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Blog / 16 Mar 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 16 March 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 16 March 2020



पुडुचेरी में शक्ति संघर्ष

  • पुडुचेरी संघ क्षेत्र का विस्तार यनम ( आंध्र प्रदेश ) पांडिचेरी शहर, कराईकल, दोनों तमिलनाडु और माहे ( केरल) में है !
  • यह क्षेत्र 1670 से 1954 तक एक प्रमुख फ्रांसीसी उपनिवेश था !
  • पुडुचेरी को 2006 से पहले पांडिचेरी के नाम से जाना जाता था !
  • यह सर चेन्नई से 162 किलोमीटर दूर है ! यहां यात्रियों को आकर्षित करने वाले चार तट है- आरोविले तट, सेरेनिटी तट, पैराडाइज तट, प्रोयनेड तट, इसी के साथ अरविंदो आश्रम भी प्रसिद्ध है !
  • यह संघ क्षेत्र है जिसका प्रशासन यहां चुने गए मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर, विधायिका और कार्यपालिका के माध्यम से शासन चलाया जाता है !
  • संघ क्षेत्र होने के कारण यहां चुनी गई सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच टकराव होता रहता है जैसा कि कुछ समय पहले दिल्ली में दिखाई देता था !
  • यहां टकराव किरण बेदी को वहां की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाए जाने के साथ प्रारंभ हुआ ! यहां के मुख्यमंत्री बी नारायण हैं और चुनी हुई सरकार कांग्रेस की है ! जबकि केंद्र के स्तर पर भाजपा की !
  • नियुक्ति के बाद केंद्र सरकार द्वारा कहा गया था कि लेफ्टिनेंट गवर्नर को मंत्रिपरिषद से सलाह- मशवरा के बिना भी कार्य करने की छूट होगी !
  • इन्हीं प्रकार के कुछ और नियमों की वजह से वहां चुनी हुई सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पर कार्य में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया !
  • 4 जुलाई 2018 को यहां के एक विधायक ने मद्रास हाई कोर्ट में अपील कर शक्ति की व्याख्या या निर्णय की मांग की !
  • 30 अप्रैल 2019 को मद्रास हाईकोर्ट के सिंगल जज की बेंच ने लेफ्टिनेंट गवर्नर को दैनिक कार्यों में हस्तक्षेप न करने का निर्णय दिया !
  • इस फैसले के खिलाफ मई 2019 में किरण बेदी और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया !
  • सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस फैसले को मद्रास हाईकोर्ट से डबल जज बेंच के सामने अपनी बात रखने के लिए कहा !
  • अगस्त 2019 में केस डबल जज की बेंच के सामने लाया गया !
  • 11 मार्च 2020 को दिए गए निर्णय में सिंगल जज के फैसले को पलट दिया है और कहा कि संवैधानिक संस्थाओं ( मुख्यमंत्री- मंत्री और लेफ्टिनेंट गवर्नर ) को मिलजुल कर- सामंजस्य के साथ कार्य करना चाहिए !
  • इस निर्णय में कहा गया कि सिंगल जज के निर्णय में दिल्ली और पुडुचेरी की स्थिति एक समान है जबकि यह सही नहीं है !
  • दिल्ली में भी इस प्रकार की विवाद उत्पन्न होते रहते हैं और विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है ! सुप्रीम कोर्ट ने सामंजस्य स्थापित करने का आदेश दिया था आगे कोर्ट ने जोड़ा की संवैधानिक संस्थाओं को अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर कार्य करना चाहिए क्योंकि दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है !
  • दिल्ली या पुडुचेरी को लेकर विवाद पूर्णता समाप्त नहीं हुआ है क्योंकि शक्तियों की व्याख्या और सर्वोच्चता का समाधान अभी नहीं हो पाया है !

Covid-19 SAARC FUND

  • SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) दक्षिण एशिया के 8 देशों का एक संगठन है !
  • वर्तमान समय में इसके सदस्य देश- भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका एवं मालदीव है !
  • दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग के लिए संगठन बनाने के बाद सबसे पहले 1980 में सामने आई और अनेक बैठकों और प्रयासों के बाद दिसंबर 1985 को यह अस्तित्व में आया ! इसका मुख्यालय काठमांडू में स्थित है !
  • इसका उद्देश्य रखा गया- क्षेत्रीय आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक सहयोग एवं समस्या समाधान !
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट में यह रास्ता में रखी थी कि Covid-19 से निपटने के लिए सार्क के सभी देश मिलकर कार्य कर सकते हैं, इसके लिए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक कर सकते हैं !
  • भारत का मानना है कि इस महामारी से निपटने के लिए सार्क किस देश एक फंड बनाया जा सकता है! जिसमें सभी देश स्वैच्छिक रूप से अपना योगदान दे सकते हैं !
  • भारत इस फंड में फिलहाल 10 मिलियन USD का योगदान दे रहा है और आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है !
  • अभी तक भारत के अलावा किसी अन्य देश ने इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं की है !
  • भारत ने आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर और मेडिकल राहत सामग्री भेजने की बात रखी है तो साथ ही प्रत्येक सप्ताह अधिकारियों की बैठक करते रहने की बात कही है !
  • इस बीमारी को रोकने के लिए अपनाए गए तरीकों की जानकारी डिजिटल तकनीक के माध्यम से शेयर की जा सकती है !
  • कॉमन रिसर्च सेंटर बनाए जाने का सुझाव भी भारत की तरफ से रखा गया है !
  • ईरान के साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमाएं लगती हैं इसलिए अफगानिस्तान ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर टेलीमेडिसिन का स्पेशल यूज़ उसके साथ किया जाए !

UP पोस्टर विवाद और कानूनी पक्ष

  • CAA को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए और कई जगहों और प्लेटफार्म पर अभी भी विरोध हो रहे हैं !
  • उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ था !
  • सरकार नुकसान हुए सार्वजनिक संपत्ति की वसूली के लिए उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 लेकर आई जिसे अब कानूनी रूप दिया जा चुका है !
  • क्षति हुए संपत्ति की रिकवरी के लिए 53 आरोपियों से 1.61 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस जारी करते हुए 5 मार्च को शहर के कुछ हिस्सों पर पोस्टर ( होर्डिंग) भी लगवा दिए !
  • इस होर्डिंग पर नाम, पता, फोटो आदि जानकारियां थी !
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए योगी सरकार को पोस्टर हटाने का निर्देश दिया !
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकार ने इस मामले में जो किया वह लोगों की निजता में नाजायज दखलअंदाजी है और अनुच्छेद 21 के तहत प्राइवेसी और गरिमामय पूर्ण जीवन के अधिकार के खिलाफ है !
  • कोर्ट ने पूछा भी कि आप बिना किसी कानूनी आधार के ऐसा कैसे कर सकते हैं !
  • हाईकोर्ट के पोस्टर हटाने के आदेश को चुनौती उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गई !
  • SC ने इस मामले को 3 जजों की बेंच के सामने भेजते हुए पूछा कि यह कदम किस कानून के तहत उठाया गया है !
  • सरकार ने अध्यादेश को अनुमति देते हुए हैं कानूनी गैप को भरने का प्रयास किया है !
  • इस अध्यादेश के आधार के पीछे UP सरकार ने एससी के वर्ष 2011 के निर्णय का हवाला दिया !
  • 2011 में एससी ने कहा कि अगर किसी प्रदर्शन या विरोध के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान होता है तो इसे रोकने के लिए नियम बनाए जाने चाहिए !
  • सरकार का पक्ष है कि इन लोगों की भूमिका संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के संदर्भ में है !
  • वही जिनके ऊपर आरोप लगाया गया है उनका कहना है कि दोषी कौन है कौन नहीं यह कोर्ट निर्धारित करेगा और किसी कोर्ट ने हमें दोषी नहीं माना है ! उनका यह भी कहना है कि इस तरह UP सरकार साफ तौर पर अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन कर रही है !
  • सरकार हाईकोर्ट के अधिकारिकता पर प्रश्न खड़ा किया ! यूपी सरकार ने कहा कि जब लखनऊ खंडपीठ ( बेंच) है तो इलाहाबाद बेंच सुनवाई क्यों कर रही है तो साथ ही स्वत संज्ञान क्यों लिया गया !