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Blog / 04 Sep 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 04 September 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 04 September 2020



ग्लोबल इन्नोवेशन इंडेक्स 2020

  • रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने, बौद्धिक अधिकारों का संरक्षण करने, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1967 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी के तौर पर विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization- WIPO) की स्थापना की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे पुरानी विशिष्ट एजेंसियों में से एक है।
  • अभी इसके 193 सदस्य देश है और इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैण्ड में है।
  • सदस्य देशों के अलावा लगभग 250 NGO और अंतर सरकारी संगठन इसकी बैठकों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं।
  • वर्ष 1975 में भारत WIPO का सदस्य बना।
  • प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, कार्नेट विश्वविद्यालय और INSEAD (Institut Europeen d'administration des Affaires) के साथ मिलकर वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) जारी करता है।
  • INSEAD विश्व के सबसे अच्छे बिजनस स्कूल के रूप में जाना जाता है जो फ्रांस, सिंगापुर, मध्यपूर्ण में अपनी रिसर्च गतिविधियों को चलाता है।
  • वर्ष 2007 में वैश्विक नवाचार सूचकांक के प्रकाशन का प्रारंभ INSEAD और वर्ल्ड बिजनस नामक ब्रितानी पत्रिका द्वारा शुरू किया गया था।
  • पिछले साल जारी किये गये वैश्विक नवाचार सूचकांक 2019 की थीम- Creating Healthy Lives- The future of Medical Innovation था। यह इस सूचकांक का सातवां संस्करण था।
  • हाल ही में इस सूचकांक के 8वें संस्करण-वैश्विक नवाचार सूचकांक-2020 को जारी किया गया। इसकी थीम- Who will finance Innovation था।
  • पिछले साल भारत को 52वाँ स्थान प्राप्त हुआ था तो इस साल भारत का स्थान 48वां है अर्थात 4 अंकों का सुधार हुआ है और भारत अंडर-50 देशों में शामिल हो गया है।
  • इस सूचकांक में पिछले कुछ वर्षों में भारत लगातार सुधार कर रहा है। 2015 (81वाँ), 2016 (66वाँ), 2017 (60वाँ), 2018 (57वाँ), 2019 (52 वाँ) और 2020 में 48वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।,
  • पिछले साल पहले स्थान पर क्रमशः स्विटजरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैण्ड और यूनाइटेड किंगडम थे। वहीं इस साल स्विटजरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, यू-के- (यूनाइटेड किंगडम) और नीदरलैण्ड हैं।
  • इस सूचकांक को 131 अर्थव्यवस्था में नवाचार के स्तर का परीक्षण करके तैयार किया गया है।
  • सिंगापुर 8वें स्थान पर, रिपब्लिक ऑफ कोरिया 10वें स्थान पर, हांगाकांग 11वें स्थान पर, चीन 14वें स्थान पर एवं जापान 16वें स्थान पर है।
  • वियतनाम 42वें स्थान पर रूस 47वें स्थान पर मांटिनेग्रो 49वें स्थान पर है।
  • इस इंडेक्स को निम्न प्रमुख इंडिकेटर्स के आधार पर फाइलन किया जाता है।
  1. Innovation Input Sub Index- (i) Institutions, (ii) Human and Capital Research, (iii) Infrastructure, (iv) Business Sophistication, (v) Market Sophistication.
