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Blog / 05 Oct 2020

(इनफोकस - InFocus) डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट 2020 (Destination North East 2020)

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(इनफोकस - InFocus) डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट 2020 (Destination North East 2020)



सुर्ख़ियों में क्यों?

बीते 27 सितंबर को, केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए “डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट-2020” का उद्घाटन किया। केंद्रीय गृहमंत्री पूर्वोत्तर परिषद के अध्यक्ष भी हैं। 

महत्वपूर्ण बिंदु

इस कार्यक्रम का मकसद पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत के साथ संपर्क एवं संबंध को बढ़ावा देना है. यह कार्यक्रम मुख्य रूप से पर्यटन पर केंद्रित है।

  • डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट 2020 का थीम "द इमर्जिंग डीलाइटफुल डेस्टिनेशंस" है.
  • इस कार्यक्रम में 4 संस्थाएं संयुक्त रूप से काम कर रही हैं, जिनमें पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर परिषद, NERCORMP और IFAD शामिल हैं.
  • एक-एक करके इन संस्थाओं पर नजर डालें तो पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय पूर्वोत्तर इलाके में विकास परियोजनाओं और योजनाओं की प्लानिंग क्रियान्वयन और निगरानी का काम करता है.
  • पूर्वोत्तर परिषद पूर्वोत्तर इलाके के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए जिम्मेदार एक नोडल एजेंसी है. इसमें 8 राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं। यह साल 1971 में संसद के एक अधिनियम द्वारा गठित किया गया था।
  • NERCORMP का पूरा नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन परियोजना है. यह एक आजीविका और ग्रामीण विकास परियोजना है जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत में गरीब और वंचित वर्ग के आदिवासी परिवारों के जीवन में सुधार करना है। यह पूर्वोत्तर परिषद, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और कृषि विकास हेतु अंतर्राष्ट्रीय कोष यानी IFAD की एक संयुक्त विकासात्मक पहल है।
  • IFAD एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है. यह विकासशील देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और भूख उन्मूलन के लिए काम करती है। इसका मुख्यालय रोम, इटली में है।

क्या किया जाएगा इस फेस्टिवल में?

यह एक चार दिवसीय कार्यक्रम है जिसमें राज्यों और क्षेत्र के पर्यटन स्थलों की ऑडियो विजुअल प्रस्तुति, राज्य के प्रसिद्ध और उपलब्धियाँ हासिल करने वाले व्यक्तियों के संदेश, लोकल के खास उद्यमियों से परिचय कराया जाएगा. इसके अलावा, इसमें हस्तकला / पारंपरिक फैशन / और स्थानीय उत्पादों की वर्चुअल प्रदर्शनी भी होगी। कार्यक्रम में सभी आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री अपना विशेष भाषण देंगे। साथ ही, राज्य अपने-अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम और मिश्रित संस्कृतियों से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

पूर्वोत्तर क्षेत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

रणनीतिक दृष्टि से पूर्वोत्तर इलाके का लोकेशन काफी खास है. पूर्वी भारत के परंपरागत घरेलू बाजार से इसकी नज़दीकी और कई महत्वपूर्ण देशों मसलन बांग्लादेश, चीन और म्यांमार के साथ लगती इसकी सीमाएं इसके लोकेशन को रणनीतिक दृष्टि से खास बनाती हैं.

  • आज आसियान भारत की विदेश नीति के केंद्र बिंदु में है और पूर्वोत्तर राज्य भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच भौतिक रूप से कनेक्टिविटी के मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • दुनिया के पूर्वी इलाके से अपने संबंधों को गति देने के लिए भारत एक्ट-ईस्ट नीति पर काम कर रहा है. एक्ट-ईस्ट नीति को सफल बनाने के लिहाज से पूर्वोत्तर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपार प्राकृतिक संसाधन मौजूद है. यहां देश का लगभग 34% जल संसाधन और 40% जल विद्युत क्षमता होने की संभावना है। सिक्किम भारत का पहला जैविक राज्य है।
  • इस क्षेत्र में भारत के कई वन्यजीव अभ्यारण्य और उद्यान मौजूद हैं, जिसमें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, नामेरी, ओरंग, असम का डिब्रू सिकोहा और अरुणाचल प्रदेश का नामदफा शामिल हैं. इसके अलावा यहां पर मेघालय का बलपक्रम, मणिपुर का किबुल लामजाओ, नागालैंड का ईन्टंकी और सिक्किम का खांगचेंदज़ोंगा उद्यान भी मौजूद है।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातियों की अपनी खास संस्कृति होती है। यहां के लोकप्रिय त्योहारों में नागालैंड का हॉर्नबिल फेस्टिवल, सिक्किम का पैंग लबसोल आदि शामिल हैं।

पूर्वोत्तर के विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

साल 1996 में केंद्र सरकार द्वारा यह तय किया गया कि सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के बजट का कम-से-कम 10 फ़ीसदी हिस्सा पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए खर्च किया जाएगा।

  • साल 2005 में ‘नॉर्थ-ईस्ट विज़न-2020’ जारी किया गया था. इसके ज़रिए पूर्वोत्तर इलाके की विकास की संभावनाओं, कमियों और चुनौतियों को पता लगाने पर खासा ध्यान दिया गया।
  • स्थानीय किसानों और शिल्पकारों की दशा में सुधार के मकसद से ‘राष्ट्रीय बाँस मिशन’ के जरिए बाँस की खेती को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।
  • साल 2018 में असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने के लिये ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल का उद्घाटन किया गया। इस पुल का नाम बोगीबील पुल है.
  • क्षेत्र में सड़कों की स्थिति बेहतर करने के लिए ‘नॉर्थ-ईस्ट रोड सेक्टर डेवलपमेंट स्कीम’ और ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत सड़कों का भी निर्माण किया जा रहा है।
  • ग़ौरतलब है कि अगरतला और बांग्लादेश के अखौरा के बीच रेलवे लाइन को साल 2021 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • हवाई यात्रा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के मकसद से सरकार द्वारा इस इलाके में काफी काम किया जा रहा है. मौजूदा वक्त में, इस क्षेत्र में 13 हवाईअड्डे सक्रिय हैं और लगभग 3 हज़ार करोड़ की लागत से इनके मरम्मत और नवीनीकरण का काम जारी है।