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Blog / 02 Mar 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 02 March 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 02 March 2020



मीथेन उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता

  • मीथेन एक रंगहिन- गंदहीन गैस है, जिस का रासायनिक सूत्र Ch4 है !
  • यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है! इसका प्रयोग इंधन के रूप में भी किया जाता है !
  • मानवीय भूमिका की वजह से पर्यावरण में मीथेन की मात्रा में एक 1750 के बाद से लगभग 150% की वृद्धि हुई है !
  • यह एक ग्रीन हाउस गैस है जो कार्बन डाइऑक्साइड से 28 गुना ज्यादा प्रभावी होती है !
  • इसका प्रभाव एक बार वातावरण में पहुंचने के बाद लगभग 100 साल रहता है इसलिए दोनों ही कारणों से यह बहुत ही घातक है !
  • Environmental Research Communication ( पर्यावरण अनुसंधान संचार) नामक पत्रिका में वर्ष 2050 तक वैश्विक मीथेन उत्सर्जन के उपशमन में मानवीय तकनीकी क्षमता और लागत नामक एक रिसर्च पब्लिश हुआ है !
  • इस रिसर्च में यह बताया गया है कि इसे नियंत्रित करने वाले उपाय तुरंत नहीं अपनाए गए तो वर्ल्ड 2050 तक मीथेन का प्रतिशत वर्तमान अनुपात को उसे 30% बढ़ जाएगा !
  • मिथुन की इतनी बड़ी मात्रा जलवायु परिवर्तन के लिए किए जा रहे हमारे सभी प्रयासों को विफल कर देगी और 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग के स्तर को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का प्रयास एक सपना बनकर रह जाएगा !
  • वर्तमान में कुल मीथेन उत्सर्जन का 50 से 60% उत्सर्जन ऊर्जा, उद्योग, कृषि, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मानवीय क्रियाओं द्वारा हो रहा है !
  • यह कोयला खनन प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, संचरण और वितरण के दौरान वायुमंडल में बड़ी मात्रा में पहुंचता है !
  • जानवरों द्वारा अपने आहार को चबाने और पाचन क्रिया करने के दौरान भी यह बड़ी मात्रा में पहुंचता है !
  • अपशिष्ट अपघटन और अपशिष्ट जल के उपचार से भी वायुमंडल में जाता है !
  • आर्द्रभूमि (Wetlands) बड़ी मात्रा में मीथेन का उत्सर्जन करते हैं !
  • धान के खेत एवं उन फसलों से जिसमें पानी की अधिक आवश्यकता होती है और पानी लंबे समय तक खेत में रखा जाता है कम और ज्यादा मात्रा में मीथेन का उत्सर्जन होता है !
  • कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया में ऊंटों को जान से मारने की खबरों के पीछे एक तर्क उनके द्वारा मिथेन का उत्सर्जन करना था !
  • वर्तमान समय शेल गैस, कोयला खनन में आई वृद्धि के कारण यह तेजी से उत्सर्जित हो रहा है !
  • नगरीकरण और अपशिष्ट की बड़ी मात्रा में डंपिंग के कारण इसका उत्सर्जन बढ़ रहा है !
  • डेरी फार्मिंग, मांस का उत्पादन का बढ़ता स्तर भी इसके लिए उत्तरदाई माना जा रहा है इसलिए शाकाहार की ओर बढ़ने का कदम बढ़ाया जा सकता है !
  • इसके समाधान के लिए उद्योग, कृषि, जंगली क्षेत्र और विश्व, प्रदेश, देश, राज्य में अलग-अलग प्रकार की रणनीति बनानी होगी क्योंकि सभी क्षेत्र में इस के प्राथमिक स्रोत अलग-अलग हैं !

