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Blog / 05 Aug 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 05 August 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 05 August 2020



पाकिस्तान का विवादित नया मैप

  • आजादी के दौरान एक ही देश से दो मुल्क बने हिंदुस्तान एवं पाकिस्तान। इनके निर्माण के समय ही यह विवाद उत्पन्न हो गया कि कौन से क्षेत्र किस देश का हिस्सा होंगे। ऐसे में बात-चीत के माध्यम से और ब्रिटिश सरकार की मध्यस्थता से इस मुद्दे का समाधान करने का प्रयास किया गया।
  • भारत की आजादी के समय देश में छोटी-बड़ी 562 रिसायतें थीं। सरदार पटेल अंतरिम सरकार में उप-प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री थे। जम्मू-कश्मीर रियासत को छोड़कर बाकि रिसासतों की जिम्मेदारी सरदार पटेल के पास थी।
  • ब्रिटिश सरकार ने एक कुटिल चाल चलते हुए रिसायतों को यह छूट दी थी कि वे स्वेच्छा से भारत या पाकिस्तान के साथ जा सकते है या फिर स्वतंत्र अस्तित्व बनाये रख सकते हैं।
  • रियासतों के एकीकरण का काम आजादी से पहले ही प्रारंभ हो चुका था। 27 जून, 1947 को माउंटबेटेन ने सरदार पटेल के अधीन ‘राज्य विभाग’ का गठन किया। सरदार पटेल ने अपेन सहयोग के लिए वीपी मेनन को चुना।
  • पांच जुलाई को पटेल ने सभी रियासतों को पत्र लिखकर तीन विभागीय शर्तों के साथ भारत में विलय का न्योता दिया।
  • प्रतिरक्षा, विदेश और संचार का जिम्मा भारत सरकार का होगा बाकि सभी काम रियासतें देखेंगी।
  • 15 अगस्त आते-आते लगभग सभी रियासतों ने विलय की संधि पर दस्तखत कर दिये लेकिन कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद आजादी का ख्वाब पाल रहे थे।
  • जूनागढ़ पश्चिम भारत के सौराष्ट्र इलाके की एक बड़ी रियासत थी। यहाँ के नवाब महावत खान थे, यहाँ की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी हिंदू थी।
  • नवाब ने जिन्ना और मुस्लिम लीग के इशारे पर जूनागढ़ के दीवान अल्लाहबख्श को हटाकर बेनजीर भुट्टो के दादा शाहनवाज भुट्टो को वहां का दीवान बनाया।
  • शाहनवाज भुट्टो ने महावत खान पर दबाव बनाया कि वह पाकिस्तान में विलय कर लें।
  • कुछ किताबों में यह लिखा गया है कि जिन्ना का जूनागढ़ को लेने का कोई इरादा नहीं था , वह सिर्फ जूनागढ़ के बहाने कश्मीर की सौदबाजी करना चाहते थे।
  • भुट्टो के दबाव और नवाब का पाकिस्तान की ओर झुकाव के कारण 14 अगस्त 1947 को महावत खान ने जूनागढ़ का पाकिस्तान में विलय का ऐलान कर दिया।
  • यहां की बहुत बड़ी आबादी ऐसा नहीं चाहती थी और वह भारत में मिलना चाहते थे।
  • इस बीच सरदार पटेल ने जूनागढ़ के दो बड़े हिस्सों मांगरोल और बाबरियाबाड़ पर सेना भेजकर कब्जा करवा लिया।
  • वीपी मेनन ने कूटनीति का सहारा लेते हुए भुट्टो से मुलाकात की और उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि हिंदू बहुल क्षेत्र का पाकिस्तान में विलय कतई-ठीक नहीं है। उस समय तो बिल्कुल नहीं जब बड़ी आबादी भारत में मिलना चाह रही हो।
  • ऐसे में भुट्टो ने दबी जबान से जनमत संग्रह कराने का भरोसा दिया।
  • इसी दौराना गांधी जी के पोते, समलदास गांधी की अगुवाई में बाम्बे में जूनागढ़ की अंतरित सरकार बनी। इस सरकार ने जनमत की राय देखते हुए भारत में विलय के आंदोलन को हवा दी। बढ़ते आंदोलन को देखकर नवाब महावत खान कराची भाग गया।
  • नवंबर 1947 के प्रथम सप्ताह में शाहनवाज भुट्टो ने जूनागढ़ के पाकिस्तान में विलय को खारिज कर जूनागढ़ के भारत में विलय की घोषणा कर दी।
