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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 03 July 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 03 July 2020



वेस्ट बैंक का विवाद क्या है ?

  • येरूसलम, यहूदी, ईसाई तथा इस्लाम के आस्था का संयुक्त केन्द्र है, इन तीनों धर्मो के जनक पैगम्बर इब्राहिम माने जाते हैं।
  • येरूशलम में 158 गिरिजाघर तथा 73 मस्जिद हैं।
  • उपरोक्त धार्मिक महत्व के कारण इस क्षेत्र (आज का इजराइल, फिलिस्तीन) में तीनों धर्मों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। तथा बाद में आटोमन साम्राज्य एवं ब्रिटिश सत्ता के संघर्ष का भी यह क्षेत्र केन्द्र रहा।
  • ब्रिटिश सरकार ने इसी दौरान लगभग 65 हजार यहूदी यूरोप से लाकर बसाया। अंततः 1914 के आस पास यहाँ 5 लाख आबादी रहने लगी, इस समय (1922) यहाँ ब्रिटिश सरकार का कब्जा था।
  • यहूदी यहाँ पर अपने लिए एक नया देश की मांग करते थे।
  • 1917 में ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड बाल्फोर ने यहूदियों को देश देने की औपचारिक मान्यता दे दी ।
  • हिटलर के उदय के बाद यूरोप (जर्मनी) में यहूदियों पर अत्याचार होने लगा जिससे 1922-1939 के बीच लगभग 3 लाख यहूदी फिलिस्तीन पहुँचे।
  • यहूदियों के यहाँ पहुँचने का विरोध स्थानीय अरबियों ने की किन्तु 1940 में ब्रिटेन ने इसे दबा दिया।
  • 30 नवम्बर 1947 को यू. एन. ने इस विवादित क्षेत्र को यहूदियों तथा अरबों में बांटने की घोषणा की जिससे ब्रिटेन को छोड़ना पड़ा परिणामस्वरूप 15 मई 1948 को इजराइल नामक एक नये राष्ट्र का उदय हुआ।
  • इस इजराइल के निर्माण का अरबों ने विरोध किया किन्तु इजराइल ने पश्चिमी देशों की सहायता से इस अड़प को शांत किया ही साथ ही फिलिस्तीन के बड़े क्षेत्र पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
  • समय के साथ इजराइल बढ़त गया और फिलिस्तीन सिकुड़ता गया एवं फिलिस्तीन के नाम पर गाजापट्टी तथा पश्चिमी तट ही बचा।
  • 1967 के अरब इजराइल के युद्ध में इजराइल ने अरब को हराकर गाजापट्टी समेत कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
  • 1969 में यासिर अराफात फिलिस्तीन के शासक बने तथा फिलिस्तीन की लड़ाई को और तेज किया।
  • 1973 में सीरिया तथा मिश्र ने इजराइल के सेनाई तथा गोलान क्षेत्र पर आक्रमण किया जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
  • 1978 में मिश्र तथा इजराइल के बीच कैंप डेविड संधि हुई, पर शांति की स्थापना दीर्घ कालिक नहीं हो सकी।
  • 1982 में इजराइल ने लेबनान पर आक्रमण कर सैकड़ों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को मौत के घाट उतार दिया, साथ ही फिलिस्तीनी जमीनी पर यहूदियों बस्तियों का विस्तार जारी रहा।
  • 1987 में गाजापट्टी तथा पश्चिमी तट में फिलिस्तीन ने फिर से आजादी की लड़ाई शुरू की।
  • 1993 में यासिर अराफात (फिलिस्तीन के शासक) ने इजराइल से ओस्लो की संधि की जिसके तहत पी. एल. ओ. तथा इजराइल ने एक दूसरे को मान्यता दी, जिससे पश्चिमी तट तथा गाजा में फिलिस्तीन को सीमित शासन करने का अधिकार मिला, किन्तु बाद में इजराइल के मुकरने से यह संधि विफल हो गयी।
  • सन 2000 में इजराइल ने पश्चिमी तट के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया।
  • 2008 में इजराइल ने गाजा पर हमला करके सेकड़ों लोगों की हत्या कर दी।
  • 2011 में फिलिस्तीन ने यू. एन. से एक देश के रूप में स्वयं को मान्यता देने की मांग की।
  • 2018 में फिलिस्तीन यूनेस्को का सदस्य बना पर आजाद देश का सपना अभी भी अधूरा रहा।
  • 2018 मई में यू. एस. ए. ने येरूशलम को इजराइल की राजधानी माना तथा अपने दूतावास को तेलअबीब से येरूशलम स्थानांतरित कर दिया, हालांकि यू. एन. में भारत ने इसका विरोध किया था। इसके बाद पराग्वे, ब्राजील, समेंत कई देशों ने अपना दूतावास येरूशलम में स्थानांतरित कर दिया।
  • 1967 में हुए अरब इजरायल युद्ध में West Bank वाले क्षेत्र पर इजराइल ने कब्जा कर लिया !
