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Blog / 26 Dec 2019

(इनफोकस - InFocus) ऑटोमोटिव मिशन प्लान (Automotive Mission Plan)

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(इनफोकस - InFocus) ऑटोमोटिव मिशन प्लान (Automotive Mission Plan)



सुर्खियों में क्यों हैं?

  • हाल ही में भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री ने ऑटोमोटिव मिशन योजना (2016-26) के बारे में लोकसभा को सूचित किया है।
  • गौरतलब है कि ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2026 में ऑटो सेक्टर में अतिरिक्त 6.50 करोड़ नौकिरयां पैदा होने का अनुमान है। यह जीडीपी के 12 फीसदी के बराबर होगी।

आवश्यकता क्यों

  • इस समय ऑटोमोटिव मिशन योजना की आवश्यकता है क्योंकि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग एक मांग में कमी की वजह से संकट से गुजर रहा है।
  • एनबीएफसी के संकट और बाजार में तरलता के कारण ऑटोमोबाइल उद्योग प्रभावित हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना का उद्देश्य भारत के आटोमोबाइल उद्योग को अभियांत्रिकी, वाहन निर्यात, विनिर्माण और वाहन कलपुर्जो के लिहाज से तीन शीर्ष देशों में शामिल करना है। पहला आटोमोटिव मिशन प्लान 2006-2016 के लिए शुरू किया गया था।
  • भारत सरकार और इंडियन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री द्वारा संयुक्त रूप से तैयार ऑटोमोटिव मिशन प्लान (एएमपी) का विजन यह है कि 2026 तक भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और वाहनों व कलपुर्जो के निर्यात में दुनिया के शीर्ष तीन में शामिल होगी।
  • ऑटोमोटिव उद्योग शीर्ष रोजगार सृजक होगा जो 65 मिलियन अतिरिक्त रोजगार पैदा करेगा
  • ऑटोमोटिव उद्योग, विनिर्माण क्षेत्र और 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आधारभूत संचालक शक्ति होगा।
  • ऑटोमोटिव उद्योग का उद्देश्य वाहनों के निर्यात को 5 गुना और कलपुर्जा का निर्यात 7.5 गुना बढ़ाना है।
  • एएमपी-2016 की सफलता के लिए, ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए एक समन्वित और स्थिर नीति प्रणाली की आवश्यकता है।
  • विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने और इसमें सुधार करने तथा पर्यावरण सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान करने के लिए विशिष्ट हस्तक्षेपों की परिकल्पना है।

चुनौतियाँ एवं प्रयास

  • एएमपी-2016-26 तैयार करते समय सरकार ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों का आकलन किया है। इन 9 चुनौतियों में आउटपुट की सतत वृद्धि, निर्यात संबंधी मुद्दे, मुद्रा मूल्यह्रास, भीड़ और प्रदूषण, अपर्याप्त अवसंरचना विकास, वित्त और कराधान शामिल हैं।
  • भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए एक निष्पक्ष और अनुमानित शासी माहौल सुनिश्चित करने के लिए एएमपी-2016-26 ऑटो क्षेत्र के लिए मुख्य नीतियों के मूल्यांकन पर मत स्पष्ट करता है, ताकि उद्योग को प्रभावित करने वाले सभी विनियमों को समूचे राष्ट्र और केंद्र तथा राज्यों में एक साथ कार्यान्वित करने के लिए एक पैमाने में व्यापक रूप से तैयार किया जा सके।

आगे की राह

  • भारत की गतिशीलता पहलों की आधारशिला सार्वजनिक परिवहन को होना चाहिए। इसे परिवहन के अलग माध्यमों और भौगोलिकताओं के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
  • ये गतिशीलता सुरक्षित, किफायती और समाज के सभी वर्गों तक सुलभ होनी चाहिए। संकुलन यानी कंजेशन की आर्थिक और पर्यावरणीय लागतों पर एक नियंत्रण होना चाहिए।