Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 14 July 2020
निम्न-मध्य आय वाला देश भारत
- संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्ष 1944 में हुए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के तहत वर्ष 1945 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (IBRD) की स्थापना की गई, इसलिए इन्हें ब्रेटन वुड्स जुड़वा (ट्विन्स)भी कहते हैं !
- IBRD एवं चार अन्य संस्थाओं - इंटरनेशनल फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (1956), इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (1960), इंटरनेशनल सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूट (1966) और मल्टीलेटरल इन्वेस्टमेंट गारंटी एजेंसी (1988) के साथ मिलकर विश्व बैंक समूह का निर्माण करती है !
- सामान्यता IBRD एवं IDA (इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन) को ही विश्व बैंक के रूप में देखा जाता है । इसका मुख्यालय वाशिंगटन DC में है !
- विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास करना और गरीबी समाप्त करना है !
- यह सदस्य देशों में नीतिगत सुधार परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए ऋण एवं सहायता देता है जिससे आर्थिक विकास हो सके और गरीबी कम हो सके !
- इस समय IBRD सदस्य देशों की संख्या 189 तथा IDA के सदस्य देशों की संख्या 173 है !
- द्वितीय विश्व युद्ध में तबाह हो चुके देशों एवं क्षेत्रों के विकास की जिम्मेदारी विश्व बैंक को सौंपी गई !
- विश्व बैंक ने अपने स्थापना के बाद से ही अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिकी देशों के अनेक परियोजनाओं का वित्तपोषण किया है तथा गरीबी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
- विश्व बैंक सदस्य देशों को Gross National Income Per Capita के आधार पर उन्हें 4 श्रेणियों में विभाजित करता है !
- ग्रॉस नेशनल इनकम से तात्पर्य हमारे देश के लोगों द्वारा हमारे देश और देश से बाहर उत्पादित किए गए उत्पाद एवं सेवा के मूल्य से है !
- ग्रॉस नेशनल इनकम को जब देश की जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाता है तो यह GNI Per Capita प्राप्त होता है !
- विश्व के सभी देशों में उत्पादन और आय का स्तर अलग-अलग है ।
- विश्व बैंक देशों को उच्च आय वाले देश, उच्च- मध्य आय, निम्न मध्य आय तथा निम्न आय वाले देशों में वर्गीकृत करता है !
- हर साल प्रत्येक अर्थव्यवस्था की स्थिति में कुछ परिवर्तन होता है तो साथ ही महंगाई भी परिवर्तित होती रहती है इसलिए प्रत्येक साल 1 जुलाई को समीक्षा की जाती है और उसके बाद वर्गीकरण को अपडेट किया जाता है !
- 1 जुलाई 2020 को किए वर्गीकरण का आधार निम्न है –
क्रम | ग्रुप | प्रति व्यक्ति आय डॉलर में | |
---|---|---|---|
2020 | 2019 | ||
01 | High Income | 12535 | 12375 |
02 | Upper-Middle Income | 4046-12535 | 3996-12375 |
03 | Lower-Middle Income | 1036-4046 | 1026-3995 |
04 | Low Income | 1036 | 1026 |
- इस वर्गीकरण में आय के आंकड़े वर्ष 2019 के हैं इसलिए इसमें COVID-19 के दौरान अर्थव्यवस्था में आ रहे परिवर्तन को शामिल नहीं किया गया है !
- भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने के बावजूद Lower-Middle Income कैटेगरी वाले देश में शामिल है क्योंकि यहां की जनसंख्या अधिक होने के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो जाती है !
- विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत का प्रति व्यक्ति आय 1890 डॉलर है जो निम्न मध्य आय वाले देश की कैटेगरी में आता है !
पद्मनाभस्वामी मंदिर चर्चा में क्यों है?
- पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है !
- यह भारत के सबसे प्रसिद्ध विष्णु मंदिरों में से एक है जहां विश्व भर से लाखों लोग हर साल आते हैं !
- इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान हैं ! इस मूर्ति में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान है !
- यह मान्यता है कि तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के "अनंत" नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है !
- मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा मिली थी जिसके बाद यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया गया था !
- मंदिर का निर्माण त्रावणकोर के राजाओं ने करवाया था जिसका जिक्र 9वीं शताब्दी के ग्रंथों में भी आता है , लेकिन मौजूदा स्वरूप का निर्माण पूर्ण रूप से 18 वीं शताब्दी में किया गया था !
- 1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभ दास बताया और इसके बाद खुद को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया ! यह माना जाता है कि त्रावणकोर के राजाओं ने अपनी पूरी दौलत पद्मनाभ मंदिर को सौंप दी !
- त्रावणकोर के राजाओं ने आजादी तक रियासत पर राज किया और उसके बाद इसका विलय भारत में हो गया !
- पद्मनाभ मंदिर को त्रावणकोर के शाही परिवार के पास ही रहने दिया गया तब से पद्मनाभस्वामी मंदिर का कामकाज शाही परिवार के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट चलाता आ रहा है !
- इस मंदिर का वास्तु शिल्प द्रविड़ और केरल शैली का मिला जुला रूप है !
- यह मंदिर 7 मंजिले गोपुरम से बना है, जिसकी ऊंचाई 30 मीटर है !
