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Blog / 09 Nov 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 09 November 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 09 November 2020



आजादी से अब तक भारत-अमेरिका संबंध

  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गये हैं, जिसमे डोनाल्ड ट्रंप को हराकर डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन ने जीत हासिल कर ली है। जो बाइडन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। ऐसे में यह समझना होगा कि भारत और अमेरिका के संबंध किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। बाइडन की विदेश नीति को समझाने से पहले हमें भारत-अमेरिका संबंध के अभी तक के संबंध को समझना होगा।
  • भारत और अमेरिका दोनों देशों को इतिहास कई मायनों में समान रहा है। दोनों देश औपनिवेशिक सत्ता के अधीन रहे है तथा दोनों ने औपनिवेशिक सरकारों के खिलाफ संघर्ष कर सत्ता प्राप्त किया है। अमेरिका 1776 में स्वतंत्र हुआ जबकि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ। दोनों ने आजादी के बाद लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को अपनाया। भारत दुनिया की सबसे बड़ी और अमेरिका दुनिया की सबसे पुरानी डेमोक्रेसी है।
  • 1940 के दशक का अंत का समय भारत और अमेरिकी रिश्तों का प्रारंभिक समय माना जाता है। इस दशक में कई प्रकार के परिवर्तन हुए। इस समय भारत आजाद हो चुका था और उसका विभाजन भी हो चुका था। भारत-पाकिस्तान का एक स्वतंत्र देश के रूप में निर्माण जिन परिस्थितियों और जिन तरीकों से हुआ उससे विश्व की नजरें इन दोनों देशों बनी हुईं थीं।
  • इस दशक में एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि ब्रिटेन की जगह अमेरिका विश्व शक्ति का केंद्र बना और सोवियत संघ रूस के अमेरिका का शीत युद्ध प्रारंभ हुआ। एशिया की शक्ति का केंद्र जापान ताबाह हो चुका था तथा चीन एक राष्ट्र के रूप में अपने आंतरिक संघर्षों से जूझ रहा था।
  • भारत की आजादी के समय विश्व दो खेमों में बटा हुआ था। एक खेमे का नेतृत्व अमेरिका कर रहा था जो पूंजीवादी विचारधारा को संरक्षित और प्रसारित कर रहा था। वहीं दूसरी तरफ सोवियत संघ रूस था जो साम्यवादी विचारधारा का प्रसार कर रहा था। इस दौर को शीतयुद्ध के काल के नाम से जाना जाता है।
  • भारत ने आजादी के बाद समाजवादी अर्थव्यवस्था के स्वरूप को अपनाया जिसके वजह से भारत का झुकाव सोवियत संघ की ओर था। बावजूद इसके भारत ने किसी गुट में शामिल न होने तथा गुटनिरपेक्ष रहने का निर्णय लिया।
  • भारत ने इस दौरान दोनों महाशक्तियों से संबंध मधुर रखने का प्रयास किया, इसी कारण 1949 में भारत में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अमेरिका का दौरा किया अैर अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रमैन से मुलाकात की तथा दक्षिण एशिया में हो रहे परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की।
  • इसके बाद 1956, 1960 और 1961 में भी भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिका की यात्र की तथा संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया। वर्ष 1959 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहावर ने भारत का दौरा किया और ऐसा करने वाले वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने।
  • इन भारतीय प्रयासों के बावजूद भारत अमेरिका के साथ उतने मधुर संबंध न बना पाया, जितने रूस के साथ उसके संबंध मजबूत थे। इसके पीछे एक कारण यह था कि भारत अमेरिका के गुट में शामिल नहीं हा रहा था। तो दूसरा फैक्टर पाकिस्तान था।
  • इस दौरान पाकिस्तान ने यह महसूस किया कि अमेरिका से सेना के लिए वित्तीय सहायता, हथियार और आर्थिक मदद हासिल करनी है तो उसे खुद को अमेरिकी हितों के अनुरूप बनाना होगा। पाकिस्तान ने वाशिंगटन डीसी की ओर अपना हाथ बढ़ाया और खुद को साम्यवाद के खिलाफ एक मजबूत हथियार के रूप में प्रचारित किया।
