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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 12 June 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 12 June 2020



अथिरापल्ली जल विद्युत परियोजना

  • भारत के दक्षिणी-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और पश्चिमी घाट पर्वत के मध्य केरल राज्य अवस्थित है !
  • 38863 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत यह राज्य अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है !
  • मानव विकास सूचकांक, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, निम्न मातृ मृत्यु दर एवं निम्नशिशु मृत्यु दर वाला यह राज्य कई मायने में अपनी अलग पहचान रखता है।
  • भूमध्य रेखा के समीप होते हुए भी ठंडी जलवायु भी यहां मिलती है, जिसका एक कारण पश्चिमी घाट पर्वत है।
  • यहां तापमान अधिक होने तथा 120 से 140 दिन तक वर्षा होने के कारण घने जंगलों और नदियों की उत्पत्ति होती है और सभी कारक मिलकर यहां की जैवविविधता की संपन्नता को बढ़ाते हैं !
  • “भगवान का अपना देश” नाम से प्रसिद्धयह राज्य दुनिया की शीर्ष 10 पर्यटक स्थलों की सूची में शामिल है !
  • केरल राज्य की 41 नदियां पश्चिम की ओर प्रवाहित होते हुए सागर और झील में मिलती है ! इसी कारण अधिकांशबिजली का उत्पादन भी पनबिजली द्वारा होता है !
  • पूरब की ओर बहने वाली नदियों की संख्या 3 है ! यह है कविनी नदी, भावनीप्पुषा और पांपार !
  • पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में पेरियार नदी, नेत्रावती नदी, प्रतीची नदी, चूर्णी नदी और चालक्कुडी नदी (Chalakudy River) हैं !
  • चालक्कुडी नदी केरल की चौथी सबसे लंबी नदी है !
  • इस नदी के बेसिन का विस्तार केरल और तमिलनाडु में है !
  • केरल के एर्नाकुलम, पलक्कड़ और त्रिशुर जिलों से होकर यह नदी प्रवाहित होती है !
  • हाल ही में केरल सरकार ने इस नदी पर लंबे समय से प्रस्तावित विवादास्पद अथिरापल्ली जल विद्युत (AthirappallyHydel Power Project) परियोजना को फिर से आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है !
  • दर असल इस परियोजना को पहले से प्राप्त पर्यावरणीय और वैधानिक मंजूरियोंकी अवधि समाप्त हो चुकी थी !
  • इसलिए इस प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) ने राज्य सरकार से अपील की थी कि वह केंद्र सरकारसे पर्यावरण अनुमति प्राप्त कर इसे आगे बढ़ाने का अनुमति प्रदान करें !
  • केरल सरकार ने इसी के तहत KSEB को 7 वर्ष के लिए NOC-No-Objectine Certificateजारी किया है !
  • यह प्रस्तावित परियोजना केरल के त्रिशुर जिले में चालक्कुडी नदी 1982 में प्रस्तावित हुई थी !
  • 311 मीटर लंबा तथा 23 मीटर ऊंचा एक बांध का विकास इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिससे 163 मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा !
  • चालक्कुडी नदी पर पहले से छह बांध बिजली के लिए और एक सिंचाई बांध निर्मित है !
  • इस परियोजना का विचार सर्वप्रथम 1979 में आया था और 1982 में KSEB ने प्रस्ताव पेश किया !
  • लगभग 7 वर्ष बाद इसे मंजूरी मिली लेकिन सार्वजनिक विरोध के कारण इस पर रोक लगा दिया गया !
  • 1998 में केरल सरकार ने नईअनुमति प्रदान की और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की भी अनुमति मिल गई !
  • इस अनुमति के खिलाफ वर्ष 2001 में उच्च न्यायालय मेंडाली गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी प्रक्रियाओं का पालन करने का आदेश दिया।
  • 2005 से इसे पुनः पर्यावरणीय अनुमति दी गई लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया !
  • 2007 में नया प्रस्ताव पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया लेकिन मंत्रालय ने इस बार अनुमति प्रदान नहीं की !
  • माधव गाडगिल वेस्टर्न घाट इकोलॉजी एक्सपर्ट पैनल ने संपूर्ण पश्चिमी घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया हालांकि कस्तूरीरंगन समिति द्वारा KSEB कोइसपरियोजनाकेलिए सशर्त अनुमति दे दी गई !
  • केंद्रीय जल आयोग तथा कस्तूरीरंगन समिति की रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 2017 तक के लिए ग्रीन क्लीयरेंस प्रदान कर दिया !
  • इस परियोजना के लिए 138.6 हेक्टेयर वन KSEBको हस्तांतरित किया जाना है जो पर्यावरण अनुकूल नहीं है !
  • कादर जनजाति का विस्थापन हो सकता है !
  • नदी बेसिन के लगभग लाखों लोगों को पानी की आपूर्ति बाधित होगी !
  • परियोजना क्षेत्र में अथिरापल्ली झरना और वाझाचल झरना आता है इसका पर्यटन प्रभावित होगा !