  2. Innovation Output Sub Index- (vi) Creatie Outputs एवं (vii) Knowledge and Technology Output.
  • भारत ने Institutions में 61वां स्थान (2019 में 77वां), Business Sophistication में 55वां स्थान (2019 में 65वां) एवं Creative Output में 64वां (2019 में 78वां) प्राप्त किया है।
  • वहीं Intellectual Property Payments में 27वां (2019 में 29वां) तथा रिसर्च टैलेंट में 38वां स्थान (2019 में 46वां) प्राप्त किया है।
  • Human Capital and Research में 7अंकों की गिरावट आई है और भारत को 60वां (2019 में 53वां) स्थान प्राप्त हुआ है।
  • 10 best-ranked economies by income group (rank) HIGH-INCOME ECONOMIES (49 IN TOTAL) Rank Global Innovation Index 2020
  1. Switzerland (1)
  2. Sweden (2)
  3. United States of America (3)
  4. United Kingdom (4)
  5. Netherlands (5)
  6. Denmark (6)
  7. Finland (7)
  8. Singapore (8)
  9. Germany (9)
  10. Republic of Korea (10)
  • UPPER MIDDLE-INCOME ECONOMIES (37 IN TOTAL) Rank Global Innovation Index 2020
  1. China (14)
  2. Malaysia (33)
  3. Bulgaria (37)
  4. Thailand (44)
  5. Romania (46)
  6. Russian Federation (47)
  7. Montenegro (49)
  8. Turkey (51)
  9. Mauritius (52)
  10. Serbia (53)
  • LOWER MIDDLE-INCOME ECONOMIES (29 IN TOTAL) Rank Global Innovation Index 2020
  1. Viet Nam (42)
  2. Ukraine (45)
  3. India (48)
  4. Philippines (50)
  5. Mongolia (58)
  6. Republic of Moldova (59)
  7. Tunisia (65)
  8. Morocco (75)
  9. Indonesia (85)
  10. Kenya (86)
  • LOW-INCOME ECONOMIES (16 IN TOTAL) Rank Global Innovation Index 2020
  1. United Republic of Tanzania (88)
  2. Rwanda (91)
  3. Nepal (95)
  4. Tajtkistan (109)
  5. Malawi (111)
  6. Uganda (114)
  7. Madagascar (115)
  8. Burkina Faso (118)
  9. Mali (123)
  10. Mozambique (124)

सुरक्षा परिषद में भारत की जीत

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के 6 प्रमुख अंगों में से एक है, जिसका उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाये रखना। इसी कारण इसे विश्व के सिपाही के नाम से जाना जाता है।
  • यह संयुकत राष्ट्र की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है जिसका गठन 1945 में हुआ था। इसके पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस एवं चीन है।
  • मूलरूप में सुरक्षा परिषद के 11 सदस्य थे जिसे 1965 में बढ़ाकर 15 कर दिया गया। इसमें से 5 स्थायी एवं 10 अस्थायी सदस्य होते है।
  • 10 अस्थायी सदस्य 2 वर्ष के लिए इसके सदस्य के रूप में चुने जाते है। इनके पास वीटो पावर (शक्ति) नही होती है।
  • अस्थायी सदस्यों को चुनने का उद्देश्य सुरक्षा परिषद में क्षेत्रीय संतुलन कायम करना है।
  • अस्थायी सदस्यों को चुनने के लिए सदस्यों में चुनाव होता हैं इसमें से 5 सदस्य एशियाई या अफ्रीकी देशों से, दो दक्षिणी अमेरिकी देशों से, दो पश्चिमी यूरोप से एवं एक पूर्वी यूरोप से चुना जाता है।
  • अफ्रीका और एशिया महाद्वीप दोनों में परस्पर सहयोग के आधार पर अरब देशों के लिए एक सीट आरक्षित करने का भी प्रावधान है।
  • जून 2020 में भारत को 8वीं बार इसका अस्थायी सदस्य चुना गया, जो वर्ष 2021-22 के लिए सक्रिय रहेगा।
