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Blog / 11 Jun 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा (National Party Status)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा (National Party Status)


मुख्य बिंदु:

बीते दिनों 7 जून को निर्वाचन आयोग ने नेशनल पीपुल्स पार्टी को राष्ट्रीय दल के रूप में दर्ज़ा प्रदान किया गया। इस प्रकार भारत में कुल मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों की संख्या बढ़कर अब 8 हो गई है। इन मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों में बहुजन समाज पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल है। इसके अलावा राष्ट्रीय दलों की सूची में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस और नैशनल पीपल्स जैसी पार्टियां शामिल हैं।

DNS में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा दिया जाता है। साथ ही समझेंगे राष्ट्रीय दलों को मिलने वाले फायदे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा हांसिल करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करना होता है। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए 3 मानक तय किए हैं। इन तीन मानकों में से किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा हांसिल करने के लिए सिर्फ एक ही मानक को पूरा करने की ज़रूरत होती है।

आइये अब इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं...

चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित इन तीन मानकों के बारे में बताएं तो इनमें पहला मानक ये है कि यदि कोई राजनीतिक दल तीन अलग-अलग राज्यों में कुल लोकसभा की 2% सीटें हांसिल करता है तो उसे राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा मिल जाता है। इस बात को और आसान शब्दों में समझे तो किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा पाने के लिए 3 अलग-अलग राज्यों में कुल 11 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज़ करनी होती है।

चुनाव आयोग का दूसरा मानक ये है कि किसी राजनीतिक दल को लोकसभा या विधानसभा के चुनाव में 4 राज्यों के कुल मतों में से 6 प्रतिशत वोट मिलना ज़रूरी होता है। साथ ही उस जनीतिक दल को लोकसभा की भी 4 सीटों पर जीत दर्ज़ करनी होती है।

चुनाव आयोग के आख़िरी और तीसरे मानक के मुताबिक़ किसी राजनीतिक दल को 4 या उससे ज़्यादा राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता मिली होनी चाहिए।

हाल ही में नेशनल पीपुल्स पार्टी को मिली राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता चुनाव आयोग के तीसरे मानक को पूरा करने के आधार पर मिली है। अभी तक नेशनल पीपुल्स पार्टी को मेघालय नागालैंड और मणिपुर में राज्य स्तरीय दल का दर्ज़ा मिला हुआ था। बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा के चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज़ की थी जिसके तहत उसे अरुणाचल प्रदेश में भी राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल गया।

इस प्रकार नेशनल पीपुल्स पार्टी को चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता मिल गई जिसके तहत वो राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता पाने के क़ाबिल हो गई। राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों की मान्यता प्राप्त होने पर पार्टियों को सभी लोकसभा या राज्य विधानसभाओं में इन तीन शर्तों को पूरा करते रहना होगा नहीं तो पार्टियों से राष्ट्रीय दल का दर्जा ख़त्म हो जाता है।

दरअसल भारतीय राजनीतिक प्रणाली बहुदलीय व्यवस्था पर आधारित है। भारत में कोई भी व्यक्ति जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज़ है वो बगैर किसी दल में शामिल हुए चुनाव लड़ सकता है। इसके अलावा कोई संस्था भी चुनाव आयोग में बग़ैर पंजीकृत हुए बिना चुनाव लड़ सकती है।

हालाँकि जब तक कोई संस्था चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं होती तब तक उन्हें राजनीतिक दल का दर्ज़ा नहीं मिलता। इसके साथ ही इन संस्थाओं को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत मिला लाभ भी नहीं मिलता है। पंजीकृत राजनैतिक दलों को किसी कंपनी, व्यक्ति या स्वैच्छिक सहायता संगठनों से चंदा लेने की अनुमति होती है। इसके अलावा पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह के आवंटन में वरीयता प्रदान की जाती है। जबकि निर्दलीय या गैर पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह के आवंटन में वरीयता नहीं दी जाती है।

दरअसल पंजीकृत राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के ज़रिए कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा करने पर राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा प्रदान किया जाता है। यदि किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्ज़ा मिल जाता है तो वो पूरे भारत में अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव चिन्ह तय कर सकती है।

किसी भी राष्ट्रीय दल के उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाख़िल करते समय केवल 1 प्रस्तावक की ज़रूरत होती है। इसके साथ ही राष्ट्रीय दल को मतदाता सूचियों में संशोधन की दो प्रतियां नि:शुल्क दी जाती हैं। आम चुनाव के दौरान राष्ट्रीय दलों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रचार की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा राष्ट्रीय दलों को आम चुनाव के दौरान अपने स्टार प्रचारकों को नामांकित करने की भी सुविधा मिली होती है। एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल ज़्यादा से ज़्यादा 40 स्टार प्रचारकों को शामिल कर सकता है। हालाँकि इन स्टार प्रचारकों की यात्रा खर्च उस उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिसका वो चुनाव प्रचार कर रहे होते हैं।