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Blog / 10 May 2019

(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट (International Religious Freedom Report)

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(डेली न्यूज़ स्कैन (DNS हिंदी) अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट (International Religious Freedom Report)


मुख्य बिंदु:

धर्म हर व्यक्ति का निजी या Personal मामला होता है, भारत जैसे राज्यों में धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार लोकतन्त्र को और मजबूत बनाता है, भारत में Secularism यानि पंतनिरपेक्षता यह बताती है कि राज्य का officially कोई धर्म नहीं होता और हर धर्म को बराबर सम्मान एवं स्वतन्त्रता दी जायेगी।

हालांकि न सिर्फ भारत बल्कि हाल के वर्षों में धार्मिक असहिष्णुता यानि Religious Intolerance के मामले विश्व के कई देशों में उभर कर सामने आये हैं।

Religious Intolerance का मतलब यह है कि जहाँ एक धर्म के बहुमत वाले लोग दूसरे धर्म के अल्पमत वाले लोगों पर अपना अधिपत्य या Dominance थोपना चाहते हैं।

  • इस Dominance की वजह से ही विश्व भर में आज धार्मिक हिंसाये चरम पर हो रही है। Terrorism जैसी घटनायें भी इसी Religious Intolerance का ही नतीजा है।
  • इसी परिप्रेक्ष्य में अपने DNS के आज के episode में हम जानेंगे - International Religious Freedom Report 2019 के बारे में।
  • ये Report United states commission द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है।
  • US Commission on International Religious Freedom (USCIRF) या अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतन्त्रता पर बना संयुक्त राष्ट्र आयोग, अंर्तराष्ट्रीय धार्मिक स्वतन्त्रता अधिनियम यानि International Religious Freedom Act 1998 द्वारा बनाया गया एक गैर- राजनैतिक, स्वतन्त्र, स्वायत्त संघ-सरकारी आयोग है।

आइये जानते है इस रिपोर्ट के बारे में-

  • ये रिपोर्ट विश्व भर में Different Parameters पर Religious freedom के बारे में जानकारी एकत्र करने के बाद बनायी जाती है।
  • इस रिपोर्ट के द्वारा ये अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी देश में अपने Belief और faith के According अपने धर्म को मानने की कितनी आजादी है।
  • USCIRF ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दुनिया भर में धार्मिक स्वतन्त्रता के लिए उत्पन्न खतरों का वर्णन किया है।
  • इसके साथ ही USCIRF ने, उन देशों को जो लगातार व्यवस्थित एवं संगठित रूप से धार्मिक स्वतन्त्रता का उल्लंघन कर रहे है उन्हें "Countries of Particular Concern" (CPCs) की श्रेणी में डाला है।
  • USCIRF ने राज्य विभाग को यह भी सुझाव दिया है कि वे गैर-राज्यीय कर्ता या None-State Actors जो धार्मिक स्वतन्त्रता का लगातार Violation कर रहे हैं उन्हें- "Entities of Particular Concern (EPCs)" की श्रेणी में रखा जायेगा।
  • इस वर्ष USCIRF ने 16 देशों को CPC और 5 देशों को EPC Category में रखा है।
  • इसके अलावा USCIRF ने 12 देशों को अपनी Tier-2 List में डाला है, जिसका अर्थ है, कि ये देश एक या दो मानकों के उल्लंघन के दोषी पाये गये है।

आइये एक नजर डालते है इन Parameters पर-

1. Systematic Violation
2. Ongoing
3. Egregious
  • ये तीन Parameters Decide करते है कि किसी देश को किस category में रखा जाये।

आइये अब जानते है कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों को

CPC के लिए नामिक इन 16 देशों में-

  • Burma, China, Iran, North-Korea, Pakistan, Saudi Arabia, Eritrea, Sudan, Tajikistan, Turkmenistan देशों को राज्य विभाग द्वारा CPC के लिए नामित किया गया है।
  • 6 अन्य राज्य जिन्हें राज्य विभाग ने नामित नहीं किया है वह हैं- Central African Republic, Nigeria, Russia, Syria, Uzbekistan vkSj Vietnam.
  • Tier-2 में आने वाले 12 देश- Afghanistan, Azerbaijan, Bahrain, Cuba, Egypt, India, Indonesia, Iraq, Kazakhstan, Laos, Malaysia और Turkey हैं।
  • EPC के लिए नामित देशों में- Islamic state of Iraq and Syria, the Taliban in Afghanistan, Al- Shadab in Somalia Houthis in Yemen and Hayat Tahrir al-sham in Syria हैं।
  • इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए आइये अब इस रिपोर्ट में भारत सम्बन्धी key findings को जानने की कोशिश करते हैं-
  1. भारत में 2018 में धार्मिक स्वतन्त्रता की स्थिति में overall गिरावट दर्ज की गई है।
  2. भारत अब भी Tier-2 श्रेणी में बना हुआ है जो एक चिंता का विषय है।
  3. एक तरफ तो भारत में धार्मिक स्वतन्त्रता में गिरावट देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर धर्म को और अधिक संरक्षणवाद और राजनीति से जोड़ा जा रहा है।
  4. भारत एक Secular देश है, वर्तमान में धर्म और राज्य को अलग करना और भी मुश्किल होता जा रहा है।
  5. वोट बैंक की Politics की वजह से एक धर्म दूसरे धर्म पर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
  6. पिछले एक दशकों में देश के अन्दर minorities की conditions में एक गिरावट देखी जा रही है।
  • इसका प्रत्यक्ष कारण extremist groups का राजनैतिक संरक्षण, Anti-Conversion Law's, Cor-protection group, Urban Naxals, Mob-lynching एवं NRC जैसे मुद्दों से उठने वाला Intolerance रहा है।
  • अंत में यह कहा जा सकता है कि भारत जहाँ धार्मिक स्वतन्त्रता संविधान के मौलिक अधिकारों द्वारा प्रदत्त है, वहाँ राजनीति के नाम पर धर्म को बाँटना कतई जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है।
  • भारत की पहचान इसकी विविधता में एकता है और गाँधी जी के ‘‘वसुधेव कुटुम्बकम’’ की नीति पर चलकर इस एकता को बनाये रखा जा सकता है।