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Blog / 03 Nov 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 03 November 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 03 November 2020



साइबर क्राइम चर्चा में क्यों हैं?

  • साइबर अपराध से तात्पर्य ऐसे गैरकानूनी कार्य से है जिसमें कंप्यूटर व इंटरनेट का प्रयोग एक साधन या लक्ष्य या दोनों रूपों में किया जाता है। इस अपराध में एक अपराधी कंप्यूटर या इंटरनेट का प्रयोग करके किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी, गुप्त सूचना, व्यावसायिक जानकारी प्राप्त करता है। कई बार यह देखा गया है कि वह किसी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर सिस्टम या वेबसाइट को बंद या निष्क्रिय कर देता है। हैकिंग, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, सॉफ्रटवेयर पाइरेसी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, वायरस प्रसार, पहचान की चोरी, फिशिंग आदि इसी में शामिल किये जाते हैं।
  • इसमें डिजीटल तकनीकी के साधनों का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है इसलिए इसे इलेक्ट्रॉनिक अपराध और डिजिटल अपराध भी कहा जाता है।
  • वर्तमान समय तकनीकी युग का समय है, जो हमारे जीवन को सरल व सहज बनाने का प्रयास कर रहा है, हमारी कार्यक्षमता बढ़ा रहा है, हमें विश्व से जोड़ रहा है लेकिन इसने एक जटिल चुनौती साइबर क्राइम के रूप में प्रस्तुत की हैं।
  • हम शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, वित्त, रोजगार, सामाजिक जीवन, नेविगेशन, व्यवस्था प्रबंधन, आपदा नियंत्रण निगरानी, क्विक रिस्पॉस, यातायात, संचार, पारदर्शिता, अपराध नियंत्रण आदि के लिए किसी न किसी कंप्यूटर, या इंटरनेट के सिस्टम से जुड़े हुए हैं, जिसके ध्वस्त होने या किसी प्रकार के बदलाव से हमारे ऊपर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
  • इस समय हमारे देश में हर मिनट लगभग 2000 साइबर हमले होते हैं। इस साल अगस्त माह तक लगभग 7 लाख साइबर अपराध की घटनायें हुईं। 8 माह में 7 लाख साइबर अटैक इसकी गंभीरता और बढ़ते दायरे को बताता है।
  • भारत में साइबर अपराध की घटनायें-
वर्ष संख्या
2015 49455
2016 50362
2017 53117
2018 208456
2019 394499
2020 8 लाख से अधिक (अभी तक ही)
  • वर्ष 2017 में रैनसमवेयर मालवेयर के अटैक से 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटरों को नुकसान पहुँचा था।
  • वर्ष 2016 में बैंक खताधारकों के 3.2 मिलियन डेबिट कार्ड की जानकारी और डेटा चोरी हुआ था, जो भारत पर सबसे बड़ा साइबर हमला था।
  • भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, सरकारी मंत्रालय, वित्तीय संस्थान, महत्वपूर्ण संगठन और व्यक्ति साइबर हमला करने वालों के निशाने पर रहते हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव निम्न और मध्यम वर्ग के उन लोगों पर पड़ता है, जिनकी कुल जमा पूंजी ही अत्यंत कम है और वह भी किसी तरह साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
  • भारत में जितनी तेजी से कंप्यूटर, मोबाइल इंटरनेट और तकनीकी का विस्तार हुआ है उसकी तुलना में डिजीटल लिटरेसी का विकास और प्रसार अत्यंत निम्न गति से हो रहा है। जिसकी वजह से इस प्रकार के अपराध बढ़ रहे है।
  • साइबर क्राइम के कुछ प्रकार-
  1. हैकिंग- यह साइबर की वह प्रक्रिया है जिसमें हैकिंग करने वाला किसी अन्य व्यक्ति की जानकारी को बिना उसकी इजाजत के चौरी करता है। ऐसा करने के लिए वह निजी जानकारियों में सेंध लगाता है और हैक करता है।
  2. फिशिंग- इसके तहत किसी प्रतिष्ठित कंपनी, बैंक, ऑनलाइन शॉपिंग से मिलते जुलते नकली ई-मेल भेजकर सूचना एकत्रित की जाती है। आपको/हमको लगेगा कि हम ऑफिशियल साइट्स पर अपनी सभी डिटेल भर रहे हैं लेकिन उस डिटेल को कोई व्यक्ति देख रहा है, उसे नोट कर रहा है।
  3. साइबर स्टॉकिंग- इसके अंतर्गत पीडित को ऑनलाइन संदेशों एवं मेल के जरिये परेशान किया जाता है।
  4. रैन समवेयर- यह फिरोती मांगने वाला सॉफ्रटवेयर है इसके तहत कंप्यूटर और सभी फाइलों को इंक्रिप्त कर दिया जाता है और धमकी दिया जाता है कि यदि राशि नहीं दी गई तो वह उन फाइलों को नष्ट कर देगा।
  • साइबर अटैक का तात्पर्य आतंकी गतिविधियों में इंटरनेट के उपयोग ओर उससे किये जाने वाले हमले से है।
  • साइबर क्राइम क्यों चिंताजनक है?
  1. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
  2. डिजिटल होती अर्थव्यवस्था पर खतरा
  3. डेटा संरक्षण की चुनौती
  4. सचना आदान-प्रदान की विश्वसनीयता का कम होना
  5. महिलाओं/बच्चियों का शोषण
  6. वित्तीय प्रवाह/लेन-देन में रूकावट
  • इसे रोकने के लिए उठाये गये सरकारी कदम-
  1. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2020 के तहत किये गये विभिन्न प्रावधान
  2. राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013
  3. सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम
  4. भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम (CERT-IN)
  5. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र
  6. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल को प्रायोगिक तौर पर 30 अगस्त 2019 को लाँच किया गया था। इस पोर्टल पर नागरिक किसी भी तरह के साइबर अपराध के विषय में शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
  • यह पोर्टल महिलाओं/बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है इसके अलावा वित्तीय अपराध, स्टॉकिंग, हैकिंग यदि पर यह पोर्टल नागरिकों को अपनी सेवा देता है।
  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल को विकसित करने के बाद एक समस्या यह आ रही थी कि इस पर की गई शिकायतों को FIR के रूप में रजिस्टर्ड नहीं किया जाता था।
  • इस, पोर्टल पर पंजीकृत कुल शिकायतों मेसे केवल 2-5 प्रतिशत को ही FIR के रूप में बदला जाता था।
  • पोर्टल प्रारंभ होने के बाद इस पर 2 लाख से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं थी लेकिन केवल 5000 FIR ही रजिस्टर्ड हुईं।
  • सरकार ने (केंद्रीय गृह मंत्रालय) अब इस चिंता को समझते हुए सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की जांच करने के बाद FIR के रूप में उसे रजिस्टर्ड किया जाये।
  • सरकार के इस आदेश के क्रियान्वयन से जहाँ साइबर अपराध करने वालों को सजा दी जा सकेगी तो साथ ही लोग सहज होकर शिकायत कर सकेंगे।
  • सरकार का एक और उद्देश्य साइबर वॉलंटियर्स के समूह को प्रोत्साहित करना है। इस पोर्टल पर ऐसे लोग पंजीकरण करा सकते हैं जो अवैध/गैरकानूनी सामग्री की पहचान, रिपोर्टिंग और हटाने में सरकारी एजेंसियों की मदद कर सकते हैं। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति को नाम, आईडी, फोटोग्राफ एजेंसी के साथ साझा करना होगा।

