Home > Art-and-Culture

Blog / 14 Mar 2019

(Video) भारतीय कला एवं संस्कृति (Indian Art & Culture) खजुराहो और देवगढ़ मंदिर (Temple Architecture: Khajuraho and Devgarh Temple)

image


(Video) भारतीय कला एवं संस्कृति (Indian Art & Culture) खजुराहो और देवगढ़ मंदिर (Temple Architecture: Khajuraho and Devgarh Temple)


मुख्य बिंदु:

दशावतार विष्णु मंदिर, देवगढ़, उ.प्र.

  • खजुराहो के मंदिर, मध्य प्रदेश
  • नागर शैली, एक ऐसी शैली जिसका विकास उत्तर भारत में हुआ।
  • वैसे तो इस शैली के सभी मंदिरों की आधरभूत संरचना एक जैसी ही है परन्तु अलग-अलग स्थानों में इनमें परिवर्तन भी दिखाई देता है।
  • इस शैली के मध्य भारतीय मंदिर, बाकी मंदिरों से कुछ मायने में अलग है। जैसे देवगढ़ का विष्णु मंदिर और खजुराहों के मंदिर, हैं तो दोनों ही मंदिर नागर शैली के परन्तु इनकी बनावट में कई सारी अलग-अलग विशेषताएँ भी है।

हमारे अज के Art and Culture Section के इस Video में हम देवगढ़ व खजुराहो के मंदिरों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे तथा इनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानेंगे।

  • देवगढ़ के मंदिर का निर्माण किसने करवाया, व इसके निर्माण कार्य में आर्थिक योगदान किस राजा का था इस बात के तो पुख्ता सबूत नहीं हैं मगर पिफर भी यह माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 6वीं शताब्दी के आसपास का है।
  • यह मंदिर एक विशेष शैली में बनाया गया है इसीलिये इसकी महत्वता काफी बढ़ जाती है।
  • वैसे तो यह नागर शैली का ही मंदिर, पर इसकी पंचभुजीय संरचना के कारण इसे पंचायतम शैली का मंदिर भी कहा जाता है।
  • इस मंदिर में मुख्य भाग के साथ-साथ चार अन्य आयताकार मंदिर भी है।
  • यह मंदिर मुख्यतयः भगवान विष्णु को समर्पित है परन्तु इसकी दीवारों पर अन्य देवी देवताओं की मूर्तियाँ भी बनी हुई हैं।
  • भारत में कुछ ही ऐसे मंदिर हैं जिनका मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में है और देवगढ़ का दशावतार मंदिर उन्हीं में से एक है।
  • मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारा के दाये तरफ यमुना व बायें तरफ गंगा देवियों की मूर्तियाँ हैं।
  • इस मंदिर में भगवान विष्णु के कई अवतारों को बहुत ही बारीक कारीगरी के साथ मंदिर की दीवारों पर उकेरा गया है।
  • इन अवतारों में शेषनाग अवतार, नर नारायण अवतार, और गजेन्द्रमोक्ष अवतार आदि प्रमुख है।
  • अपनी अद्भुत कला व धर्मिक अनुष्ठानों के लिये प्रसिद्ध यह मंदिर पर्यटकों के बीच कापफी प्रसिद्ध है।

आइये अब बात करते हैं मध्य भारत के एक और अद्भुत नमूने के बारे में जो अपनी बारीक नक्काशी के लिये भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो के मंदिरों के बारे में-

  • खजुराहो के मंदिर देवगढ़ के मंदिर के लगभग 400 वर्षों के बादे बनाये गये।
  • यानि इन मंदिरों का निर्माण 10 शताब्दी के आस पास हुआ।
  • इन मंदिरों के बाहरी दीवारों पर बनी कलाकृतियाँ इतनी प्रसिद्ध हैं कि UNESCO ने इन्हें World Heritage Sites में भी जगह दी है।
  • इन मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं के द्वारा करवाया गया।
  • खजुराहों के मंदिर बलुआ पत्थरों से बने है।
  • खजुराहों के मंदिरों में सबसे बड़ा व प्रसिद्ध कन्दरिया महादेव मंदिर है।
  • इन सभी मंदिरों के शिखरों को बहुत ऊँचा बनाया गया है।
  • मंदिर की बाहरी दीवारों पर बनी मिथुन आकृतियां इन मंदिरों की खास विशेषताओं में है।
  • इन आकृतियों के माध्यम से इन मंदिरों द्वारा मानवता को आध्यात्म और सांसारिक मोहमाया के बीच संतुलन बनाने का संदेश दिया गया है।
  • कंदरिया महादेव मंदिर के अलावा, खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिरों में लक्ष्मण मंदिर तथा चैसह योगिनी मंदिर भी प्रसिद्ध है।
  • जहाँ लक्ष्मण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है वहीं चैसठ योगिनी मंदिर तांत्रिक विघा के लिये जाना जाता हैं
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मध्य प्रदेश कला परिषद के द्वारा हर वर्ष पफरवरी के महीने में खजुराहों नृत्य महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है।
  • जिसमें हजारों लोगों की भीड़ जुटती है और इस महोत्सव में पारम्परिक नृत्य कला को प्रोत्साहन भी दिया जाता है।
  • हिन्दुस्तान का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में खजुराहों के मंदिर एक बड़े आर्थिक स्त्रोत की तरह भी कार्य करते है।
  • धरोहरों के रखरखाव के लिये भारत सरकार द्वारा Adopt a Heritage Scheme भी चलाई जा रही है।
  • ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ Project के द्वारा Ministry of Tourism ने 14 कंपनियों को प्राचीन धरोहरों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी है।
  • यह जिम्मेदारी इन कंपनियों को Corporate Social Responsibility के तहत दी गयी है।
  • इस Scheme में पर्यटन मंत्रालय के अलावा Archaeological Survey of India व minister of culture का भी महत्वपूर्ण योगदान है।