz In Nouvelle-Aquitaine ) में की गई थी !>
  • भारत को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया जा चुका है जो इसके कद को बढ़ावा देता है !
  • यह सम्मेलन क्यों खास है ?
  • अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका - WTO एवं WHO
  • कोरोनावायरस और चीन
  • चीन की आक्रामकता और हांगकांग
  • आने वाले समय में व्यापार एवं अर्थव्यवस्था
  • जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा
  • रूस चीन एवं खाड़ी देशों की चिंताएं
  • अंतरराष्ट्रीय शांति को बनाए रखना
  • चुनौतियां
  • भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की भागीदारी न होने से निर्णय का क्रियान्वयन कठिन होगा !
  • कोरोनावायरस की वजह से बढ़ती वैश्विक मंदी !
  • चीन द्वारा उत्पन्न की जा रही जटिलताएं !
  • कोरोना काल में वैश्विक सहयोग !
  • बढ़ता सैन्य खर्च और सैन्य तनाव !