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Blog / 04 Aug 2020

(इनफोकस - InFocus) वक्फ बोर्ड (Waqf Board)

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(इनफोकस - InFocus) वक्फ बोर्ड (Waqf Board)



सुर्खियों में क्यों?

  • जहां एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारी जोरों पर है, तो वहीं दूसरी तरफ सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मस्जिद बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है.
  • हाल ही में, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ऐलान किया कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा.

कैसी होगी ट्रस्ट की संरचना?

बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि शीर्षक मुकदमे में, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अयोध्या में मुस्लिम पक्षकारों को एक मस्जिद बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराया जाना था.

  • इसी जमीन पर मुस्लिम पक्षकार अपना एक मस्जिद बनाने वाले हैं.
  • मस्जिद निर्माण और इसके आगे की देखरेख के लिए वक्फ बोर्ड एक ट्रस्ट का गठन करेगा.
  • इस ट्रस्ट को ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ कहा जायेगा।
  • इसमें अधिकतम 15 सदस्य शामिल होंगे।

वक्फ क्या होता है?

धर्म के नाम पर दान किए जाने वाले संपत्ति को वक्फ कहा जाता है।

  • वक्फ की कानूनी परिभाषा: मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र या धार्मिक रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी मकसद के लिये स्थाई रूप से दिया गया दान ही वक्फ है। इस दान के अंतर्गत चल या अचल दोनों किस्म की संपत्तियां आती हैं. साथ ही, यह दान इस्लाम को मानने और स्वीकार करने वाले व्यक्ति द्वारा ही दिया जा सकता है।
  • अगर कोई गैर मुस्लिम व्यक्ति वक्फ बनाना चाहता है तो उसे इस्लाम स्वीकार करना जरूरी होगा और वक्फ बनाने का मकसद भी इस्लामी होना चाहिए.
  • अगर किसी संपत्ति का इस्तेमाल लंबे समय से मजहबी और पवित्र मकसद के लिए किया जा रहा है तो उस संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता है.
  • इसके अलावा, किसी संपत्ति को 'विलेख' या 'इंस्ट्रूमेंट' के जरिए भी वक्फ घोषित किया जा सकता है.
  • वक्फ के रूप में एक बार दान किए जा चुके संपत्ति को वापस नहीं लिया जा सकता है.
  • वक्फ अधिनियम, 1995 में वक्फ से जुड़े कायदे-कानून दिए गए हैं, और यह इसी के मुताबिक काम करता है।
  • इस कानून के मुताबिक, अगर कोई संपत्ति वक्फ के रूप में घोषित किया गया है तो इसके लिए स्थानीय जाँच, गवाहों के बयान और सार्वजनिक दस्तावेज़ों को चेक करने के बाद एक सर्वे कमिश्नर द्वारा उस संपत्ति की वक्फ के तौर पर पुष्टि की जाती है।
  • वक्फ की देखरेख के लिए एक मुतावली (Mutawali) नियुक्त किया जाता है. यह मुतावली बस एक सुपरवाइजर के रूप में काम करता है।
  • कोई भी वक्फ एक आम ट्रस्ट की तरह ही होता है लेकिन आम ट्रस्ट का मकसद थोड़ा व्यापक होता है जबकि वक्फ का मकसद धार्मिक होता है.

वक्फ बोर्ड

  • वक्फ बोर्ड कमोबेश एक समिति की तरह होता है. दूसरे शब्दों में, यह एक ऐसा न्यायिक व्यक्ति (Juristic Person) होता है जिसे वक्फ की संपत्ति प्राप्त करने, रखने और हस्तांतरित करने की शक्ति प्राप्त होती है।
  • चूँकि बोर्ड एक न्यायिक संस्था की तरह होती है, इसलिए यह किसी पर मुकदमा कर सकता है. साथ ही, बोर्ड पर न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड की संरचना

  • हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड होता है जिसमें अध्यक्ष, राज्य सरकार द्वारा नामित एक या दो सदस्य, मुस्लिम विधायक और सांसद शामिल होते हैं.
  • इसके अलावा, इस बोर्ड में राज्य बार काउंसिल के मुस्लिम सदस्य, इस्लामी धर्मशास्त्र के विद्वान और वक्फों के ऐसे मुतावली जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपए या इससे ज्यादा होती है भी शामिल होते हैं.