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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 13 February 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 13 February 2020



भू जल संसाधन विधेयक 2020

  • बिन पानी सब सून की कहावत अब यथार्थ बनता जा रहा है !
  • औद्योगिकीकरण नगरीकरण बढ़ती जनसंख्या एवं उसकी आवश्यकता के कारण ग्राउंड वाटर तेजी से कम हो रहा है !
  • जिस प्रकार का जल संकट चेन्नई और बेंगलुरु में उत्पन्न हुआ है और उसे देखकर प्रतीत होता है कि आने वाले 10 वर्षों में भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों का भूजल सूख जाएगा !
  • देश के 55 फ़ीसदी कुएं सूख चुके हैं एवं पिछले 10 वर्षों में भूगर्भीय जलस्तर में 54% कमी आई है !
  • वर्तमान समय में लगभग 9.7 करोड़ लोगों को शहरी क्षेत्र में तथा 70% लोगों को ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ जल प्राप्त नहीं होता है !
  • 33-34 करोड लोग ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां प्रत्येक साल लगभग सूखा पड़ता है !
  • जो नदियां स्वच्छ जल का प्रमुख स्रोत मानी जाती थी वह कई जगह पर इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि नहाने योग्य भी नहीं है !
  • वर्तमान समय में लगभग 80-83% कृषि, 9-11% उद्योग, 7-8% जल घरेलू क्षेत्र में उपयोग होता है !
  • विश्व बैंक के अनुसार 2030 तक भारत में जल की मांग वर्तमान आपूर्ति के 2 गुना होगी !
  • 1944 में प्रति व्यक्ति स्वच्छ जल की उपलब्धता 6000 मीटर थी जो वर्ष 2000 में घटकर 2300 घनमीटर और वर्तमान समय में लगभग 1700 से 1800 के बीच है !
  • स्वच्छ पानी के अभाव में प्रतिदिन लगभग 2300 लोगों की मौत हो जाती है !
  • इस पानी के संकट के पीछे बढ़ती हुई मांग है पिछले 50 साल में आबादी जहां 3 गुना बढ़ी है पानी की खपत 800% तक बढ़ी है !
  • उत्तर प्रदेश में गर्मी के मौसम में 49 जिलों में जल संकट वर्ष 2019 में उत्पन्न हो गया था !
  • बुंदेलखंड की समिति तो मानव संकट तक पहुंच जाता है तो साथ ही पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की स्थिति भी कुछ ठीक दिखाई नहीं देती है !
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने आने वाले समय में इस चुनौती से निपटने के लिए भूजल संरक्षण विधेयक 2020 को 12 फरवरी 2020 को मंजूरी प्रदान कर दिया है !
  • इसमें सरकार द्वारा ना सिर्फ गिरते भूजल स्तर को रोकने के उपाय किए गए हैं बल्कि भू जल को दूषित करने वालों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान भी किया है !
  • इसके तहत सभी सरकारी और निजी कॉलेजों तथा स्कूलों को वर्षा जल संचयन प्रणाली विकसित करना होगा !
  • इसके तहत समर्सिबल पंप लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है !
  • घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को इस पंजीकरण का कोई शुल्क नहीं देना होगा लेकिन व्यवसायिक प्रयोग पर शुल्क होगा !
  • शहरी क्षेत्र में 300 वर्ग मीटर से बड़ा घर बनाने के लिए मकान मालिक अगर समर्सिबल पंप लगाता है तो इसके लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाना अनिवार्य होगा !
  • इस विधेयक के प्रावधानों को लागू करवाने के लिए ग्राम पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक कमेटी बनाई जाएगी !
  • भू जल को प्रदूषित करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 माह से 1 साल तक की सजा तथा 2 से 5 लाख तक का आर्थिक दंड भी देना होगा !
  • दूसरी बार में 2 से 5 वर्ष तक की सजा तथा 5 से 10 लाख का आर्थिक दंड देना होगा !
  • तीसरी बार में 7 साल की सजा एवं 20 साल का जुर्माना देना होगा !
  • व्यक्तियों के साथ-साथ बोरिंग करने वाली कंपनियों को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा !
  • इन कंपनियों को हर तीन माह में सरकार को जानकारी देनी होगी !
  • शासन के स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 18 सदस्य भूजल प्राधिकरण बनेगा जिसमें विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ साथ जल संरक्षण के विशेषज्ञ भी होंगे !
  • प्राधिकरण ऐसे क्षेत्रों को अधिसूचित करेगा जहां पिछले 5 साल में प्रति वर्ष 20 सेंटीमीटर भूजल स्तर नीचे गया हो !

