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Blog / 02 Nov 2020

(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 02 November 2020

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 02 November 2020



भारत के पास वापस आएगा पाक अधिकृत क्षेत्र?

  • सिख साम्राज्य पश्चिमोत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण साम्राज्य था। इस साम्राज्य की नींव सन् 1799 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा, लाहौर विजय के बाद डाली गई थी।
  • यह साम्राज्य पश्चिम में खैबर दर्रे से लेकर पूर्व में पश्चिमी तिब्बत तक तथा उत्तर में अफगानिस्तान की सीमा से दक्षिण में मिथानकोट तक फैला हुआ था।
  • सन् 1801 से 1839 तक (मृत्यु तक) रणजीत सिंह का इस साम्राज्य पर शासन रहा था। इसके बाद इस साम्राज्य पर कई राजा हुए लेकिन इसे वह स्थायित्व और गौरव न दिलवा पाये जो महाराजा रणजीत सिंह ने प्राप्त किया था।
  • इस समय ब्रिटिश इंडिया कंपनी की नजरें पर भी इस रियासत को हड़पने एवं पश्चिम के क्षेत्र में भी अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए बनी हुई थी।
  • अंग्रेजों ने कमजोर होते सिख साम्राज्य पर नियंत्रण बढ़ाने का निर्णय लिया, फलस्वरूप 1845-1846 के बीच प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध पंजाब के सिख राज्य और अंग्रेजों के मध्य हआ। इस युद्ध में अंग्रेजी सेना विजयी रही तथा सिख राज्य का कुछ हिस्सा अंग्रेजी राज्य का हिस्सा बन गया।
  • लाहौर तथा भैरोवाल की संधियों के अनुसार यहां ब्रिटिश रेजिडेंट को भी नियुक्त कर दिया गया।
  • 1808 में महाराजा रणजीत सिंह की सिख सेना ने जम्मू पर चढ़ाई की। उस समय जम्मू रियासत के तत्कालीन नरेश राजा जीत सिंह थे, इसमें महाराजा रणजीत विजयी हुए और जम्मू रियासत को सिख साम्राज्य के अधिराज्य के तब्दील कर दिया गया। इस तरह जम्मू, सिख साम्राज्य के अधीन आ गया हालांकि जम्मू के राजा को क्षेत्रीय स्वायत्तता दी गई थी।
  • 1816 में एक टकराव के बाद रणजीत सिंह ने जम्मू पर पूरी तरह कब्जा कर लिया तथा राजा जीत सिंह को साम्राज्य से बरखास्त कर दिया गया।
  • रणजीत सिंह ने इस नए इलाके की हुकुमत के लिए जागीरदारी प्रथा को प्रारंभ किया और जम्मू को एक वंशानुगत जागीर के रूप में किशोर सिंह को सौंप दिया।
  • किशोर सिंह के निधन के बाद महाराजा रणजीत सिंह ने जम्मू की सत्ता इनके पुत्र गुलाब सिंह को सौंप दी। गुलाब सिंह-महाराजा रणजीत सिंह की सेना में कार्यरत थे और कई सैन्य अभियान कर चुके थे।
  • सिख साम्राज्य के पतन के बाद गुलाब सिंह ने स्वतंत्र जम्मू और कश्मीर रियासत की स्थापना की और खुद को महाराजा के पद पर विराजमान किया।
  • 1846 की अमृतसर की संधि के आधार पर अधिकारिक तौर पर गुलाब सिंह ने 75,00,000 नानकशाही रुपयों का भुगतान अंग्रेजों को कर के कश्मीर का पूरा भूखंड अंग्रेजों से प्राप्त किया। जिसे अंग्रेजों ने लाहौर संधि द्वारा हासिल किया था। इस तरह गुलाब सिंह जम्मू और कश्मीर रियासत के पहले स्वतंत्र नरेश बन गये।
  • गुलाब सिंह ने अपने जीवनकाल में कई समीपवर्ती रियासतों को अपने रियासत का हिस्सा बनाना।
  • 1870 तक महाराजा रणवीर सिंह ने गिलगित पर पूरा नियंत्रण कर लिया।
  • 1885 में महाराजा रणवीर सिंह ने गिलगित को दो प्रशासनिक भागों में विभाजित कर नियंत्रण को और मजबूत किया। यह दो इलाके- गिलगित एजेंसी (Gilgit Agency) और गिलगित वजारत (Gilgit Wazarat) के रूप में नामित किये गये।
  • महाराजा रणवीर सिंह के बाद जम्मू-कश्मीर रियासत पर इनके पुत्र महाराजा प्रताप सिंह गद्दी पर बैठे।
  • 1925 में हरिसिंह इस रियासत की गद्दी पर बैठे।
