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Blog / 13 Oct 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 13 October 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 13 October 2020



बिजली ग्रिड का फेल होना और ब्लैकआउट

  • हमारे घरों तक आने वाली बिजली कई चरणों से गुजरते हुए हमारे पास पहुँचती है। इसका किसी स्थान पर उत्पादन होता है, फिर इसे ट्रांशमिशन सेंटर तक लाते हैं, यहां से यह हमारे घरों तक पहुँचाई जाती है। इस नेटवर्क को हम पॉवर ग्रिड कहते हैं।
  • दूसरे शब्दों में बिजली उत्पादन से लेकर बिजली को घर या ऑफिस तक जिस नेटवर्क/जाल का प्रयोग करके पहुँचाया जाता है उसे पॉवर ग्रिड कहते है।
  • भारत में बिजली का उत्पादन कई स्रोतों- जल, कोयला, पवन, बयोगैस, परमाणु विखण्डन आदि से होता है। यह उत्पादन क्षेत्र सामान्यतः शहरी क्षेत्रों से दूर है और कुछ ही स्थानों पर केंद्रित है। इसलिए उत्पादन स्थल से घरों एवं ऑफिस तक पहुँचाने के लिए पूरे देश में बिजली के तार एवं ट्रांशमिशन केंद्रों का नेटवर्क बनाया गया है।
  • वर्ष 2019-20 के आकड़ों के अनुसार हमारे ऊर्जा में सर्वाधिक योगदान तापीय (थर्मल) ऊर्जा का है जो कोयला से उत्पादित की जाती है। इसका संकेंद्रण कोयला क्षेत्रों में है। वहीं पवन बिजली के अधिकांश स्रोत पर्वतीय क्षेत्रों में है। इससे यह स्पष्ट है कि बिजली को उत्पादन केंद्र से घरों तक पहुंचने के लिए एक लंबे नेटवर्क से गुजरना होता है। आपूर्ति इसी नेटवर्क पर निर्भर होती हैं यदि नेटवर्क में कोई रूकावट उत्पन्न होती है तो आपूर्ति बाधित हो जाती है।
  • देशभर में कुल पांच पॉवर ग्रिड हैं।
  1. Northern Grid - इसके अंतर्ग जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड एवं चंडीगढ़ के नेटवर्क को रखा गया है।
  2. Eastern Grid - इसके अंतर्गत बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं ओडिशा को शामिल किया जाता है।
  3. North-East Grid - अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, असम, मेघालय, माणिपुर, मिजोरम एवं त्रिपुरा को रखा गया है।
  4. Southern Grid - आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल पडुचेरी
  5. Western Grid - इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात और महाराष्ट को रखा गया है।
  • उपरोक्त नेटवर्कों को जोड़ते हुए पूरे देश में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नेशनल ग्रिड का निर्माण किया गया है। यह उच्च वोल्ट का विद्युतशक्ति संचरण के लिए विकसित ग्रिड है जो ऊर्जा संयंत्रों एवं उसके उपकेंद्रों को जोड़ता है। इसका (नेशनल ग्रिड) का स्वामित्व पॉवर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के पास है।
  • विद्युत ग्रिड फेल होने के कारण
  1. भारत में बिजली की आपूर्ति सामान्यतः 49.5-50.2 हर्टज (फिक्वेंसी) के बीच रखी जाती है। मांग बढ़ने एवं उत्पादन कम होने पर यह फ्रिक्वेंसी गिरने लगती है। वहीं उत्पादन ज्यादा होने एवं मांग कम होने पर फ्रिक्वेंसी ज्यादा होने लगती है। यह दोनों स्थितियाँ (अंडर फ्रिक्वेंसी एवं अपर (Over) फ्रिक्वेंसी ) ग्रिड को प्रभावित करती हैं ,जिससे ग्रिड फेल हो जाता है। इसीलिए मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि हम इस प्रयास में फेल हो जाते हैं, जिससे पावर ग्रिड फेल हो जाता है।
  2. आकाशीय बिजली गिरने, आंधी तूफान एवं चक्रवात से, भूकंप आने से, हाई इलैक्ट्रोमैगनेटिक पल्स के फेल होने से आदि कारणों से भी विद्युत ग्रिड प्रभावित होता है।
  • ग्रिड फेल की घटना जब बड़े क्षेत्र में होती है तो इसे ब्लैकआउट कहते हैं। ब्लैकआउट से उस क्षेत्र का सामान्य जनजीवन प्रभावित हो जाता है। अर्थात् बिजली से होने वाले सभी काम ठप्प पड़ जाते हैं ।
  • 14-15 अगस्त, 2003 को यूएसए एवं कनाड़ा में ब्लैकआउट की घटना हुई थी। जिससे यहां दो-दिन तक अंधेरा छाया रहा।
  • 28 सितंबर 2003 को इटली में, 18 अगस्त 2005 इंडोनेशिया के जावा और बाली द्वीप क्षेत्र में ब्लैकआउट की घटना हुई थी।
  • 4 नवंबर 2006 को जर्मनी, फ्रांस, इटली एवं स्पेन में ब्लैकआउट की घटना हुई थी।
  • 25 जनवरी, 2008 चीन के शेनजाओ सेंट्रल एरिया में, 10 नवंबर, 2009 को ब्राजली एवं पराग्वे में इस प्रकार की घटना हुई थी।
