(इनफोकस - InFocus) क्या है अनुच्छेद 371? (What is Article 371?)
अनुच्छेद 371
- सुर्खियों में क्यों है?
- क्या है अनुच्छेद 371?
- अनुच्छेद 371 क्यों?
- अनु.371 के उपबंध
सुर्खियों में क्यों है?
- जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने पर अनुच्छेद 371 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त राज्य चिंतित है
- इन राज्यों की चिंता यह है कि “कहीं सरकार अनुच्छेद 371 के तहत प्रदत्त विशेष दर्जे को समाप्त न कर दे”
- इसी आशंका को लेकर कुछ राजनीतिक दलों ने केंद्र ने अनुच्छेद 371 को समाप्त न करने के संदर्भ में केंद्र सरकार से आश्वासन भी मांगा है
क्या है अनुच्छेद 371?
- संविधान के भाग 21 में अनुच्छेद 369 से लेकर 392 तक अस्थाई, संक्रमणशील एवं विशेष प्रावधान है
- अनुच्छेद 371 में पूर्वोत्तर राज्यों समेत कुल 11 राज्यों के लिएविशेष प्रावधान हैं
- इन प्रावधानों में प्रशासनिक, आर्थिक एवं जनजातीय संस्कृति, विशिष्ट सामाजिक और धार्मिक प्रथम हेतु विशेष उपबंध है
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अनुच्छेद 371 क्यों?
- कुछ राज्यों की गैर एकरूपता, असमान विकास और अपने आदिवासी क्षेत्रों में समानता और समावेशी विकास हेतु
- राज्यों में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए
- विशिष्ट सामाजिक और धार्मिक प्रथाओं की मान्यता देने के लिए
- कुछ राज्यों में भूमि के स्वामित्व और विक्रय के नियंत्रण के लिए
अनुच्छेद 371 के उपबंध
अनुच्छेद 371 (महाराष्ट्र और गुजरात)- महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी दी गई है-
- विदर्भ, मराठवाड़ा, सौराष्ट्र और कच्छ के पृथक विकास बोर्ड की स्थापना
- टेक्निकल एजुकेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग और रोजगार के कार्यक्रमों की व्यवस्था करने की शक्ति
अनुच्छेद 371 A (नागालैंड)
- केंद्र सरकार और नागा पीपल्स के बीच 1960 में हुए सोलह सूत्री समझौते के फलस्वरूप 13वें सविंधान संशोधन के द्वारासंविधानमें शामिल
- इसके तहत नागालैंड के लिए विशेष प्रावधान जिसमें शामिल है
- नागा लोगों की धार्मिक सामाजिक प्रथाएं को मान्यता देना
- नागा पारंपरिक कानून के तहत दीवानी एवं फौजदारी मामलों में निर्णय
- राज्य विधानसभा के सहमति से ही केंद्र द्वारा भूमि के स्वामित्व और हस्तांतरण नियमों में बदलाव
- नागालैंड में भूमि खरीदने का अधिकार केवल वहां के नागरिक तक तक सीमित है
अनुच्छेद371 B (असम)-
- 1969 के 22वें संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान संविधानमें शामिल जिसके तहत निम्न प्रावधान है
- जनजाति लोगों को प्रशासन में स्वायत्तता प्रदान करना
- राष्ट्रपति जनजाति क्षेत्रों से विधानसभा के कारण और विधान हेतु समिति का गठन कर सकते हैं
अनुच्छेद371 C (मणिपुर)-
- 27वें संशोधन अधिनियम, 1971 द्वारा संविधान में संविधानमें शामिल जिसके तहत निम्न प्रावधान है
- राष्ट्रपति मणिपुर विधान सभा में पहाड़ी क्षेत्रों से निर्वाचित सदस्यों की एक समिति का गठन कर सकता है
- राज्यपाल, राष्ट्रपति को म पहाड़ी क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगें।
- राज्यपाल द्वारा केंद्र चिह्नित क्षेत्रों के प्रशासन के लिए राज्य को दिशा निर्देश प्रदान करना
अनुच्छेद371 D (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना)-
- 32 वां संशोधन अधिनियम, 1973बाद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 द्वारा प्रतिस्थापित
- इसके तहत राष्ट्रपति को निम्न अधिकार प्राप्त किए गए हैं
- सार्वजनिक रोजगार और शिक्षा, तथा विभिन्न प्रावधानों के मामले में आदेश जारी करने की शक्ति
- सिविल सेवा में किसी भी वर्ग या वर्गों के लिए पदों का सृजन करना
- राज्य के विभिन्न भागों के लिए अलग- अलग स्थानीय कॉडर तय करना
- प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना
अनुच्छेद371 E (आंध्र प्रदेश)-
- संसद कानून द्वारा आंध्र प्रदेश राज्य में एक विश्वविद्यालय की स्थापना कर सकती है।
अनुच्छेद 371 F (सिक्किम)-
- 36वें संशोधन अधिनियम, 1975 के द्वारा संविधानमें शामिल जिसके तहत निम्न प्रावधान है
- राज्य सरकार को पूरे राज्य की जमीन का अधिकार दिया गया है
- सिक्किम की विधान सभा को मान्यता एवं भारतीय संविधान के तहत निर्वाचित विधान सभा के समकक्ष घोषित किया गया
- सिक्किम की विधानसभा का कार्यकाल चार साल होना
अनुच्छेद 371G (मिजोरम)-
1986 के 53वें संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधानमें शामिल
- निम्न मामलों के संबंध में संसद का कोई कानून लागू नहीं होगा-
- मिजो के धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं,
- मिजो के प्रथागत कानून और प्रक्रिया,
- सिविल और आपराधिक न्याय के प्रशासन में निर्णय मिजो परंपरा कानून के अनुसार होंगे
- मिजोरम की विधानसभा की अनुमति सेभूमि के स्वामित्व और हस्तांतरण संभव होगा
- राज्य विधान सभा कम से कम चालीस सदस्यों से मिलकर बनेगी
अनुच्छेद 371-H (अरुणाचल प्रदेश)
- 1986 के 55वें संशोधनद्वारा संविधानमें शामिल जिसके तहत निम्न प्रावधान है
- राज्यपाल के पास अरुणाचल प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था के संबंध में विशेष जिम्मेदारी होगी
- राज्यपाल मंत्रियों की परिषद से परामर्श करने के बाद वह इस संबंध में अपने कार्यों का निर्वहन करेगा
- राज्य की विधान सभा कम से कम तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी
अनुच्छेद 371-आई (गोवा)
- गोवा राज्य की विधान सभा कम से कम तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी
अनुच्छेद 371-J (कर्नाटक)
- 2012 के 98वें संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान में शामिलजिसके तहत निम्न प्रावधान है
- हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में एक अलग विकास बोर्ड का प्रावधान
- राज्य के शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में हैदराबाद और कर्नाटक में जन्में लोगों को आरक्षण संबंधित प्रावधान