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Blog / 09 Nov 2019

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 November 2019

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 November 2019



महिला सशक्तिकरण

सशक्तिकरण से तात्पर्य किसी व्यक्ति की उस क्षमता से है, जिससे उसमें अपने विकास के लिए किसी भी प्रकार का निर्णय लेने की योग्यता या क्षमता विकसित हो जाती है।

महिलाएं परिवार एवं समाज के बंधनों से मुक्त होकर जब अपने विकास से संबंधित निर्णय ले सके तो यह महिला सशक्तिकरण कहलाता है।

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों?  :-

  • आत्मनिर्भर बनाने के लिए
  • समाज में समानता लाने के लिए
  • प्रतिभा का विकास कर देश का निर्माण करने के लिए
  • गरीबी कम करना
  • मानव संसाधन का विकास कर परिवार की जिम्मेदारी कम करना
  • घरेलू हिंसा में कमी लाना।

भारत में महिलाओं की स्थिति

  • वैदिक काल:- नारी के बगैर पुरुष को धर्म,कर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती।
  • उत्तर वैदिक काल:- उत्तर वैदिक काल आने तक महिलाओं की स्थिति में आंशिक गिरावट आने लगी। बहुत सी पाबंदियां लगाई जाने लगी व बाल विवाह की परंपरा शुरू हो गई।
  • मध्यकाल:- महिलाओं की स्थिति डैनी हो गई।
  • स्वतंत्रता से पूर्व:- महिलाओं पर अनेक सामाजिक, राजनीतिक, रूढ़ियां विद्यमान थी।राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, एनी बेसेंट, गांधीजी आदि ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए अनेक प्रयास किए।
  • स्वतंत्रता के बाद:- महिलाओं की स्थिति में सुधार अवश्य हुआ है लेकिन सुधार की गति बहुत मंद रही। -
  • जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल साक्षरता 74% रही, जिसमें पुरुष साक्षरता 82.1% और महिला साक्षरता 65.5%।
  • वही मातृ मृत्यु दर का बहुत अधिक होना।
  • महिला पारिश्रमिक मूल्य कम होना।
  • उच्च पदों पर हिस्सेदारी कम होना।
  • नीति निर्माण में अल्प संख्या।

यह संकेत करती है कि महिलाओं की स्थिति में जितना सुधार होना चाहिए था वह अभी हो नहीं पाया है।

  • वर्तमान में :- सिक्का का दूसरा पहलू यह है कि भारतीय महिलाओं ने राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपाल जैसे पद संभाले हैं।
  • साथ ही रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री के रूप में देश को आगे बढ़ाया है।
  • सर्वोच्च सत्ता प्रधानमंत्री के रूप में भी महिला महिलाओं ने देश को चलाया है।
  • साहित्य, कारपोरेट क्षेत्र,  प्रशासनिक क्षेत्र में भी महिलाएं आगे बढ़ी हैं।
  • लेकिन इनकी संख्या पर्याप्त नहीं है, इसलिए समय की मांग है कि महिलाओं को और आगे बढ़ाया जाए।

भारत में महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाएं :- 

  • वन स्टॉप सेंटर योजना:- घरेलू हिंसा का सामना कर रही महिलाओं को सहायता (चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक) प्रदान करना।
  • बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ।
  • स्वाधार गृह योजना:- 18 वर्ष से अधिक की लड़कियों के लिए जो बेघर हो गए हैं, उनके लिए आवास, भोजन, कपड़ा, स्वास्थ्य की सहायता प्रदान करना।
  • नेशनल मिशन फॉर एनवायरनमेंट ऑफ वूमेन।
  • महिला हेल्पलाइन योजना।
  • राजीव गांधी राष्ट्रीय आंगनवाड़ी योजना।

साइबर क्राइम

  • ऐसे कृत्य जो कानून, समुदाय, नैतिकता के खिलाफ होते हैं, वह क्राइम या अपराध की श्रेणी में आते हैं।
  • ऐसे क्राइम जो इंटरनेट, कंप्यूटर, नेटवर्क व साइबर पर किए जाते हैं या सब साइबर क्राइम के अंतर्गत आते हैं।
  • इस प्रकार के क्राइम व्यक्ति के खिलाफ, संपत्ति के लिए या फिर किसी भी स्तर की सरकार के खिलाफ (केंद्र, राज्य, स्थानीय सरकार या सरकार की किसी संस्था) की जाती है।
  • इसका प्रयोग लोगों को तकनीक से दूर करता है एवं शासन को कठिन बनाता है।