- इस मंदिर के सामने एक बहुत बड़ा सरोवर है जिसे पद्मतीर्थ कुलम कहते हैं !
- यहां भगवान विष्णु का दर्शन तीन हिस्सों में होता है !
- पहले द्वार से भगवान विष्णु के मुख एवं सर्प की आकृति के दर्शन होते हैं !
- दूसरे द्वार से भगवान का मध्य भाग तथा कमल में विराजमान ब्रह्मा के दर्शन होते हैं !
- तीसरे भाग में भगवान के श्री चरणों के दर्शन होते हैं !
- वर्ष 2011 में इस मंदिर का तहखाना खुला जिसमें इतना धन निकला कि यह मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर बन गया !
- इसमें निकले सोने और सामानों की मात्रा इतनी ज्यादा थी जिसे गिनने में कई सालों का समय लगा ! हालांकि इनकी कीमत को कभी नहीं बताया गया !
- इस मंदिर में 4 तहखाने हैं जिसमें से एक तहखाना (Vault- B) अभी नहीं खुला है, जिसमें सर्वाधिक संपत्ति होने की बात की जाती है !
- Vault-B के दरवाजे पर सांप बना है जिसे खोलने पर अपशकुन होने या श्राप मिलने का डर है इसी कारण इसे नहीं खोला जाता है !
- Travancore Kochi Religious Institutions Act Of 1951 के तहत यह कहा गया कि इस मंदिर की जिम्मेदारी त्रावणकोर रॉयल फैमिली के पास रहेगी !
- इसी संदर्भ में एक अधिकार बनाया गया जिसे शिबायत अधिकार (Shebait Right ) के नाम से जाना जाता है !
- यह अधिकार कहता है कि जिस व्यक्ति के पास मंदिर का प्रबंधन होगा वही मंदिर के वित्तीय कार्यकलापों का भी मुखिया होगा !
- इस मंदिर के संदर्भ में शिबायत अधिकार त्रावणकोर रॉयल फैमिली के पास है !
- त्रावणकोर के अंतिम व्यक्ति जिन्हें महाराजा की उपाधि प्राप्त थी वह Srichitra Thirunal Balarama Verma थे जिनकी मृत्यु 1991 में हो गई ! दरअसल भारतीय संविधान में उपाधियों का स्वीकार नहीं किया गया है ! इसलिए अब किसी को राजा महाराजा की उपाधि नहीं दी जा सकती है ।
- अंतिम महाराजा की मृत्यु के बाद उनके भाई Utradam Trirunal Marthanda verma ने मंदिर का मैनेजमेंट अपने हाथ में लिया !
- यहीं से मंदिर पर अधिकार को लेकर विवाद उठा !
- कई बार Marthanda Verma ने यह कहा कि मंदिर राज परिवार की संपत्ति का हिस्सा है !
- इसके बाद कई लोग केरल हाई कोर्ट (वर्ष 2011) पहुंचे और उन्होंने कहा कि मंदिर का मैनेजमेंट रॉयल फैमिली के पास नहीं होना चाहिए क्योंकि राजा अब नहीं रहे और मार्तंड वर्मा का इस पर कोई वैधानिक अधिकार नहीं है !
- इसी समय मंदिर के तहखाने खुल रहे थे इसी कारण यह मुद्दा चर्चा में आ गया !
- केरल हाईकोर्ट ने कहा कि मंदिर का मैनेजमेंट एक सरकारी अथॉरिटी के द्वारा किया जाएगा जिसका निर्माण सरकार द्वारा किया जाएगा !
- इसी के साथ हाईकोर्ट ने कहा कि त्रावणकोर रॉयल फैमिली का इस मंदिर पर कोई अधिकार नहीं होगा ! और ना ही यहां से निकलने वाली संपत्ति पर !
- केरल हाई कोर्ट का कहना था कि Privy Perses के नियम को 26 वें संविधान संशोधन 1971 के तहत समाप्त कर दिया गया था ! इसके तहत रियासतों के भारत में विलय के समय जो राजा/ महाराजा थे वही मान्य होंगे उसके बाद कोई व्यक्ति अपने राजा या शासक नहीं बन सकता ! इस तरह बलराम वर्मा अंतिम रूलर/ शासक थे और मार्तंड वर्मा का कोई अधिकार नहीं है !
- त्रावणकोर रॉयल फैमिली इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के ऑर्डर पर Stay लगा दिया !
- इसी के साथ संपत्ति का मूल्यांकन करने के लिए एक कमेटी गठित की गई !
- 9 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही अब कोई राजा नहीं बनता लेकिन जो व्यक्ति राज परिवार का प्रमुख होगा शिबायत का अधिकार उसके पास होगा ! और शिबायत का अधिकार रॉयल फैमिली को ट्रांसफर हो सकता है !
- इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पर राजपरिवार के प्रबंधन पर अपनी सहमति दे दी है !
- इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने दो कमेटियों के गठन की भी बात की है !
- पहले कमेटी प्रशासनिक कमेटी होगी- जिसके प्रमुख जिला जज होंगे लेकिन प्रमुख व्यक्ति राज परिवार से नियुक्त होगा, केरल सरकार और केंद्र सरकार के भी एक-एक प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे !
- वाल्ट-B को खोलने के लिए रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एडवाइजरी कमेटी का गठन किया जाएगा ! इसके सभी सदस्य हिंदू होंगे !