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Blog / 13 May 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) पोखरण : भारत के परमाणु शक्ति बनने की कहानी (Pokhran : Story of India's Becoming Nuclear Might)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) पोखरण : भारत के परमाणु शक्ति बनने की कहानी (Pokhran : Story of India's Becoming Nuclear Might)



11 मई 1998 यह वो तारीख है जो इतिहास के पन्नों में देश की उपलब्धियों के नाम दर्ज है.... साल 1998 में '11 मई' के दिन ही भारत ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था...यह परमाणु परीक्षण पोखरण, राजस्थान में किया गया था... जन भारत एक उभरती हुई परमाणु शक्ति बन गया था क्योंकि 11 मई 1998 को सफलता पूर्वक परमाणु परीक्षण हुआ था और इसी सफलता को हासिल करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की घोषणा की थी. तब से भारत इसको मनाता आ रहा है....

आज अपने DNS कार्यक्रम में हम बात करेंगे पोखरण में हुए परमाणु परिक्षण की...जो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त होने के उपलक्ष्य में ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है....साथ ही कुछ रोचक बातें ....

आपको बता दें इसी दिन घरेलू स्तर पर तैयार एयरक्राफ्ट 'हंस-3' ने भी परीक्षण उड़ान भरी थी....इसके अलावा इसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था.....यह दिवस हमारी ताकत, कमज़ोरियों, लक्ष्य के विचार मंथन के लिये मनाया जाता है, जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमें देश की दशा और दिशा का सही ज्ञान हो सके...

क्या आप जानते हैं कि इस परीक्षण को अंजाम देने के पीछे वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद का बहुत बड़ा हाथ था...इन्हीं के मार्गदर्शन पाकर ही भारत अपना परमाणु परीक्षण को सफलता से पूरा कर पाया और छठे नुक्लेअर पावर देश के रूप में उभरा था......

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के पीछे का इतिहास

जैसा की आपको पता है....11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण आयोजित किया गया था और वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आदि की जबरदस्त उपलब्धि हासिल की थी......इन्ही उपलब्धियों के आधार पर, अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस घोषित किया. ...जिसके बाद हर साल 1999 से, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (Technology Development Board, TDB) इस दिन विभिन्न तकनीकी नवाचारों का जश्न मनाता है.....जिसने देश पर सकारात्मक प्रभाव डाला है....साथ ही, हर साल TDB एक विषय यानी थीम का चयन करता है ...

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

11 मई को, पहले घरेलू स्तर पर तैयार एयरक्राफ्ट 'हंस-3' का परीक्षण बैंगलोर से किया गया था.....जहाँ भारत ने इसी दिन त्रिशूल मिसाइल का भी सफलता पूर्ण परीक्षण किया....11 मई, अट्ठानवे को ऑपरेशन शक्ति (पोखरण -II) का भी परीक्षण किया गया था....उस समय बहुत कम देशों के पास परमाणु शक्ति होती थी..और भारत इस परीक्षण के बाद परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा देश बन गया था.....हर साल, इसी दिन, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (Technology Development Board, TDB) भारत स्वदेशी प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए विभिन्न व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित करती हैं....इसलिए, हम कह सकते हैं कि यह दिन हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व को दिन-प्रतिदिन गौरवान्वित करता है और हमें करियर के क्षेत्र के रूप में विज्ञान को अपनाने के लिए प्रेरित भी करता है...

ऑपरेशन शक्ति

पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 में किया गया था ...जिसका नाम 'स्माइलिंग बुद्धा' रखा गया था.....दूसरा परीक्षण पोखरण II था जो 11 मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत द्वारा प्रशासित परमाणु बम विस्फोट के पांच परीक्षणों की 11 मई से 13 मई तक की एक श्रृंखला थी.....पोखरण II या ऑपरेशन शक्ति में पांच परीक्षण शामिल थे, जिनमें से पहला एक FUSION (संलयन) बम था जबकि अन्य चार विखंडन बम थे....वहीँ 11 मई, 1998 को ऑपरेशन शक्ति या पोखरण II को दो विखंडन और एक FUSION (संलयन) बम के परीक्षण के साथ शुरू किया गया था...

13 मई, 1998 को दो अतिरिक्त विखंडन बम का परीक्षण किया गया और उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने तत्कालीन भारत को पूर्ण परमाणु राज्य घोषित करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी....

ऑपरेशन का मूल नाम 'ऑपरेशन शक्ति-98' था और पांच परमाणु उपकरणों को शक्ति I से शक्ति V के रूप में वर्गीकृत किया गया था.....अब, पूरे ऑपरेशन को पोखरण II के रूप में जाना जाता है....

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2020 में इसका थीम ‘Women in science’ रखा गया है

भारतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर हर वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड तकनीकी विकास में अपना योगदान देकर देश को आगे बढ़ाने में मदद देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करता है|