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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 21 June 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 21 June 2020



चीन एक ROUGE STATE

  • Rogue state (दुष्ट राज्य) या Outlaw state ( गैर कानूनी राज्य) कुछ अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतकारों और राष्ट्र प्रमुखों द्वारा उन राज्यों के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द है जिन्हें वे विश्व की शांति के लिए खतरा मानते हैं !
  • जब इस शब्द का प्रयोग किसी राज्य/ राष्ट्र के संदर्भ में किया जाता है तो इसका आशय यह कहना होता है कि वह राज्य मानवाधिकार का उल्लंघन करता है, आतंकवाद का सहारा लेता है, बड़े पैमाने पर विनाश के हथियारों का प्रसार करता है और प्राप्त करने का प्रयास करता है और प्राप्त करना है ,अपने ही नागरिकों का गंभीर रूप से दुरुपयोग करता है !
  • इस शब्द का सर्वाधिक प्रयोग USA द्वारा किया जाता है ! हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने आधिकारिक तौर पर वर्ष 2000 से इस शब्द का प्रयोग बंद कर दिया था लेकिन 2017 में UN ने अपने भाषण के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने इस शब्द का प्रयोग किया था !
  • कल 20 जून को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा “महासचिव शी जिनपिंग ने चीनी मुसलमानों के खिलाफ अभियान के लिए हरी झंडी दे दी है ! द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हमने इतने बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं देखा ! अब PLA (चीन आर्मी) ने भारत के साथ सीमा पर तनाव को बढ़ा दिया है । कम्युनिस्ट पार्टी ना केवल अपने पड़ोसियों के साथ दुष्टता कर रहा है बल्कि उसने कोरोनावायरस के बारे में दुनिया से झूठ बोला और इसे दुनिया में फैलने दिया जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है ! और चीन को Rogue state के रूप में संबोधित किया !
  • जुलाई 1985 के बाद यह शब्द अधिक प्रयोग होना प्रारंभ हुआ और वर्ष 2000 तक लगभग 15 वर्षों तक खूब चर्चित रहा !
  • इस समय राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) ने कहा था “ हम बर्दाश्त नहीं करने जा रहे हैं गैरकानूनी या दुस्ट राज्य के हमलों से !
  • 1994 में USA के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एंथोनी लेक ( Anthony lake) ने पांच राज्यों को इस कैटेगरी में शामिल किया ! यह राज्य क्यूबा, उत्तर कोरिया, ईरान, मुअम्मर गद्दाफी के अधीन लीबिया और बाथिस्ट इराक (Baathist Iraq) थे ! क्यूबा को इसमें शामिल करने का प्रमुख कारण उसके द्वारा अमेरिका की मुखर आलोचना थी !
  • इस समय इस सूची में क्यूबा, ईरान, सूडान, सीरिया, उत्तर कोरिया, निकारागुआ और वेनेजुएला ( Maduro Goverment) आधिकारिक तौर पर शामिल है ! चीन इस सूची में अभी शामिल नहीं है !
  • इन अधिकारीक देशों के अलावा यह शब्द कभी-कभी अफगानिस्तान, इराक, लीबिया, दक्षिणी यमन और यूगोस्लाविया के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है ! अब चीन इन्हीं देशों में शामिल हो सकता है !
  • माइक पॉम्पियो ने चीन को रोग स्टेट के रूप में संबोधित करने के लिए भारत तथा ऑस्ट्रेलिया में चीन द्वारा की जा रही गतिविधियों और उइगर मुस्लिम समुदाय का मुद्दा उठाया !
  • भारत के साथ लगने वाले LAC पर चीन ने तनाव बढ़ाया है !
  • इसी प्रकार की गतिविधियां वह दक्षिण चीन और अन्य पड़ोसी देशों के साथ कर रहा है !
  • इन्होंने इस मुद्दे पर भारत का पक्ष लेते हुए कहा कि यह ( भारत) Most Populous Democracy वाला राज्य है जिसके साथ चीन द्वारा तनाव बढ़ाया जा रहा है !
  • ट्रंप उइगर समुदाय के लिए चीन पर Sanctions पहले ही लगा चुके है !
  • इसके तहत चीन के उन अधिकारियों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए हैं जो उइगर समुदाय के मानवाधिकार हनन में शामिल होंगे !
  • माइक पॉम्पियो ने चीन के लिए इस शब्द के प्रयोग के लिए चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया में किए गए साइबर अटैक को भी एक कारण बताया !
  • हाल ही में ऑस्ट्रेलिया पर एक बहुत बड़ा साइबर अटैक हुआ था जिसमें आस्ट्रेलिया के मुख्य सूचनाओं तक पहुंचने का प्रयास किया गया था !
  • स्कॉट मॉरीसन ने इसे State Based Cyber अटैक बताया है !
  • इसका मतलब बहुत बड़े ग्रुप द्वारा सुनियोजित तरीके से किए गए हमले से है !
  • इसकासाइबर अटैक के पीछे प्रमुख कारण वहां के प्रधानमंत्री द्वारा ऑस्ट्रेलिया द्वारा बार-बार चीन की आक्रामक नीतियों का विरोध करना बताया जा रहा है !
  • हाल ही में भारत-चीन तनाव मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया द्वारा चीन की नीतियों का विरोध किया गया था !
  • इससे पहले कोरोनावायरस के प्रसार में चीन की भूमिका पर प्रश्न उठाने वाले अग्रणी देशों में ऑस्ट्रेलिया शामिल है !
  • अमेरिका द्वारा चीन के प्रति इन शब्दों के प्रयोग से जहां अमेरिका और चीन के तनाव बढ़ेंगे तो Quad सदस्यों का गठजोड़ मजबूत होगा !
  • भारत के प्रति अमेरिका का दृष्टिकोण दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करेगा !