  • 30 और 31 जुलाई, 2012 को भारत अधिकांश हिस्सों में ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न हुई थी। यह अब तक का सबसे बड़ा ब्लैकआउट था, जिससे लगभग 60 करोड़ प्रभावित हुए थे।
  • कल (12 सितंबर 2020) महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर में ग्रिड फेल होने से जीवन अस्त व्यस्त दिखाई दिया। घरों में बिजली नहीं थी, लोकल ट्रेनें जहाँ-तहाँ रूक गई और भी सभी कार्य जहां थे वहीं रूक गये।
  • महाराष्ट्र को सप्लाई करने वाली इंट्रास्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम की एक लाइन (पुणे-कालवालाइन) शनिवार को ही बंद हो गई थी। इसके बाद खाडगेकालवा सर्किट में फॉल्ट हुआ जिसकी वजह से तीसरे सर्किट (पुणे खारगौन) पर पूरा लोड़ पड़ गया, जिसके कारण वह भी बंद हो गया।
  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पावर ग्रिड फेल होने के कारणों की जांच करने के आदेश दिये हैं।
  • बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने के लिए पॉवर स्टेशनों का सुचारू रूप से कार्य करते रहना जरूरी होता है। जब यह पॉवर स्टेशन सही से कम नहीं कर पाते हैं तो इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • पॉवर ग्रिड को और उत्तम बनाने के लिए स्मार्ट ग्रिड की संकल्पना को मूर्त रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत संचार ,सूचना तथा इलैक्ट्रॉनिक/डिजिटल प्रोद्यौगिकी को एक साथ जोड़कर ग्रिड के प्रबंधन को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे मांग प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा के एकीकरण, बिजली की गुणवत्ता का प्रबंधन तथा ऊर्जा क्षय को कम करने में हम ज्यादा सफल होंगे। इससे बिजली की चोरी रूकेगी, शॉर्ट सर्किट की समस्या का समाधान हो पायेगा, स्मार्ट सिटी, बिजली के वाहन की आवश्यकता, बिजली स्रोतों के नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रबंधन बेहतर हो सकेगा।
  • 12वीं पंचवर्षीय योजना में हरित ऊर्जा कोरिडोर की संकल्पना को मूर्त रूप देने की बात की गई थी। इसके तहत 8 अक्षय ऊर्जा समृद्ध राज्यों-तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर को हरित ऊर्जा कोरिडोर से जोड़ने की बात की गई थी।
  • सौर और पवन जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के बड़े पैमाने पर विकास की जरूरत को समझते हुए पावरग्रिड ने भारत के राजस्थान गुजरात, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर के रेगिस्तानी क्षेत्रों के बंजर भूमि के उपयोग के विकास के संबंध में डेजर्ट पावर 2050 नामक एक रिपोर्ट तैयार किया है। जिसमें सौर और पवन ऊर्जा के व्यापक प्रयोग की बात की गई है।
  • भारत एक विकाशील देश है जिसे अपनी विकास की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाते रहने के लिए हमें न सिर्फ सतत रूप से उत्पादन बढ़ाना होगा बल्कि सतत आपूर्ति भी सुनिश्चित करती होगी।
  • वर्ष 2018-19 में भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 1181 किलोवॉट प्रति वर्ष हो गई है। हमारी बिजली खपत विकसित देशों से कई गुना कम है।
  • इस साल इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) द्वारा प्रकाशित- Key World Energy Statistics के अनुसार भारत बिजली उत्पादन में तीसरे तथा प्रति व्यक्ति खपत के मामले में 106वें स्थान (2017) पर रहा है।
  • 1497 टेरावॉट-हॉवर (Terawatt-hour-TWh) विद्युत उत्पादन के साथ भारत अमेरिका एवं चीन के बाद दुनिया का तीसरा बड़ा विद्युत उत्पादन एवं उपभोक्ता देश बन गया है।
  • आजादी के बाद से विद्युत उत्पादन में 100 गुना से अधिक वृद्धि हुई है किंतु आर्थिक गतिविधियों के कारण विद्युत की मांग, उत्पादन से अधिक रही है।
  • सरकारी पहल-
  1. सौभाग्य योजना- सरकार देश के 40 मिलियन से अधिक परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना को संचालित कर रही है।
  2. उजाला (Unnat Jyoti by Affordable LEDs for All) इस योजना का उद्देश्य दक्ष प्रकाश व्यवस्था को बढ़ावा देना, दक्ष उपकरणों के प्रयोग के विषय में जागरूकता बढ़ाना, विद्युत बिल को कम करना है।
  3. उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (Ujwal Discom Assurance Yojana - UDAY)