शेर जनगणना

  • शेर की दो प्रजातियां होती हैं ! पहला एशियाई शेर एवं दूसरा अफ्रीकन शेर ! एशियाई शेर का वैज्ञानिक नाम Panthera Leo Persica है !
  • इसके शरीर की लंबाई 250 से 300 सेंटीमीटर होती है जबकि अफ्रीकी शेर की लंबाई लगभग 30 सेंटीमीटर ज्यादा होती है !
  • एशियाई शेरों की संख्या और विस्तार अब बहुत सीमित हो गया है और यह गुजरात के गिर के जंगलों में पाए जाते हैं !
  • गिर राष्ट्रीय उद्यान जूनागढ़ जिले के लगभग 1400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है जहां के जंगल एवं झाड़ियों के समूह इन्हें आश्रय प्रदान करते हैं ! इसके अलावा अमरेली, भावनगर जिला क्षेत्रों के संरक्षित क्षेत्र में भी यह देखे जाते हैं !
  • इनका संरक्षण करने के लिए इन्हें भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में रखा गया है तो यह IUCN की Red List में Endangered (संकटग्रस्त) कैटेगरी मेंशामिल हैं !
  • 1936 में जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब द्वारा पहली बार इनकी जनगणना करवाई गई थी !
  • 1965 से प्रत्येक 5 वर्ष बाद वन विभाग द्वारा इन की जनगणना की जाती है ! हालांकि दो-तीन बार लेट हुआ है !
  • पिछली जनगणना वर्ष 2015 में की गई थी जिसमें शेरों की संख्या 523 बताई गई थी !
  • इस वर्ष भी इनकी जनगणना मई माह में होनी थी लॉकडाउन के कारण इस बार के जनगणना प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया है !
  • इस बार "पूनम अवलोकन" नामक प्रक्रिया के द्वारा यह किया गया है !
  • यह प्रत्येक माह में पूर्णिमा की तिथि को आयोजित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है !
  • इसके तहत निश्चित तिथि को वन विभाग के अधिकारी तथा क्षेत्रीय कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र में 24 घंटे के दौरान दिखाई देने वाले शेरों के आंकड़े एकत्रित करते हैं !
  • हालांकि सामान्य जनगणना की तुलना में यह कम वैज्ञानिक और प्रभावी होता है !
  • हाल ही में 2020 की जनगणना के अनुसार शेरों की संख्या 523 से बढ़कर 674 हो गई है अर्थात 29% की वृद्धि हुई है !
  • इसमें 260 मादा, 161 नर, 93 उप-वयस्क और 137 शावक है !
  • इसी के साथ एशियाई शेरों का प्रवास क्षेत्रफल वर्ष 2015 के 22,000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 30000 वर्ग किलोमीटर तक हो गया है !
  • अनेक संरक्षण प्रयासों के साथ-साथ 2018 में प्रारंभ की गई एशियाई शेर संरक्षण परियोजना का भी सकारात्मक योगदान माना जा रहा है !

ODR- Online Dispute Resolution

  • छोटे और मध्यम किस्म के विवादों को मध्यस्थता तथा बातचीत के माध्यम से समाधान करने के लिए डिजिटल तकनीकी का उपयोग कर एक वैकल्पिक विवाद समाधान की प्रक्रिया को ऑनलाइन विवाद समाधान ODR के नाम से जाना जाता है !
  • यह प्रक्रिया समय बचाने, जल्दीन्याय प्रदानकरने औरहर समय न्याय प्राप्त करने के लिए यह प्रभावी विकल्प हो सकता है !
  • यह सटीक, सुविधाजनक और किफायती विकल्प है !
  • हाल ही में नीति आयोग ने Agami and Omidyar Network India के साथ मिलकर ODR को आगे बढ़ाने के लिए एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया !
  • इस बैठक में न्यायाधीश, सचिव स्तर के अधिकारी, उद्योग जगत तथा कानून के जानकारों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की !
  • इस बैठक में ODR की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और इस में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया गया !
  • Covid-19 के बाद इसका उपयोग न्याय प्राप्त करने और न्याय के क्षेत्र में तकनीकी उपयोग के दृष्टिकोण से उपयोगी बनाने में किया जाएगा !
  • इससे न्यायालय निर्माण पर होने वाला न सिर्फ खर्च घटेगा बल्कि न्यायालय के ऊपर दबाव में कमी आएगी !
  • हालांकि भारत में तकनीकी पिछड़ापन, जागरूकता की कमी, प्रक्रियागत अशिक्षा, इंटरनेट का असमान वितरण आदि प्रमुख चुनौतियां हैं !
  • यदि हम लोगों को शिक्षित जागरूक कर इस प्रक्रिया का हिस्सा बना लेते हैं तो यह न्याय के क्षेत्र में एक नया हाइब्रिड मॉडल बन सकता है !