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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 06 January 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 06 January 2020



स्वच्छ सर्वेक्षण 2019

  • इसमें 4237 सिटिज को शामिल किया गया था।
  • इसे मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स द्वारा जारी किया जाता है।
  • यह 2016 से प्रत्येक साल जारी किया जाता है।
  • यह भारत का सबसे बड़ा स्वच्क्षता सर्वेक्षण है।
  • रैंकिंग 5000 अंको के आधार पर किया गया है।
  • Direct Observation – 1250 marks
  • Citizen Feedback- 1250 Marks
  • Service Level Progress- 1250 Marks
  • Certification- 1250 Marks
  • इंदौर पहला स्थान, बड़े शहर में, New Delhi Municipal Council छोटे शहरों में पहला स्थान।
  • इंदौर के बाद अंबिकापुर (CHH) मैसूर (KR) उज्जैन का स्थान है।

लिग्नाइट आधारित 500 मेगावाट थर्मल यूनिट

  • BHEL (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) द्वारा Neyveli में इस प्रोजेक्ट को बनाने का प्रस्ताव लाया गया है।
  • लिग्नाइट कोयले का निम्न गुणवत्ता वाला प्रकार है।
  • कोयले को कार्बन की उपलब्धता के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। यह है एन्थ्रेसाइट, विटुमिनस, लिग्नाइट एवं पीट।
  • एन्थे्रसाइट सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला कोयला होता है, जिसमें 80 से 95% कार्बन पाया जाता है। यह धीमे गति से जलता है एवं नीली फ्लेम उत्पन्न होती है। यह कम मात्रा में जम्मू कश्मीर में पाया जाता है।
  • भारत की घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इसका हम आयात करते हैं।
  • चीन, रूस, यूक्रेन, उत्तरी कोरिया, वियतनाम, यू. के., आस्ट्रेलिया कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
  • कोयले के अन्य प्रकारों की अपेक्षा यह कम पर्यावरण प्रदूषण करता है।
  • बिटुमिनस कोयले का दूसरा प्रकार है जिसमें 60.80% कार्बन पाया जाता है।
  • नमी कम और ज्वलनशीलता अधिक पाया जाता है।
  • भारत में यह झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
  • लिग्नाइट कोयले का तीसरा प्रकार होता है। इसमें कार्बन की मात्रा 40 से 50% होता है।
  • नमी ज्यादा होने के कारण यह भूरे रंग का दिखाई देता है तो साथ ही धुआं भी ज्यादा निकलता है।
  • यह सर्वाधिक मात्रा में तमिलनाडु में पाया जाता है इसके अलावा राजस्थान, असम एवं पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में पाया जाता है।
  • पीट कोयले में कार्बन की मात्रा 40% से कम होती है।
  • लिग्नाइट कोयले संबंधित अनेक रिपोर्टों में इसका जिक्र किया गया है कि यह सर्वाधिक प्रदूषण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है।

घातक होते हुए भी लिग्नाइट कोयले का प्रयोग क्यों?

  • ऊर्जा की मांग बढ़ रही है और अच्छी गुणवत्ता का कोयला हर जगह उपलब्ध नहीं है।
  • कोयले का उत्पादन, परिवहन काफी समय लेने वाला हाता है इसलिए विकल्प बढ़ाना आवश्यक है।
  • तमिलनाडु की ऊर्जा आवश्यकता ज्यादा है इसलिए वह इसे एक विकल्प के रूप में देख रहा है।
  • इसका उत्पादन सिर्फ उतना ही किया जायेगा, जितने की आवश्यकता है। जैसे जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के विकल्प बढ़ेगे हम इससे उत्पादन कम कर देंगे।
  • वर्तमान समय कोल आधारित ऊर्जा का प्रतिशत 72%
  • नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता कुल स्थापित ऊर्जा का 35% है।
  • इंडिया -Intended Nationally Determined Contribution- Paris Agreement
  • 33 To 35% Emissions Cut – 2030
  • Increase Share Of Non- Fossil Fuel- Based Electricity To 40% By 2030
  • 2.5 To 3 Billion Tonnes Absorption Of CO2 - With Forest 2030
  • IMF, WB एवं ADB ने भारतीय संवृद्धि दर को कम कर दिया है।
  • बहुत से आर्थिक विश्लेषण यह इंडिकेट कर रहे हैं यह अवस्था प्राइवेट सेक्टर में रकारात्मकता को जन्म दे रहा है। वह निवेश को लकर बहुत सकारात्मक नहीं है, इसके वजह से निवेश में कमी आयेगी।
  • RBI ने खुद अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है कि इस समय देश में बिजनस कांफिडेंस, कन्ज्यूमर एवं कैपिसिटी यूटीलाइजेशन कम है।
  • यह स्थिति घातक है इसलिए बड़े निवेश की आवश्यकता है। प्राइवेट सेक्टर हताश है इसलिए सरकार को निवेश करना चाहिए।
  • सरकारी निवेश से आर्थिक क्रियाएं बढ़ेंगी और अर्थव्यवश्था को गति मिलेगी। लेकिन इसके लिए वित्त की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगा।
  • पिछले साल सरकार को आपेक्षित टैक्स प्राप्ति से लगभग 1.5 लाख करोड़ रूपये कम प्राप्त हुए।
  • इस साल भी सरकार को लगभग 2 लाख करोड़ रूपये कम टैक्स रेवेन्यू प्राप्त होगा।
  • सरकार को जो टैक्स (राजस्व) प्राप्त होता है वह राज्यों के साथ विभाजित होता है जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 58% एवं राज्यों का हिस्सा 42% होता है।
  • इस 42% का बंटवारा वित्त आयोग के फार्मूले के आधार पर राज्यों के बीच होता है।
  • सरकार ने कुछ समय पहले कारपोरेट टैक्स में कमी की थी इससे भी उसके राजस्व में 1.45 लाख करोड़ रूपये की कमी आने की संभावना है।
  • टैक्स प्राप्ति की कमी से राज्यों को कम पैसा मिलेगा।
  • केन्द्र सरकार ने RBI से 1.76 लाख करोड़ लिये तो साथ ही विनिवेश से भी पैसे प्राप्त किये हैं, लेकिन राज्यों के पास अभाव है।
  • इसी कारण राज्य पिछले कुछ माह से GST के अपने हिस्से की मांग कर रहे हैं।
  • केन्द्र सरकार ने यह जानकारी दी है कि GST से जितना अनुमान लगाया गया था, उतना वित्त प्राप्त नहीं हो रहा है। इसीलिए 18 दिसम्बर को GST काउंसिल की मीटिंग में कुछ वस्तुओं पर GST की दर को बढ़ाये जाने की संभावना थी लेकिन महंगाई को देखते हुए दर नहीं बढ़ाया गया।
  • कुछ विश्लेषकों का मानना है सरकार ने Unorganized Sector पर ध्यान देकर Organized सेक्टर पर सिर्फ ध्यान दिया है जिसके कारण समस्या गंभीर हो गई है।

