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Blog / 08 Jan 2020

(Wide Angle with Expert) क्या है निर्भया केस की पूरी कहानी द्वारा सुनील वर्मा (What is The Full Story of Nirbhaya Case by Sunil Verma)

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(Wide Angle with Expert) क्या है निर्भया केस की पूरी कहानी द्वारा सुनील वर्मा (What is The Full Story of Nirbhaya Case by Sunil Verma)


विषय का नाम (Topic Name): क्या है निर्भया केस की पूरी कहानी (What is The Full Story of Nirbhaya Case)

विशेषज्ञ का नाम (Expert Name): सुनील वर्मा (Sunil Verma)


  • निर्भया गैंगरेप मामले के चार दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने का आदेश दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिया है।
  • यह फांसी तिहाड़ जेल में 22 जनवरी सुबह 7 बजे दी जायेगी।
  • यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने दिया।
  • फांसी मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को दी जायेगी।
  • इस मामले में कुल 6 आरोपी थे। इसमें एक आरोपी नाबालिग था, जिसे सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
  • एक अन्य दोषी रामसिंह ने 2015 में कथित रूप में आत्म हत्या कर ली थी।
  • दोषियों के बकील ने इस टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में क्युरेटिव पिटीशन (याचिका) दायर करेंगे।
  • डेथ वारंट के लिए फार्म नंबर 42 को भरा जाता है। इसके पहले कॉलम में फांसी दी जाने वाले जेल का नाम लिखा होता है।
  • यही फार्म होता है जिसको भरने और हस्ताक्षण करते ही पेन तोड़ दिया जाता है।
  • 23 वर्षीय निर्भया के साथ यह विभत्स घटना 16 दिसम्बर 2012 की रात को एक बस में हुयी थी।
  • 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया रात को मुनिराक से द्वारका जा रही थी।
  • बस में हैवानियत करने के बाद दिल्ली के बसंत बिहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था।
  • बच्ची को सफदरगंज होस्पिटल में भर्ती कराया गया।
  • तबीयत में सुधार न होता देख उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसने 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया।
  • फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 सितंबर 2013 को चारों बालिग आरोपियों को दोषी करार दिया और 13 सितंबर 2013 को उन्हें मौत की सजा सुनाई।
  • आरोपीयों ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी।
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जनवरी 2017 को फैसला सुरक्षित रखा और 13 मार्च 2014 को निचली अदालत द्वारा चारों बालिग आरोपियों को सुनाई गई मौत की सजा पर मुहर लगा दी।
  • आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में मौत की सजा को चुनौती दी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2017 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
  • सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को वह ऐतिहासित फैसला दिया, जिसका पूरे देश को इंतजार था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने भी चारों बालिग आरोपियों की मौत सजा को कायम रखा।
  • सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों को मौत की सजा तो सुना दी, लेकिन दोषियों में से एक मुकेश कुमार ने 9 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की।
  • 7 नवंबर 2019 को एक आरोपी ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी।
  • इस याचिका के खिलाफ दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने इसे खारिज करने की सिफारिश की थी।
  • एक आरोपी विनय ने राष्ट्रपति को पत्र भेजा कि याचिका पर उसके हस्ताक्षर नहीं है, इसलिए इस पर सुनवाई न करें।
  • राष्ट्रपति ने इस पर सुनवाई नहीं की।
  • इस तरह राष्ट्रपति के सामने कोई दया याचिका नहीं है।
  • इनके पास एकमात्र विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन (सुधार याचिका) का है।
  • क्यूरेटिव पिटीशन शब्द का जन्म Cure शब्द से हुआ है, जिसका मतलब होता है उपचार।
  • यह किसी भी फैसले की अंतिम कड़ी होती हैं अर्थात यह अंतिम विकल्प है, इन आरोपियों के खिलाफ।
  • यह तब दाखिल की जाती है जब राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और SC में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है।
  • पिटीशन के समय यह बताना जरूरी होता है कि आखिर वह किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहा है।
  • यह पिटीशन किसी सीनियर वकील द्वारा सर्टिफाइड होना जरूरी होता है।
  • इसके बाद पिटीशन को SC के तीन मोस्ट सीनियर जजों और जिन जजों ने फैसला सुनाया था, उनके पास भी भेजा जाता है। अगर अधिकांश जजों को यह लगता है कि सुना जाना चाहिए तब सुनवाई होती है, अन्यथा खारिज कर दिया जाता है।
  • 2013 के भारत सरकार के बजट में 1000 करोड़ का निर्भया फंड बनाये जाने की घोषणा की गई।
  • इसका उद्देश्य सरकार और NGO द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए किये जाने वाले कार्यों के लिए वित्त उपलब्ध कराना था।
  • निर्भया केस के बाद जस्टिस वर्मा की अगुवाई में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई।
  • रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार के कृत्यों के लिए नया एंटी रेप लाॅ लाया गया, जिसे निर्भया एक्ट के नाम से जाना जाता है।
  • निर्भया योजना के तहत विशेष बसें चलाये जाने की घोषणा की गई, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा के सभी आवश्यक विकल्प हों ।
  • Nirbhaya Kerala – Surakshit Kerala Programme