साइबर क्राइम क्यों?:-

  • धन प्राप्ति
  • बदनाम करने या अफवाह फैलाने(मोबलीचिंग)
  • देश की सुरक्षा भंग करने या अस्थिरता उत्पन्न करने 
  • ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा डाटा को अपने हित के लिए उपयोग करना
  • ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करना
  • मतदान को प्रभावित करना
  • महिलाओं एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति दुरुपयोग
  • विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने
  • वित्तीय लेनदेन को प्रभावित करने
  • यातायात व दूरसंचार को प्राप्त करना।

साइबर क्राइम के प्रकार

हैकिंग :- किसी भी कंप्यूटर, डिवाइस, इंफॉर्मेशन सिस्टम या नेटवर्क में अनऑथराइज्ड प्रवेश करना और छेड़छाड़ करना। नुकसान हुआ हो या जरूरी नहीं यह घुसपैठ भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है। अपराध साबित होने पर 3 साल तक की जेल या 5 लाख का जुर्माना।

डाटा की चोरी :- बहुत सी कंपनियां व्यक्तियों के डाटा को सेव रखते हैं, जब कोई व्यक्ति इस प्रकार के डाटा तक अपनी पहुंच बना लेता है तो इसे डाटा चोरी कहा जाता है। इसके लिए 3 साल तक की जेल और 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

वायरस-स्पाइवेयर फैलाना:- 

  • कंप्यूटर, हैकिंग,डाउनलोड, वाईफाई, नेटवर्क आदि के अंदरूनी भागों  से होते हुए यह डाटा तक पहुंच जाते हैं।
  • देश की सुरक्षा एवं आतंकवाद आदि के मामलों में उम्रकैद एवं गैर जमानती सजा।
  • पहचान की चोरी :- क्रेडिट कार्ड, आधार, पासपोर्ट, डिजिटल सिगनेचर आदि का प्रयोग कर किसी दूसरे व्यक्ति की जानकारी चुराना। इसके लिए 3 साल तक की सजा या एक लाख तक का जुर्माना।
  • ईमेल स्पूफिंग और फ्रॉड :- इसमें व्यक्ति के ईमेल का प्रयोग करते हुए गलत उद्देश्य के लिए ईमेल भेजना या सूचनाएं प्राप्त करना जैसे- बैंक,लॉकर, पासपोर्ट ई-कॉमर्स।
  • पॉर्नोग्राफी।
  • चाइल्ड पॉर्नोग्राफी।
  • तंग/परेशान करना।
  • ऑनलाइन जुआ (सट्टेबाजी)।

साइबर क्राइम की समस्या से प्रभावित देश :-

  • अमेरिका (23%),
  • चीन (9%),
  • जर्मनी (6%),
  • ब्रिटेन (5%),
  • भारत (3%)।

भारत में साइबर क्राइम से प्रभावित प्रमुख राज्य:- 

  • महाराष्ट्र,
  • दिल्ली,
  • बंगाल,
  • गुजरात,
  • उत्तर प्रदेश।

भारत में साइबर क्राइम से प्रभावित प्रमुख शहर:-

  • मुंबई,
  • दिल्ली,
  • बेंगलुरु,
  • कोलकाता,
  • पुणे।

भारत साइबर क्राइम के मामलों को लेकर बहुत गंभीर है और इससे निपटने के लिए सूचना तकनीकी कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 लागू हैं। इसके अंतर्गत सामान्य मामलों के साथ-साथ कॉपीराइट एवं आतंकवाद तक के मामले सुलझाए जाते हैं।

  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 लागू है।
  • राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र की स्थापना की गई है।
  • कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT- in)  की स्थापना की गई है।
  • साइबर सुरक्षित भारत कार्यक्रम लॉन्च किया गया है।