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Blog / 11 Aug 2020

(इनफोकस - InFocus) ‘ब्रू’ जनजाति (Bru Tribe)

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(इनफोकस - InFocus) ‘ब्रू’ जनजाति (Bru Tribe)



सुर्ख़ियों में क्यों?

  • हाल ही में, संयुक्त आंदोलन समिति यानी ज्वाइंट मूवमेंट कमिटी ने मिज़ोरम से विस्थापित ब्रू समुदाय के पुनर्वास के लिए कुछ जगहों का सुझाव दिया.
  • लेकिन ब्रू समुदाय का प्रतिनिधित्त्व करने वाले तीन संगठनो ने संयुक्त आंदोलन समिति के द्वारा सुझाए गए जगहों को खारिज कर दिया है।
  • बता दें कि संयुक्त आंदोलन समिति यानी JMC गैर ब्रू समुदाय का प्रतिनिधित्त्व करने वाला एक संगठन है।
  • जिन तीन ब्रू संगठनों ने JMC की सुझाव को खारिज किया है, उनमें मिज़ोरम ब्रू विस्थापित जन फोरम, मिज़ोरम ब्रू विस्थापित जन समन्वय समिति और ब्रू विस्थापित कल्याण समिति शामिल हैं.

हालिया घटनाक्रम से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

  • इन तीन ब्रू संगठनों ने ब्रू समुदाय के पुनर्वास के लिये JMC के चार सदस्यों को निगरानी टीम में शामिल करने की माँग को भी खारिज़ कर दिया है।
  • उनके मुताबिक, पिछले 23 सालों के दौरान त्रिपुरा में ब्रू समुदाय के पुनर्वास और कल्याण से जुड़े मामलों में इन सदस्यों की कोई भागीदारी नहीं रही है।
  • इसके अलावा इन ब्रू प्रतिनिधियों का कहना है कि JMC द्वारा प्रस्तावित जगहों पर मूलभूत सुविधाओं मसलन सड़क, बिजली, अस्पताल, और स्कूल आदि उपलब्ध नहीं हैं।

कौन है ‘‘ब्रू’’ जनजाति?

  • ‘‘ब्रू’’ पूर्वोत्तर में बसने वाला एक जनजाति समूह है। मिजोरम के अधिकांश ‘ब्रू’ जनजाति के लोग मामित और कोलासिब जिलों में रहते है।
  • कुछ वजहों के चलते ‘‘ब्रू’’ जनजाति का विस्थापन त्रिपुरा में हो गया था।
  • सामान्यतः इस जनजाति को रियांग भी कहा जाता है।
  • ये जनजाति ‘‘ब्रू’’ भाषा बोलती है और इस भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है।
  • ‘‘ब्रू’’ जनजाति के अन्तर्गत अनेक उपजातियां आती हैं।
  • ‘‘ब्रू’’ पहले झूम कृषि करते थे, जिसमें ये जंगल के एक हिस्से को साफ करके वहाँ कृषि करते थे.
  • कुछ सालों बाद ये उस भूमि को छोड़कर जंगल के दूसरे भाग में कृषि करने चले जाते थे।
  • अतः इसे एक बंजारा जनजाति भी माना जाता है।

क्या समस्या है इस जनजाति के साथ?

  • ब्रू जनजाति के मिजोरम से त्रिपुरा विस्थापन का कारण मिजो जनजाति द्वारा ब्रू को 'बाहरी' समझना और उनके साथ हिंसा करना, माना जाता है।
  • सामान्यतः पूर्वोत्तर में लोग अपनी जातीय पहचान जैसे - खान-पान, पहनावा और भाषा को लेकर बहुत भावुक होते हैं।
  • जातीय पहचान को मुद्दा बनाकर वहाँ लोग अलग राष्ट्र की मांग करते आये हैं।
  • मिजों उग्रवादी समूहों द्वारा भी इस प्रकार की मांग की गई.
  • परन्तु जब ऐसा होने की संभावना दूर नजर आने लगी तो मिजो उग्रवादी समूहों ने उन जनजातियों को अपना निशाना बनाया, जिन्हें वो 'बाहरी' समझते थे।
  • साल 1995 में ‘‘ब्रू’’ और ‘‘मिजो’’ जनजातियों के मध्य टकराव बढ़ने के बाद यंग मिजो एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने ‘‘ब्रू’’ जनजाति को बाहरी घोषित कर दिया।
  • इसके पश्चात् ‘‘ब्रू’’ जनजाति मिजो जनजाति के निशाने पर आ गई।
  • वर्ष 1997 में ब्रू उग्रवादियों के द्वारा एक मिजो अधिकारी की हत्या कर दी गई।
  • इसके बाद से ही क्षेत्र में ‘‘ब्रू’’ लोगों के खिलाफ अत्याधिक हिंसा हुई, जिसके पश्चात् ‘‘ब्रू’’ जनजाति को मिजोरम छोड़कर त्रिपुरा प्रस्थान करना पड़ा।

निष्कर्ष

  • पूर्वोत्तर की अन्य जनजातियों के समान ब्रू भी एक महत्वपूर्ण जनजाति है।
  • पिछले कुछ सालों से यह जनजाति अत्यधिक समस्याओं और असुरक्षा का सामना कर रही है.
  • सरकार द्वारा इस जनजाति के पुनः प्रत्यावर्तन के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे है, लेकिन अभी भी सरकार के लिए इनका सुरक्षित प्रत्यावर्तन कराना एक चुनौती बनी हुई है।