CRBM- PRANASH MISSILE

  • 5 फरवरी से 9 फरवरी तक लखनऊ में 11 वें डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया !
  • यहां हाथियों की प्रदर्शनी के साथ-साथ सेना के जवान अपने करतब दिखाते हैं !
  • इसकी थीम डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन ऑफ डिफेंस रखी गई थी !
  • इसमें 70 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया !
  • इसे एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी के रूप में देखा जाता है !
  • आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत से निपटने के लिए प्रोजेक्ट चीता के तहत अत्याधुनिक इजरायली मानवरहित लड़ाकू विमान हेरोन टी.पी खरीदेगा !
  • इसी डिफेंस एक्सपो में DRDO ने यह घोषणा किया कि भारत एक नया टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करेगा !
  • यह एक क्लोज रेंज बैलिस्टिक मिसाइल होगा जिसकी रेंज 200 किलोमीटर होगी !
  • इसका नाम PRANASH रखा जाएगा जोकि प्रहार मिसाइल का एक उन्नत संकरण होगा !
  • प्रहार की क्षमता 150 किलोमीटर है जिसे बढ़ाया जाएगा !
  • सामान्य शब्दों में जब किसी प्रक्षेप पात्र के साथ दिशा बताने वाला यंत्र लगा दिया जाता है तो वह बैलिस्टिक मिसाइल बन जाती है !
  • दागने पर यह पहले ऊपर जाती है फिर निर्धारित लक्ष्य पर ऊपर से नीचे प्रहार करती है !
  • भारत के पास इस श्रेणी में पृथ्वी, अग्नि, धनुष आदि मिसाइलों को शामिल किया जाता है !
  • सबसे पहली मिसाइल नाजी जर्मनी में 1930 से 1940 के बीच विकसित की गई थी !
  • पहला प्रयोग फ्रांस के विरुद्ध 6 सितंबर 1944 को और दो दिन बाद लंदन पर इसका प्रयोग किया गया था !
  • टैक्टिकल मिसाइल वह मिसाइल होती है जो कम दूरी के लिए प्रयोग की जाती है !
  • यह वाहनों पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सकते हैं तथा इनका त्वरित उपयोग सीमित उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है !
  • यह सामान युद्ध सामग्री के साथ-साथ परमाणु वारहेड के लिए उपयोग की जा सकते हैं !
  • इसको दागने के लिए Strategic Focus Command की अनुमति आवश्यक नहीं होती है !
  • इसका प्रयोग त्वरित युद्ध स्थिति से निपटने और संकट को टालने मे किया जाता है !
  • वर्तमान समय में भारत की सामरिक चुनौतियां भी बढ़ रही है तो साथ ही DRDO इसे विकसित कर इसे निर्यातोन्मुख बनाने का प्रयास कर रहा है !
  • सामान्यता टैक्टिकल मिसाइल 200 से 300 किलोमीटर के रेंज के लिए होती है !
  • प्रहार की क्षमता कम होने के कारण भारत मिसाइल की दूरी बढ़ाकर अधिक दूरी पर दुश्मन को रोकने में सक्षम होगा तो साथ ही यह वैश्विक मांग के अनुकूल भी होगा !
  • भारत में प्रगति नामक टेक्टिकल मिसाइल को बेचने का प्रयास किया लेकिन 170 किलोमीटर की दूरी क्षमता देशों को आकर्षित नहीं कर सकी !
  • आने वाले समय में बहुत से छोटे और द्वीपीय देशों को इसका निर्यात किया जा सकता है जिससे धन प्राप्ति के साथ-साथ भारत का कद भी बढ़ेगा !
  • भारत में अगले 5 साल में डिफेंस एक्सपोर्ट से जो 35000 करोड़ रु. प्राप्ति का जो लक्ष्य रखा है वह भी प्राप्त हो सकेगा !

MARS 2020 ROVER

  • सूर्य से दूरी के क्रम में बुध, शुक्र, पृथ्वी, के बाद मंगल का चौथा स्थान है !
  • पृथ्वी से इसकी आभा लाल रंग की दिखाई देती है जिसकी वजह से इसे लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है !
  • हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊंचा पर्वत ओलंपस मंगल ग्रह पर ही स्थित है !
  • कई खोजों से इस पर जीवन होने की संभावना व्यक्त की जाती है !
  • इसी क्रम में मंगल को और नजदीक से जानने के लिए मार्च 2020 रोवर नासा द्वारा इस साल के जुलाई-अगस्त में लांच किया जाएगा !
  • इसके माध्यम से मंगल की Geology को समझने का प्रयास किया जाएगा तो साथ ही इसके प्राचीन संरचना और संभावना को समझा जा सकेगा !
  • लेंडर जब किसी ग्रह पर होता है तो उसके बाद एक गाड़ीनुमा रोबोट वहां वैज्ञानिक गतिविधियों को अंजाम देता है इसे ही रोवर कहा जाता है !
  • यह कुछ चट्टानी टुकड़ों को इकट्ठा करेगा, अध्ययन करेगा और इसे धरती पर लाएगा !
  • नासा अपनी कुछ नई तकनीकों का भी परीक्षण करेगा जो भविष्य में वहां की जाने वाली मानवीय परीक्षणों में उपयोगी होगा !
  • इस रोवर के साथ Super cam भी एक रोबोट होगा !
  • Super cam के द्वारा कैमरा लेजर और स्पेक्ट्रोमीटर का प्रयोग चट्टानों की रासायनिक संरचना को 7 मीटर से अधिक दूरी से भी समझने के लिए किया जाता है !
  • इससे निकलने वाली लेजर से न सिर्फ परत का अध्ययन किया जा सकता है बल्कि बहुत सूक्ष्म आकार के पार्टिकल का भी अध्ययन किया जा सकता है !
  • यह सुपरकेम मंगल के मौसम और वहां की गैसों का भी अध्ययन करने में सक्षम होगा !
  • Mariner, Mars Resonance Obiter, Curiosity Rover, Maven, Phoenix आदि नासा के द्वारा मंगल के मिशन भेज चुका है !