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Blog / 29 Sep 2020

(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) फिनसेन फाइल्स लीक मामला (FinCEN Files Leak Case)

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(डेली न्यूज़ स्कैन - DNS हिंदी) फिनसेन फाइल्स लीक मामला (FinCEN Files Leak Case)



हाल ही में अमेरिकी सरकार के ट्रेज़री विभाग के फाइनेंसियल क्राइम्स एन्फोर्समेंट नेटवर्क (FinCEN) के द्वारा एक सनसनी खेज खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है की FinCEN के पास भारत के भ्रष्ट नेताओं नौकरशाहों ,बैंक घोटाले के आरोपी पूंजीपतियों और जालसाज़ों की एक लिस्ट है। इंटरनैशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (ICIJ) के सदस्य 88 अठासी देशों के 109 मीडिया संस्थानों ने फिनसेन फाइल्स में दर्ज इन जानकारियों को हासिल कर लिया है। माना जा रहा है की इन जानकारियों के बाहर आने से देश और दुनिया के तमाम घोटालों का पर्दाफ़ाश हो सकता है...

आज DNS कार्यकम में चलिए जानते है क्या है फिनसेन फ़ाइल? और क्या खुलासे हुए है इस रिपोर्ट में...

एक अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में ये दावा किया है कि 2,000 ऐसे गुप्त दस्तावेजों की छानबीन की गयी है। इस छानबीन के बाद ऐसे कई भारतीयों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने काफी ज़्यादा पैसों का अवैध लेनदेन किया। माना जा रहा है की इन फिनसेन फाइल्स में उन बैंकों का भी नाम दर्ज़ है जो इन अवैध लेनदेन का ज़रिया बने।

लीक दस्तावेज़ों के मुताबिक़ एचएसबीसी बैंक ने जानबूझकर धोखाधड़ी करने वालों को लाखों डॉलर दुनिया भर में अवैध रूप से लेनदेन करने की इज़ाज़त दी। ये पहली बार नहीं है जब HSBC ने इस तरह की हरकत की हो। साल 2013 और 2014 में भी ब्रिटेन स्थित इस बड़े बैंक ने अपने अमरीकी कारोबोर के ज़रिए हॉन्ग कॉन्ग के एचएसबीसी खाते में पैसे की हेराफेरी की थी।

इन दस्तावेज़ों से पता चला है कि निवेश से जुड़ी इस धोखाधड़ी की शुरुआत तब हुई जब अमरीका में मनी लॉन्डरिंग के मामले में एचएसबीसी पर 1.9 अरब डॉलर का जुर्माना लगा था।

क्या है फिनसेन फ़ाइल?

फिनसेन फ़ाइल दरसल में 2500 के करीब दस्तावेज़ों का एक संग्रह है जिसमे से कई ऐसे फाइल हैं जिन्हे बैंकों ने साल 2000 और 2017 के बीच अमेरिकी संस्थाओं को भेजा था। इन फाइलों से कई सवाल उठने लगे हैं की बैंकों के ग्राहक आखिर क्या कर सकते हैं

ये दस्तावेज़ ऐसे हैं जिनमे ऐसी जानकारियां है जिन्हे अंतराष्ट्रीय बैंकिंग तंत्र काफी महफूज़ करके रखता है। बैंक इनका इस्तेमाल किसी भी तरह की संदेहात्मक गतिविधि पर सूचना देने के लिए करता है लेकिन इनसे किसी भी तरह के गलत काम या अपराध का सबूत नहीं मिलता।

इन दस्तावेज़ों को बजटफीड न्यूज़ की वेबसाइट पर लीक किया गया था और इसे एक ऐसे समूह के साथ साझा किया गया था जिसमे दुनिया के तमाम छानबीन करने वाले पत्रकार आते हैं। इस जानकारी को 88 देशों की 108 समाचार एजेंसियों के साझा किया गया।

क्या खुलासे हुए है इस रिपोर्ट में

इस फाइल में कई सनसनीखेज जानकारियों का खुलासा हुआ है। इन खुलासों में दुनिया के कई नामी गिरामी संस्थाएं और शख्स शामिल हो सकते है। फिलहाल कुछ अहम खुलासे इस तरह है