  • धीरे-धीरे पाकिसतान को अमेरिकी समर्थन ओर हथियार मिलने लगे और 1950 के दशक के अंत तक यह संबंध काफी मजबूत भी हो गये। अमेरिका ने पाकिस्तान को साउथ ईस्ट एशिया ट्रिटी आर्गनाइजेशन (SEATO) में शामिल कर लिया तथा पाकिस्तान को हथियार की आपूर्ति भी करने लगा। भारत ने इसे लेकर चिंता भी व्यक्त की लेकिन भारत की चिंता पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के युद्ध में इन हथियारों का प्रयोग भारत के लिखाफ किया भी गया।
  • 1971 के युद्ध में भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ दिया और अपनी नेवी को भारत के खिलाफ भेजा। अमेरिकी नेवी जब तक भारत की सीमा तक पहुँचती तब तक रूस ने अपनी नेवी को भारत के समर्थन में उतारने और भेजने का निर्णय ले लिया था, फलस्वरूप अमेरिका को अपने कदम रोकने पड़े और भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आया।
  • भारत ने इन परिस्थितियों को देखते हुए अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बढ़ावा दिया तथा सोवियत संघ के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया।
  • भारत ने 1970 के दशक में अपनी सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय किया और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खुद को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में विकसित करने की परियोजना पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया। इसी के तहत भारत ने भी रूस के साथ 20 साल के लिए रूस से दोस्ती किया और एक सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किया तथा 1974 में भारत ने परमाणु परीक्षण कर लिया। यह दोनों की कदम अमेरिका, चीन और पाकिस्तान को पसंद नहीं आये और भारत की दूरी अमेरिका से बढ़ गई।
  • परमाणु परीक्षण कर भारत दुनिया के उन ताकतवर देशों की सूची मेशामिल हो गया। जिसके पास परमाणु हथियार थे। अमेरिका ने इसके बाद भारत परमाणु सामग्री और ईंधन अपूर्ति पर रोक लगा दी। साथ ही भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिये, जिससे भारत- रिश्तों में बहुत कड़वाहट आ गई।
  • 1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर भारत पर आये ओर भारतीय संसद को संबोधित किया। कार्टर ने परमाणु अप्रसार अधिनियम खड़ा किया ओर भारत सहित तमाम देशों को अपने परमाणु संयंत्रें के परीक्षण की मांग की। भारत ने इससे इनकार कर दिया फलस्वरूप प्रतिबंध भारत पर और मजबूत कर दिये गये।
  • वर्ष 1984 में अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के भोपाल कारखाने में गैस रिसाव के बाद हजारों लोगों की मृत्यु हो गई। भारत ने अमेरिका से कंपनी के सीईओ के प्रत्यर्पण की कोशिश की, जिससे रिश्ते और खराब हो गये।
  • 1985 में राजीव गांधी दो बार और 1987 में फिर एक बार अमेरिका दौरे पर गये और रिश्तों को सामान्य करने का प्रयास किया।
  • वर्ष 1991 में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और कारोबारी रिश्तों में सुधार हुआ।
  • वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सम्मेलन में पीवी नरसिम्हाराव ने राष्ट्रपति बुश से मुलाकात की।
  • भारत अमेरिकी संबंध अभी बहुत मधुर हो पाते उससे पहले एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया। यह घटनाक्रम पुनः परमाणु परीक्षण से संबंधित था। भारत ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपने भारतीय राजदूत को वापस बुला लिया और भारत पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिये। इसी के साथ अमेरिका ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना भी प्रारंभ कर दिया तथा भारत को शांति के लिए एक खतरे के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया।
  • इस समय हमारे देश के विदेशमंत्री जसवंत सिंह थे इन्होंने अमेरिका के External Affairs Minister के साथ 18 बार बातचीत की और संबंधों को सामान्य करने का प्रयास किया। उनके प्रयासों के बाद अमेरिका की नीति भारत के संदर्भ में बदली।
  • वर्ष 2000 में अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन भारत के दौरे पर आये। 22 वर्ष बाद कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आया था। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच पर्यावरण और ऊर्जा को लेकर कई समझौते हुए और क्लिंटन ने भारतीय संसद को संबोधित किया।
