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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 19 June 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 19 June 2020



RIC की बैठक में शामिल होगा भारत

  • RIC समिट रूस, इंडिया और चीन के बीच होने वाली एक त्रि-पक्षीय बैठक है ! जो वर्ष 2002 से हो रही है !
  • RIC बैठक की 16 वीं मीटिंग 27 फरवरी 2019 को चीन के झेंजियांग मे संपन्न हुई थी ! इसमें तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया था !
  • इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व सुषमा स्वराज ने किया !
  • यह बैठक आपसी संबंध मजबूत करने, विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ अन्य मंचों पर मजबूत करने, बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने आदि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती है !
  • विदेश मंत्रियों की इस बैठक में उन सभी संगठनों एवं मंचों को बढ़ाने पर सहमति जताई जाती है जिससे हिंद प्रशांत क्षेत्र में तीनों देशों की स्थिति मजबूत हो सके !
  • तीनों देशों में आतंकवाद एक सामान्य मुद्दा है जिसके सभी रूपों और स्रोतों की निंदा एवं संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर सहमति इस समिट में व्यक्त की जाती है !
  • इसके अलावा मादक पदार्थों की तस्करी, वाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग, जैविक तथा रासायनिक हथियारों के निषेध की बात भी यहां प्रमुख रूप से उठाई जाती है !
  • इस साल तीनों देशों (RIC सदस्य) के विदेश मंत्रियों की बैठक मार्च में प्रस्तावित थी लेकिन Covid-19 के कारण यह नहीं हो पाई !
  • अब यह बैठक 23 जून को प्रस्तावित है, जिसकी अध्यक्षता रूस के द्वारा की जा रही है ! यह एक डीजिटल आभासी बैठक होगी ।
  • पिछली बैठक से अभी तक न सिर्फ देशों के आपसी संबंधों में बल्कि वैश्विक परिस्थितियों में बहुत परिवर्तन आ चुका है! इसलिए यह इस बार की बैठक महत्वपूर्ण होने के साथ साथ चुनौतीपूर्ण है ।
  • Covid-19 के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ना सिर्फ चीन को दोषी ठहरा रहे हैं, बल्कि भारत भी अपनी मूक सहमति इस पर जताता आया है। वही रूस इस मुद्दे पर चीन के साथ खड़ा दिखाई देता है !
  • इस बीच Quad समूह ने आपसी सहमति को हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत किया है !
  • इसमें भारत, जापान, यू. एस.ए. एवं ऑस्ट्रेलिया शामिल है, जिसे लेकर रूस एवं चीन ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है !
  • रूस एवं चीन दरअसल इस हिंद प्रशांत क्षेत्र में होने वाले किसी भी सैन्य गठजोड़ के खिलाफ रहे हैं !
  • इसी बीच भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मिलिट्री बेस के आदान के समझौते पर भी रूस एवं चीन की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं है !
  • इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा लगभग डेढ़ माह से भारत एवं चीन के बीच सीमा तनाव के संदर्भ में है !
  • इस तनाव की वजह से 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जिसकी वजह से भारत के इस बैठक में शामिल न होने की संभावना बन गई थी !
  • चूंकि भारतीय विदेश नीति दीर्घकालिक लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ती है इसलिए भारत ने इसमें शामिल होने का फैसला किया है !
  • इस बैठक की अध्यक्षता रूस के पास है इसलिए रूस द्वारा भारत को शामिल करने का भी प्रयास किया गया !
  • रूस पहले से ही यह कहता आया है कि चीन एवं भारत दोनों उसके अच्छे दोस्त हैं और दोनों को आपसी बातचीत के माध्यम से सीमा विवाद का समाधान करना चाहिए !
  • इसलिए इस बैठक में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे को नहीं उठाया जाएगा !
  • वैश्विक सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, कोरोनावायरस, अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात आदि पर चर्चा प्रस्तावित है !
  • इसके अलावा तीनों देशों के मध्य व्यापार को लेकर भी बातचीत हो सकती है !
  • भारतीय एयरफोर्स ने रूस से कुछ लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा है! इस बजह से रूस और भारत के संबंध अच्छे होने के आसार हैं तो साथ ही रूस दोनों देशों के बीच के तनाव को कूटनीतिक तरीके से कम भी कर सकता है ।
  • भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का जो नारा दिया है उसकी वजह से व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा भी उठ सकता है !