पहले खुलासे के तहत HSBC ने एक योजना के तहत घोटालेबाजों को करोड़ों डॉलर का लेनदेन करने दिया जबकि अमरीकी जांचकर्ताओं ने उसे ये हिदायत दी थी की ये गलत है।

जे पी मॉर्गन ने एक कंपनी को लंदन के खाते से 1 बिलियन डॉलर से ज़्यादा की रकम ले जाने दिया बिना जाने की इसका मालिक कौन है। बैंक को बाद में पता चला की कंपनी का मालिक एफ बी आई के १० वांछित लोगों की सूची में से था।

इस में इस बात के भी सबूत मिले हैं की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक करीबी ने प्रतिबंधों से बचने के लिए लंदन स्थित बर्कले बैंक का इस्तेमाल किया। इनमे से कुछ पैसों का इस्तेमाल कलाकृत्यं खरीदने के लिए किया गया।

इस फाइल में सबसे ज़्यादा ब्रिटिश कंपनियों का खुलासा किया गया है जो इस तरह की गतिविधियों में संलग्न हैं।

डॉश्चे बैंक के ज़रिये कई ऐसे लेनदेन किये गए जिनका इस्तेमाल संगठित अपराध , आतंकी गतिविधियों और ड्रग ट्रैफिकिंग के लिए किया गया।

इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक, फिनसेन के इन दस्तावेजों में 2जी स्कैम, अगस्ता वेस्टलैंड स्कैंडल, रॉल्स रॉयस घूस कांड और एयरसेल-मैक्सिस केस समेत भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के कई मामलों से जुड़े लोगों और कंपनियों के नाम दर्ज हैं।

भारत में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) जैसी एजेंसियां इन मामलों की जांच कर रही हैं।

अखबार के मुताबिक, दस्तावेजों की छानीबन में जिनके नाम सामने आए, उनमें जेल में बंद कलाकृतियों और बहुमूल्य वस्तुओं का तस्कर, भारत में जन्मे लोगों की एक ग्लोबल डायमंड कंपनी, हेल्थकेयर और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर की एक प्रमुख ग्रुप कंपनी, नीलाम हो चुकी एक स्टील कंपनी, कई अति धनाढ्यों को चूना लगाने वाला एक लग्जरी कार डीलर, भारत की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी, आईपीएल टीम का एक स्पॉन्सर, ईडी के तहत बड़ा बवाल मचाने वाला एक कथित हवाला डीलर, भारत के अंडरवर्ल्ड डॉन का एक प्रमुख फाइनैंसर समेत कई अन्य लोग एवं कंपनियां शामिल हैं

44 चौवालिस भारतीय बैंकों से हुए लेनदेन

रिपोर्ट के मुताबिक़ ज्यादातर मामलों में कई बैंकों के भारत में मौजूद शाखाओं का इस्तेमाल फंड मंगवाने में किया गया। कुछ मामलों में भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के जरिए भी लेनदेन हुए। फिनसेन फाइल्स में 44 चौवालिस भारतीय बैंकों के नाम हैं जो भारत में विदेशी बैंकों के प्रतिनिधि हैं। इनमें पंजाब नैशनल बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, कैनरा बैंक, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे कई अहम् नाम शामिल हैं।

फिनसेन फाइल्स के खुलासों से पूरी दुनिया में सनसनी फ़ैल गयी है। इस फाइल में ऐसे कई नाम शामिल हैं जो पिछले 18 सालों से अनियतिक और गैरकानूनी तरीके से लेनदेन कर रहे थे। इन फाइल्स में कई नामी गिरामी नेताओं और रसूख वालों के नाम भी सामने आ सकते हैं जिससे उनके राजनैतिक जीवन और निजी ज़िंदगी पर फ़र्क़ पड़ सकता है...हालांकि ये पहली बार नहीं हुआ है जब इस तरह के दस्तावेज़ सामने आये हैं 2017 में पैराडाइज़ पेपर्स लीक , 2016 में पनामा पेपर्स लीक , 2015 में स्विस लीक और 2014 में लक्स लीक के मामले में भी दुनिया में सनसनी फ़ैली थी।