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Blog / 26 Dec 2019

(इनफोकस - InFocus) वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक 2020 (Global Climate Risk Index 2020)

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(इनफोकस - InFocus) वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक 2020 (Global Climate Risk Index 2020)



सुर्खियों में क्यों हैं?

  • हाल ही में जारी वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक, 2020 के अनुसार, 2018 में भारत, पाँचवा सबसे अधिक जलवायु प्रभावित देश था।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

  • जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम के अत्यधिक अनियंत्रित होने से 2018 में भारत में सबसे ज्यादा, 2,081 मौतें हुई। रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल 1282 मौतों को साथ जापान दूसरे स्थान पर रहा।
  • दो दशक के दौरान इंसानी जीवन की क्षति और आर्थिक नुकसानों के मामले में भारत ने तीसरा स्थान पाया है। यह रिपोर्ट 1998 से 2018 के औसत आँकड़ों पर आधारित है। पहले चार स्थानों पर जापान, फिलीपींस, जर्मनी और मेडागास्कर रहे।
  • 2018 में भीषण मौसमी घटनाओं के कारण 37,808 मिलियन डॉलर के आर्थिक नुकसान के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा। यह आंकड़ा 2017 में हुए नुकसान से लगभग तीन गुना ज्यादा है।
  • 2018 में भारत कई तरह की भीषण मौसमी घटनाओं से प्रभावित हुआ। इसमें केरल में आई बाढ़, गज और तितली जैसे ट्रॉपिकल चक्रवात, भीषण गर्मी और लू शामिल हैं।
  • केरल में आई बाढ़ को सौ साल में सबसे खराब बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सबसे गर्म 15 सालों में से 11 साल 2004 के बाद आए हैं।
  • 2018 और 2019 में भारत में भीषण गर्मी पड़ी। 2018 की लू अब तक की सबसे लंबी रिकॉर्ड की गई लू है जिसने सैंकड़ों लोगों की जान ली।
  • अनुमान है कि 2030 तक विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटनाओं के चलते 290-580 अरब डॉलर के बीच आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
  • मई 2018 में गंभीर मॉनसून वर्षा से श्रीलंका भी प्रभावित हुआ, जिससे लगभग 20 जिले प्रभावित हुए, विशेष रूप से दक्षिण और पश्चिमी तट।

विकसित देशों की स्थिति

  • पहली बार दो विकसित देशों- जापान और जर्मनी ने जलवायु परिवर्तन के खतरे में आने वाले देशों में पहला और तीसरा स्थान पाया है।
  • भीषण गर्मी के कारण जर्मनी ने दूसरे सबसे गर्म वर्ष का अनुभव किया। अप्रैल और जुलाई 2018 के बीच की अवधि में यहाँ सबसे अधिक औसत तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके परिणामस्वरूप 1234 लोगों की मौत हुई। अक्टूबर 2018 में कम बारिश के कारण भीषण सूखा देखा गया, जिसके परिणामस्वरूप फसल में भारी गिरावट आई।
  • इतना ही नहीं दो दशक की अवधि में जलवायु संबंधित आपदाओं के चलते सर्वाधिक आर्थिक नुकसान झेलने वाले देशों में अमेरिका सबसे आगे है।
  • कनाडा ने 2018 की शुरूआत में 100 वर्षों में अपना सबसे कम तापमान देखा और फिर अप्रैल 2018 में उच्च तापमान रिकॉर्ड किया, जिसने भारी बर्फबारी को पिघला दिया, जिससे नदियां ओवरफ्लो हो गईं।
  • मेडागास्कर जनवरी 2018 में चक्रवात अवा और मार्च 2018 में साइक्लोन एलियाकिम का शिकार हो गया, जिसने लगभग 70000 लोगों को अस्थायी रूप से विस्थापित कर दिया, जिससे वे राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए।

लॉस एंड डैमेज प्रणाली

  • इस रिपोर्ट ने लॉस एंड डैमेज प्रणाली को जमीनी स्तर पर लागू करने की मांग की है। यह व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र के समझौते की प्रक्रिया का हिस्सा है जो कहती है की विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे विकासशील और अविकसित देशों का सहयोग करना चाहिए।
  • इस सहयोग में फंड भी शामिल होने चाहिए, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से विकसित देश ही ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ने के जिम्मेदार हैं, जिनके चलते ऐसे भीषण मौसमी परिवर्तन होते हैं।