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Blog / 21 Jan 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 21 January 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 21 January 2020



MAKE IN INDIA

  • 25 सितंबर 2014 को भारत सरकार ने मेक इन इण्डिया को लांच किया।
  • इसका उद्देश्य भारत के विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देना था।
  • 2014 में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान मात्र 16% था जो चीन के विनिर्माण के आधे से भी कम है।
  • विनिर्माण क्षेत्र न सिर्फ उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि रोजगार एवं समावेशी विकास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
  • इसको लांच करने के बाद कई कंपनियों ने हजारों करोड़ रूपये का निवेश करने की बात कही।
  • 2015 में भारत FDI के लिए सबसे प्रमुख देश बनकर उभरा और इससे चीन एवं USA को पीछे छोड़ दिया।
  • इसी के साथ निम्नलिखित राज्यों ने भी अपनी-अपनी योजनाएं प्रस्तुत की।
  • इसके प्रमुख लक्ष्य रखे गये।
  • विनिर्माण सेक्टर का योगदान GDP में 16% से बढ़ाकर 25% 2022 तक (बाद में 2025) करना।
  • इस सेक्टर में 2022 तक 100 मिलियन रोजगार सृजन करना।
  • 12.14% वार्षिक वृद्धि इस सेक्टर में लाना।
  • सभी वस्तुओं का निर्माण 2022 तक भारत में शुरू करना।
  • वस्तुओं की कीमत में कमी लाना।
  • नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना।
  • इसका एक प्रमुख उद्देश्य भारत को विनिर्माण का हब बनाया था।
  • इस पहल के 5 साल होने पर कई समीक्षक अब इसका मूल्यांकन कर रहे है।
  • कई समीक्षकों का मानना है कि इस प्रकार के पहल का परिणाम आने में समय लगता है तो कुछ का मानना है कि यह फेल हो चुका है।
  • तीन मानकों की मदद ली जा सकती है।
  • पहला आधार निवेश है- निवेश में जो वृद्धि 2015 में देखी गई बाद में उसमें कमी आने लगी है।
  • 2013-14 में Gross Fixed Capital Formation निजी क्षेत्र का GDP का 31.3% था वह 2017.18 में गिरकर 88.6% हो गया है।
  • GFCF- सरकारी और निजी क्षेत्र के फिक्सड Assets पर किये जाने वाले शुद्ध पूंजी व्यय का एक आकलन है। इसमें किसी कंपनी, सरकार या स्थानीय निकाय ने एक साल या तिमाही में मशीनरी, वाहन, नई रिहायशी इमारतें आदि पर किये गये व्यय शामिल होते हैं।
  • इसका बढ़ना रोजगार और उत्पादन में वृद्धि का संकेत देता है जबकि कमी अर्थव्यवस्था में ठहराव और मंदी की ओर बढ़ने का संकेत देता है।
  • CSO (केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय) आंकड़े जारी कर यह बताता है कि उक्त अवधि में GDP का कितना हिस्सा GFCF के रूप में आया। इसलिए इसे GDP के अनुपात में व्यक्त किया जाता है।
  • GFCF मे कमी का एक प्रमुख कारण Household की सेविंग में कमी आना बताया जा रहा है, हालांकि प्राइवेट कॉरपोरेट सेक्टर का सेविंग बढ़ा है।
  • IIP ( Index Of Industrial Production ) का कम होना है। अप्रैल 2012 में नवंबर 2019 के बीच दो मौके ऐसे आये जब वृद्धि दर दो आकड़ों तक पहुँची अन्यथा यह तीन प्रतिशत से भी कम रही।
  • रोजगार के आधार पर देखें तो यह पता चलेगा की मेक इन इण्डिया से बहुत कुछ हासिल नहीं हुआ है।
  • कुछ समय पहले 45 साल में सर्वाधिक बेरोजगारी की खबरें हमारे सामने आई थी।
  • कुछ समीक्षक इस परिणाम के पीछे दो कारणों को जिम्मेदार मान रहे हैं।
  • विदेशी निवेश बड़ी मात्रा में आने की संभावना। हमारे यहाँ का आर्थिक वातावरण, श्रम कानून, पर्यावरणीय नियम, आधारभूत संरचना आदि में कुछ ऐसी कमियाँ थीं जिससे FDI का प्रवाह बाधित हुआ।
  • एक कारण यह भी था इस समय (2014-2019) वैश्विक मंदी का प्रभाव था, जिससे मांग में कमी देखी गई।
  • नीति को जमीन पर लागू करने का आभाव पहले की स्कीम की तरह यहाँ भी देखने को मिला।
  • हमने 12-14% वार्षिक वृद्धि का जो लक्ष्य रखा था, वह अति महत्वाकांक्षी था।
  • इसमें कई सेक्टर शामिल किये गये जिससे यह आम रोजगार बनकर रह गई।
  • संरक्षणवाद की बढ़ती वैश्विक नीति से भी प्रगति में बाधा उत्पन्न होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
  • विचार- 15 अगस्त 2014 लालकिला से भाषण देते समय
  • लोगो- संयुक्त राज्य अमेंरिका की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा डिजाइन किया गया है।
  • एक शेर जो अशोक चक्र से प्रेरित है और भारत की हर क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है।
  • प्रमुख क्षेत्र- आटोमोबाइल, विमानन, जैव. प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रोनिक, IT, मीडिया एवं मनोरंजन, तेल और गैस, फार्मास्यूटिकल्स, बंदरगाह और शिपिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन आदि।
  • चीन के साथ हमारी 3488 किमी. लंबी सीमा लगती है।
  • यह सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमांचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखण्ड और अरूणांचल प्रदेश से लगी है।
  • इस सीमा में बहुत से ऐसे क्षेत्र है जो विवादित हैं।
  • भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए ITBP ( Indo-Tibetan Boarder Police Force) ने 173 Border Out Posts (BOPS ) का निर्माण कर रखा है।
  • यह सीमाएं और BOPS पर्वतीय और कठिन जलवायु क्षेत्र में स्थित है, इसलिए इनकी बहुत कठिन हो जाती है।
  • 20 अक्टूबर 1962 से 21 नवंबर 1962 तक हुए भारत चीन युद्ध में हमें काफी क्षति पहुंची थी।
  • इसके बाद चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने में एग्रेसिव पोलिसी के स्थान पर डिफेंसिव पोलिसी अपनाई गई।
  • सीमा पर इसी कारण से हमने सड़कों का निर्माण करने का बहुत आक्रामक प्रयास नहीं किया।
  • हमारा यह भी मानना था कि यदि हम सड़कों का निर्माण करते है तो युद्ध के समय इसका प्रयोग चीन के द्वारा किया जा सकता है।
  • इसमें प्रमुख बाधा इस क्षेत्र का बहुत ज्यादा उच्चावच वाला होना है।
  • दूसरी तरफ तिब्बत पठार हिमालय की तुलना में बहुत समतल है इसलिए उसके द्वारा इस क्षेत्र में व्यापक सड़क निर्माण किया गया।
  • सड़क निर्माण वह भी ऐसे क्षेत्रों में बहुत लागत वाली होती है जिसकी वजह से चीन ज्यादा निवेश कर पाया है।
  • 1997 के अंत तक चीन ने तिब्बत और अरूणांचल प्रदेश के समीप बहुत बड़ी मात्रा में सड़क का निर्माण कर चुका था।
  • 1998 में George Fernandez ने चीन को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
  • जब यह रक्षा मंत्री थे उस समय BRO ने चीन के साथ लगने वाली सीमा पर बनाने वाली सड़कों का ब्लू प्रिंट तैयार कर निर्माण प्रारम्भ कर दिया
  • इसी के तहत 1999 में केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 1999 में कई प्रोजेक्ट का अनुमोदन किया।
  • इसके बाद भारत ने एक चाइना Study Group (CSG) का भी निर्माण किया, जिसे सड़कों और सीमा के महत्वपूर्ण लोकेशन का अध्ययन करना था।
  • CSG ने 73 महत्वपूर्ण लोकेशन का चयन किया और उन्हें सड़कों से जोड़ने का प्रस्ताव पास किया।
  • इन सड़कों का अब 75% काम पूर्ण हो गया है।
  • इस समय भारत सरकार की अर्थव्यवस्था भी बढ़ी है। तो तकनीकी विकास भी हुआ है जिससे तीव्र गति से स्थायी सड़कों का निर्माण किया जा सकता है।
  • BRO 2022-23 तक 272 सड़कों कके निर्माण की परियोजना पर कार्य कर रहा है। इनमें से 61 स्ट्रेटजिक सड़के हैं।
  • 75% सड़कों के निर्माण से भारत हर प्रकार की चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
  • कुछ समय पहले ही भारत ने Bheem Base के Dokalam से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण किया जिससे 7 घण्टे की दूरी घटकर 40 मिनट हो गई है।
  • अरूणांचल प्रदेश में जो सड़के बन रही हैं उसमें एक खास प्रवृत्ति वहाँ के लोगों द्वारा सड़क निर्माण के लिए अपनी भूमि देना है।
  • नवंबर 2019 को यह सूचना लोकसभा में दी गई थी कि चीन सेना 50 से 60 किमी. अंदर प्रवेश कर गई है और अरूणाचल प्रदेश के CHAGLAGAM से 25-30 किमी. दूर स्थायी कब्जा करना चाहती है।
  • अरूणांचल प्रदेश में भारतीय राजनायिकों नेताओं और प्रशासकों का जाना चीन के लिए हमेशा से चिंता का विषय रहा है।
  • बढ़ती सड़के चीन की चिंता का समाधान करेंगी की अब हम और मजबूती से अपने क्षेत्रों में आवागमन बढ़ायेंगे।