प्रेस की स्वतंत्रता चर्चा में क्यों है।

  • 2 नवंबर वर्ष 2013 में माली में दो फ्रांसीसी पत्रकारों की हत्या ने पत्रकारों की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता के मुद्दे को वैश्विक स्वरूप प्रदान कर दिया है। सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इसे गंभीरता से लिया और प्रत्येक वर्ष 2 नवंबर को पत्रकारों के खिलाफ अपराधों की समाप्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day To End Impunity for Crimes against Journalists) मनाने का संकल्प दिसंबर 2013 में पारित किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सभी सदस्य देशों से कार्य करने का अनुरोध किया।
  • पिछले साल एक रिपोर्ट भारत के संबंध में पत्रकार गीता सेशू और उर्वशी सरकार ने गेटिव अवे विद मर्डर नाम से जारी की थी जिसमें यह कहा गया था कि 2014 से 2019 के बीच पत्रकारों पर हमले से संबंधित 198 गंभीर मामले दर्ज किये गये थे।
  • रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पत्रकारों पर हमले के लिए सरकारी एजेंसियाँ, राजनीतिक दल के सदस्यों, धार्मिक संप्रदाय के अनुयायियों, छात्र समूहो, आपराधिक गिरोहों और लोकल माफियाओं को उत्तरदायी ठहराया गया था।
  • विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2020 पर अंतर्राष्ट्रीय प्रेस संस्थान ने बढ़ाया कि कोरोना वायरस महामारी का प्रयोग सरकारें मीडिया को नियंत्रित करने के लिए कर रही है।
  • रिपोर्ट में कहा गया था कि जिस वर्ग/व्यक्ति/संगठन का अहित स्वतंत्र पकारिता से होता है वह हमला करवा देते है, जिससे भय का माहौल बनता है।
  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय प्रेस संस्थान ने इस बात को प्रकाश में लाया है कि पत्रकारों के खिलाफ अपराध बढ़े है तथा सरकार इन्हें रोकने में विफल रही है।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रेस संस्थान एक गैर सरकारी/गैर लाभकारी संगठन है जो पत्रकारिता, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के लिए कार्य करती है।
  • इसकी स्थापना अक्टूबर 1950 में हई थी 1950 में 16 देशों के 34 संपादाकों ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में एकत्रित होकर इसकी स्थापना की थी। इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है।
  • इसका प्रसार 120 से अधिक देशों में है।
  • इसके सदस्य दुनिया के सबसे सम्मानित मीडियाकर्मी, संपादक एवं अधिकारी हैं।
  • यह संस्था संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्कों, यूरोपीय परिषद की सलाहकार है।
  • यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति और सब तक सूचना की स्वतंत्र पहुंच सुनिश्चित करने का कार्य करती है।