Asiatic Lion Census

  • यह अब गुजरात के Gir Forest में पाये जाते हैं।
  • प्रत्येक 5 साल के अंतराल पर होने वाली यह जनगणना मई 2020 में होगी।
  • यह गुजरात वन विभाग द्वारा कराया जायेगां इसमें 8-10 हजार कैमरों का प्रयोग किया जायेगा।
  • पिछली जनगणना में जहाँ 15000 sqkm एरिया कवर किया गया था, वहीं इस बार 25000 sqkm एरिया कवर किया जायेगा।
  • इसमें पहली बार Wildlife Institute of India के आंकड़े प्रयोग किये जायेंगे।
  • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत इन्हे अनुसूची 1 में रखा गया है।
  • IUCN की Red List में यह Endangered सूची में पाये जाते हैं।
  • पिछली जनगणना में इनकी संख्या 523 थी।
  • सरकार इनके संरक्षण के लिए एशियाटिक लॉयन Reintroduction Project 10 मार्च 2004 को प्रारंभ किया गया था।
  • इसके अंतर्गत Disease Management, Habitat Management, मानव- पशु संघर्ष कम करना, शिकार और हत्या की रोकथाम आदि को शामिल किया गया ।
  • इस जनगणना में टाइगर जनगणना 2018 की तरह नवीन तकनीकी का प्रयोग किया जायेगा।
  • अक्टूबर 2019 में CDV ( Canine Distemper Virus) की वजह से 24 लॉयन की मृव्यु हो गई थी।
  • ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए गुजरात सरकार ने 97.85 करोड़ रूपये भी आवंटित किये थे।
  • हाल के वर्षों में मानवीय हस्तक्षेप भी बढ़ा है, इसलिए यह जनगणना काफी महत्वपूर्ण होगी।
  • ऐतिहासिक रूप में इनका क्षेत्र ईरान से बंगाल तक मिलते थे।
  • 1890 में गिर फ़ोरेस्ट में इसकी संख्या 50 तक सीमित हो गई थी।

प्रदुषण से निपटने के लिए पहले देश का पहला SMOG TOWER

  • वायु प्रदूषण की समस्या भारत में सबसे विकराल समस्या के रूप में सामने आई है।
  • वायु प्रदूषण पहले जहाँ बड़े और औद्योगिक क्षेत्रों की समस्या हुआ करती थी अब छोटे-छोटे शहर भी इसमें शामिल होने लगे हैं।
  • WHO की हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 7 इंडिया के थे।
  • इस प्रदूषण की वजह से बच्चे, वृद्ध, बीमार लोग न सिर्फ काल के गाल में समा जाते है, बल्कि प्रवास भी करना पड़ता है।
  • State Of Global Air 2019 के अनुसार हर साल लगभग 12 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से होती है।
  • दिल्ली में शर्दी के प्रारंभिक मौसम में खासकर दीपावली के समय पूरा क्षेत्र काले बादलों से ढक कर गैस चेम्बर में तब्दील हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि लोग इस गैस चेंबर में मर रहे हैं।
  • वायु में धुएं के कण (अशुद्धियां) मिल जाती है तो यह स्मोग कहलाता है।
  • इससे निपटने के लिए सांसद गौतम गंभीर और लाजपतनगर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने मिलकर 7 लाख रूपये की राशि से इसका निर्माण किया है।
  • यह 20 फिट लंबा टावर है, जो पास के वायुप्रदुषण से निपटेगा।
  • बनाने में सहयोग IIT बोम्बे एवं IIT दिल्ली का योगदान है। यू. एस. ए. की यूनिवर्सिटी ऑफ Minnesota ने भी अपनी जानकारी शेयर की।