  • महाराजा हरिसिंह ने 1935 में पूरे गिलगित को अंग्रेजो को 60 साल के लिए (1935-1995) के लिए लीज पर दे दिया।
  • इस गिलगित क्षेत्र से अंग्रेज पूरे इलाके में नजर रखते थे तथा इसका उद्देश्य USSR के प्रवेश को रोकना था।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों की कमजोर होती स्थिति, भारत छोड़ो आंदोलन और राष्ट्रीय आंदोलन के असर को देखते हुए अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का निर्णय लिया। फलस्वरूप गिलगित, जिसे अंग्रेजों ने लीज पर लिया था उसे हरि सिंह को लौटा दिया गया।
  • गिलगित जब महाराजा को वापस मिला तब गिलगित स्काउट्स के जवान भी मिले जिनके ऊपर अंग्रेज अफसर होते थे। मेजर W.A. ब्राउन और कैप्टन A.S. मैथीसन महाराजा के हिस्से में आई फौज के अफसर थे। महाराजा हरि सिंह ने ब्रिगेडियर घंसार सिंह को यहां का गवर्नर बना दिया।
  • इस समय जम्मू-कश्मीर रियासत में जम्मू और कश्मीर घाटी, लद्दाख, गिलगित और उसके दक्षिण का इलाका बाल्टिस्तान शामिल था।
  • अंग्रेजों ने भारत विभाजन के समय रियासतों को यह छूट दी थी कि वह भारत का पाकिस्तान किसी में शामिल हो सकते हैं या स्वतंत्र यह सकते हैं। यहां के रियासत प्रमुख ने स्वतंत्रता रहने का निर्णय लिया।
  • पाकिस्तान की पहले से ही मांग थी कि कश्मीर रियासत का हिस्सा उसके हिस्से में होना चाहिए लेकिन ऐसा न होने के कारण पाकिस्तान ने एक छद्म षडयंत्र के तहत कबाइली घुसपैठ कराना प्रारंभ कर दिया।
  • पहला बड़ा कबाइली हमला (पाकिस्तानी सेना के लोग ही कबाइली भेष में थे) 22 अक्टूबर 1947 को किया गया। इसके बाद यह हमले बढ़ते गये। महाराजा की सेना इस हमले को रोकने में असफल हो रही थी तो कई प्रकार के अत्याचार कबाइली सेना द्वारा किया जा रहा था।
  • कबाइली फौज श्री नगर की ओर बढ़ने लगी और गैर मुस्लिम समुदाय की हत्या ओर लूटपाट की जाने लगी। हरि सिंह को 25 अक्टूबर को श्री नगर शहर छोड़कर भागना पड़ा और जम्मू के महल में शरण ली। यहां पहुँचकर हरि सिंह ने ऐलान किया कि ‘‘हम कश्मीर हार गये।’’
  • हरि सिंह भारत से सैनिक मदद की मांग कर रहे थे, जिस पर भारत का यह कहना था कि यह तभी संभव होगा जब इस रियासत का भारत में विलय किया जाये। अंततः हरि सिंह ने भारत में विलय का निर्णय लिया अैर गृह मंत्रालय के उस समय के सचिव वीपी मेनन के साथ 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर के पूरे रियासत का भारत में विलय करने का निर्णय लिया।
  • 27 अक्टूबर 1947 को तड़के भारतीय सेना कश्मीर की ओर बढ़ी, हवाई माध्यम से सेना को श्री नगर में उतार दिया गया।
  • 31 अक्टूबर, 1947 को इंस्टूमेंट ऑफ एक्सेशन पर दस्तखत कर दिया, जिससे गिलगित बाल्टिस्तान के साथ पूरा क्षेत्र भातर का हिस्सा बन गया।
  • गिलगित इलाके में तैनात अंग्रेज सेना अधिकारी मेजर W.A. ब्राउन ने महाराजा से गद्दारी करते हुए यहां के गवर्नर ब्रिगेडियर घंसार सिंह को जेल में डाल दिया तथा पेशावर (पाकिस्तान) मे अपने अंग्रेज सीनियर लेफ्रिटनेंट कर्नल रीजन बेकन को खबर दी कि गिलगित पाकिस्तान का हिस्सा बनने जा रहा है। 2 नवंबर को ब्राउन ने यहाँ पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया।
  • गिलगित बाल्टिस्तान सीधे इस्लामाबाद के नियंत्रण आ गया, जिसे पाकिसतान ने नार्दर्न एरियाज कहना शुरू किया।
  • गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर पर पाकिस्तान का नियंत्रण बना रहा और यहां से कई प्रकार के विवाद प्रारंभ हो गये जो आज तक बने।
  • पाकिस्तान में पाक अधिकृत कश्मीर के लिए एक अलग संविधान है, जहां इस्लामाबाद के इशारे पर चलने वाली कठपुतली सरकार रखी जाती है। वहीं गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली काउंसिल के अंतर्गत रखा जाता है।