आधार कार्ड और लीकेज की समस्या

  • केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली जी द्वारा वर्ष 2016 में Aadhaar Bill लाया गया था जिसे Targeted Delivery of Financial and Other Subsidies, Benefits and services Bill के नाम से भी जाना जाता है !
  • 11 मार्च 2016 को इसे लोकसभा से धन विधेयक के रूप में पास किया गया था !
  • सरकार का मानना था कि इसे लोक कल्याणकारी कार्यों में खर्च किया जाने वाले पैसे का लीकेज रुकेगा और जरूरतमंद व्यक्ति तक मदद पहुंचाई जा सकेगी !
  • सरकार प्रत्येक साल लगभग 3 ट्रिलियन रुपए सामाजिक कार्यों जैसे PDS, LPG, MGNREA आदि कार्य पर खर्च करती है !
  • लेकिन इसका 30-40% पैसा खर्च हो जाता है !
  • प्रोफेसर मुरलीधरन एवं दो अन्य प्रोफेसरों (Poul Niesaus and Sandip Sukthankar ) के द्वारा एक रिसर्च किया गया था, जो एक रिपोर्ट के माध्यम से सामने आया है !
  • यह रिपोर्ट National Bureau of Economic Research में प्रकाशित हुई है !
  • इस गुट को तैयार करने के लिए झारखंड के कुछ क्षेत्रों में ग्राउंड स्टडी की गई अर्थात लाभ प्राप्त करने वाले लोगों पर अध्ययन किया गया !
  • रिपोर्ट का मानना है कि सरकार आधार के माध्यम से लीकेज को रोकने का जो दावा कर रही थी, वह पूरा होता दिखाई नहीं देता है !
  • एक बात और सामने आई कि बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें PDS या ऐसे कल्याणकारी कार्यों का लाभ नहीं मिलता है क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं है लेकिन वह लाभ प्राप्त करने के हकदार हैं !
  • UIDAI के CEO अजय भूषण पांडे ने कुछ समय पहले कहा था कि आधार के प्रयोग से 90000 करोड रुपए का लीकेज हुआ है इस रिपोर्ट में सही नहीं बताया है!
  • वर्तमान समय में 125 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए किया जाता है !
  • तिरुपति के बालाजी मंदिर में अंग प्रदक्षिणम रस्म को रोकने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि एक व्यक्ति एक ही बार कर सके !
  • अनेक प्रकार की छात्रवृत्ति स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है !
  • डिजिटल इंडिया के तहत डिजिलॉकर खुलवाने के लिए आधार कार्ड देना होता है !
  • पेंशन को भी अब आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है !
  • आयकर विभाग ने लोगों को आधार कार्ड के जरिया आयकर रिटर्न को E -verification करने की सुविधा प्रदान की है !
  • कई राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस, व्हीकल रजिस्ट्रेशन, आदि के लिए शेर अनिवार्य किया गया है !
  • बैंक अकाउंट सिर्फ आधार कार्ड देकर खुलवा सकते हैं !
  • इंश्योरेंस पॉलिसी में भी यह बहुत उपयोगी होता है !
  • राशन कार्ड को आधार से लिंक करवाना जरूरी है !

