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Blog / 03 Jul 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization - WCO)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization - WCO)


मुख्य बिंदु:

हाल ही में, भारत के प्रणव कुमार दास को विश्व सीमा शुल्क संगठन में कंप्लायंस एंड फैसिलिटेशन प्रभाग के निदेशक के रूप में चुना गया। श्री दास इस प्रभाग के निदेशक पद के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय हैं। इससे पहले भी, तीन भारतीय अधिकारी इस पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दास 1983 बैच के भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस अधिकारी हैं।

डीएनएस में आज हम आपको विश्व सीमा शुल्क संगठन के बारे में बताएँगे और साथ ही इसके दूसरे पहलुओं को भी समझने की कोशिश करेंगे।

डब्ल्यूसीओ का इतिहास साल 1947 से शुरू होता है। दरअसल 1947 में एक संगठन - यूरोपीय आर्थिक सहयोग समिति - के तेरह सदस्य देशों के बीच अंतराष्ट्रीय सीमा शुल्क के सम्बन्ध में एक स्टडी ग्रुप की स्थापना के लिए सहमति बनी। इस स्टडी समूह ने प्रशुल्क एवं व्यापार संबंधी सामान्य क़रार के सिद्धांतों के आधार पर साल 1948 में एक आर्थिक समिति और एक सीमा शुल्क समिति का गठन किया।

यहीं आर्थिक समिति आगे चलकर आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन यानी OECD और सीमा शुल्क समिति, सीमा शुल्क सहयोग परिषद यानी CCC के नाम से जानी गई। बाद में, सीमा शुल्क सहयोग परिषद ही विश्व सीमा शुल्क संगठन के रूप में विकसित हुआ। इसका मतलब ये हुआ कि विश्व सीमा शुल्क संगठन यानी WCO की स्थापना साल 1952 में सीमा शुल्क सहयोग परिषद यानी Customs Co-operation Council के रूप में की गई।

WCO सीमा शुल्क के मामले में एकमात्र ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो सीमा शुल्क विशेषज्ञों के अंतराष्ट्रीय मंच के तौर पर देखा जाता है। WCO एक स्वतंत्र और अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें 183 देशों के सीमा-शुल्क विभाग बतौर सदस्य शामिल हैं और दुनिया भर में इनके द्वारा सामूहिक रूप से लगभग 98% व्यापार किया जाता है। WCO ने अपनी सदस्यता को छह क्षेत्रों में बाँट रखा है। इनमें हरेक क्षेत्र से एक उपाध्यक्ष चुन कर आता है जो WCO परिषद में उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। इसी साल मई महीने में WCO के ‘एशिया प्रशांत क्षेत्र के सीमा शुल्क प्रशासन’के क्षेत्रीय प्रमुखों की बैठक आयोजित की गई थी।
WCO 'बॉर्डर्स डिवाइड, कस्टम्स कनेक्ट्स' के विज़न के साथ सीमा शुल्क प्रशासन को गाइड करने और सहयोग देने का काम करता है, ताकि विश्व व्यापार को वैध, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा सके।

WCO का लक्ष्य सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के सरलीकरण और सामंजस्य सहित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ावा देना है। इसके अलावा WCO निष्पक्ष, कुशल और प्रभावी राजस्व संग्रह को बढ़ावा देने, समाज, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा व क्षमता निर्माण को मज़बूत बनाने का काम करती है। साथ ही सभी हितधारकों के बीच सूचना विनिमय को बढ़ावा देना, सीमा शुल्क के प्रदर्शन और प्रोफ़ाइल पर ज़ोर देना और आचरण अनुसंधान तथा विश्लेषण जैसे काम भी WCO के मक़सदों में शुमार हैं।

श्री प्रणब दास को WCO के अनुपालन एवं सुविधा सेवा प्रभाग के निदेशक पद के लिए हुए चुनाव में विजय हासिल हुई। उन्हें यूके के उम्मीदवार के मुक़ाबले 108 वोट मिले, जबकि विरोधी उम्मीदवार को महज़ 68 वोट मिले। इस तरह श्री दास अगले पांच वर्षों के लिए इस पद पर क़ाबिज़ रहेंगे। इसी साल जनवरी में उन्हें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीआईसी में बतौर चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
आपको बता दें कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है। यह भारतीय संघ के अप्रत्यक्ष करों के वसूली से जुड़ा सर्वोच्च निकाय है। यह सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST से जुड़े नीति बनाने का काम करता है एवं इनसे जुड़े हुए मामले इसके अंतर्गत आते हैं।

CBIC अपने नीचे आने वाले संगठनों के लिये एक प्रशासनिक प्राधिकरण की तरह है। इसके अधीनस्थ संगठनों में कस्टम हाउस, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और केंद्रीय जीएसटी आयुक्त तथा केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला शामिल हैं।

मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में सीमा शुल्क की प्रमुख भूमिका है और वैश्विक व्यापार से जुड़े सुरक्षा को बेहतर बनाने तथा सीमा पार प्रक्रियाओं को सरल बनाने में WCO अहम रोल अदा कर रहा है।