  • वर्ष 2009 नार्दर्न एरिया का नाम बदलकर गिलगित बाल्टिस्तान कर दिया गया और यहां चुनाव भी कराये गये हालांकि यहां की सरकार को न के बराबर शक्ति दी गई है।
  • लंबे समय से पाकिस्तान में यह मांग उठ रही थी कि पाकिस्तान अपना 5 वां प्रांत बनायेगा।
  • गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र को पाकिस्तान में प्रोविनेंस या प्रांत का दर्जा प्राप्त नहीं था। पाकिस्तान UN और अन्य मंचों पर यह मांग उठाता रहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसके नियंत्रण में होना चाहिए। यदि वह इस क्षेत्र को प्रांत बना लेता है तो पूरे कश्मीर की मांग का मुद्दा कमजोर हो जायेगा।
  • पाकिस्तान ने अब अपनी हड़प नीति के तहत अंतरिम राज्य- Provisional Provincial State का दर्जा गिलगित बाल्टिस्तान को दे दिया है।
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी घोषणा करते हुए यह कहा है कि उसने यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र के नियमों एवं प्रस्तावों के तहत लिया है।
  • इमरान खान ने कहा कि आगे गिलगित-बाल्टिस्तान को और भी संवैधानिक अधिकार दिये जायेंगे। यहां 15 नवंबर को चुनाव होना है, जिसके बाद वह विकास पैकेज भी घोषित करेंगे।
  • भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के भारतीय क्षेत्र में अवैध कब्जे और फेरबदल को अस्वीकार करती है। लद्दाख (गिलगित बाल्टिस्तान समेत) पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
  • अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि- भारत फिर से यह स्पष्ट कर रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गिलगित बाल्टिस्तान समेत पीओके भारत का अभिन्न अंग है।
  • भारत ने कहा कि पाकिस्तान के इस प्रकार के प्रयास उसके अवैध कब्जे का दावा करते हैं। इस तरह के प्रयासों से यहां 7 दशकों से पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे अत्याचार को छुपाया नहीं जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रें को तुरंत खाली करने को कहा है।
  • पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान के लोग इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर बड़ी संख्या में विरोध कर रहे हैं।
  • पाकिस्तान यहां के राजनैतिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद करता है, मानवाधिकार का का हनन करता है, सत्ता पर सेना के माध्यम से नियंत्रण रखता है।
  • यहां मानवाधिकार हनन का मुद्दा UNHRC की रिपोर्ट में भी उठाया जा चुका है।
  • UNHRC के 44 वें सत्र में यह बात उठाई गई थी कि पाकिस्तान की सेना और सरकार यहां के लोगों को गिरफ्रतार कर मनमाने तरीके से यातनायें देती है।
  • यहां बाहर से लोगों को लाकर बलपूर्वक बसाया जा रहा है, जिससे यहां की जनांकिकी में परिवर्तन किया जा सके।
  • यहां की मीडिया पर पाकिस्तान ने कड़ा नियंत्रण बना रखा है, जिससे यहां की सच्चाई दिखानें पर प्रतिबंध है।
  • यहां की न्यायिक प्रक्रिया में न्यायाधीश चुनने का अधिकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने पास रखा है। और तो और यहां कर लगाने का अधिकार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पास है।
  • यह क्षेत्र पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है। लेकिन इसका विकास इसलिए नहीं होने दिया जाता है कि यहां की सच्चाई बाहरी दूनिया तक आ जायेगी। इसलिए विकास की प्रक्रिया भी बाधित की जाती है।
  • चीन ने इस क्षेत्र से होकर चाइना-पाकिस्तान इकॉनमिक कोरिडोर का निर्माण कर रखा है जिसमें चीन द्वारा भारी निवेश किया गया। चीन को हमेशा इस कोरिडोर की सुरक्षा की चिंता रहती है, इसलिए पाकिस्तान चीन की चिंता को दूर करने का प्रयास करता है।