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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 25 May 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 25 May 2020



अफगानिस्तान में गठबंधन की सरकार

  • अफगानिस्तान मध्य एशिया का देश है जिसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में तजाकिस्तान, कजाकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान और पश्चिम में ईरान है !
  • पिछले चार दशकों से यह देश कई कारणों से अशांत बना हुआ है और इसकी अशांति भारत समेत पूरे विश्व के चिंता का कारण बन जाती है !
  • भारत और पाकिस्तान का पड़ोसी तथा मध्य एशिया का प्रारंभिक बिंदु होने के कारण यहां की अशांति और शांति दोनों का प्रभाव भारत पर पड़ता है !
  • यहां के शासन और सत्ता की चाभी राष्ट्रपति और तालिबान के बीच इधर से उधर होती रहती है !
  • सितंबर 2019 में यहां राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए जिसमें मुख्य प्रतिस्पर्धा अशरफ घनी (Ashraf Ghani) और अब्दुल्ला-अब्दुल्ला के बीच थी !
  • अशरफ घनी 5 वर्ष से यहां के राष्ट्रपति पहले से थे !
  • यहां की जनसंख्या 3.55 करोड़ है लेकिन लगभग 20 लाख लोगों ने ही वोट दिया ! जबकि मतदाता सूची में लगभग 1 करोड़ लोग हैं !
  • अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए और परिणाम मानने से मना कर दिया !
  • अशरफ घनी को 50.64% और अब्दुल्ला को 39.5% वोट प्राप्त हुए थे !
  • परिणाम के बाद दोनों नेताओं ने खुद को विजयी घोषित करते हुए अलग-अलग अपने को राष्ट्रपति घोषित कर दिया और पद की शपथ ली है !
  • भारत, पाकिस्तान और चीन ने अशरफ घनी को शुभकामनाएं दी और समर्थन दिखाया !
  • यहां कि सत्ता में जनजातियों की संख्या और सत्ता को अपने पास रखने की महत्वाकांक्षा मुद्दों को और जटिल बना देती हैं !
  • यहां 42% जनसंख्या पस्तूनों की है ! अशरफ घनी और अधिकांश तालिबान लड़ाके भी इसी समुदाय के हैं !
  • ताजिक 27%, हजारा 9%, उज़्बेक 9%, अन्य समुदाय हैं ! अब्दुल्लाह-अब्दुल्लाह ताजिक समुदाय से संबंधित है !
  • तालिबान चुनाव में बाधा उत्पन्न करने के साथ-साथ यहां की चुनी हुई सरकार को मान्यता प्रदान नहीं करते हैं ! और सत्ता को अपने पास रखना चाहते हैं !
  • अमेरिका लंबे समय से तालिबान को समाप्त करना चाह रहा है लेकिन अब उसकी रुचि अफगानिस्तान से खुद को बाहर करने की है !
  • इसी कारण कुछ माह पहले अमेरिका एवं तालिबान ने एक पीस डील (शांति समझौता-Peace Deal ) पर हस्ताक्षर किए !
  • इसके अनुसार U.S अपनी फौजों को यहां से बाहर ले जाएगी वहां तालिबान ने अमेरिका को आश्वस्त किया है कि अपनी जमीन का प्रयोग USA के खिलाफ नहीं होने देगा !
  • इस शांति समझौते में अफगानिस्तान की सरकार पक्षकार नहीं थी !
  • तालिबान ने कहा था कि वह यहां के सरकार के साथ वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा !
  • चुनी हुई सरकार ने इस समझौते को मानने से मना कर दिया और तालिबान भी पुनः हिंसा करने लगा !
  • कुल मिलाकर चुनाव के बाद से अब तक सत्ता का संघर्ष तालिबान अशरफ घनी और अब्दुल्ला-अब्दुल्ला के बीच चल रहा था !
  • कई देशों ने अशरफ घनी और अब्दुल्लाह-अब्दुल्लाह के बीच सहमति बनाने का प्रयास किया और ऐसा ना होने पर वित्तीय सहायता रोकने की बात कहा !
  • कई प्रकार के दबाव और आपसी बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने यह स्वीकार किया कि वह गठबंधन के सरकार चलाएंगे !
  • साथ ही अब्दुल्ला ने यह भी स्वीकार किया है कि वह अशरफ घनी को राष्ट्रपति स्वीकार करेंगे !
  • अब्दुल्लाह को High Council for National Reconciliation का चेयरमैन बनाया गया है !
  • इनकी जिम्मेदारी तालिबान और सभी गुटों से बातचीत कर शांति समझौते की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर शांति स्थापित करने की होगी !
  • 2014 से 2019 तक दोनों साथ में कार्य कर चुके हैं ! उस समय अब्दुल्लाह CEO थे एवं अशरफ घनी राष्ट्रपति !
  • भारत ने भी इस समझौते का स्वागत करते हुए अब्दुल्लाह-अब्दुल्लाह को अपना समर्थन दिखाया !
  • गठबंधन की सरकार पर अशांत अफगानिस्तान को शांत अफगानिस्तान में बदलने की बहुत बड़ी चुनौती होगी !
  • हालांकि समीक्षक यह मान रहे हैं कि यह डील स्थाई हो सकती है क्योंकि पश्तून और ताजिक दोनों समुदायों का नेतृत्व है !
  • तालिबान के हमले बढ़ गए और फिर से परिस्थितियां वही हो गई हैं जो Peace Deal से पहले थी !
  • गरीबी, अशिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी और वित्तीय अभाव से जूझ रहे अफगानिस्तान में एक नई चुनौती कोरोना वायरस की भी है !
  • हाल ही में कई रिपोर्ट ऐसी आई थी जिसमें यह कहा गया था कि यदि यहां बहुत बड़ी मात्रा में आर्थिक और चिकित्सीय सुविधाएं नहीं दी गई तो यह बीमारी हजारों लोगों की जान ले सकती है तालिबान को उभरने का मौका मिल सकता है !
  • भारत ने यहां कई बिलियन का न सिर्फ निवेश किया है बल्कि कई प्रकार के प्रोजेक्ट चल रहे हैं और पाकिस्तान द्वारा यहां की भूमि का प्रयोग भारत के खिलाफ किया जा सकता है !