  • नवंबर माह में ही भारतीय फौज ने जूनागढ़ पर कब्जा कर लिया इससे माउंटबेटेन नाराज हो गये।
  • बाद में जनमत संग्रह कराया गया जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक जनता ने भारत में विलय को स्वीकार किया।
  • 20 फरवरी, 1948 को जूनागढ़ देश का हिस्सा बन गया।
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को बैठक के दौरान अपने देश का नया राजनीतिक नक्शा (New Political Map) जारी किया।
  • इस नये नक्शे में गुजरात के जूनागढ़ को भी पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है।
  • जूनागढ़ के साथ-साथ इसमें सरक्रीक, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को भी पाकिस्तान का भाग बताया है।
  • 4 अगस्त को जारी किये इस नक्शे के माध्यम से पाकिस्तान यह संदेश देना चाहता है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद वह जम्मू कश्मीर के लोगों के हित समझता है और उनके समर्थन में खड़ा है क्योंकि यह (जम्मू- कश्मीर, उद्दाख) उसके भाग है।
  • इसी मनोभाव से पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को अपना भाग बताया है।
  • सभी समीक्षक इस बात पर सहमत हैं कि पाकिस्तान भारत द्वारा अनुच्छेद 370 में किये गये परिवर्तन को गलत साबित करने के अपने प्रयासों में सफल नहीं रहा तो वह अब नये मैप के माध्यम कश्मीर के अलगाववादियों के साथ अपने को खड़ा करना चाहता है।
  • पाकिस्तान अपने अंदरूनी मामलों से ध्यान हटाकर अपने लोगों को भारत के साथ उलझाना चाहता है।
  • इसके साथ ही कश्मीर को लेकर एक और परिवर्तन पाकिस्तान ने यह किया है कि वह कश्मीर के इण्डियन ऑक्यूपाइड कश्मीर के स्थान पर इण्डियन इलिगली ऑक्युपाइड जम्मू-कश्मीर के नाम से बुलायेंगे, बतायेंगे और लिखेंगे।
  • अब तक Pok को दिखाने के लिए एक डॉटेड लाइन वाली सीमा रेखा का प्रयोग किया जाता था लेकिन अब पाकिस्तान ने उसे स्पष्ट (पूर्ण रेखा) रेखा के माध्यम से पाकिस्तान का हिस्सा बताया है।
  • यहां यह तो स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की स्पष्ट नीति भूमि/क्षेत्र अधिग्रहण की है।
  • पाकिस्तान नये मैप के माध्यम से ऐतिहासिक घटनाक्रमों को नये सिरे से और अपने हिसाब से व्याख्यायित करना चाहता है।
  • वह जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ के भारत में विलय को अवैध ठहराकर अपना दावा पेश करना चाहता है।
  • पाकिस्तान के अनुसार जनागढ़ एवं कश्मीर का विलय भारत में जिस तरह से किया गया वह गलत था और जनमत के खिालाफ था।
  • पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि नया राजनीतिक नक्शा पाकिस्तानी जनता की मांगों का प्रतिनिधित्व करता है और कश्मीर के लोगों की सैद्धांतिक विचारधारा का समर्थन करता है।
  • इसके साथ इमरान खान ने यह भी जोड़ा कि- भारत ने पिछले साल 5 अगस्त को कश्मीर में जो गैर कानूनी कदम उठाया, यह राजनीति नक्शा उसको नकारता है।
  • पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि भारत द्वारा पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर, गिलगित बाल्तीस्तान को अपना हिस्सा बताया गया है जो संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ है।
  • कुरैशी का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में एक जनमत संग्रह होगा जो फैसला करेगा कि कश्मीर का भविष्य क्या होगा। आगे कुरेंशी ने कहा कि नया नक्शा कश्मीरी लोगों के साथ पाकिस्तान के खाड़े होने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