बांग्लादेश में चीन का बढ़ता प्रभाव

  • बांग्लादेश भारत के उन पड़ोसी देशों में शामिल है जिसका रणनीतिक महत्व बहुत ज्यादा है !
  • हिंद महासागर में दोनों की उपस्थिति, पूर्वोत्तर के लिए चिकन नेक गलियारा, व्यापारिक साझेदार और सामरिक उपयोगिता कुछ ऐसे कारक हैं जिसकी वजह से दोनों का संबंध बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है !
  • बांग्लादेश के निर्माण के बाद से ही दोनों देशों के संबंध कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद अच्छे रहे हैं !
  • हाल के समय में हमारा यह पड़ोसी कई बार अपना झुकाव चीन की तरफ भी प्रदर्शित कर चुका है !
  • नेपाल पहले ही चीन के प्रभाव में आकर भारत विरोधी बयानों और गतिविधियों को अंजाम दे रहा है ! ऐसे में बांग्लादेश की चीन से निकटता भारत के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकती है !
  • बांग्लादेश जहां एक आयातक अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है वहीं चीन एक निर्यातक अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है !
  • वर्ष 2019 में दोनों देशों के बीच लगभग 18 बिलियन का व्यापार हुआ था ! इसमें बांग्लादेश को लगभग 14 बिलियन का व्यापार घाटा हुआ था ।
  • चीन और बांग्लादेश दोनों एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (APTA) के भाग हैं !
  • इसमें सदस्य देश एक दूसरे के सामानों पर कम टैरिफ या टैरिफ मुक्त करने का प्रयास करते हैं !
  • इसी प्रक्रिया के तहत कुछ माह पहले चीन ने कहा था कि आने वाले समय में Least Developed countries (LDC) शामिल देशों को अपने सामान चीन के बाजार तक पहुंचाने के लिए टैरिफ में भारी कटौती की जाएगी !
  • इसी के तहत हाल ही में बांग्लादेश से चीन को निर्यात होने वाले वस्तुओं पर 97% टैरिफ छूट की घोषणा की है !
  • बांग्लादेश पहले से ही APTA के तहत 3095 वस्तुओं पर पहले से ही छूट प्राप्त करता है अब इस घोषणा के बाद वस्तुओं की संख्या बढ़कर 8256 हो गई है !
  • यहां यह ध्यान देना आवश्यक है कि APTA मे भारत दक्षिण कोरिया लाओस और श्रीलंका भी इसमें शामिल है ! लेकिन भारत को इस प्रकार का कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है !
  • भले ही चीन ने बांग्लादेश को APTA के तहत छूट दी हो लेकिन समीक्षक से भारत को संतुलित करने के लिए उठाए गए कदम के रूप में देख रहे हैं !
  • बांग्लादेश पहले से ही चीन के Belt and Road Initiative (BRI) का भाग है जिसके तहत लगभग 21. 5 बिलियन का चीनी निवेश बांग्लादेश में कर रहा है !
  • इसी के साथ चीन ने बांग्लादेश को 38 बिलियन डॉलर के रेट की भी पेशकश की है !
  • इस तरह यह चीन की एक आर्थिक कूटनीति का हिस्सा हो सकता है !

ईरान परमाणु ऊर्जा

  • IAEA - International Atomic Energy Agency परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए परमाणु हथियारों के प्रयोग को रोकने का कार्य करता है ! इसका मुख्यालय वियना में है !
  • इसकी स्थापना 1957 में हुई थी एक अंतरराष्ट्रीय संधि के माध्यम से UN द्वारा इसकी स्थापना की गई थी लेकिन यह UN के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं आता है !
  • यह सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा दोनों को रिपोर्ट करता है !
  • इस में प्रकाशित रिपोर्ट में ईरान द्वारा 4 माह से अधिक समय से दो संदिग्ध स्थानों के निरीक्षण को रोके जाने के बाद गंभीर चिंता व्यक्त की है !
  • इसमें यह कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान अपने संवर्धित यूरेनियम भंडार की सीमा को पार कर चुका है !
  • इससे कुछ देशों द्वारा यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि ईरान परमाणु हथियार का निर्माण कर सकता है !
  • ईरान ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है और कहा है कि वह हमेशा से परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग करता आया है और परमाणु हथियार बनाने की कोई मंशा नहीं है !
  • ईरान को लेकर यह कोई नई चिंता नहीं है !
  • वर्ष 2015 में ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस एवं जर्मनी के साथ मिलकर परमाणु समझौता किया गया था !
  • इसके तहत ईरान को संवर्धित यूरेनियम के भंडार में कमी करते हुए अपने परमाणु संयंत्रों की निगरानी की अनुमति प्रदान करनी थी !
  • ईरान और USA तनाव के बीच USA इस समझौते से बाहर हो चुका है !
  • ईरान पर इसके बाद से फिर से कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं !