Home > Daily-current-affair

Blog / 15 Dec 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 15 December 2020

image


(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 15 December 2020



LCA तेजस अमेरिका को बेचेगा भारत

  • तेजस भारत विकसित हल्का लेकिन अनेक विशिष्टताओं से युक्त लडाकू जेट विमान है। इसका पूरा नाम LCA (Light combat Aircraft) तेजस है।
  • तेजस का ढांचा कार्बन फाइबर से बना है जिसकी वजह से यह अन्य धातुओं से बनने वाले विमानों की तुलना में काफी हल्का होता है।
  • भारत में इसका विकास 1980 के दशक हल्का युद्धक विमान (LCA) नामक कार्यक्रम के अंतर्गत प्रारंभ हुआ, जिसका अधिकारित नाम तेजस मई 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।
  • इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है।
  • यह न सिर्फ त्वरित और प्रभावी हमलो करने में सक्षम है बल्कि निशाना भी इसका अचूक है। इन्हें भारतीय वायुसेना के एक स्क्वाड्रन में फ्रलाइंग बुलेट नाम दिया गया है।
  • इसकी गति 2000 किमी/घंटा से ज्यादा है। तेजस एक बार में लगभग 3850 किमी की दूरी तय करने में सक्षम है।
  • तेजस 13.2 मीटर लंबा और 4.4 मीटर ऊँचा है तथा सभी हथियारों को लोड कर देने पर इसका वजन 13500 किग्रा हो जाता है।
  • यह हवा से हवा में तथा हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम, रॉकेट भी लगाये जा सकते हैं। इसमें गाइडेड लेजर बम लगाने की तकनीकी भी विकसित की जा सकती है।
  • इसे आधुनिक रडार और मिसाइल जैमर से भी लैस किया जा सकता है।
  • वर्ष 2018 में तेजस में हवा में उड़ान के दौरान ईंधन भरा जा चुका है, जिससे इस विमान का महत्व और बढ़ गया था।
  • इस विमान को उड़ान भरने हेतु आधे किमी से भी कम जगह की आवश्यकता पड़ती है। यह सतह के करीब भी उड़ान भर सकता है और 50000 फीट की ऊँचाई पर भी।
  • भारत की पहचान अभी तक एक डिफेंस के आयातक की रही है लेकिन भारत ने हाल के समय में अपनी बदली है। भारत ने युद्धक टेंक के साथ-साथ ब्रह्मोस मिसाइल तक के निर्यात को अपने डिफेंस निर्यात में शामिल किया हैं भारत ने अब एक और कदम बढ़ाते हुए अमेरिकी नेवी को LCA तेजस को बेचने का प्रस्ताव रखा है।
  • अमेरिका ने अभी कुछ समय पहले एक वैश्विक डिमांड यह रखी थी कि उसे अपनी नेवी के लिए ट्रेनी फाइटर जेट की आवश्यकता है, जिसके माध्यम से वह अपने पायलटों को प्रशिक्षण दे सके।
  • इस प्रतियोगिता में अमेरिका के साथ-साथ कई देशों की कंपनियाँ हिस्सा लेंगी। भारत ने तेजस को यहां प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है।
  • अमेरिकी नेवी अभी प्रशिक्षण के लिए बोईंग T-45 Goshawk का प्रयोग करती है। जिसे अमेरिका किसी Lead In Fighter Trainer (LIFT) से रिप्लेस करना चाहता है।
  • भारत ने कहा है कि वह तेजस का LIFT संस्करण अमेरिका को देगा। भारत के तेजस के कॉफपिट की खासियत यह है कि यह एक बटन दबाते ही अलग-अलग फाइटर जेट के कॉफपिट में अपने आप को बदल लेगा। स्वभाविक इससे ट्रेनिंग सरल और रूचिकर होगी।
  • अभी पहले स्तर का परीक्षण होगा उसके बाद दूसरे चरण में भारत को इसका Demonstrator Version का निर्माण करना होगा।
  • भारत ने इसे बहरीन एयर शो में प्रस्तुत किया था। मिस्र और श्रीलंका इसे खरीदने में रूचि दिया चुके हैं लेकिन यह पहला अवसर है जब खरीदने में भारत ने दूनिया के सबसे बड़े हथियार निर्माण को ही विमान बेचने की इच्छा प्रकट करते हुए तेजस को प्रतिस्पर्धा के लिए आगे रखा है।
  • भारत को बोईंग, लॉकीड मार्टिन, लियानार्डो, दसाल्ट एविग्रएशन जैसी दर्जर्नो कंपनियों के लड़ाकू विमानों से प्रतिस्पर्धा करना होगा।
  • यदि यह संभव होता है तो भारत के लिए हथियार/विमान निर्यात करने का नया रास्ता खुल जायेगा।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लिए भारत ने एक पैनल का गठन किया

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1977 में ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ का लक्ष्य निर्धारित किया। यह लक्ष्य वर्ष 2000 तक पूरा किया जाना था। इसके बाद यह मिलेनियम डेवलपमेंट गोल के माध्य से प्राप्त किये जाने थे।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से सभी तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक साल 12 दिसंबर को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस (Universal Health Coverage Day) मनाया जाता है।
  • यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) का अर्थ है सभी व्यक्तियों और समुदायों को वित्तीय कठिनाइयों से पीडित हुए बिना स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य संवर्द्धन, रोकथाम, उपचार, देखभाल व उन सभी कारकों पर ध्यान दिया जाता है जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हों।
  • विश्व की कम से कम आधी आबादी के पास भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरा कवरेज नहीं है। विश्व की बड़ी आबादी आज भी महंगी स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से गरीब हो रही है।
  • वर्ष 2030 तक सभी को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उपलबध करवाने लिए सस्टेनबल डेवलपमेंट गोल-3 को अपनाया गया है और सभी राष्ट्रों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने यहां की स्वास्थ्य को UHC ने अनुरूप बनायें।
  • UHC न सिर्फ मृत्यु की दर की कम करेगा बल्कि स्वस्थ्य मानव संसाधन का विकास करेगा तो साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि एक छोटी सी बीमारी उपचार के अभाव में बड़ी बीमारी न बन जाये या फिर स्वास्थ्य के लिए लोगों को अपना घर-जमीन न बेचना पड़े।
  • UHC का अर्थ संभावित स्वास्थ्य सुविधाओं को निःशुल्क उपलब्ध करवाना नहीं है बल्कि न्यूनतम लागत पर उपलब्ध करवाना है।
  • UHC में न केवल व्यक्तिगत उपचार को शामिल किया जाता है बल्कि उन सभी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, जैसे पोषणा, स्वच्छता, पेयजल, प्रतिरक्षा आदि।
  • भारत ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को प्राप्त करने के लिए आयुष्मान भारत योजना को 1 अप्रैल 2018 से पूरे देश में लागू किया। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया करवाना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का कैश राहित स्वास्थ्य उपलब्ध करवाया जाता है। यह दूनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा है जिसमें 50 करोड़ लोगों (10 करोड़ गरीब परिवार) लोगों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाता है।
  • भारत सरकार इसी तरह राष्ट्रीय पोषण मिशन को भी संचालित कर रही है जिसके तहत बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली माताओं हेतु पोषण सुविधायें उपलब्ध करवायी जाती है।
  • वर्ष 2014 में भारत में मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया था। यह यूनिवर्सल टीकारण कार्यक्रम में शामिल किये गये टीकों की संख्या 12 हो गई है।
  • हाल ही में भारत में दस वर्ष की अवधि में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से लैंसेट सिटिजन्स कमीशन के साथ मिलकर एक पैनल का गठन किया गया है।
  • इसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के कार्यान्वयन में सार्वजनिक सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु एक रूपरेखा का निर्माण करना है।
  • इसमें द लैंसेट, लक्ष्मी मित्तल एंड फैमिली साउथ एशिया इंस्टीट्यूट और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है।
  • यह अगले दशक में UHC के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेगा। यह ऐसा रोडमैप विकसित करेगा जो सभी नागरिकों के लिए व्यापक, जवाबदेह, सुलभ, समावेशी और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान अथवा अवसंरचना पर केंद्रीत होगा।
  • यह जमीनी सर्वेक्षण, सार्वजनिक परामर्श और ऑनलाइन चर्चा के माध्यम से रोडमेंप का निर्माण करेगा।
  • इसे 4 लक्ष्य निर्देशित किये गये है।
  1. UHC के लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी स्वास्थ्य चिंताओं को करवर किया जाये।
  2. रोकथाम और दीर्घकालिक देखभाल पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाये।
  3. सभी स्वास्थ्य लागतों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाए।
  4. एक ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण किया जाये जो सभी को समान गुणवत्ता का लाभ दे सके।

चुनौतियाँ-

  1. भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का जाल अभी मजबूत नहीं है, जो स्वास्थ्य सुविधायें हैं, वह प्राथमिक उपचार के लिए के लिए ही है। द्वितीयक और तृतीयक स्तर के स्वास्थ्य सुविधायें शहरों क्षेत्रें में अधिक केंद्रीय हैं।
  2. हमारे यहां निजी क्षेत्र के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार अवश्य किया जा रहा है लेकिन यह महंगी हैं।
  3. हमारे यहां स्वास्थ्य में उपचार घतक को ज्यादा महत्व दिया जाता है बाकि कारकों को गौण महत्व प्रदान किया जाता है।
  4. UHC के लिए आवश्यक है कि गरीब के साथ-साथ मध्यवर्ग को भी ध्यान रखा जाये।

आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश की सूची से बाहर हुआ सूडान

