(राष्ट्रीय मुद्दे) 73वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का देश को संबोधन (Prime Minister's address to the Nation on 73rd Independence Day)
एंकर (Anchor): कुर्बान अली (पूर्व एडिटर, राज्य सभा टीवी)
अतिथि (Guest): नरेश चंद्र सक्सेना (पूर्व सचिव, योजना आयोग), टी. आर. रामाचंद्रन (वरिष्ठ पत्रकार)
चर्चा में क्यों?
बीते 15 अगस्त को राष्ट्र ने अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया। हमेशा की तरह इस बार भी भारत के प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जल संकट, जनसंख्या विस्फोट, अनुच्छेद 370 और तीन तलाक समेत कई अहम मुद्दों का ज़िक्र किया। इस दौरान पीएम ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बिठाने के लिहाज से 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' के पद का भी ऐलान किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय उत्पादों और पर्यटन को बढ़ावा देने, सिंगल यूज प्लास्टिक को कम करने और डिजिटल पेमेंट को अपनाने की भी अपील की। अपने भाषण के आखिरी में प्रधानमंत्री ने सरकार के आगामी मिशन को भी राष्ट्र के सामने रखा।
कैसे मनाया जाता है इस त्यौहार को?
देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर "राष्ट्र के नाम संबोधन" में अपना संदेश देते हैं।
- इसके बाद अगले दिन प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।
- इसके बाद प्रधानमंत्री लाल किले की इस प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं।
- आयोजन के बाद स्कूली छात्र और एनसीसी के सदस्य राष्ट्र गान गाते हैं।
- लाल किले में आयोजित देशभक्ति से ओतप्रोत इस रंगारंग कार्यक्रम को दूरदर्शन चैनल द्वारा देशभर में लाइव प्रसारित किया जाता है।
- स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी तथा सभी शासकीय भवनों को रंग बिरंगी इलेक्ट्रिक लाइटों से सजाया जाता है, जो शाम का सबसे आकर्षक आयोजन होता है।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की मुख्य/ बातें
वर्षा और बाढ़: आज देश के अनेक भागों में अति वर्षा और बाढ़ के कारण लोग कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। बाढ़ और बारिश की समस्या से निजात के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, एनडीआरएफ और इससे जुडे़ अन्य संगठन दिन-रात प्रयास कर रहे हैं।
अनुच्छेद 370: अनुच्छेद 370 और 35A का हटना सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। भारत के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा ने दो-तिहाई बहुमत से इसे पारित भी कर दिया है। आज हर हिन्दुस्तानी कह सकता है- एक देश, एक संविधान।
तीन तलाक: मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया। पीएम ने कहा कि अगर इस देश में सती प्रथा, दहेज, भ्रूण हत्या और बाल-विवाह के खिलाफ कानून बनाया जा सकता है तो तीन तलाक के खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाया जा सकता।
आतंक से जुड़े कानून: आतंक से जुड़े क़ानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन करके उसको एक नई ताकत देने का, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के संकल्प को और मजबूत करने का काम किया गया है।
किसान सम्मान निधि: किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत 90 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम किया जा रहा है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के अंतरिम बजट के दौरान किया गया था। इस स्कीम के तहत
खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपए तीन किस्तों में दिया जा रहा है। दोबारा सत्ता
में आने के बाद मोदी सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ा दिया है। 24 फरवरी 2019 को जब
प्रधानमंत्री ने इसकी शुरुआत की थी, तब यह सिर्फ 12 करोड़ किसानों के लिए ही थी,
क्योंकि इस पर 2 हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक जमीन होने की शर्त थी, लेकिन अब इस शर्त
को मोदी सरकार ने हटा दिया है और अब सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन: किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए
पेंशन योजना को भी लागू करने का काम किया गया है।
जल संकट: जल संकट से निपटने के लिए एक अलग जल-शक्ति मंत्रालय का भी निर्माण किया गया है। साथ ही जल शक्ति अभियान भी शुरू किया गया है। सरकार अब ‘जल जीवन मिशन’ प्रारंभ करने जा रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम करेंगे और आने वाले वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने की योजना है।