  • वर्ष 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अमेरिका का दौरा किया। इस समय यहां के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश थे। वाजपेयी जी ने वर्ष 2002 और 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति बुश से मुलाकात की। वर्ष 2001 में बुश प्रशासन ने भारत से आर्थिक प्रतिबंध हटाये।
  • वर्ष 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला हुआ जिसे 9/11 के नाम से जाना जाता है। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और अमेरिकी रिश्ते बहुत मजबूत हुए। 2001 में भारत की संसद पर हमला हुआ। 2002 में भारत में अक्षरधाम मंदिर पर हमला हुआ, 2003 में बम्बई ब्लास्ट की आतंकी घटना हुई।
  • वर्ष 2004 में मनमोहन सिंह ने 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में सम्मेलन में जार्ज बुश से मुलाकात की।
  • वर्ष 2006 में जार्ज डब्ल्यू बुश भारत दौरे पर आये और परमाणु समझौते पर हसताक्षर किया। इस समझौते में अमेरिका इस बात के लिए तैयार हो गया कि वह भारत को परमाणु सामग्री के खरीद के संदर्भ में कई प्रकार के छूट दिलवा देगा।
  • शर्त यह रखी गई कि भारत इस तकनीकी और ईंधन का प्रयोग परमाणु हथियार के विकास के लिए नहीं बल्कि बिजली उत्पादन के लिए करेगा। भारत इसके लिए तैयार हों गया क्योंकि भारत ने NPT पर हस्ताक्षर नहीं किया है, जिसके वजह से वह कितने भी परमाणु बम बनाने के लिए स्वतंत्र है और भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र का दर्जा भी प्राप्त है।
  • वर्ष 2008 में मुंबई हमलों के दौरान अमेरिका ने एफबीआई के जांचकर्ताओं को भारत भेजा। वर्ष 2010 में भारत और अमेरिका ने पहली बार इंडिया-यूएस स्ट्रेटजिक डायलॉग की नींव डाली।
  • जॉर्ज बुश के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामरिक, तकनीकी तथा व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़े और मजबूत हुए।
  • वर्ष 2010 में बराक ओबामा मुंबई आये और भारत-अमेरिका कारोबारी सम्मेलन को संबोधित किया। ओबामा ने भारतीय संसद को संबोधित करते हुए कहा कि- में चाहता हूँ कि- ‘‘भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बने।’’
  • वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बराक ओबामा पुनः भारत दौरे पर आये और गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट के रूप में आने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने।
  • वर्ष 2016 में अमेरिका ने भारत को Major Defence Partner घोषित किया। वर्ष 2016 में ओबामा के साथ ही भारत ने अमेरिका के साथ LEMOA (Logistics Exchange Memorandum of Agreement) पर हस्ताक्षर किया गया।
  • वर्ष 2016 में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने। इस दौरान भारत ने वर्ष 2018 में COMCASA (Communications Copatipility and Security Agreement) पर हस्ताक्षर किया।
  • अभी कुछ समय पहले ही भारत ने BECA (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo. Spatial Cooperation) हस्ताक्षर किया है।
  • भारत इस समय Missile Technology Control Regime, Australia Group और Wassenaar Agreement का सदस्य है जो दोनों देशों के मजबूत रिश्तों को दर्शाता हैं आने वाले समय में भारत NSG का भी सदस्य बन सकता है।
  • 2+2 वार्ता जो दोनों देशों के रक्षामंत्रियों एवं विदेशमंत्रियों की बैठक हर साल आयोजित हो रही है।
  • भारत अब अमेरिका के लिए इण्डो पैसिफिक क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है, जिसे Quad ग्रुप और मालाबार सैन्य अभ्यास के माध्यम से समझ सकते हैं।
  • वर्ष 2020 तक भारत द्वारा अमेरिका को 18 बिलियन का सैन्य समझौता किया जा चुका है।
  • वर्ष 2019 में दोनों देशों का व्यापार 149 बिलियन डॉलर तक पहुँच चुका है और अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदारी है। भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस है।
  • वर्ष 2018 में भारत ने अमेरिका से 48.2 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात किया।
  • दोनों देश यंग इनोवेटर्स इंटर्नशिप परियोजना, महिला सशक्तिकरण, तकनीकी हस्तांतरण और आर्थिक विकास के कई क्षेत्रें (नवीकरणीय ऊर्जा, स्पेस, रक्षा, साइबर सुरक्षा) में एक साथ कार्य कर रहे है।