जल्लीकट्टू फिर से चर्चा में

  • तमिलनाडु में पोंगल के मौसम में जल्लीकट्टू खेल का आयोजन किया जाता है।
  • असमें बैलों को इंसानो द्वारा कंट्रोल करने का प्रयास किया जाता है।
  • यह 2000 साल पुराना खेल है जो तमिलनाडु की संस्कृति का एक भाग है।
  • जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया और कहा कि इससे जानवरों को भारी चोट आती है।
  • अदालत ने 2014 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • तमिलनाडु में इस फैसले के खिलाफ काफी विरोध हुआ।
  • तमिलनाडु विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव लाकर इसे फिर से लागू कर दिया गया।
  • जब भी पोंगल का मौसम आता यह खेल विवादों में आ जाता है।
  • सरकार के कई रेगुलेशन के बावजूद कई बार यह घातक हो जाता है।
  • CCTV लगाने, डबल ब्रेकेटिंग करने, प्रशासन की अनुमति लेने, शामिल लोगों का लिस्ट बनाया जाता है।
  • इस पर प्रतिबंध के सभी प्रयास विफल हो गये क्योंकि इससे भावनात्मक जुड़ाव ज्यादा है, नेताओं और यूथ की मंशा भी यही रहती है।
  • इस प्रकार के कई खेलों पर पहले भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसलिए इस पर भी कोई बीच का रास्ता निकालने की जरूरत है।