  • स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक-एक माह के लिए परिषद के अध्यक्ष बनाये जाते है।
  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाकिस्तान द्वारा दो भारतीय नागरिकों को UNSC 1267 प्रतिबंध समिति (UNSC 1267 1267 Sanctions Committee) के तहत आतंकवादी घोषित किये जाने के प्रयास को रद्द कर दिया है।
  • इस समिति ने 2 सितंबर, 2020 को ‘अंगारा अप्पाजी’ और ‘गोविंद पटनायक’ नामक दो भारतीय को आतंकवादी घोषित किये जाने की मांग को रद्द कर दिया है।
  • पाकिस्तान ने इन दो भारतीय नागरिकों पर एक 4 सदस्यीय अफगानिस्तान आधारित भारतीय आतंकी सिंडिकेट का हिस्सा होने का आरोप लगाया था।
  • पाकिस्तान का कहना है कि यह भारतीय नागरिक प्रतिबंधित आतंकी समूहों तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और जमात उल अहरार को पाकिस्तान में हमला करने के लिए संगठित कर रहे थे।
  • इससे पहले पाकिस्तान ने दो अन्य भारतीयों अजॉय मिस्त्री और वेणुमाधव डोंगरा को इस समिति के तहत आतंकवादी घोषित करने का प्रयास किया था।
  • वेणुमाधव डोंगरा के नाम पर अमेरिका ने जून माह में तथा अजॉय मिस्त्री के नाम पर जुलाई में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी एवं वेल्जियम द्वारा रोक लगा दी गई थी।
  • हाल ही में अंगरा अप्पाजी और गोविंद पटनायक के नाम पर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी एवं बेल्जियम ने रोक लगा दिया है।
  • इस तरह यहाँ भारत को पांच में से तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस का समर्थन प्राप्त हुआ और जर्मनी एवं वेल्जियम जैसे अस्थायी सदस्यों का लेकिन चीन एवं रूस का नहीं। जबकि भारतीय पक्ष रूस के समर्थन का भी उम्मीद कर रहा था लेकिन ऐसा न होना भारत के लिए थोड़ा चिंताजनक अवश्य है।
  • पाकिस्तान इन प्रकार के कार्यों के माध्यम से भारत द्वारा मई 2019 में UNSC 1267 प्रतिबंध समिति के तहत जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करवाने का बदला लेना चाहता है।
  • इस कार्य के पीछे पाकिस्तान की एक मंशा वर्ष 2021-22 में सुरक्षा पारिषद में भारत के कार्यकाल के शुरू होने से विवाद प्रारंभ करना भी है।
  • पाकिस्तान के प्रस्ताव के खिलाफ इन पांच देशों का समर्थन सुरक्षा परिषद और वैश्विक संदर्भ में भारत की मजबूत रणनीति पहचान का परिचायक है।
  • अमेरिका चीन ट्रेड वॉर और कोरोना काल में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण चीन से अमेरिका की दूरी बढ़ी हैं दूसरी तरफ भारत-चीन तनाव, के कारण भारत की निकटता अमेरिका से बढ़ी है। हालांकि भारत को रूस के साथ भी अपने संतुलित संबंध बनाये रखने होगे ताकि शक्ति संतुलन और संबंध में संतुलन बना रहे।
  • UNSC 1267 प्रतिबंध समिति की स्थापना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव-1267 के आधार पर वर्ष 1999 में की गई थी। इसीकारण इस समिति को अल -कायदा प्रतिबंध समिति या ISIL के नाम से भी जाना जाता है। यह व्यक्तियों/समूहों को चिन्हित कर उन पर प्रतिबंध लगाने की देख-रेख करती है।
  • इस समिति में सभी 15 सदस्य भाग लेते है और निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाता है।
  • यह समिति सुरक्षा परिषद को अपना वार्षि रिपोर्ट देती है।

प्रश्नकाल चर्चा में क्यों है?