  • इमरान खान ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव कश्मीर के लोगों को यह हक देता है कि वो जनमत संग्रह के माध्यम से यह फैसला करें कि वह किसका भाग बनना चाहते हैं।

बेरूत विस्फोट

  • अमोनियम नाइट्रेट जिसका रासायनिक सूत्र NH 4 NO 3 है एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ है जिसका प्रयोग रासायनिक उर्वरक के रूप धान के खेतों में बड़ी मात्रा में किया जाता है।
  • यह अधिकांशतः मिश्रित रूप में प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह विस्फोटक प्रकृति का होता है।
  • इसका उपयोग उर्वरक, कीटनाशक, विस्फोट सामग्री निर्माण, आतिशबाजी, नाइट्रोजन/नाइट्रस ऑक्साइड का शोषण करने, शीतकारक मिश्रण के पदार्थ बनाने, एंटीबायोटिक्स तथा यीस्ट के पोषक के रूप में किया जाता है।
  • इसकी अति विस्फोट प्रवृत्ति के कारण विस्फोटक सामग्री निर्माण में कई आतंकी संगठन इसका उपयोग करते आये है।
  • कुछ साल पहले एक कार की डिग्गी 145 किग्रा अमोनियम नाइट्रेट पकड़े जाने पर यह भारत में खूब चर्चा में आया था।
  • उस समय की कई रिपोर्ट का दावा है कि इतने अमोनियम नाइट्रेट से 3 से 4 किमी. के इलाके को पूरी तरह तबाह किया जा सकता है।
  • भारत सरकार ने इसी चिंता के तहत उन उर्वरकों को जिनमें 45 प्रतिशत से अधिक अमोनियम नाइट्रेट हो, उसे विस्फोटक घोषित कर दिया था।
  • भूमध्य सागर के पूर्व में पाश्चिम एशिया का एक महत्वपूर्ण देश लेबनॉन है, जिसकी राजधानी बेरूत है।
  • सीरिया और इजराइल के साथ यह सीमा साझा करता है।
  • यहां की जनसंख्या लगभग 70 लाख है जिसमें से 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम समुदाय एवं 38 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म से संबंधित है।
  • बेरूत क्षेत्र मे एक पोर्ट (बंदरगाह) Beirut Port Silos है। इस पोर्ट के समीप कई वेयरहाउस बनाये गये हैं, जैसा कि हर पोर्ट के पास बनाया जाता है।
  • सितंबर 2013 में एक जहाज जार्जिया से मोजांबिक जा रही थी जिसमें कुछ तकनीकी खरबी होने के कारण यह जहाज बेरूत पोर्ट सिलोस पर रूका।
  • जहाज का निरीक्षण करने पर पता चला कि इसमें 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट है।
  • जहाज के मालिक ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए जहाज पर अपना कानूनी अधिकार छोड़ दिया।
  • 2015 में इस अमोनियम नाइट्रेट को समीप के एक वेयरहाउस में रखा दिया गया।
  • वेयरहाउस में सुरक्षा की पर्याप्त सुविधा नहीं थी लेकिन वहां की अथॉरिटी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
  • इसी अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट होने से 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है तथा 4000 से अधिक लोग घायल है।
  • कोरोना महामारी से जूझ रहे लेबनान के लिए यह दोहरा संकट खड़ा हो गया है। अस्पतालों में पहले से ही जगह नहीं थी और इस विस्फोट ने अस्पताल के हालात और बदतर कर दिये हैं।
  • धमाका इतना भीषण था कि 10 किलोमीटर के दायरे में मौजूद घरों को भी नुक्सान हुआ है।
  • धामके की वजह से यहां से 240 किमी. दूर साइप्रस तक इसकी आवाज पहुँची थी।
  • लेबनान और इजराइल में तनाव के चलते इजराइल के द्वारा किये गये हमले के रूप में भी कुछ लोगों ने प्रारंभ में इसे देखा था। हालांकि इजराइल ने इसे अस्वीकार किया है और हर संभव मदर की बात की है।
  • दरअसल मंगलवार को इजराइल के प्रधानमंत्री ने हिज्बुल्लाह को चेतावनी देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर वह उस पर हमला करने से नहीं हिचकिचाएगा।