  • लगभग 6555 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला वेस्ट बैंक पर 1967 से पहले जॉर्डन का अधिकार था !
  • इस समय से यहां प्रशासनिक नियंत्रण इजराइल का है लेकिन फिलिस्तीन के लोगों को भी कुछ स्वायत्तता प्राप्त है !
  • यहां पर बलपूर्वक इजराइल ने अपना नियंत्रण बनाया है वेस्ट बैंक के इस क्षेत्र में इज़रायल ने अपने लोगों को बचा कर रखा है जिसे इजरायल के लोग Settlements कहते हैं ! इन सेटलमेंट को चारों तरफ से घेरा गया है !
  • यहां पर लगभग 150 इजराइली सेटलमेंट हैं !
  • इस क्षेत्र में लगभग चार लाख यहूदी वही 24 लाख से अधिक फिलिस्तीन (मुसलमान) रहते हैं ! दोनों समुदायों का मानना है की धार्मिक आधार पर यह क्षेत्र उनके पूर्वजों का है !
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन सेटलमेंट को गैरकानूनी मानता है क्योंकि नियमत: कानूनी तौर पर इस पर फिलिस्तीन समुदाय का नियंत्रण होना चाहिए !
  • रोम विधान (Rome Statute) जिसके आधार पर वर्ष 1998 में अंतरराष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय की स्थापना हुई, के आधार पर इस प्रकार के स्थानांतरण को युद्ध अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाता है !
  • इजराइल Annexation के माध्यम से इसे पूरी तरह अपने देश का भाग बनाना चाहता है !
  • इसके पूर्व में जॉर्डन नदी प्रवाहित होती है ! इस नदी के पश्चिमी किनारे को ही वेस्ट बैंक के नाम से जाना जाता है !
  • इस नदी की घाटी क्षेत्र के सर्वाधिक उपजाऊ और जल प्राप्त करने वाला क्षेत्र है !
  • हाल ही में इजरायल ने घोषित किया था कि वह वेस्ट बैंक पर इजरायल का अधिकार बनाएगा ! अर्थात जहां फिलिस्तीन समुदाय रहते हैं वहां इजराइल का नियंत्रण बढ़ेगा !
  • अधिकांश देश इसे Annexation (कब्जा) का नाम दे रहे हैं क्योंकि यह सिर्फ वह बचा हुआ भाग है जहां फिलिस्तीन समुदाय अपने पहचान और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं !
  • 1 जुलाई को यहां पर Annexation होने वाला था लेकिन किसी कारण से यह टल गया है !
  • अमेरिका को छोड़कर लगभग सभी देशों ने इसकी आलोचना की है !
  • इजरायल द्वारा ऐसा किया जाना जिनेवा समझौते (1949) का भी उल्लंघन है ! जिसमें कहा गया है कि यदि किसी देश की सेना दूसरे देश पर हमला करके यदि शासन भी चला रही है तो वहां अपने लोगों को बसाया नहीं जा सकता !
  • UN सेक्रेटरी जनरल Antonio Guterres ने इस पर चिंता व्यक्त किया और ऐसा किया जाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन बताया !
  • इसी के साथ रूस एवं उन देशों ने अपील की है जो मध्यस्तता कराते आए हैं कि उन्हें आगे आकर इस पर बातचीत करना चाहिए !
  • ऑफिस ऑफ द हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी इसकी निंदा की है !
  • दरअसल एक बार यदि इज़राइल का पूर्ण नियंत्रण इस पर हो गया तो यहां के फिलिस्तीन लोगों के अधिकारों में कटौती की जा सकती है !
  • 1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने वेस्ट बैंक में बनी इज़राइली बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के विरुद्ध बताया था !
  • 1981 में रोनाल्ड रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति बने उन्होंने इन बस्तियों को वैध माना तथा इजरायल का साथ दिया !
  • ओबामा इस नीति के समर्थक नहीं थे इसलिए इजरायल की हर हरकत पर अपना UN वीटो पावर यूज नहीं किया ! वही डोनाल्ड ट्रंप इसराइल के समर्थक माने जाते हैं !
  • वर्ष 2020 के डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो-बिडेन एक तरफा अधिग्रहण के खिलाफ माने जाते हैं !
  • दरअसल वर्ष 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड सत्ता से बाहर हो सकते हैं ऐसे में इजराइल अपने सबसे बड़े समर्थक की मौजूदगी में यह कार्य कर लेना चाहता है !
