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Blog / 25 Sep 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) सुपर अर्थ "K2-18b" (Super Earth - K2-18b)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) सुपर अर्थ (Super Earth)


मुख्य बिंदु:

हाल ही..में अमेरिकी एजेंसी नासा ने एक नए ग्रह की खोज की है। यह नया ग्रह पृथ्वी से 111 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है खगोलविदों ने इसका नाम K2-18b दिया है। गौरतलब है कि यह नया ग्रह पृथ्वी से लगभग आठ गुणा बड़ा है जिसके कारण इसे सुपर अर्थ की संज्ञा दी जा रही है।

आज के DNS में हम यह समझेंगे कि सुपर अर्थ क्या है और इससे संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु क्या है...

बढ़ती आबादी, जलवायु परिवर्तन और भौतिक गतिवधियों से निरंतर हो रहे परिवर्तन का आने वाले समय में यदि किसी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा तो वो कोई और नहीं बल्कि इंसानी जीवन है।

ऐसे में कई वर्षो से लगातार दुनिया भर के वैज्ञानिक इस खोज में थे कि क्या पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन मौजूद है।

पहली बार नासा के वैज्ञनिकों ने एक ऐसे ही ग्रह की खोज की जहां प्रचुर मात्रा में पानी हो सकता है।

हमारे सौर मंडल से 111 प्रकाश वर्ष दूर और GJ 357 प्रणाली के गोल्डीलॉक्स ज़ोन में परिक्रमा करता हुआ एक ग्रह पाया गया है। जिसे सुपर अर्थ की संज्ञा दी गई है।

आसान भाषा में समझे तो पृथ्वी के बाद यह पहला ग्रह है जिसके वायुमंडल में जलवाष्प होने के प्रमाण मिले हैं..गौरतलब है कि ऐसे ग्रह बहुत दुर्लभ होते हैं जहाँ जल की उपलब्धता होती हैं इससे इस बात की काफी सम्भावना बढ़ गई है कि यहाँ समुद्र,नदियाँ या जल का विशाल भंडार हो सकता है..यहाँ यह समझने वाली बात है कि पृथ्वी की तरह किसी अन्य ग्रह का अपना वायुमंडल होना मानव इतिहास के लिए एक बहुत बड़ी बात हो सकती है।

आपको बता दें कि इस ग्रह की खोज केप्लर स्पेस टेलीस्कोप ने किया है जिसका काम 15 नवम्बर 2018 को समाप्त हो गया था। इसने लगभग 5,30,506 ग्रहों का अवलोकन किया और 2,662 ग्रहों की खोज की इसमें बहुत सारे ग्रह पृथ्वी जैसे होते हैं लेकिन समस्या ये होती हैं इसमें से केवल कुछ ही ग्रह गोल्डीलॉक ज़ोन में होते हैं।

गोल्डी लॉक जोन का मतलब उस ज़ोन से है जिसमें कोई ग्रह न सूर्य से बहुत दूरी पर होता है न सूर्य से बहुत नजदीक इसकी इसी अवस्थिति के कारण यहाँ पर जल की उपलब्धता है जिसके कारण यहाँ पर जीवन की पूरी संभावना है।

गौरतलब है कि पृथ्वी इसी ज़ोन में आता है जिसके कारण यहाँ पर जीवन की संभावनाएं हैं। आपको बता दें कि जो ग्रह इस ज़ोन से बाहर होता है वहां पर पानी मिलने की संभावना बिलकुल ही कम हो जाती है या केवल बर्फ ही बर्फ होता है K2-18b पर 0.01 से 50 फीसदी तक पानी होने की संभावना बताई गई है।

यह जानना होगा कि इस ग्रह को सुपर अर्थ की संज्ञा क्यों दी जा रही है दरअसल इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से अधिक होने के कारण इसे सुपर अर्थ की संज्ञा दी जा रही है। यह पृथ्वी के द्रव्यमान का आठ गुना है परन्तु बृहस्पति और शनि जैसे बड़े ग्रहों की तुलना में इसका द्रव्यमान बहुत कम है।

आइए देखते हैं इस ग्रह के विषय में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां यह एक चट्टानी ग्रह है जो जीवनदायनी है यह बहुत दूरी अर्थात 111 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है जिसके कारण यहाँ पहुँचना लगभग असंभव है। गौरतलब है कि 1 प्रकाश वर्ष की दूरी तय करने में ही लगभग हजारों वर्षों का समय लग जाता है यह पहला ग्रह है जहां पर तापमान ना तो बहुत ज्यादा है और ना ही बहुत कम। इस ग्रह पर जीवनोपयोगी गैस भी मौजूद हैं।

इन सब विशेषताओं के अतिरिक्त इस ग्रह के संबंध में एक चुनौती भी है इस ग्रह पर पृथ्वी से काफी ज्यादा रेडिएशन है इसलिए जीवन के लिए सामान्य परिस्थितियां नहीं हैं इसी मामले में यह पृथ्वी से काफी अलग है।

कुल मिलकर अभी वैज्ञानिकों का यही मानना है कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है।

सूर्य से भी प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट का समय लेता है तो इस ग्रह से प्रकाश के आने में 100 साल लग जाएंगे। इसलिए इस ग्रह पर जाना संभव ही नहीं है।