चिकित्सा कानून: देश में बहुत बड़ी तादाद में डॉक्टरों, आरोग्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं की आवश्यकता है। मेडिकल शिक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कानून बनाए गए हैं।
बाल सुरक्षा: बच्चों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून प्रबंधन आवश्यक था। हमने इस काम को भी पूर्ण कर लिया है। इसके लिए संसद में पोक्सो कानून में संशोधन किया था।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कई ऐसे समाज और व्यवस्था के लोग चाहे वह गुर्जर हों, बकरवाल हों, गद्दी हों, सिप्पी हों,बाल्टी हों - उन्हें तमाम राजनीतिक अधिकार अभी भी नहीं प्राप्त हैं। इन जनजातियों को उनके राजनीतिक अधिकार मिलने चाहिए। भारत विभाजन हुआ, लाखों-करोड़ों लोग विस्थापित होकर आये, उनका कोई गुनाह नहीं था लेकिन जो जम्मू-कश्मीर में आकर बसे, उनको मानवीय अधिकार भी नहीं मिले, नागरिक के अधिकार भी नहीं मिले। सरकार इस दिशा में अब कदम बढ़ा रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब जम्मू कश्मीर का सामान्य नागरिक भी दिल्ली सरकार को सीधे तौर पर प्रश्न कर सकता है। इसके लिए बीच में कोई रुकावट अब नहीं आने वाली है।
एक राष्ट्र एक कर: GST के माध्यम से One Nation, One Tax के सपने को साकार किया गया है। पिछले दिनों ऊर्जा के क्षेत्र में One Nation, One Grid को भी हमने सफलतापूर्वक पार किया। One Nation, One Mobility Card - इस व्यवस्था को भी हमने विकसित किया है। और आज चर्चा चल रही है, “एक देश, एक साथ चुनाव’’। यह चर्चा होनी चाहिए, लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए।
जनसंख्या विस्फोट: जनसंख्या विस्फोट हमारे लिए, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है लेकिन हमारे देश में एक जागरूक वर्ग भी है, जो इस बात को भली-भांति समझता है। उनके सम्मान की आवश्यकता है। समाज के बाकी वर्गों को जोड़कर जनसंख्या विस्फोट की हमें चिंता करनी ही होगी।
भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद: भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद ने हमारे देश का कल्पना से परे नुकसान किया है और दीमक की तरह हमारे जीवन में घुस गया है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसको हमने निरंतर तकनीक का उपयोग करते हुए खत्म करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
लोगों के जीवन में सरकार का दखल: प्रधानमंत्री ने कहा कि आज़ाद भारत का मतलब उनके लिए यह है कि धीरे-धीरे सरकारें लोगों की जिंदगी से बाहर आएं। ऐसा वातावरण हमको बनाना ही होगा। न सरकार का दबाव हो, न सरकार का अभाव हो, और ऐसी स्थिति में हम अपने सपनों को लेकर आगे बढ़े ताकि ईज आफ लिविंग को बेहतर बनाया जा सके। आज ईज आफ लिविंग आज़ाद भारत की आवश्यकता है।
आधुनिक ढांचागत विकास: सरकार ने तय किया है कि इस कालखंड
में 100 लाख करोड़ रुपया आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाए जाएंगे, जिससे रोजगार
भी मिलेगा, जीवन में भी नई व्यवस्था विकसित होगी।
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था: सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के विचार
के साथ आगे बढ़ रही है। आज़ादी के 70 साल बाद हम दो ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर
पहुंचे थे, लेकिन पिछले पांच साल के भीतर देश दो ट्रिलियन से तीन ट्रिलियन पर पहुंच
गया। इस गति से हम आने वाले पांच साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकते
है।
ग्रामीण विकास और किसानों की आय: ग्रामीण विकास और किसानों की आय को लेकर प्रधानमंत्री ने अपनी आकांक्षाएं जाहिर की। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 साल में देश के किसान की आय दो गुनी होनी चाहिए, हर गरीब के पास पक्का घर होना चाहिए, हर परिवार के पास बिजली होनी चाहिए, हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी हो, साथ ही साथ लॉन्ग डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा हो।