  • 1950 के दशक में अफ्रीका महाद्वीप उत्तर-पूर्व क्षेत्र में स्थित देश सूडान को, 1 जनवरी 1956 में ब्रितानी साम्राज्य से आजादी मिली। अरबी भाषा में सूडान का अर्थ ‘काले लोगों का देश’ होता है।
  • 18वीं सदी में पूरे सूडान पर मिस्र ने शासन किया था, इस वजह से सूडान के उत्तरी हिस्से में बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम हो गई। जबकि ब्रितानी साम्राज्य के दौरान दक्षिण की आबादी (दक्षिणी सूडान) ईसाई बहुसंख्यक थी।
  • उत्तरी सूडान के लोग, जिसमें अधिकांश मिस्र से आये लोग थे, दक्षिणी सूडान से लोगों को दास के रूप में लेकर आते थे। इस तरह यहां असंतोष और असमानता की लड़ाई थी जिसके कारण आजादी के बाद यह देश गृहयुद्ध में प्रवेश कर गया। हालांकि कुछ हिस्सों में 1955 में ही संघर्ष प्रारंभ हो गया था।
  • 1969 में यहां सैन्य तख्तापलट के बाद ज़ाफर मुहम्मद निगेरी यहां के राष्ट्रपति बन गये और 1985 तक शासन किया। वर्ष 1989 में फिर ब्रिगेडियर ओमर हसन अल बशीर ने तख्ता पलट कर दिया।
  • 1970 के दशक में यहां तेल की खोज हुई जिसके अधिकांश भंडार दक्षिण में थे जिसके कारण इस पर नियंत्रण को लेकर संघर्ष और बढ़ गया और कई शांति समझौते असफल सिद्ध हुए।
  • यहां संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा था फलस्वरूप उत्तर-दक्षिण का तनाव बना हुआ था। वर्ष 2011 में यहां एक जनमत संग्रह करवाया गया जिसमें 99 प्रतिशत लोगों ने आजादी (दक्षिणी सूडान) का विकल्प चुना और इस तरह दक्षिणी सूडान एक अलग देश निर्मित हुआ।

इस समय सूडान चर्चा में क्यों है?

  • जून 2019 में सूडान से यह सूचना आई कि सूडान की राजधानी खार्तूम में विरोध प्रदर्शन के दौरान अर्द्धसैनिक बलों ने खूनी तांडव मचाया जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गये। 70 से अधिक महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
  • सितंबर 2020 में सूडान की संक्रमण कालीन सरकार ने सूडान को धर्म निरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया।
  • अक्टूबर 2020 में सूडान के साथ शांति समझौता किया और इजराइल के साथ राजनायिक संबंध स्थापित करने की बात कही। यह अमेरिका के वाशिंगटन ब्रोकेड समझौता (Washington Brokered Beal) के तहत हुआ है।
  • इजराइल के साथ इससे पहले अगस्त 2020 में UAE ने शांति समझौता किया था उसके बाद सितंबर में बहरीन ने समझौता किया।
  • सूडान द्वारा इजराइल के साथ यह समझौते के बाद अमरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि सूडान को ब्लैक लिस्ट से हटाने का काम किया जायेगा।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने औपचारिक रूप से सूडान को "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची से 27 साल बाद हटा दिया है। अमेरिका ने यह घोषणा 14 दिसंबर को सूडान की राजधानी खार्तूम में की।

पृष्ठभूमि

  • अमेरिकी सरकार ने 1993 में सूडान को "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची में शामिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सूडान की अल-बशीर सरकार आतंकवादी समूहों का समर्थन कर रही थी।
  • इस सूची में डालने के बाद सूडान तकनीकी रूप से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से ऋण नहीं प्राप्त कर सकता था।
  • अब तीन देश - ईरान, उत्तर कोरिया और सीरिया – अभी भी "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची में बने हुए हैं।
  • अमेरिका ने अक्तूबर में ही सूडान को उसके द्वारा पोषित आतंकवाद से प्रभावित अमेरिकी नागरिकों को मुवावजा देने के बदले "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची से हटाने की बात कही थी। सूडान की नई सरकार 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर सशस्त्र समूहों द्वारा किए गए हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को 335 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए सहमत हो गई है।
  • इसके अलावा इजरायल और अरब देशों के बीच हो रहे समझौतों की पृष्ठभूमि में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद सूडान और इजरायल के बीच भी रिश्ते सामान्य करने की दिशा में एक ऐतिहासिक समझौता हो गया है।

"आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची के बारे में:

  • राज्य सचिव (Secretary of State) द्वारा निर्धारित, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के कृत्यों के लिए बार-बार सहायता प्रदान करने वाले देशों को निम्नलिखित तीन कानूनों के अनुसार "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" के रूप में नामित किया गया है:
  1. निर्यात प्रशासन अधिनियम की धारा 6(j) (Section 6(j) of the Export Administration Act)
  2. शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम की धारा 40 (section 40 of the Arms Export Control Act)
  3. विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 620A (Section 620A of the Foreign Assistance Act)
  • इन कानूनों के तहत प्रतिबंधित किए गए देशों को मुख्यतः चार श्रेणियों अमेरिकी विदेशी सहायता; रक्षा निर्यात और बिक्री; दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात; अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से मिलने वाली वित्तीय सहायता में प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।
  • सूडान के निकलने के बाद अब तीन देश - ईरान, उत्तर कोरिया और सीरिया – अभी भी "आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों" की सूची में बने हुए हैं।