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Blog / 16 Jan 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) क्या है कोरोना वायरस? (What is Corona Virus?)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी)  क्या है कोरोना वायरस? (What is Corona Virus?)


चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का आतंक जारी है। बीते दिनों कोरोना वायरस से फैले निमोनिया के चलते एक शख़्स की मौत भी हो गई है। इसके अलावा इस नए प्रकार के वायरस के अभी तक संक्रमण के 41 मामले सामने आ चुके हैं। ख़बरों के मुताबिक़ इनमे दो लोगों को पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। हालाँकि सात लोगों की हालत अभी भी गंभीर है और कई अन्य लोगों की हालत स्थिर बनी हुई है।

DNS में आज हम समझेंगे कि कोरोना वायरस क्या है। साथ ही जानेंगे कि कोरोना वायरस से जुड़े कुछ और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में

रोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहने के कारण 419 डॉक्टरों समेत तकरीबन 740 लोगों को चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। वुहान के स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि शहर रहस्यमय ढंग से फैले निमोनिया से जूझ रहा है। पिछले हफ्ते की शुरुआत में चीनी मीडिया ने बताया था कि यह बीमारी एक नए प्रकार के कोरोना वायरस के कारण फैली है। इससे पहले साल 2003 में SARAS या सार्स पूरे चीन में फैला था और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक़ इससे साल 2003 में कुल 646 मौतें अकेले चीन में हुई थी। वुहान में फैले इस रहस्यमय निमोनिया का लक्षण सूखी खांसी के साथ बुखार और थकान को बताया जा रहा है। कई मामलों में, डिस्पेनिया यानी सांस की तकलीफ भी सामने आई है। जांच से पता चला कि समुद्री खाद्य बाजार यानी सी - फूड बाजार से यह वायरस लोगों में फैला है।

कोरोना वायरस के बारे में आपको बताएं तो ये विशेष प्रकार के वायरस में से एक है जिसके सामान्य लक्षणों में सर्दी लगना, सांस से सम्बंधित तकलीफें और आंत से जुडी बीमारियों के पैदा होने का खतरा आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में जारी अपने बयान में कहा है कि कोरोना वायरस बेहद नजदीकी संपर्क में रहने वाले दो इंसानों में एक से दूसरे में संक्रमित हो सकता है। मानवों पर प्रभाव डालने के अलावा कोरोना वायरस जानवरों जैसे सूअर, बिल्लियों कुत्तों और पक्षियों आदि जैसे जानवरों पर अपना असर दिखा सकते हैं। अभी तक के ज्ञात कोरोना वायरस में सबसे घातक सार्स कोरोना वायरस और मर्स कोरोना वायरस पाए गए हैं जिनसे सांस सम्बन्धी गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं।

हाल ही में पहचाने गए कोरोना वायरस का वुहान मे फैली बीमारी से कोई सम्बन्ध तो नहीं बताया जा सका है। लेकिन फिर भी ये कयास लगाए जा रहे है कि ये बीमारी चीन में साल 2002 के बाद फ़ैली सार्स महामारी से जुडी हो सकती है जिसने तकरीबन 350 लोगों की जान ले ली थी। अभी तक इस कोरोना वायरस के मामले में तकरीबन 15 मामले सामने आये हैं। इन मामलों से अभी तक 1 आदमी के मरने की पुष्टि हुई है।

वुहान राज्य के एक टीवी चैनल की माने तो इस नए कोरोना वायरस का अभी तक ज्ञात कोरोना वायरस से कोई सम्बन्ध नहीं है। विश्व स्वस्थ्य संगठन के मुताबिक़ इस नए वायरस के फैलने के कारणों और संक्रमण का पता लगाने के लिए अभी और तफ्तीश की ज़रुरत है। कई अलग - अलग कोरोना वायरस लोगों को संक्रमित और बीमार कर सकते हैं। आम तौर पर इसकी वजह से मामूली से औसत ऊपरी-श्वसन रोग होता है। लेकिन, कुछ कोरोना वायरस गंभीर बीमारी उत्पन्न कर सकते हैं।

कोरोना वायरस परिवार में जो संक्रमण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं उनमे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोवी वायरस और सार्स कोरोना वायरस अहम् हैं। इसके अलावा MERS - कोवी कोरोवायरस के बारे में आपको बताएं तो ये एक घातक और उभरता हुआ RNA वायरस है। ये एक ऐसी महामारी के लिए ज़िम्मेदार है जो मध्य पूर्व से दुनिया के आठ देशों को प्रभावित करता है।

2012 में फ़ैली एक महामारी ने फ्रांस समेत दुनिया के अन्य देशों को भी अपने कब्ज़े में ले लिया था। इसके अलग सार्स-कोवी कोरोवायरस की खोज एशिया में SARS के प्रकोप के बाद 2003 में हुई थी, जिसके संक्रमण ने इसे पूरे विश्व में एक घातक महामारी का कारण बना दिया।

कोरोना वायरस अपना शिकार ज्यादातर 50 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को बनाता है। कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए आणविक टेस्ट और सर्जरी टेस्ट का प्रयोग किया जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है न ही इसके लिए कोई विशेष उपचार है। साबुन और पानी से अपने हाथ धोकर, अपनी आँख, नाक या मुंह ना छूकर और संक्रमित लोगों के ज्यादा करीब रहने से बचकर संक्रमण के जोखिम को घटाया जा सकता है।