  • जनवरी 2020 मे USA के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यपूर्व शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे 21 वीं सदी का सबसे बड़ा शांति प्रस्ताव बताया इसमें निम्न प्रावधान शामिल हैं।
  • पक्ष्चिमी तट (वेस्ट बैंक) बैंक का क्षेत्र इजराइल को मिलेगा दक्षिण पूर्व का क्षेत्र फिलिस्तीन को मिलेगा।
  • येरूशलम शहर इजराइल की स्थाई अविभाजित राजधानी होगी, तथा पूर्वी येरूशलम में फिलिस्तीन अपनी राजधानी स्थापित करेगा।
  • इजराइल या फिलिस्तीन परिवार जहाँ रह रहे हैं वहीं ही रहेंगे उन्हें विस्थापित नहीं किया जायेगा।
  • इस प्लान के अनुसार फिलिस्तीन को पश्चिमी तट पर 30% क्षेत्र छोड़ना पड़ता तथा येरूशलम के दावे की भी तिलांजलि देनी पड़ती है इतना ही नहीं हमास जैसी संस्थाओं पर भी रोक लगानी पड़ती है।
  • जाहिर सी बात है कि फिलिस्तीन इन बिन्दुओं पर सहमत नहीं होगा और हुआ भी ऐसा ही, फिलिस्तीन ने इसे खारिज कर दिया !

के. के. वेनुगोपाल

  • भारत में संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाया गया है | भारत में इस व्यवस्था के तहत कार्यपालिका और विधायिका की जिम्मेदारी चुनी गई सरकार के पास होती है | जिनके पास विशेषज्ञता का अभाव होता है |
  • चूंकि विधि निर्माण की प्रक्रिया जटिल और कई चरणों में संपन्न होती है इसलिए सरकार को एक ऐसी विधि विशेषज्ञ की जरूरत पड़ती है जो इन जटिलताओं को न सिर्फ दूर कर सकें बल्कि सरकार या उसके मंत्री उससे किसी विषय पर राय ले सकें | इसके साथ ही यदि सरकार के खिलाफ किसी कोर्ट में कोई कानूनी रुकावट या अड़चन पैदा होती है तो वह विशेषज्ञ सरकार का पक्ष रख सकें |
  • ऐसी अनेक आवश्यकताओं को समझते हुए संविधान के अनुच्छेद 76 में एक अटॉर्नी जनरल की पोस्ट बनाई गई है |
  • संविधान के अनुच्छेद 76 के अनुसार - अटॉर्नी जनरल (AG) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है |
  • यह भारत का सबसे बड़ा कानून अधिकारी होता है तो साथ ही सरकार का कानूनी सलाहकार भी |
  • यह सरकार को सलाह देता है तथा सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है |
  • कार्य, शक्तियां एवं सीमाएं-
  • विधि संबंधी ऐसे विषयों पर सलाह देना, जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए हो |
  • ऐसे विधिक कर्तव्यों का पालन करना जो राष्ट्रपति द्वारा सौंपे गए हो |
  • संविधान या उसकी विधि से संबंधित सौंपे गए कृत्य का पालन करना |
  • इसे संसद के दोनों सदनों में बोलने कार्यवाही में भाग लेने या दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में मताधिकार के बिना भाग लेने का अधिकार होता है |
  • अटॉर्नी जनरल संसद सदस्यों की तरह सभी भत्ते और विशेषाधिकार प्राप्त करता है |
  • चूंकि वह भारत सरकार का अधिकारी है इसीलिए वह सरकार की अनुमति के बिना वह किसी परिषद या कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता है |
  • वह भारत सरकार के विरुद्ध कोई सलाह नहीं दे सकता है |
  • वह भारत सरकार की अनुमति के बिना किसी परिषद या कंपनी के निदेशक का पद ग्रहण नहीं कर सकता है |
  • अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है लेकिन इस पद पर वही व्यक्ति निर्वाचित हो सकता है जिसके पास उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए आर्हता हो |
  • वह भारत का नागरिक हो, उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करने का 5 वर्ष का अनुभव हो या उसने किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्षों तक वकालत किया हो या राष्ट्रपति के मतानुसार वह विधि का जानकार हो |
  • राष्ट्रपति द्वारा कभी भी पद से हटाया जा सकता है अर्थात कार्यकाल की निश्चितिता नहीं है | वही अटॉर्नी जनरल भी राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप कर कभी भी पद से मुक्त हो सकते हैं |
  • सामान्यतः हर सरकार अपने पद के व्यक्ति को इस पद के लिए चुनती है और सरकार का कार्यकाल समाप्त होने या सरकार गिरने पर अटॉर्नी जरनल भी अपने पद से इस्तीफा दे देता है !
  • इस समय यह पद चर्चा में इसलिए है क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार ने अटार्नी जनरल (Attorney General) के रूप में K.K वेणुगोपाल के कार्यकाल को 1 वर्ष के लिए बढ़ा दिया है | दरअसल इनका 3 वर्षीय कार्यकाल जून 2020 में पूरा हो रहा था |
  • K.K. वेणुगोपाल को 30 जून 2017 को मुकुल रोहतगी के बाद देश का 15वां अटार्नी जनरल नियुक्त किया गया था |
  • के. के. वेणुगोपाल का नाम देश के सबसे सीनियर वकील और संविधान विशेषज्ञ मे शामिल है |
  • इनके पास अधिवक्ता के तौर पर कार्य करने का 50 से भी अधिक वर्षों का अनुभव है | आज इनकी उम्र लगभग 90 साल है जिसमें से अधिकांश समय उन्होंने कानून के क्षेत्र में दिया है |