नीली अर्थव्यवस्था: पीएम ने कहा कि आज हमें हमारी समुद्री संपत्ति यानी ब्लू इकोनॉमी पर ध्यान देने की जरूरत है। हमारे किसान अन्नदाता है, ऊर्जादाता बनें और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान दें। देश को निर्यात बढ़ाना ही होगा। हमारा हर जिला Export Hub बनने की दिशा में क्यों न सोचें। भारत का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां से कुछ न कुछ निर्यात न होता हो। मूल्य संवर्द्धन वाली चीजें दुनिया के अनेक देशों तक निर्यात हों।
पर्यटन: प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि देश पर्यटन के केंद्र के तौर पर दुनिया के लिए अजूबा हो सकता है। सभी देशवासियों को तय करना होगा कि देश के पर्यटन पर बल देना है। जब पर्यटन बढ़ता है, कम से कम पूंजी निवेश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। क्या आप तय कर सकते हैं कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के पहले हम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 पर्यटन केन्द्रों पर जाएंगे।
महंगाई और विकास में संतुलन: आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महँगाई को नियंत्रित करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले एक महत्वपूर्ण समीकरण को ले करके चले हैं।
अर्थव्यवस्था: हमारी अर्थव्यवस्था के मूल आधार बहुत मजबूत हैं। जीएसटी और IBC जैसे सुधार लाना अपने आप में एक नया विश्वास पैदा करते हैं। हमारे निवेशक ज्यादा कमाएं, ज्यादा निवेश करें और ज्यादा रोज़गार पैदा करें। हम धन उपार्जन करने वालों को आशंका की नज़रों से नहीं देखना चाहिए। उनका गौरव बढ़ाना चाहिए और अगर धनोपार्जन नहीं होगा तो धन का वितरण कैसे होगा। देश के गरीब आदमी की भलाई के लिए धन का वितरण होना जरुरी है।
आतंकवाद: भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ रहा है। आतंकवाद को पनाह, प्रोत्साहन और निर्यात, करने वाली ताकतों को उजागर करने में दुनिया के देशों के साथ मिलकर भारत अपनी भूमिका अदा करें, हम यही चाहते हैं। आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने में हमारे सैनिकों, सुरक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है। मैं उनको नमन करता हूं। भारत के पड़ोसी देश – बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका आतंकवाद से जूझ रहे हैं।
सैन्य सुधार: देश में सैन्य व्यवस्था, सैन्य शक्ति, सैन्य संसाधन - उसके सुधार पर लंबे अरसे से चर्चा चल रही है। कई कमीशन का गठन किया गया, अनेक रिपोर्ट आई हैं। सारे रिपोर्ट में तक़रीबन एक ही बात कही गई है कि हमारी पूरी सैन्यशक्ति को एकमुश्त होकर एक साथ आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा। जल, थल, नभ में तीनों सेनाएँ एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ें। इसीलिए सरकार ने निर्णय किया है कि अब एक Chief of Defense Staff यानी CDS की व्यवस्था किया जायेगा। इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं को शीर्ष स्तर पर प्रभावी नेतृत्व मिलेगा।
स्वच्छता अभियान: प्रधानमंत्री ने लाल किले से ही साल 2014 में स्वच्छता की बात कही थी। इस बार पीएम ने बताया कि इस साल बापू की 150वीं जयंती, 02 अक्तूबर को भारत अपने-आपको खुले में शौच मुक्त राष्ट्र घोषित कर पाएगा।
प्लास्टिक मुक्त भारत: अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि इस साल 2 अक्टूबर से लोग सिंगल यूज़ प्लास्टिक से छुटकारा पाएं। इसके लिए उन्होंने हर स्तर पर अभियान चलाने की भी अपील की।
मेक इन इंडिया और डिजिटल पेमेंट: मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए लिहाज से पीएम ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही पीएम ने आग्रह किया कि छोटे-छोटे दुकान और शहरों के छोटे-छोटे माल भी डिजिटल पेमेंट को अपनाएं।
रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कटौती: हम रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करके धरती के स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं। आजादी के 75 साल होने जा रहे हैं। क्या हम 10 फीसदी, 20 फीसदी, 25 फीसदी अपने खेत में रासायनिक उर्वरकों को कम करेंगे, हो सके तो मुक्तिकर अभियान चलाएंगे।
नए लक्ष्य: आने वाले दिनों में गांवों में डेढ़ लाख कल्याण केंद्र यानी वेलनेस सेंटर बनाने होंगे, हर तीन लोकसभा के बीच एक मेडिकल कॉलेज, दो करोड़ से अधिक गरीब लोगों के लिए घर, 15 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी पहुंचाना है। सवा लाख किलोमीटर गांव की सड़के बनानी हैं और हर गांव को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है। 50 हजार से ज्यादा नये स्टार्टअप का जाल बिछाना है।