US- TALIBAN PEACE DEAL

  • 11 सितंबर 2001 जिससे 9/11 की घटना के नाम से भी जाना जाता है, इसमें पूरी दुनिया को भयभीत कर दिया था !
  • यह घटना इसलिए भय उत्पन्न करने वाली थी क्योंकि दुनिया के सबसे सुरक्षित और मजबूत रक्षा प्रणाली वाले देश में यात्री विमानों का प्रयोग मिसाइल की तरह किया गया था !
  • इस हमले में World Trade Centre और पेंटागन जैसी इमारतों को निशाना बनाया गया था !
  • हजारों की संख्या में लोगों की जान गई इसीलिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया !
  • इस हमले को अंजाम आतंकी-संगठन अलक़ायदा ने दिया था !
  • इस घटना के बाद USA ने पहला कदम अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता को खत्म कर लोकतांत्रिक सरकार के निर्माण द्वारा शांति स्थापित करने के लिए उठाया !
  • अफगानिस्तान में अमेरिका ने अक्टूबर 2001 में प्रवेश किया ! और लगभग 19 साल तक वह वहां रहा !
  • 19 सालों में 3500 की सैनिक की जान गई और लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च हुए !
  • अफगानिस्तान बारसे अमेरिका को कुछ खास हासिल नहीं होने के कारण डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कहा था कि वह अमेरिकी फौज को वहां से वापस लेकर आएंगे !
  • वर्तमान कंडीशन यह है कि तालिबान कमजोर पड़ने के बजाय अपने सबसे मजबूत युग में है !
  • इस तरह समस्या तो पहले की तरह है लेकिन USA थक चुका है !
  • इसी क्रम में शनिवार को अमेरिका एम तालिबान ने दोहा में US- तालिबान शांति समझौता किया !
  • पीस डील से पहले तालिबान से 1 हफ्ते तक शांति रखने या कम हिंसा करने की शर्त रखी गई थी और ऐसा ही हुआ है !
  • पीस डील के अनुसार USA 135 दिनों के अंदर अपने सैनिकों की संख्या 14000 से कम करके 8600 सीमित करेगा !
  • धीरे-धीरे सभी सैनिकों को US वापस बुला लेगा !
  • तालिबान द्वारा अमेरिका को यह आश्वासन दिया गया है कि वह किसी भी दशा में अफगानिस्तान की भूमि का प्रयोग अमेरिका के उसके एलाई के खिलाफ नहीं होने देगा !
  • अर्थात 2001 से पहले अलकायदा और अन्य आतंकी संगठन जिस तरह इस भूमि का प्रयोग अन्य देशों पर हमला करने के लिए करते थे अब वह नहीं होगा !
  • तालिबान ने यह भी कहा है कि वह अफगानिस्तान की सरकार के साथ शांति वार्ता और प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा !
  • इन सबके बावजूद तालिबान की सत्ता द्वारा धार्मिक कानून और प्रथाओं का पालन कराना जारी रखा जाएगा ! महिलाओं की स्थिति जो पहले से ही बहुत दयनीय है वह और भी दयनीय हो सकती है !
  • स्कूल, अस्पताल, अवसंरचना पहले से ही बहुत खराब अवस्था में है तो Rule of Low यहां पर कहीं दिखाई नहीं देता !
  • समीक्षक कई तरह का अंदेशा इस डील से लगा रहे हैं !
  • अफगानिस्तान की सरकार तालिबान से लड़ने में अभी सक्षम नहीं है !
  • तालिबान की इस शर्त को मानना कि अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार इस डील में पार्टी नहीं होगी एक चिंताजनक स्थिति है !
  • तालिबान का मानना है कि यह सरकार अफगानिस्तान को प्रजेंट नहीं करती है !
  • जिस सरकार के सहयोग से अमेरिका 19 साल तक यहां रहा उसे इग्नोर करना ठीक नहीं माना जा सकता है !
  • हम यह भी यदि मान लें कि तालिबान अफगानिस्तान की सरकार के साथ बातचीत करेगा भी तब भी चुनी हुई सरकार का कर बहुत कम होगा क्योंकि तालिबान उसे अपने बराबर नहीं मानता है !
  • 1996 से 2001 तक पाली वन सरकार ने संवैधानिक मूल्यों को बिल्कुल नजरअंदाज कर दिया था, जिसे पालन करवाए जाने की कोई गारंटी नहीं ली गई है !
  • एक चुनौती अफगानिस्तान के सरकार को लेकर यह भी है क्योंकि अभी कुछ समय पहले हुए चुनाव में अशरफ घनी को जीत हासिल हुई लेकिन उनके प्रतिद्वंदी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था इसलिए जनमत बटा हुआ है !
  • तालिबान भी कोई एक संगठन नहीं है इसमें भी कई लड़ाके समूह ( जनजातियां) हैं ! इसमें भी पूरी तरह से एकमत की संभावना नहीं है !
  • अफगानिस्तान में 42% जनसंख्या पस्तूनों की है ! अशरफ घनी भी पस्तुन है तो साथ ही तालिबान के अधिकांश लड़ाके भी !
  • ताजिक 27%, हजारा 9%, उजबेक 9% एवं भी मान यह आवश्यक दिखाई नहीं देता ! अब्दुल्ला-अब्दुल्ला भी ताजिक समुदाय से आते हैं !
  • 1996 से 2001 तक जब तालिबान सत्ता में था उस समय एक Northern Alliance इससे संघर्ष कर रहा था जिसमें ताजिक एवं अन्य लोग शामिल थे !
  • भारत के लिए यह पीस डील ठीक नहीं है क्योंकि तालिबान का बढ़ता कद भारत में चुनौती उत्पन्न करेगा !
  • तालिबान पाकिस्तान समर्थक माना जाता है !
  • यहां भारत लगभग 3 बिलियन का निवेश कर चुका है और यहां की अशांति से प्रभावित कर सकती है !