Eastern Dedicated Freight Corridor

  • Eastern Dedicated Freight Corridor ( पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा) माल ढुलाई का सबसे बड़ा रेल गलियारा है, जिसकी लंबाई लगभग 1839 किलोमीटर होगा यह लुधियाना (पंजाब) से पश्चिम बंगाल तक बनेगी !
  • यह विद्युतकृत लाइन होगी जो सामान्यत: जगह होने पर दो लाइन वाली और कम जगह होने पर सिंगल लाइन वाली होगी ! जैसे लुधियाना में खुर्जा (उत्तर प्रदेश) तक यह सिंगल लाइन वाली होगी।
  • इसे वर्ष 2014-15 के वित्तीय वर्ष में स्वीकृति मिली थी जिस पर मालिकाना हक भारतीय रेलवे का है |
  • यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल को जोड़ेगी !
  • पटरियों के बीच का नाप भारतीय ब्रांड गेज (5 फीट 6 इंच) होगी !
  • इसकी लंबाई उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1049 किमी, पश्चिम बंगाल में 488 किमी, बिहार में 93 किमी, पंजाब में 88 किमी, हरियाणा 72 किमी, झारखंड में 50 किमी होगा |
  • इसके प्रारंभ होने पर सामानों की आवाजाही का समय कम होगा और सामानों को तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन किया जा सकेगा !
  • यह कॉरिडोर वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर से जुड़कर पूरे भारत के साथ-साथ वैश्विक निर्यात को गति प्रदान कर सकेगा !
  • इस कॉरिडोर के कानपुर से दीनदयाल नगर (मुगलसराय) के बीच 417 किमी की लंबाई में सिग्नलिग और कम्युनिकेशन की लाइन बिछाने का कार्य चीन की एक कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नलिग एंड कम्युनिकेशन को दिया गया था !
  • इस कंपनी को जून 2016 में यह कार्य दिया गया था लेकिन इन 4 सालों में कंपनी ने सिर्फ 20% कार्य ही पूरा किया है !
  • भारतीय रेलवे ने कंपनी से कई बार समय पर संपन्न करने तथा तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने की बात कहीं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला !
  • चूंकि इस कॉरिडोर में विश्व बैंक सहयोग कर रहा है इसीलिए विश्व बैंक को भी इस विषय में सूचित किया गया है ।
  • डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए इस कंपनी के साथ करार समाप्त करने का निर्णय लिया है !
  • विश्व बैंक से NOC ना मिलने पर यह करार 30 जून को समाप्त हो जाएगा !
  • रेलवे की तरफ से लेट-लतीफी और संतोषजनक कार्य ना होने को इसका कारण बताया गया है लेकिन अधिकांश लोग इसे चीन के प्रति गुस्से के रूप में देख रहे हैं !
  • हालांकि एक चुनौती इस कॉरिडोर को इस कंपनी के बाद दूसरी कंपनी को सौंपने के संदर्भ में भी है क्योंकि कार्य का बहुत कुछ हिस्सा प्रारंभ हो चुका है तथा भारतीय कंपनियां तकनीकी रूप से अभी कम एडवांस है !

टायर उद्योग

  • कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को आयात पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी !
  • आयात पर निर्भरता कम करने के लिए हमें उन सभी विकल्पों को तलाशना होगा जिससे आयात में कमी आ सकती है !
  • मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अंतर्गत आने वाले डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने कहा कि टायर के आयात को Restricted category मे शामिल कर रही है !
  • इसका मतलब यह है कि इसके आयात के लिए अब अनुमति लेनी होगी जबकि अभी तक यह फ्री कैटेगरी में था|
  • दरअसल भारत में इसका घरेलू उत्पादन पर्याप्त होता है और अधिक आवश्यकता होने पर उत्पादन को और बढ़ाया जा सकता है !
  • टायरों का आयात चीन, दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से किया जाता है ! इसमें सर्वाधिक हिस्सा चीन से आता है !
  • इससे न सिर्फ घरेलू टायर का उत्पादन एवं रबर उत्पादन प्रभावित हो रहा था बल्कि इससे विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली होता है !
  • भारत के दक्षिण राज्यों में प्राकृतिक रबर का उत्पादन बढ़ेगा और घरेलू उत्पादको को इसका लाभ मिलेगा !
  • आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में यह सेक्टर भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है!
  • Automotive Tyre Manufacturers Association (ATMA) लगभग 1 साल से इसकी मांग कर रहा था !
  • वही इसके आयात पर प्रत्येक साल लगभग 400 मिलियन डॉलर का भुगतान जो करना होता था, वह अब रुकेगा !
  • रबर उत्पादन में 2019 के डाटा के अनुसार भारत, थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया के बाद चौथा स्थान रखता है !
  • भारत के केरल राज्य में रबर का सबसे अधिक उत्पादन होता है कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु अन्य प्रमुख राज्य हैं !