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Blog / 23 Dec 2020

(इनफोकस - InFocus) बोको हराम (Boko Haram)

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(इनफोकस - InFocus) बोको हराम (Boko Haram)


सुर्ख़ियों में क्यों?

कुख्यात आतंकवादी संगठन बोको हराम ने नाइजीरिया में एक बार फिर से वीभत्स नरसंहार मचा दिया। बीते 28 नवंबर को इस संगठन ने भयानक कत्लेआम मचाते हुए तकरीबन 110 निर्दोष किसानों को मौत के घाट उतार दिया।

  • गौरतलब है कि इससे पहले भी यह संगठन कई बार ऐसी दर्दनाक घटनाओं को अंजाम दे चुका है। साल 2014 में इसने नाइजीरिया के चिबोक कस्बे से करीब 276 बच्चियों को अगवा कर लिया था।
  • इस घटना के बाद पूरी दुनिया में तहलका मच गया। आज तक किसी को कुछ नहीं पता कि लड़कियां कहां रखी गई हैं और वे जिंदा हैं भी या नहीं।
  • लगभग 4 साल बाद 107 लड़कियां लौटा दी गईं, लेकिन अब भी आधी से ज्यादा लड़कियां लापता हैं।

आतंकवाद और इसके कारण

आतंकवाद को ज़्यादातर हिंसात्मक तरीके से अंजाम दिया जाता है। इसके ज़रिये आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक और वैचारिक मक़सद को पाने की कोशिश की जाती है। कई बार आतंकवाद कुछ शरारती और विकृति मानसिकता वाले लोगों द्वारा फैलाया जाता है, तो कई बार ये राज्य द्वारा प्रायोजित होता है।

  • जब किसी देश की सरकार खुद किसी आतंकवादी गतिविधि को समर्थन दे रही होती है तो इस प्रकार के आतंकवाद को राज्य प्रायोजित आतंकवाद कहा जाता है।
  • भारत आज़ादी के वक़्त से ही इस प्रकार के आतंकवाद का सामना करता आ रहा है। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की है।
  • गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक पिछड़ापन और ज़िहाद जैसे कारकों को आतंकवाद के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाता है। साथ ही शासन में हस्तक्षेप, महत्वाकांक्षा, झुंझलाहट और गुस्सा जैसे कारक भी आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
  • आतंकवाद के कई साधन होते हैं जिनमे पर्यावरणीय आतंकवाद, रासायनिक, न्यूक्लियर और जन संहार के भयानक हथियार शामिल होते हैं।
  • इसके अलावा जैविक हथियार, साइबर आतंकवाद और आत्मघाती हमले आतंकवाद के नए साधनों के रूप में उभर रहे हैं।

क्या है बोको हराम?

बोको हराम एक चरमपंथी समूह है जो नाइजीरिया से सरकार या किसी भी तरह की सत्ता को हटाकर उसे पूरी तरह से इस्लामिक स्टेट बनाना चाहता है. इस संगठन की स्थापना साल 2002 में मोहम्मद यूसुफ नाम के एक मुस्लिम धर्म गुरुद्वारा की गई थी।

  • इस संगठन का वास्तविक नाम जमात एहल अस-सुन्ना लिद-दावा वल-जिहाद है. इसका मतलब होता है - पैगंबर की शिक्षा और जिहाद को बढ़ाने में जुटे हुए लोग।
  • हालांकि बोको हराम का नाइजीरिया की भाषा होसा में शाब्दिक अर्थ है - पश्चिमी शिक्षा हराम है यानी पश्चिमी शिक्षा वर्जित है।
  • कट्टरपंथी इस्लाम में विश्वास रखने वाले इस संगठन का मानना है कि मुस्लिमों को पश्चिमी तौर-तरीकों से दूरी रखनी चाहिए, चाहे वो सामाजिक, शैक्षिक या फिर आर्थिक हो।
  • इसके मुताबिक चुनाव में वोट देना पाप है. आधुनिक कपड़े पहनना या लड़कियों का घर से बाहर निकलना भी वर्जित है.

इनकी फंडिंग कैसे होती है?

बोको हराम को कथित तौर पर कई इस्लामिक आतंकी संगठनों से मदद मिलती रहती है. इनमें सबसे ज्यादा मदद इस्लामिक स्टेट से मिलती है.

  • दरअसल ये मिडिल ईस्ट से भगाए गए इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को अफ्रीका में बसने और फैलने में मदद कर रहा है. जिसके एवज में इस्लामिक स्टेट इसे ट्रेनिंग और हथियारों की मदद करता है.
  • नाइजीरिया के 6 प्रांत इसके नियंत्रण में हैं और यहां सरकार का कोई दखल नहीं.
  • साथ ही, यह संगठन ड्रग्स और तेल माफिया की तरह भी काम कर रहा है, जिसकी वजह से इसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है.

आतंकवाद और भारत

भारत कई दशकों से आतंकवाद का दंश झेलता आया है। इसके कई राज्य ख़ासकर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र अक्सर ही आतंकवाद से दो-चार होते रहे हैं।

  • इसके अलावा मावोवादी-नक्सलवाद, नकली करेंसी और मादक पदार्थों की सप्लाई के ज़रिये भी आतंकवाद के ज़हर को फैलाया जा रहा है।
  • हमास, अल-क़ायदा, बोको हराम, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन आतंक के पर्याय बने हुए हैं।
  • 26/11 के मुंबई हमले के पश्चात सरकार ने आतंकवाद से निपटने के लिए कई बड़े बदलाव किये, जिसमे राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्थापना, डेटाबेस मेन्टेन करने के लिहाज़ से नैटग्रिड की स्थापना और मल्टी एजेंसी सेंटर का पुनर्गठन जैसे कदम अहम् हैं।
  • इसके अलावा, एनएसजी के चार नए केंद्रों की स्थापना और तटीय सुरक्षा योजना का नवीनीकरण जैसे पहलुओं पर भी ध्यान दिया गया।
  • हालांकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे तमाम आतंकी घटनाओं को देखते हुए लगता है कि अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किये जाने की ज़रूरत है।