  • सामान्यतः लोकसभा की बैठक का पहला घंटा सवाला पूछने के लिए होता है, इसे प्रश्नकाल के नाम से जाना जाता है।
  • प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा सदस्य प्रशासन और सरकार के कार्यकलापों के प्रत्येक पहलू पर प्रश्न पूछते हैं।
  • प्रश्न पूछकर संसद सदस्य सरकार के कार्यों के विषय में जनता को अनेक मुद्दों से परिचित कराते हैं, सरकार की जवाबदेहिता तय करते हैं।
  • संसद सदस्यों के पास यह अधिकार होता है कि वह घरेलू या विदेशी किसी भी मुद्दे पर सरकार से प्रश्न पूछ सकते है।
  • इन सवालों से आम जनता को अनेक मुद्दों पर सरकार के पक्ष का पता चलता है ताकि सरकार की कार्यप्रणाली से जनता परिचित होगी है।
  • इन प्रश्नों के माध्यम से भ्रष्टाचार और सरकार की अनियमता पर नियंत्रण लगाया जाता है।
  • भारत में प्रश्न पूछने की यह पद्धति इंग्लैण्ड से ली गई है।
  • भारत में संसदीय प्रश्न पूछने की शुरूआत 1892 के भारतीय परिषद अधिनियम के तहत हुई थी। हालांकि प्रश्न पूछने पर कई प्रकार के प्रतिबंध आजादी तक बने रहे।
  • आजादी के संघर्ष के दौरान भारतीय जनभासस ने न सिर्फ इसका महत्व समझा बल्कि इसे प्राप्त करना उनके बड़े लक्ष्यों में से एक था। इसीकारण आजादी के बाद इसे बहुत तबज्जों दी गई।
  • लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंध नियम 41(2) में इस बात का उल्लेख किया गया है कि किन तरह के प्रश्नों को प्रश्नकाल के दौरान लिया जा सकता है।
  • अनुमान आधारित प्रश्न, व्यंग, आरोप-प्रत्यारोप और मान हानिकारक प्रश्नों से बचा जाता है। इसमें किसी मंत्री के चरित्र या आचरण पर कोई सवाल व्यक्तिगत दोषारोपण की मनाही होती है।
  • प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न तीन प्रकार के होते है।
  • तारांकित प्रश्न- यह वह प्रश्न होते है जिसका सदस्य सदन में मौखिक उत्तर चाहता है। ऐसे प्रश्नों पर तारांक लगा दिया जाता है।
  • अतारांकित प्रश्न- इस प्रकार के प्रश्नों में सदस्य मौखिक उत्तर नहीं चाहता है। इनके उत्तर लिखित रूप में दिये जाते हैं।
  • इस प्रकार के प्रश्नों पर पूरक प्रश्न नहीं पूछे जा सकते हैं।
  • तारांकित और अतारांकित प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए सदस्य को 10 दिन पूर्व सूचना देनी पड़ती है।
  • अल्पसूचना के प्रश्न- यह प्रश्न कम समय की सूचना पर भी पूछा जा सकता है। इसका प्रावधान लोकसभा के कार्य संचालन संबंधी नियम 54 में कई गई है।
  • इस प्रश्न में अध्यक्ष मंत्री से पूछ सकते हैं कि कब उत्तर देना चाहते हैं। मंत्री जल्द उत्तर भी दे सकते हैं और समय भी ले सकते है।
  • कोरोना वायरस की वजह से मानसून इस बार देरी से शुरू हो रहा है इसलिए इसमें कई प्रकार के बदलाव किये गये हैं।
  • यह सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है जिसमें कई प्रकार के बदलाव किये गये है।
  • कार्यवाही 3 बजे से 7 बचे तक चलेगी तथा शनिवार और रविवार को भी बैठक होगी।
  • इसमें प्राइवेट बिल की अनुमती नहीं होगी।
  • एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। इसके पीछे कारण कोरोना वायरस को बताया गया है। हालांकि अतारांकित प्रश्न जिसमें लिखित जवाब देना होता है वह पूछे जा सकते है।
  • सीमक्षकों का मानना है कि तारांकित प्रश्न से सरकार की जवाबदेहिता तय होती हैं इसलिए इनका न होना लोकतंत्र के लिए और संसदीय अधिकार के लिए ठीक नहीं है।
  • आलोचकों का कहना है आपदायें ही सरकार की कार्यक्षमता का सही परिचय करवाती है इसलिए जनता को यह जानने का हक है कि सरकार कैसे कामकर रही है।
  • कुछ समीक्षकों का यह भी कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अन्य कार्यों में करवाया जा सकता है तो प्रश्नकाल के संदर्भ में क्यों नहीं।