अनिल अंबानी पर U.K हाईकोर्ट का आदेश

  • रिलायंस कम्युनिकेशन की स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी !
  • कंपनी ने अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए कई प्रकार के ऋण लिए थे !
  • वर्ष 2012 में कंपनी ने लगभग 925 मिलियन के लोन का Debt Refinancing कराया !
  • Debt Refinancing से तात्पर्य ऐसे नए ऋण या लोन से होता है जो पुरानी ऋण या लोन को कवर करते हैं !
  • यह Refinancing - industrial and Commercial Bank Of China , The China Development Bank और The Exim Bank Of China द्वारा किया गया था ! और इन बैंकों ने 717 मिलियन डॉलर का भुगतान किया !
  • बैंकों के अनुसार इस Refinance पर अनिल अंबानी ने अपनी पर्सनल गारंटी दिया था !
  • इसका मतलब है यदि कंपनी किसी कारण यह पैसा नहीं दे पाती है तो इसका भुगतान अनिल अंबानी के द्वारा किया जाएगा !
  • इस समय रिलायंस कम्युनिकेशन की स्थिति ठीक नहीं है तो साथ ही इन बैंकों का पैसा कंपनी द्वारा नहीं लौटाया जा रहा है फलस्वरूप इन कंपनियों ने U.K ( यूनाइटेड किंगडम) के एक कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी !
  • हाल ही में (शुक्रवार) कोर्ट ने अनिल अंबानी को यह आदेश दिया कि अनिल अंबानी 21 दिन में इनको 717 मिलियन (5447 करोड रुपए ) का भुगतान करें !
  • अनिल अंबानी का कहना है कि हमने किसी प्रकार की Personal गारंटी नहीं दी थी !
  • उन्होंने यह भी कहा कि यह U.K हाई कोर्ट का आदेश भारत में लागू नहीं होता है !
  • यहां यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि रिलायंस कम्युनिकेशन ने पिछले साल ही Bankruptcy Field कर दिया था !

Delhi Civil Defence विवाद

  • वर्ष 1968 में The Civil Defence Act, 1968 को लाया गया था !
  • सिविल डिफेंस के कार्यों में इस प्रकार के सभी कार्य आते हैं जो सेना, पुलिस की अनुपस्थिति में वॉलिंटियर्स के द्वारा किए जाते हैं !
  • सिविल डिफेंस अर्थात नागरिकता के केंद्र में युद्ध, आपदा या किसी संकट के समय अतिरिक्त सेवा बल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है जिससे किसी प्रकार के प्रशासनिक या व्यवस्थागत कार्य में रुकावट पैदा ना हो !
  • आग लगने, बाढ़, चक्रवात, भूकंप जैसी आपदाओं में इनका प्रयोग राहत एवं बचाव कार्य में बड़ी मात्रा में किया जाता है !
  • यह हथियार चलाने के अलावा वह सभी कार्य कर सकेंगे जिनकी अनुमति एक्ट के अनुसार दी जाए !
  • 1962 में चीन के साथ युद्ध हुए युद्ध में इनकी आवश्यकता बड़े पैमाने पर महसूस की गई ! जिससे जान-माल की सुरक्षा की जा सके , संकट की स्थिति में लोगों के मनोबल और नैतिक मूल्यों को ऊंचा रखा जा सके !
  • इन्हें समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है और आवश्यकता होने पर ही इन्हें बुलाया जाता है ना की परमानेंट रूप से इन्हें रखा जाता है !
  • Nuclear weapons, Biological और केमिकल Warfare तथा अन्य मानव निर्मित आपदाओं की विशेष ट्रेनिंग सुनिश्चित की जाती है !
  • लगभग 14 लाख इस प्रकार के वॉलिंटियर्स देश के मुताबिक रखने की बात की गई है लेकिन अभी यह संख्या 5 लाख से कम है !
  • कोरोनावायरस की वजह से इसका महत्व बढ़ गया है क्योंकि कई प्रकार के कार्यों में इनकी आवश्यकता महसूस की जा रही है !
  • सिविल डिफेंस गृह मंत्रालय के अधीन Directorate General Fire Service , Civil Defence and Home guards के अधीन होता है !
  • उस समय (1968) सिक्किम भारत का भाग नहीं था इसलिए इसमें लिखा था की इसका सदस्य वही व्यक्ति बन सकता है जो भारत का नागरिक या सिक्किम, भूटान और नेपाल की प्रजा हो ! इसे अपडेट न करने के कारण विवाद उभर आया है !
  • हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक Advertisement न्यूज़पेपर तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिया था जिसमें सिविल डिफेंस CORPS में वालंटियर के रूप में भर्ती होने की सूचना थी !
  • Eligibility क्राइटेरिया में ऊपर लिखी लाइन की कॉपी पेस्ट कर ली गई थी ! अर्थात सिक्किम को भारत से अलग माना गया था !
  • इसमें लिखा था कि व्यक्ति भारत का नागरिक को या सिक्किम, भूटान, नेपाल की प्रजा हो और दिल्ली का निवासी हो !
  • अर्थात भूटान, नेपाल के साथ सिक्किम को भारत से बाहर माना गया था !